पंचकूला और कालका में 12 जुलाई  को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

Poster-Making Competition at PU

Chandigarh November 14, 2019

Poster-Making Competition at PU

 As a part of celebration of 550th Birth Anniversary of Guru Nanak Dev Ji, of Department of History organized the Poster-Making Competition on the theme Guru Nanak, his Ideology, Teachings, Poetry and Messages, here today. In all 15
entries were received for poster making. The posters were displayed and adjudged by the faculty of the Department. The prizes were given to the students who bagged first three positions by teachers, Professor Surinder Singh (Retired), Professor M. Rajivlochan and Professor Anju Suri, the Chairperson. The certificates of participation were given to
all the participants.

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पंचकूला और कालका में 12 जुलाई  को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

MCC Celebrates Children’s Day

MCC Celebrates Children’s Day

Chandigarh, November 14:- The Municipal Corporation Chandigarh has celebrated Children’s day in the office premises here today.

School Children from Govt. Model Senior Secondary School, Sector 10-A and Strawberry field, Sector 26 visited the Municipal Corporation Office and witnessed the proceedings of General House Meeting of MCC. During the visit, the students got information about the functioning of Municipal Corporation and the Role of Mayor, Councillors and Commissioner of MCC.

After the visit, the MCC celebrated Children’s day with cake cutting ceremony, during which Sh. Rajesh Kumar, Mayor, Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner, all the councilors and officers of MCC extended their warm wishes to the children.

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पंचकूला और कालका में 12 जुलाई  को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

किसानों के लिए शुरु की गई जुर्माना माफी योजना 2019

ट्यूबवैल बिजली कनेक्शनों पर 31 मार्च, 2019 तक के बकाया बिलों का जुर्माना माफ

पंचकूला, 14 नवंबर-  हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को राहत देते हुए जुर्माना माफी योजना-2019 शुरु की गई है। यह योजना उन किसानों के लिए है जो किसी कारण अपने ट्यूबवैल कनेक्शनों पर बिजली बिल नहीं जमा करवा पाए। 31 मार्च, 2019 तक के बकायदार किसान बिना जुर्माने के सिर्फ मूल बिल राशि जमा करवाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना 30 नवंबर तक लागू रहेगी।

– दो लाख से अधिक किसान उठा सकेंगे योजना का लाभ

यह जानकारी देते हुए निगम के प्रवक्ता ने बताया कि 31 मार्च, 2019 तक उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के अंर्तगत 152 हजार से अधिक कृषि उपभोक्ताओं के बिजली बिल लंबित हैं। जिसमें करनाल सर्कल के 35235 उपभोक्ता, यमुनानगर के 30641, कुरुक्षेत्र के 20894, पानीपत के 20046, सोनीपत के 14388, कैथल के 12871, अंबाला के 11657, झज्जर के 5649 और रोहतक सर्कल के 787 उपभोक्ता शामिल हैं। वहीं, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अंर्तगत 105 हजार से अधिक कृषि उपभोक्ताओं के बिजली बिल लंबित हैं। जिसमें सिरसा सर्कल के 18183 उपभोक्ता, फतेहाबाद के 15189, भिवानी के 13828, रेवाड़ी के 11774, नारनौल के 10088, जींद के 8339, पलवल के 7242, हिसार के 6974, गुरुग्राम-1 के 5585, फरीदाबाद के 4348 और गुरुग्राम-2 सर्कल के 3773 उपभोक्ता शामिल हैं।

– बिना जुर्माना सिर्फ बकाया मूल राशि जमा करवाकर निकलें बकायदारों की सूची से बाहर

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उन्होंने आगे बताया कि वे किसान जिनका कनेक्शन बिजली बिल न जमा करवाने के कारण काट दिया गया है, वो भी इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। जिन किसानों का टयूबवेल बिजली कनेक्शन बीते दो साल में कटा है, बिना जुर्माने के सिर्फ बकाया मूल राशि जमा करवाने व निगम के अनुसार रीकनेक्शन की फीस जमा करवाने पर उनका कनेक्शन चालू कर दिया जाएगा। वहीं, दो साल से भी पुराने कटे हुए कनेक्शनों की बकाया मूल राशी जमा करवाने पर किसान नए कनेक्शन के लिए आवेदन भी कर पाएंगे। जिन उपभोक्ताओं के बकाया बिल संबंधी मामले कोर्ट में लंबित हैं, वह भी अपना केस वापिस लेकर सिर्फ मूल राशि जमा करवाकर इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। 

योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ता संबंधित बिजली दफतर से संपर्क कर सकते हैं। 

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पंचकूला और कालका में 12 जुलाई  को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

हरियाणा सरकार के नवीनीकरण ऊर्जा विभाग द्वारा किसानो के लिए सोलर पंप स्थापित करने के 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

पंचकूला, 14 नवंबर-   हरियाणा  सरकार के नवीनीकरण ऊर्जा विभाग द्वारा किसानो के लिए सोलर पंप स्थापित करने के 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ किसानों के साथ साथ गौशाला संचालक, वाॅटर यूजर एसोसियेशन और सामुहिक सिंचाई से जुड़ी संस्थायें और संस्थान भी ले सकते है।

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अतिरिक्त उपायुक्त एवं नवीन नवीनीकरण ऊर्जा की मुख्य परियोजना अधिकारी श्रीमती मनीता मलिक ने बताया कि इस योजना के तहत 3 होर्स पाॅवर से 75 होर्स पाॅवर तक के सोलर पंप उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि इन सोलर पंप पर आने वाले खर्च पर सरकार द्वारा 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वहीं किसान सोलर पंप योजना के पात्र होंगे, जिन्होंने सूक्षम सिंचाई प्रणाली अथवा भूमिगत पाईप लाईन बिछाई है। जिन किसानों ने अभी तक यह दोनों पद्धतियां नहीं अपनाई और वे इन्हें अपनाने के लिये सहमत है, वे भी योजना का लाभ उठा सकते है। 

उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिये इच्छुक किसान सरल पोर्टल पर 29 से 30 नवंबर तक ेंतंसींतलंदंण्हवअण्पद साईट पर आॅन लाईन आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि आॅफ लाइन आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे। इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के परियोजना अधिकारी राजेंद्र कुमार से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अथवा मोबाइल नंबर 7986033796 या दूरभाष नंबर 0172-2582337 से प्राप्त की जा सकती है।

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पंचकूला और कालका में 12 जुलाई  को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

हरियाणा विधानसभा स्पीकर बाल दिवस के अवसर पर जैनेंद्र गुरूकुल स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए व बच्चें इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए।

हरियाणा विधानसभा स्पीकर बाल दिवस के अवसर पर जैनेंद्र गुरूकुल स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए व बच्चें इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए।

पंचकूला, 14 नवंबर- हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों को प्रदेश सरकार की तरफ से अधिक से अधिक सुवधिाएं और ग्रांट प्रदान की जा रही है ताकि इन स्कूलों में पढ़े विद्यार्थी प्राईवेट स्कूलों के बराबर परिणाम ला सके। 

हरियाणा विधानसभा स्पीकर बाल दिवस के अवसर पर जैनेंद्र गुरूकुल स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए व बच्चें इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए।

श्री गुप्ता आज यहां जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित सेक्टर-1 स्थित जैनेंद्रा गुरूकुल स्कूल में बाल दिवस के अवसर पर बच्चों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाल दिवस को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। श्री नेहरू भारत की महान नेता थे, जिन्होंने भारत को नई दिशा दी और कई महान संस्थाओं की नींव डाली। उन्हें बच्चों से विशेष लगाव था। इसलिये उनके जन्म दिन पर बाल दिवस का मनाया जाना इस दिन के औचित्य को सिद्ध करता है। हरियाणा सरकार के एजेंडे पर शिक्षा और स्वास्थ्य प्राथमिकता पर है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को  मिड-डे-मिल, वर्दियां भी दी जाती है। बच्चों को खेलों और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिये भी प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें बच्चों की चित्रकला, रंगोली, फेस पेंटिंग, थाली पूजन, कलश सजावट, ग्रुप गायन, एक नृत्य, ग्रुप नृत्य, फेंसी ड्रेस, क्ले माॅडलिंग को देखकर बड़ी प्रसन्नता हो रही हैं। बच्चों ने व्यवसायिक कलाकारों से भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। बच्चों को इन प्रतियोगिताओं में बिना हार जीत की भावना के भाग लेना चाहिए। इनमें भाग लेना अपने आप में एक जीत है। इस अवसर पर 78 स्कूलों के 2000 बच्चों ने भाग लिया, जिसमें 57 स्कूलों के 532 बच्चे विजेता रहे। 

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने सभी 532 विजेता बच्चों को पुरस्कार देते हुए कहा कि बच्चों का उत्साहवर्द्धन अत्यंत अनिवार्य हैं। बच्चों के लिये उपहार में मिली ये वस्तुऐं मात्र भौतिक वस्तुए नहीं है। उनके लिये ये प्रेरणा देने का अद्वितीय स्त्रोत है। बच्चें कई-कई दिनों तक इन उपहारों को देखकर उत्साहित और प्रेरित होते है। उन्हें इस अवसर पर यह उपहार प्रदान कर आत्मिक तौर पर बड़ी खुशी हो रही है। जिला स्तर पर आयोजित पोस्टर मेकिंग एवं स्लोगन मेकिंग प्रतियोगिता के 6 विजेताओं को प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने पर उपायुक्त ने नकद राशि व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। 

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इस अवसर पर जिला बाल कल्याण अधिकारी भगत सिंह ने बाल कल्याण परिषद द्वारा बच्चों की भलाई और विकास और उनके उत्थान के लिये चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय आने वाले बच्चे डिविजन लेवल पर 18, 19 व 20 नवंबर 2019 को अंबाला में डिविजन लेवल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। डिविजन लेवल प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करने वाले बच्चें को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलेगा। 

इस मौके पर प्रिंसिपल जैनेन्द्रा पब्लिक स्कूल पूनम ठाकुर, जिला बाल कल्याण परिषद् के अजीवन सदस्य मेजर मो0 सफीक, श्रीमती इन्दु बाला, श्री चन्द्र हास डोगरा, श्री बृज मोहन अग्रवाल, व बाल कल्याण के सभी कर्मचारी भी मौजूद थे।

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मोबाइल से दूर रहें और अच्छी पुस्तकें पढें छात्र : उपायुक्त अशोक गर्ग

सिरसा, 14 नवंबर।

मोबाइल से दूर रहें और अच्छी पुस्तकें पढें छात्र : उपायुक्त अशोक गर्ग

बाल दिवस के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति, उपायुक्त ने विजेता बच्चों को किया सम्मानित


              
बच्चों को शिक्षा के साथ – साथ उनका सर्वांगिण विकास करने के लिए अभिभावकों, अध्यापकों, संस्थाओं व अन्य लोगों को अपना सहयोग व योगदान करना चाहिए ताकि वे पढ लिख कर सभ्य नागरिक बन सकें और देश व समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।


              यह बात आज बाल दिवस के अवसर पर उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने बाल भवन सिरसा में जिला बाल कल्याण परिषद के तत्वावधान में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में स्कूली बच्चों, अभिभावकों व अन्य लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। समारोह में उपायुक्त महोदय की धर्म पत्नी एवं जिला बाल कल्याण परिषद की चेयरपर्सन रजनी गर्ग ने महामहिम राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य का संदेश पढकर सुनाया और बाल दिवस पर बच्चों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।


              इस मौके पर उपायुक्त ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया। बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उपायुक्त ने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसकी प्राप्ति के लिए अपनी पूरी मेहनत व लग्र कार्य करें और मोबाइल से दूर रह कर अच्छी पुस्तकें पढने में रूचि लगाए। पढाई के साथ-साथ खेल व अन्य गतिविधियां भी बेहतर भविष्य में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि माता-पिता भी बच्चों पर पढाई को लेकर अतिरिक्त दबाव न बनाए और उन्हें अपनी पसंद का करियर चुनने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बच्चे पूरे अनुशासन में रह कर लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं, यदि ठान ले तो कोई भी लक्ष्य प्राप्ति असंभव नहीं है।


              उपायुक्त ने अभिभावकों, अध्यापकों से कहा कि वे बच्चों की छुपी हुई प्रतिभा को तराश कर उसका निखार करने का पूर्ण प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बच्चों पर अपनी आकांक्षाओं को न थोपें बल्कि उनके सर्वांगिण विकास में उनकी रुचि के अनुसार उनका मार्ग दर्शन व सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बाल भवन, रैडक्रॉस के अलावा प्रयास, दिशा, हेलन केलर दृष्टिबाधित विद्यालय, भाई कन्हैया आश्रम जैसी सामाजिक संस्थाओं की सराहना करते हुए उपायुक्त ने कहा कि मूक एवं बधिर सहित दिव्यांग लोगों की सहायता के लिए दानवीर सज्जनों को आगे आना चाहिए और विशेषकर इन दिव्यांग बच्चों के सर्वांगिण विकास में अपना सहयोग व योगदान देना चाहिए।


उपायुक्त ने जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा बच्चों के विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों व गतिविधियों की भी सराहना की। इस मौके पर उपायुक्त ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत किये गए भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने दर्शकों को भाव विभोर कर जमकर तालियां बटोरी। इस मौके पर उपायुक्त ने जिला बाल कल्याण परिषद की गतिविधियों के संचालन में सहयोग करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, दानवीर सज्जनों, सदस्यों एवं अन्य समाजसेवी लोगों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने बच्चों द्वारा पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व अन्य विषयों पर बनाई गई पेंटिंग तथा बाल कृतियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनकी सराहना की। इससे पूर्व उपायुक्त ने सरस्वती मां के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ किया।

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              इससे पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए जिला बाल कल्याण परिषद की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहने वाले बच्चों को आगामी 18 से 20 नवंबर तक जींद में आयोजित होने वाली जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं में भेजा जाएगा। जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं में जिला स्तर पर ग्रुप डांस, ग्रुप सोंग, सोलो डांस, सोलो सोंग, क्विज में प्रथम, द्वितीय आए हुए बच्चे भाग लेंगे। इन सभी प्रतियोगिताओं में शाह सतनाम जी ब्वायज स्कूल की टीमें ओवरऑल विजेता रही।


              कार्यक्रम में न्यू सतलुज स्कूल के बच्चों ने स्वागत गीत, प्रयास मैंटली चैलेंजड चिल्ड्रन स्कूल, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय दड़बी, शाहसतनाम जी ब्वायज स्कूल तथा प्रूडेंस स्कूल बाजेकां के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में अध्यापक रमेश पूरी ने कुशल मंच संचालन किया। इस मौके पर एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, सीएमजीजीए अनाहिता सागर, पीओ आईसीडीएस डा. दर्शना सिंह, एडीआईओ सुषमा सहित कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी, शिक्षक व उनके अभिभावकगण मौजूद थे।


शाह सतनाम जी ब्वायज स्कूल के बच्चों ने नशा मुक्ति पर दिया भावुक संदेश, उपायुक्त ने की सराहना


              बाल दिवस समारोह में शाह सतनाम जी ब्वायज स्कूल के बच्चों ने नशा मुक्ति पर दमदार कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को सोचन पर विवश कर दिया। समारोह में उपायुक्त ने शाह सतनाम जी स्कूल के बच्चों की बेहतर प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए बच्चों के माध्यम से बेहतर संदेश दिया जा सकता है। आज समाज में विशेषकर युवा वर्ग में बढता नशा चिंता का विषय है। नशे पर अंकुश लगाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। इस कार्य में अध्यापक व छात्रों की अहम भूमिका रहती है। उन्होंने आह्वïान किया कि स्कूल मुखिया समय-समय पर इस तरह के आयोजन करवाएं ताकि बच्चों के माध्यम से समाज में नशे के खिलाफ संदेश जाए। 

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पंचकूला और कालका में 12 जुलाई  को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

गूगल ने बाल दिवस पर डूडल बनाया है, इस डूडल में पहाड़, पेड़ और हरा मैदान दिखाया गया है जहां बच्चे खेल सकते हैं।

चंडीगढ़:

14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती है, जिसे बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती है, जिसे बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

गूगल ने बाल दिवस पर डूडल बनाया है। इस डूडल में पहाड़, पेड़ और हरा मैदान दिखाया गया है जहां बच्चे खेल सकते हैं।

साफ तौर पर बढ़ते प्रदूषण और खराब होते पर्यावरण को लेकर भी संदेश है इस डूडल में। स्कूलों में बाल दिवस के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम बच्चों के लिये आयोजित किये जाते हैं।

14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती है, जिसे बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

नेहरू को बच्चों से लगाव था और बच्चे भी उन्हें स्नेह देते थे। वह बच्चों के अधिकार को लेकर हमेशा मुखर रहते थे। इसलिये बाल दिवस बच्चों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिये लिये मनाया जाता है।

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14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रुप में मनाय़ा जाता है।

चंडीगढ़:

14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रुप में मनाय़ा जाता है।

भारत में 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रुप में मनाय़ा जाता है। इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस भी होता है।

इसलिए उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। इस दिन बच्चों को उनके बच्चों के अधिकार और उनकी शिक्षा के प्रति जागरुक भी किया जाता है।

  • जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके बच्चों और गुलाब के प्रति लगाव के बारे में सभी जानते थे।

  • पंडित जवाहर लाल नेहरू कश्मीर के एक प्रवासी पंडित परिवार से थे। पेशे से वकील पंडित मोतीलाल नेहरू और उनकी पत्नी स्वरूप रानी की चार संतानों में जवाहर लाल नेहरू सबसे बड़े थे।
  • उनका कहना था कि आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। हम उनका किस तरह पालन पोषण करते हैं यह देश के भविष्य के बारे में बताता है। 
  • जवाहर लाल नेहरू की इच्छा थी कि वह बतौर वकील प्रक्टिस करें लेकिन यह काम कुछ दिन तक ही कर सके। महात्मा गांधी जिस तरह अंग्रेजों से देश को मुक्त कराने के लिए अभियान चला रहे थे उसे नेहरू काफी प्रभावित हुए।
  • यह जवाहर लाल नेहरू ही थे जिन्होंने भिलाई, राउरकेला और बोकारो जैसे देश के सबसे बड़ी स्टील प्लांट स्थापित किए। इतना ही नहीं आईआईएससी और आईआईटी जैसे कई बड़े शैक्षिक संस्थान भी स्थापित किए।
  • 16 साल की उम्र तक जवाहर लाल नेहरू की अधिकांश शिक्षा उनके घर पर ही हुई। इस दौरान उन्हें अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत भाषा की शिक्षा मिली, लेकिन अंग्रेजी की पढ़ाई पर विशेष जोर रहा।
  • इसके बाद 1905 में नेहरू जी ब्रिटेन चले गए और वहां से आगे की पढ़ाई की। उन्होंने यहां कैंब्रिज में नेचुरल साइंस की डिग्री हासिल करने के लिए तीन साल गुजारे। इसके बाद अगले दो साल में नेहरू जी ने बैरिस्टरी की पढ़ाई की।

 

  •  आजादी के आंदोलन में पंडित नेहरू को 1929 में पहली बार जेल हुई। इसके बाद कई बार उनकी गिरफ्तारी हुई। इस दौरान नेहरू ने अपने मां-बाप और बीमार पत्‍नी को खो दिया।

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Scientists urged for white space analysis and ethical practices in research and publication

Chandigarh:

University Institute of Pharmaceutical Sciences, Panjab University has organized a one-week (10-17 Nov), 4th IBRO/APRC Chandigarh Neuroscience School funded by International Brain Research Organization, to commemorate its Platinum Jubilee year. Forty-five delegates are attending the event and fourteen renowned national and international neuroscientists are giving scientific deliberations. Today, four of them interacted with the delegates highlighting the
importance of rightful living. They also sensitized the delegates on rising epidemics of neurodegenerative diseases arising due to stressful life, wrong ways of living, nuclear family and ignorance about stress management practicing.

Dr Pike See Universiti Putra Malaysia delivered a highly interactive talk on autosomal dominant disease, tuberous sclerosis complex which is a tumor suppressor syndrome due to mutations in TSC1 or TSC2, encoding hamartin and tuberin, respectively. She then emphasized on how gene manipulations and its strategy can translated into a novel
gene therapy.

Scientists urged for white space analysis and ethical practices in research and publication

Dr Laxmi T Rao Professor of Neurophysiology, NIMHANS, Bangalore enlightened the gathering about Autism spectrum disorder (ASD), a devastating childhood neurodevelopmental disorder with a range of symptoms related to social-communication deficits and restricted stereotypic behavior. She informed that child abuse and insult lead to effective disorders in adulthood giving symptoms of depression, anxiety and schizophrenia. It is very important for the working
parents to train the next generation in a positive atmosphere provide good nutrition, allow them to grow them in normal behaviour and channelize children into focused life.

Dr KP  Mohanakumar, Director Inter University Centre for Biomedical Research & Super Specialty Hospital MG University Kottayam, Kerala cited two successful stories from his laboratory on neurodegenerative disease research, with special attention to Parkinson’s disease. He discussed how white space analysis in 2004 helped to reveal neuroprotective effect of then to be of patented antiulcer drug, irsogladine in Parkinson’s disease. He also highlighted that the problem of the brain which is coming up very fast these days, has to be identified at a young stage, the child grows into an Autistic
child. The social system in India which is now moving towards the nuclear family, leaving the child alone with the made is leading to autism.

Dr. Dr B.S. Shankaranarayana Rao, Professor of Neurophysiology, National Institute of Mental Health and Neuro Sciences, Bengaluru, sensitized the young budding neuroscientists with the various aspects, related to ethics in scientific research and publication. He said that with changing technology and society, and the way we live, scientists can no longer claim that science is neutral but must consider the ethical and social aspects of their work and urged the participants to
abide by several core principles of ethics. He informed that they have Centre for Well Being where the counselling is given to the whole family and also, to the Corporate Heads. He cited urbanization and stress as a major reason of all the problems of society. He advised that in order to reduce stress the professional problems should be dissociated from the family. The quality time matters for a stress free family. He shared about national mental health survey which depicted problems in young couple leading to divorce, based on which, policies have been made in consultation with the Government.

Dr Anurag Kuhad, organizing secretary IBRO/APRC Chandigarh Neuroscience School, University Institute of Pharmaceutical Sciences, Panjab University, Chandigarh specifically shared the personal views of Professor Pike See an International IBRO Faculty from Malaysia on “Future of Indian Neuroscience”. He said that Professor See is highly
impressed with the enthusiasm of the young generation of Indian Neuroscientists. Her interaction with the B Pharm, M Pharm, PhD and Post Doc of UIPS was very exciting and appreciated the inquisitiveness of the students. Dr See said that the credit specifically goes to all UIPS faculty members specifically to Professor Kanwaljit Chopra, Chairperson UIPS for shaping their students in an outstanding manner so that they can make their place in International Institutes of very
high repute in the field of Neuroscience Research. Dr See is 100% sure that future of Indian Neuroscience is very secure. She whole heartedly appreciated the Indian hospitality and said that she would love to keep visiting India in future as well. She showed her strong desire to collaborate with Indian neuroscience researchers.

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PANJAB UNIVERSITY 4TH LAW CONVOCATION

Chandigarh:

PANJAB UNIVERSITY 4TH LAW CONVOCATION

The date for registration of candidates for the 4th Law Convocation has been extended. The candidates can register themselves in their respective departments i.e. Department of Laws, University Institute of Legal Studies, and PUSSGRC Hoshiarpur till 16.11.2019 till 4:00 p.m.

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