नगराधीश ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित योग मैराथन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

Commissioner directs engineers to resolve water supply issue in Pipliwala Town on priority

Chandigarh, August 25:- A Team of Engineers, Public Health Circle, Municipal Corporation, Chandigarh checked samples of drinking water in Pipliwala Town today morning and were found in order.

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             Following the directions of Ms. Anindita Mitra, IAS, Commissioner, Municipal Corporation, Chandigarh, a team of engineers concerned visited the Pipliwala Town, Manimajra today morning and the water supply of the area was rechecked and was submitted found to be  in order besides chlorination was also found upto the mark.

             The Commissioner took serious note of the news item appeared in the Newspapers in which it has been reported that due to mixing of sewage in water supply, people had blocked the roads on Monday. She immediately sent a team of engineers to check the water supply lines properly besides checking samples of drinking water in the Pipliwala Town.

             The team of engineers reported that a complaint was received from Pipliwala Town Area #2089 to # 2160 regarding dirty water and sewage overflow. On receiving the said complaint, workers were put on job to clear the sewerage network of Pipliwala Town on same day i.e. on dated 23.08.2021. The same was cleared on the same day.

             According to the report, the area is very thickly populated and sewerage lines were laid approximately 35 years back, which are insufficient to cater to the present sewage generation. For permanent solution, an estimate for the work of strengthening and rehabilitation of sewerage network of Ward No.26 (Pipliwalatown,Manimajra) has recently been administratively approved amounting to Rs.68.84 lakh. The tenders for the same have been invited and  work will be allotted shortly.

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             The water supply lines in this area were also laid about 35 years back and have worn out. An estimate amounting to Rs.323.72 lakh for laying new DI pipe line in various colonies of Manimajra including Pipliwala town has been prepared and has been approved by the General House.

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Admission to Ph.D. Programme 2021

Chandigarh August 25, 2021

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University Business School, Panjab University Chandigarh, invites applications for admission to Ph.D. programme from those candidates who have qualified the UGC (NET) /JRF/ SLET examination with Fellowship/Scholarship. The candidates are advised to download the application form from UBS website, for admission to Ph.D. programme for academic session 2021-2022 and fill the details in Google form as well.

https://www.ubs.puchd.ac.in/show-noticeboard.php?nbid=1

Those candidates who have already qualified the Panjab University Ph.D. Entrance Test 2019 and 2020 (for admission to the Ph.D. program in Management at the University Business School, Panjab University, Chandigarh) are advised to download the application form from UBS website, for admission to Ph.D. programme for the academic session 2021-2022 and fill the details in Google form as well.

https://www.ubs.puchd.ac.in/show-noticeboard.php?nbid=1

Candidates are required to submit the hard copy of duly filled application form with annexure(s) (wherever required) in the UBS office latest by 24.09.2021 (4:00 P.M.).

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(Note: The form will not be entertained after due date).

       All those candidates who have applied for the Panjab University Ph.D. Entrance Test -2021 (for admission to the Ph.D. program in Management at the University Business School, Panjab University, Chandigarh), for academic session 2021-2022 are required to fill the application form after declaration of Result of Ph.D. Entrance Test-2021. The dates for the same will be notified later on.

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मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना : दुर्घटना होने पर किसानों को दी जाती है आर्थिक सहायता : उपायुक्त अनीश यादव

सिरसा, 25 अगस्त।

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उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि कृषि कार्य के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड तथा ऐसे स्थानों कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर किसान मजदूरों को मार्केट कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाती है।


उन्होंने बताया कि किसान एवं खेतीहर मजदूरों को खेत-खलियानों में दिन-रात काम करना पड़ता है तथा इससे अनेक प्रकार की दुर्घटनाओं की संभावना रहती है। योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने या स्थायी अशक्तता होने पर 2 लाख 50 हजार रुपये, दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर एक लाख 87 हजार 500 रुपये, इसी प्रकार एक अंग भंग होने या स्थायी चोट होने पर एक लाख 25 हजार रुपये, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपये, आशिंक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपये सरकार अनुदान के रूप में मार्केट कमेटी के माध्यम से देती है।

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मार्केट कमेटी सिरसा के सचिव विकास सेतिया ने बताया कि इसके लिए पुलिस व पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट का होना जरूरी है तथा अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो प्रति दावे के साथ प्रस्तुत करें। आवेदक को दुर्घटना के दो महीने तक संबंधित मार्केट कमेटी के सचिव को आवेदन करना होगा।

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लाल डोरा के तहत आने वाली जमीन की रजिस्ट्री के लिए गांवों में लगाए जा रहे हैं विशेष कैंप

सिरसा, 25 अगस्त।

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जिला को लाल डोरा मुक्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना के तहत तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। जिला विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा प्रतिदिन गांव स्तर पर शिविरों का आयोजन कर ग्रामीणों की भूमि की रजिस्ट्रियां कर ग्रामीणों को उनका मालिकाना हक दिया जा रहा है।


इसी कड़ी में बुधवार को जिला के खंड बड़ागुढा की ग्राम पंचायत झोरडऱोही, थिराज, पंजमाला, पक्का शहीदां, बीरुवालागुढा, भादड़ा, खंड औढां में मलिकपुरा, नुइयांवाली व घुंकावाली में शिविरों का आयोजन किया गया तथा लगभग 700 ग्रामीणों की भूमि की रजिस्ट्रियां की गई। इस अवसर पर नायब तहसीलदार राहुल राठी, बीडीपीओ ओम प्रकाश, पंचायत अधिकारी बड़ागुढा हरजीत सिंह, उमेद सिंह, अमरदीप सैनी झोरडरोही, ग्राम सचिव ओढां जिले सिंह, ग्राम सचिव बड़ागुढा भूप सिंह, चित्रपाल मौजूद थे।


जिला विकास एवं पंचायत विभाग रवि कुमार ने बताया कि उपायुक्त अनीश यादव के मार्गदर्शन में जिला में स्वामित्व योजना के तहत गांव स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ताकि ग्रामीणों को जल्द से जल्द योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि शिविरों में ग्रामीणों की आपत्तियों को भी सुना जा रहा है और ग्रामीणों की समस्याओं का निदान किया जा रहा है। ग्रामीणों की पूर्ण संतुष्टि के उपरांत ही उनकी जमीनों की रजिस्ट्रियां की जा रही है।

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भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करना ग्रामीणों क्षेत्रों के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम : उपायुक्त अनीश यादव


उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि स्वामित्व योजना केंद्र सरकार का फलेक्सी कार्यक्रम है। भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और ग्रामीणों क्षेत्रों के सशक्तिकरण के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना का लक्ष्य गांवों में लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक देना है। ग्रामीणों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस योजना का मकसद संपत्ति का रिकॉर्ड बनाना और उसका मालिकाना हक तय करना है। इससे गांवों में संबंधित मालिक को उसके मकान या जमीन के मालिक होने का प्रमाण पत्र/रजिस्ट्री दी जा रही है। रजिस्ट्री से ग्रामीणों को खेत या अन्य किसी जगह वैध जमीन की तरह से लोन आदि मिलने में आसानी होगी। जिला के सभी गांवों का ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जा चुका है तथा रजिस्ट्रियां की जा रही है।

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कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए फाईव फोल्ड स्ट्रैटजी पर विशेष बल दिया जा रहा है-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

-सरकार द्वारा चलाये जा रहे कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का हिस्सा बन कर अपना कोविड टीकाकरण करवाएं-उपायुक्त

पंचकूला, 24 अगस्त- उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए फाईव फोल्ड स्ट्रैटजी पर विशेष बल दिया जा रहा है जिसमें परीक्षण, ट्रेस, ट्रैक, टीकाकरण व कोविड-19 व्यवहार शामिल हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कोरोना उचित व्यवहार के साथ-साथ प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी हिदायतों का पालन करें।

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श्री विनय प्रताप सिंह ने कहा कि लोग घर से बाहर जाते समय मास्क लगा कर ही निकलें। इसके साथ-साथ दुकानदार, पब्लिक व प्राईवेट ट्रांसपोर्ट इत्यादि भी यह सुनिश्चित करें कि उनके पास आने वाले सेवा प्राप्तकर्ता ने मास्क लगाया है या नहीं। साथ ही दुकानदार अपनी दुकानों के सामने सामाजिक दूरी के निशान लगाएं ताकि दुकान पर आने वाले लोग अपनी तय दूरी पर ही खड़े होकर खरीददारी करें।


उन्होंने यह भी अपील की कि लोग सरकार द्वारा चलाये जा रहे कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का हिस्सा बन कर अपना कोविड टीकाकरण अवश्य करवाएं। जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज़ लगवा ली है, वे निर्धारित समयावधि में अपनी दूसरी डोज़ भी लगवाएं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी सामाजिक दूरी का पालन, मास्क व सैनीटाईजर का प्रयोग अवश्य करें। तभी इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में लोग कोरोना वायरस के प्रति अधिक जागरूक हैं और यह हर्ष का विषय है कि लोगों के सहयोग से प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या में कमी आ रही है।


उन्होंने कहा कि सिनेमा हाॅल, गोल्फ कोर्स के क्लब हाउसिज, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट एवं बार के मालिक भी अपने प्रतिष्ठानों में बिना मास्क के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएं तथा प्रशासन द्वारा निर्धारित सामाजिक दूरी, नियमित सैनीटाईजेशन का पालन करते हुए 50 फीसदी बैठने की क्षमता के साथ ही कार्य करें। इसके साथ-साथ जिला के स्वीमिंगपूलज़ में भी उचित नियमों की पालना की जाये। उन्होंन लोगों से यह भी अपील की कि धार्मिक स्थलों पर जाते समय उचित सामाजिक दूरी बना कर रखें।


उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार इनडोर स्थानों में हॉल की क्षमता का 50 प्रतिशत लोग इकठ्ठा हो सकते हैं, जिनकी अधिकतम सीमा 100 रखी गई है। खुले स्थानों में अधिकतम 200 लोगों तक इकट्ठा हो सकते हैं। कोविड-19 का व्यवहार व सामाजिक दूरी के नियम की सख्ती से पालन सुनिश्चित करनी होगी। सभी उत्पादन ईकाइयां, प्रतिष्ठान एवं उद्योगों को कोविड-19 के उचित व्यवहार, हिदायतों आदि का पालन करते हुए कार्य की अनुमति होगी। संपर्क वाले खेलों को छोड़ कर खेल परिसर व स्टेडियम ऑउट डोर खेल गतिविधिया के लिए खुल सकेंगे परंतु दर्शकों को अनुमति नहीं होगी। इन गतिविधियों के दौरान सामाजिक दूरी, खेल परिसर का नियमित सेनिटाइजेशन तथा कोविड उचित व्यवहार का पालन सुनिश्चित करना होगा।

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उन्होंने कहा कि पंचकूला में एरिया वाईज इंसीडैंट कमांडर भी लगाए गए हैं जो अपने-अपने इलाकों में इन आदेशों को लागू करने के लिये उत्तरदायी होंगे। इसके साथ-साथ नगर निगम आयुक्त, जिला नगर आयुक्त तथा अन्रू संबंधित अधिकारी इन दिशा निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाएंगे।

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उपायुक्त ने संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों को अवैध निर्माण को हटाने के लिए काम में तेजी लाने के दिये निर्देश

  • अवैध निर्माण एक गंभीर मुद्दा और इस पर अंकुश लगाने के लिए सभी संबंधित विभाग तत्परता से कार्य करें-उपायुक्त
    -जिला में अवैध निर्माण के विरूद्ध डैमोलिशन ड्राईव बढाने के भी दिये निर्देश
  • अवैध निर्माण से संबंधित मामलों में अधिक से अधिक एफआईआर दर्ज करने के दिये निर्देश-उपायुक्त

पंचकूला, 24 अगस्त- उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने आज लघु सचिवालय के सभागार में नियंत्रित क्षेत्रों में अवैध निर्माण को गिराने शहरी इलाकों में अवैध कालोनियों को लेकर गठित डिस्ट्रिक टास्क फोर्स कमेटी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की व संबंधित विभागों को जिला में अवैध निर्माण को हटाने के लिए काम में तेजी लाने के निर्देश दिये।

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उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण एक गंभीर मुद्दा है और इस पर अंकुश लगाने के लिए सभी संबंधित विभाग तत्परता से कार्य करें।


श्री विनय प्रताप सिंह ने कहा कि तय कार्यक्रम के हिसाब से अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विभागीय अधिकारियों को मैजिस्ट्रियल पाॅवर देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बैठक के दौरान ही पीडब्ल्यूडी (बी एण्ड आर) व नगर निगम के लिए डियूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त करने के आदेश दिये। उन्होंने बताया कि बाकी सभी संबंधित विभागों के लिए डियूटी मैजिस्ट्रेट पहले ही नियुक्त कर दिये गए हैं।


श्री विनय प्रताप सिंह ने कहा कि अवैध निर्माण को गिराने में जिला नगर योजनाकार विभाग, पीडब्ल्यूडी (बी एण्ड आर), यूएचबीवीएन के साथ-साथ पुलिस विभाग का एक अहम योगदान होता है। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिये कि वे डैमोलिशन ड्राईव के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार समय पर पुलिस फोर्स की तैनाती करना सुनिश्चित करें ताकि अवैध निर्माण को हटाने के समय लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध को कानून के दायरे में रहते हुए रोका जा सके। उन्होंने पुलिस विभाग को यह भी निर्देश दिये कि पुलिस टीम में महिला पुलिस कर्मचारियों को अवश्य शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि डैमोलिशन ड्राईव को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए पुलिस टीम के इंचार्ज अपना नाम व काॅटैक्ट नंबर सभी संबंधित विभागों के साथ सांझा करें ताकि अवैध निर्माण को हटाने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

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जिला नगर योजनाकार द्वारा अवैध निर्माण को लेकर की पुलिस में दर्ज की गई शिकायतों की समीक्षा करते हुए उन्होंने पुलिस विभाग के नोडल अधिकारी को निर्देश दिये कि वे पिछले दो वर्षों में जिला में अवैध निर्माण से संबंधित मामलों में दर्ज की गई एफआईआर का ब्यौरा शीघ्र प्रस्तुत करें। उन्होंने निर्देश दिये कि अवैध निर्माण के मामलों में अधिक से अधिक एफआईआर दर्ज की जायें ताकि अवैध निर्माण पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने जिला नगर योजनाकार को निर्देश दिये कि वे सितंबर माह में अवैध निर्माण को गिराए जाने के लिए की जाने वाली कार्यवाही का शेडयूल अगस्त माह के अंतिम सप्ताह तक भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि संबंधित विभागों को इसके बारे में सूचित किया जा सके। उन्होंने जिला नगर योजनाकार को डैमोलिशन ड्राईव बढाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने पीडब्ल्यूडी (बी एण्ड आर) व नगर निगम को भी उनके अधीन आने वाले क्षेत्रों में अवैध निर्माण को हटाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिये।


जिला नगर योजनाकार द्वारा जुलाई व अगस्त 2021 में अनेक स्थानों पर अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध डैमोलिशन ड्राईव चलाया गया


बैठक में बताया गया कि जुलाई माह में गांव झोलूवाल और मढांवाला, राष्ट्रीय राजमार्ग 21ए पर पिंजौर-नालागढ में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिसके तहत तीन अवैध भवनों को तोड़ा गया व चार दुकानों को सील किया गया। इसी प्रकार इस अभियान के तहत गांव बरवाला में 6 दुकानों व एक बाउंड्री वाॅल व गांव रायपुररानी और टिब्बी माजरा में 8 दुकानों को तोड़ा गया।
बैठक में बताया गया कि अगस्त माह में गांव भोगपुर, बक्शीवाला और बुर्जकोटियां में अभियान चला कर 10 डीपीसी, 3 अस्थाई स्ट्रक्चर व 4 स्ट्रक्चर जिसमें दो दुकानें, 1 होटल व 1 क्लब शामिल हैं, को सील किया गया।


बैठक में जिला नगर योजनाकार प्रियम भारद्वाज, एसीपी उमेद सिंह, पीडब्ल्यूडी (बी एण्ड आर) के एसडीओ जगविंदर रंगा व नगर निगम तथा यूएचबीवीएन के नोडल अधिकारी भी उपस्थित थे।

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उपायुक्त ने किया नगर परिषद कार्यालय का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

सिरसा, 24 अगस्त।

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उपायुक्त अनीश यादव ने मंगलवार को नगर परिषद कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सफाई व्यवस्था, विभिन्न प्रमाण पत्रों की बनाए जाने की प्रक्रिया, प्रोपर्टी टैक्स, विकास कार्यों आदि बारे अधिकारियों से जानकारी ली और इस संबंध में आवश्य दिशा-निर्देश दिए। उपायुक्त ने कार्यालय में सरकारी कार्यों के लिए आए हुए आमजन से भी बातचीत की और मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। इस अवसर पर ईओ संदीप मलिक सहित कार्यालय के कर्मचारी उपस्थित थे।


उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अभी तक पोपर्टी टैक्स नहीं भरा है, उनको नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने आमजन से भी समय पर अपना प्रोपर्टी टैक्स भरने को कहा। उन्होंने शहर में विकास कार्यों संबंधी अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित अवधि में विकास कार्य पूरे करवाए जाएं और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उपायुक्त ने निरीक्षण के दौरान नगर परिषद के माध्यम से बनने वाले विभिन्न प्रमाण पत्रों के बारे में भी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रमाण पत्र निर्धारित अवधि में बनाए जाएं, ताकि आमजन को किसी प्रकार की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि विभागीय सेवाओं का लाभ आमजन को प्राथमिकता के आधार पर दिया जाए।

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उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में सफाई व्यवस्था को सुदृढ बनाने की दिशा में गंभीरता से कार्य किया जाए। सड़कों, चौक-चौराहों, पार्कों आदि की नियमित रूप से सफाई करवाई जाए। शहर में कहीं पर भी कूड़े के ढेर न लगे, इसके लिए नियमित रूप से कूड़े का उठान करवाया जाए।

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गांव पनिहारी में कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित

सिरसा, 24 अगस्त।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में मंगलवार को गांव पनिहारी के राजकीय स्कूल में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता केएस गिल ने विद्यार्थियों को मुफ्त कानूनी सहायता एवं प्राधिकरण की योजनाओं की जानकारी दी।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनुराधा ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष राजेश मल्होत्रा के मार्गदर्शन में जिला में कानूनी जागरूकता एवं साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। शिविरों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता आमजन को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं के बारे में जागरूक कर रहे हैं। पैनल अधिवक्ता केएस गिल ने शिविर में असंगठित श्रेत्र में श्रमिकों को मिलने वाली मुफ्त कानूनी सहायता योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं, बच्चों, वृद्धों व गरीब व्यक्ति या जिसकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम हो, वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुफ्त कानूनी सेवा का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने आगामी 11 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। आयोजित शिविर में पंचायत सचिव, सरपंच, स्कूल की अध्यापक, स्टाफ व स्कूल के बच्चे मोजूद थे।

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गैरकानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर तीन साल तक सजा या एक लाख जुर्माना : उपायुक्त अनीश यादव

सिरसा, 24 अगस्त।

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उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि जिला में यदि कोई व्यक्ति बच्चा गोद लेता है तो वह पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत ही बच्चे को गोद ले। गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने वालों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने पर तीन वर्ष की सजा अथवा एक लाख रुपये के जुर्माने या दोनों का प्रावधान है।


उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए सेंट्रल एडॉप्सन रिसोर्स एजेंसी (कारा) पोर्टल पर गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए नागरिक जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोविड 19 महामारी के दौरान कुछ बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे मामले भी हैं, जिनमें बच्चों ने अपनी माता अथवा पिता में से किसी एक को खो दिया है। इस प्रकार एकल अभिभावकों से उनके बच्चे गोद लेने का प्रयास किया जाता है।

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जिला बाल संरक्षण अधिकारी गुरप्रीत कौर ने बताया कि नियमानुसार अनाथ बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष पेश किया जाएगा। सीडब्ल्यूसी बच्चों को तत्काल देखभाल के लिए बाल देखरेख संस्थानों या विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी में रखने के लिए आवश्यक आदेश जारी करेगी। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गोद लेने की तारीख से दो वर्ष तक फॉलोअप भी किया जाएगा।

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पंजीकृत श्रमिक विभिन्न योजनाओं के तहत उठा सकते हैं फायदा : उपायुक्त अनीश यादव

सिरसा, 24 अगस्त।

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– पंजीकृत श्रमिकों को वर्ष 2020-21 में साढे 27 करोड़ रुपये से अधिक की दी जा चुकी है वित्तीय सहायता


उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भवन एवं सन्निर्माण श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा वर्ष 2020-21 में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 27 करोड़ 57 लाख 46 हजार 178 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।


उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा मातृत्व लाभ योजना, पितृत्व लाभ योजना, कन्यादान योजना, बच्चों के विवाह पर सहायता, शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता, मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना, सिलाई मशीन योजना, औजार एवं साइकिल खरीदने के लिए सहायता योजना, मेधावी छात्रवृति योजना, चिकित्सा सहायता योजना चलाई जा रही है। इसके अलावा श्रमिक की मृत्यु पर उसके आश्रितों को एवं दाह संस्कार के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाती है।


उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2020-21 में जिला सिरसा में बोर्ड द्वारा मातृत्व लाभ योजना के तहत नौ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसी प्रकार पितृत्व लाभ योजना के तहत 72 लाख 66 हजार रुपये,  कन्यादान योजना के तहत दो करोड़ 45 लाख 50 हजार रुपये, बच्चों के विवाह पर सहायता (पुत्र एवं पुत्री) के तहत दो करोड़ 65 लाख तीन हजार रुपये की सहायता राशि श्रमिकों के सीधे बैंक खाते में भेजी जा चुकी है। श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत आठ करोड़ 14 लाख चार हजार रुपये, मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना एक करोड़ 30 लाख 56 हजार रुपये, सिलाई मशीन योजना के तहत एक करोड़ दो लाख 93 हजार 500 रुपये, औजार एवं साइकिल खरीदने के लिए सहायता योजना के तहत आठ करोड़ 87 लाख 30 हजार रुपये, मेधावी छात्रवृति योजना के तहत 45 लाख 99 हजार रुपये, चिकित्सा सहायता योजना के तहत 15 हजार 687 रुपये की राशि पात्र श्रमिकों को दी गई है। इसके अलावा श्रमिक की मृत्यु पर उसके आश्रितों को एवं दाह संस्कार के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाती है जिसके तहत दो करोड़ तीन लाख 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

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उपायुक्त ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भवन एवं सन्निर्माण श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों की बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपये की राशि कन्यादान के रूप में दी जा रही है। यह राशि श्रमिक की तीन बेटियों तक दी जाती है। इसी तरह, मकान की खरीद अथवा निर्माण हेतु 2 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण तथा मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत श्रमिक की मृत्यु पर 5 लाख रुपये सहायता राशि भी प्रदान की जाती है।


उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा विधवा पेंशन के तहत 2 हजार रुपये प्रति माह, मातृत्व लाभ के लिए 36 हजार रुपये, पितृत्व लाभ के लिए 21 हजार रुपये, कामगारों को 5 वर्ष में एक बार नए औजारों की खरीद हेतु 8 हजार रुपये, पंजीकृत महिला कामगारों को उनकी सदस्यता के नवीनीकरण के समय साड़ी, सूट, चप्पल, रेनकोट, छाता, रबड़ मैट्रेस, बर्तन तथा नैपकीन आदि खरीदने के लिए 5100 रुपये की राशि दी जाती है। इसी तरह, कामगारों को साइकिल खरीदने के लिए 3 हजार रुपये की वित्तीय राशि जबकि महिला श्रमिक को सिलाई मशीन दी जाती है। पंजीकृत कामगार व उसके परिवार के 4 सदस्यों को चार वर्ष में एक बार धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए रेलवे की द्वितीय श्रेणी व साधारण रोडवेज बसों का किराया दिया जाता है।


उन्होंने कहा कि पंजीकृत कामगारों के जो बच्चे मेडिकल अथॉरिटी द्वारा 50 प्रतिशत या इससे अधिक शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम व दिव्यांग घोषित किए गए है, उनको 2 हजार रुपये प्रति माह सहायता राशि दी जाती है। कार्यस्थल पर किसी दुर्घटना में स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर पंजीकृत कामगार को दिव्यांग प्रतिशतता के आधार पर डेढ़ से 3 लाख रुपये तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है। किसी संक्रामक बीमारी या कार्यस्थल पर दुर्घटना के कारण दिव्यांग होने पर उसे 3 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन भी दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर-1800-180-2129 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा, हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड के वेब पोर्टल https://hrylabour.gov.in/ पर जाकर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


उपायुक्त ने कहा कि भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक संबंधित विभाग या पोर्टल से जानकारी प्राप्त करके योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की कोई परेशानी आती है तो वे उपायुक्त कार्यालय को अवगत करवा सकते हैं।