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अश्विन नवरात्र के पथम दिन हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने माता मनसा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर महामाई का लिया आर्शीवाद

-नवरात्रों में 9 दिन माता की उपासना करना व उपवास करना शक्ति की आराधना है और शक्ति की आराधना ही देश की आराधना है-राज्यपाल
– समाज के हर वर्ग के लोग एकजुट होकर देश के लिए कार्य करें-राज्यपाल

पंचकूला, 7 अक्तूबर- अश्विन नवरात्र के पहले दिन आज हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने माता मनसा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर महामाई का आर्शीवाद लिया व यज्ञशाला में आयोजित हवन में आहूतियां डाली।

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 इस अवसर पर प्रदेशवासियों को नवरात्रों की शुभकामनाएं देते हुए श्री दत्तात्रेय ने कहा कि आज नवरात्री उत्सव के पहले दिन उन्हें माता मनसा देवी के दर्शन करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने महांमाई की पूजा-अर्चना कर हवन में भाग लिया।


उन्होंने कहा कि नवरात्रों में 9 दिन माता की उपासना करना व उपवास करना शक्ति की आराधना है और शक्ति की आराधना ही देश की आराधना है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश उसकी शक्ति से पहचाना जाता है। भारत देश एक ऐसा शक्तिशाली देश बनना चाहिए जिसे विश्व में कोई दूसरी नजर से न देख सके। उन्होंने आहवान किया कि समाज के हर वर्ग के लोग एकजुट होकर देश के लिए कार्य करें और भारत को और अधिक शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्र बनाने में अपना योगदान दें।


श्री दत्तात्रेय ने कहा कि नवरात्री एक बड़ा पर्व है। इन 9 दिनों में दुर्गा माता तीन अवतारों में अवतरित होती हैं। उन्होंने कहा कि पहले तीन दिन माता दुर्गा के महिशासुर मर्दिनी रूप के दर्शन होते हैं, अगले तीन दिन माता लक्षमी के व बाकी तीन दिन माता सरस्वती के दर्शन किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के अंदर तमस, रजस और सात्विक गुणों का समावेश होता है और सात्विक गुणों को ग्रहण करने के लिए हम 9 दिन उपवास करते हैं।

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श्री दत्तात्रेय ने यज्ञ की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ का पर्यावरण की दृष्टि से बहुत बड़ा महत्व है। यज्ञ द्वारा हम पर्यावरण को साफ-सुथरा व स्वच्छ रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यज्ञ को हम प्रकृति की आराधना के रूप में देखते हैं। प्रकृति की रक्षा करना देश की रक्षा करने के समान है और नवरात्रे भी हमें यही संदेश देते हैं।


इस अवसर पर उपायुक्त एवं श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री विनय प्रताप सिंह, पुलिस उपायुक्त श्री मोहित हांडा, माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वाईएस गुप्ता, सचिव श्रीमती शारदा प्रजापति, बोर्ड के सदस्य बलकेश वत्स, श्यामलाल बंसल, नरेन्द्र जैन व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने महाराजा अग्रसेन जी के 5145वें जयंती उत्सव पर किया ध्वजारोण

-महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर हवन में डाली आहूतियां
– विशाला शोभायात्रा में परिवार सहित शामिल होने के लिए श्री गुप्ता ने की लोगों से अपील

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पंचकूला, 7 अक्तूबर- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने महाराजा अग्रसेन जी के 5145वें जयंती उत्सव के अवसर पर आज महाराजा अग्रसेन चैंक सेक्टर -16 पर मुख्य अतिथि के रूप में महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा इस अवसर पर उन्होंने आयोजित हवन में आहूतियां डाली तथा ध्वजारोहण किया।


कार्यक्रम में हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैंन श्री श्रवण गर्ग विशिष्ठ अतिथि के रूप उपस्थित रहे। महाराजा अग्रसेन उत्सव का भव्य आयोजन समस्त अग्रवाल समाज पंचकूला द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर श्री गुप्ता ने यज्ञ में उपस्थित सभी अग्रजन समुदाय के लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अश्विन नवरात्रे के प्रथम दिन आज अग्रवाल समाज की सभी संस्थाओं द्वारा महाराजा अग्रसेन जयंती उत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में अग्रवाल सभा की सभी संस्थाओं ने जिस प्रकार से अपना योगदान दिया है, वह स्वर्ण अक्षरों में लिखने लायक है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश और प्रदेश अग्रजन बंधुओं की एकजुटता और उनकी दान देने की क्षमता से भलि-भांति परिचित है। उन्होंने सभी अग्रजन बंधुओं से महाराजा अग्रसेन जी और मां माध्वी जी की विशाला शोभायात्रा में परिवार सहित शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस शोभायात्रा में अधिक से अधिक संख्या में हिस्सा लेकर उत्सव की शोभा बढाने के साथ-साथ महाराजा अग्रसेन जी का आर्शीवाद भी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि हम सबकी उपस्थिति अग्रवाल समाज की एकता का परिचायक बनेगी।

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इस अवसर पर अमित जिंदल, सत्यनारायण गुप्ता, राजकुमार जैन, नितिन अग्रवाल, विजय अग्रवाल, प्रवीण गोयल, केके मित्तल, प्रमोद जिंदल, शिव नारायण, राकेश अग्रवाल, शिव अग्रवाल, जगमोहन गर्ग, अशोक जिंदल, ब्रिज लाल, विजय बंसल, सुमित सिंघल, तेजपाल गुप्ता, कुसुम गुप्ता, रितु गोयल, सुरेन्द्र गोयल, मनोह अग्रवाल, अरूण सिंगला, कृष्ण गोयल, कृष्ण हन्ना, मोती लाल जिंदल, एसपी गुप्ता, बीबी सिंघल, पवन गुप्ता, मुकेश सिंगला, मुकेश मित्तल, भगवान दास मित्तल, अशोक गुप्ता, मनोज कुमार, सतीष जिंदल के अलावा अग्रवाल समाज के अन्य लोग  भी उपस्थित थे।

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ऐलनाबाद विधानसभा उप चुनाव : सभी शस्त्र लाइसेंस धारक 15 अक्तूबर तक जमा करवाएं अपने हथियार : उपायुक्त अनीश यादव

सिरसा, 07 अक्तूबर।

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जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त अनीश यादव ने सभी हथियार लाइसेंस धारकों से कहा है कि वे अपने हथियार नजदीकी पुलिस थाने या मंजूरशुदा आर्म डीलर के पास 15 अक्तूबर तक जमा करवाएं। निर्धारित तिथि के उपरांत यदि किसी भी व्यक्ति के पास अवैध तौर पर हथियार पाया जाता है तो उस संबंधित व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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उल्लेखनीय है कि आगामी 30 अक्तूबर को ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर रखते हुए जिलाधीश एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनीश यादव ने भारतीय दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 के अंतर्गत प्रदत: शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला सिरसा में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू की है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति अपने साथ अग्रिय शस्त्र व अन्य प्रकार के हथियार लेकर चलने पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी। ये आदेश पुलिस विभाग व अन्य सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों पर जो अपनी ड्यूटी पर तैनात है उन पर लागू नहीं होंगे। आदेशों के उल्लंघनकर्ता भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अनुसार दंड के भागीदार होंगे।

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जिला में 11 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक मनाया जाएगा बाल महोत्सव

सिरसा, 07 अक्तूबर।

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जिला बाल कल्याण परिषद के प्रधान एवं उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि परिषद द्वारा स्थानीय बाल भवन सिरसा में आगामी 11 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक बाल महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। बाल महोत्सव 2021 के तहत विभिन्न वर्गों में 39 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।


उन्होंने बताया कि इन प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए पांचवी कक्षा तक प्रथम वर्ग, छठी से आठवीं कक्षा तक द्वितीय वर्ग, 9वीं से 10वीं कक्षा तक तृतीय वर्ग और 11वीं से 12वीं कक्षा तक चतुर्थ वर्ग बनाए गए हैं। विभिन्न वर्गों में कार्ड मेकिंग, क्ले मॉडलिंग, थाली पूजन / कलश डेकोरेशन, एकल नृत्य, पोस्टर मेकिंग, स्केचिंग, फैंसी ड्रेस, बेस्ट ड्रामेबाज, एकल गायन, देश भक्ति समूह गान, दिया केंडल, हिंदी/अंग्रेजी लेखन प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, रंगोली व फन गेम आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर सभी प्रतियोगिताएं बाल भवन में आयोजित की जाएगी और जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेता 25 अक्तूबर से 28 अक्तूबर तक मंडल स्तरीय प्रतियोगिताओ में भाग ले सकेंगे। इसके बाद मंडल स्तरीय बाल महोत्सव में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेता राज्य स्तरीय बाल महोत्सव में भाग ले सकेंगे।

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अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू

सिरसा, 07 अक्तूबर।

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उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि वर्ष 2021-22 में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं (जैन, बौद्ध, सिख, पारसी, मुस्लिम व ईसाई) से संबंधित पोस्ट-मैट्रिक, प्री-मैट्रिक व मेरिट-कम-मिन्स के पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। प्री-मैट्रिक के लिए 15 नवंबर तथा पोस्ट मैट्रिक व मेरिट कम मिन्स के लिए 30 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकते हैं। आवेदन केवल ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे। उन्होने बताया कि आवेदन फार्म ऑनलाइन करते समय संबंधित शिक्षण संस्थानों से वेरीफाई करवाएं ताकि जिला स्तर पर नोडल अधिकारी द्वारा ऑनलाइन फार्म वेरीफाई किए जा सके।

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शहीद भगत सिंह स्टेडियम में नौ अक्तूबर को लगाया जाएगा ड्राइव-इन टीकाकरण शिविर

सिरसा, 07 अक्तूबर।


कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नौ अक्तूबर को स्थानीय शहीद भगत सिंह स्टेडियम में ड्राइव-इन टीकाकरण शिविर का आयोजन किया जाएगा।

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जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर बैनीवाल ने बताया कि उपायुक्त अनीश यादव के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वैक्सीनेशन के शतप्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने की कड़ी में नौ अक्तूबर को दो चरणों में प्रात: 9.30 बजे से साढ़े 11.30 बजे तथा शाम को छह बजे से आठ बजे बजे तक लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला में कोरोना से बचाव के लिए जगह-जगह पर कैंप लगाकर लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। शिविर में कोविड-19 नियमों का पालन की जाएगी। शिविर में दो प्रकार की वैक्सीनेशन कोविशील्ड व कोवैक्सिन उपलब्ध रहेगी। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन लगवाना जरूरी है, इसलिए अधिक से अधिक नागरिक उक्त शिविर में पहुंचकर वैक्सीनेशन का लाभ उठाएं।

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माता मनसा देवी श्राईन बोर्ड द्वारा आॅन लाईन बुकिंग के लिये मंदिर परिसर में तीन ई-टोकन काउंटर्स किये गये स्थापित -मुख्य प्रशासक व उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

-श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगभग 20 स्पेशल बस की गई है व्यवस्था


-वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए चलाई जायेगी फ्री ई-रिक्शा व सीएनजी आॅटो रिक्शा

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पंचकूला, 6 अक्तूबर- श्री माता मनसा देवी मंदिर में 7 अक्तूबर से 14 अक्तूबर तक आयोजित होने वाले अश्विन नवरात्र मेले को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध पूरे कर लिये गये है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये माता मनसा देवी श्राईन बोर्ड द्वारा आॅन लाईन बुकिंग के लिये मंदिर परिसर में तीन ई-टोकन काउंटर्स स्थापित किये गये है।


इस संबंध में जानकारी देते हुये उपायुक्त एवं श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री विनय प्रताप सिंह ने बताया कि मेले का आयोजन कोविड-19 के दिशा निर्देशों की पालना करते हुये किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मेले में श्रद्धालु ई-टोकन के माध्यम से ही माता के दर्शन कर सकेंगे। ई-टोकन के लिये माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की वेबसाईट ूूूण्उंदेंकमअपण्वतहण्पद पर आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जो श्रद्धालु माता मनसा देवी मंदिर में लिफ्ट एंट्री के माध्यम से प्रेफरेंशियल दर्शन करने के इच्छुक है, वे 50 रुपये प्रति श्रद्धालु बोर्ड की वेब साईट पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। एक श्रद्धालु एक साथ अधिकतम 10 व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। उन्होंने बताया कि माता मनसा देवी श्राईन बोर्ड द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये मंदिर परिसर में तीन ई-टोकन काउंटर्स स्थापित किये गये है, जहां पर भी श्रद्धालु आॅन लाईन बुकिंग कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि यह काउंटर्स नवरात्र मेला बसस्टेंड, शाॅपिंग काॅम्पलैक्स एचएसवीपी व लाईब्रेरी के समीप व मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थापित किये गये हैं। ये काउंटर्स प्रातः 6 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे।

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उन्होंने बताया कि मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगभग 20 स्पेशल बसे चलाई जा रही है। जो कि पंचकूला बस स्टैंड, चण्डीगढ बस स्टैंड सैक्टर 43 व जीरकपुर बस अड्डे से सिर्फ श्रद्धालुओं को मेले तक लाने और ले जाने की व्यवस्था करेंगी। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए पंचकूला सिंह द्वार तथा मनी माजरा बस अड्डे से फ्री ई-रिक्शा व सीएनजी आॅटो रिक्शा चलाई जायेगी। उन्होंने मेला में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुये मास्क का प्रयोग करें और माता के दर्शन करते समय सामाजिक दूरी का पालन अवश्य करें।
उन्होंने बताया कि मेला के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने व यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिये पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की व्यवस्था की गई है।

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पंचकूला में होगा महाराजा अग्रसेन उत्सव का भव्य आयोजन

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पंचकूला, 6 अक्तूबर- महाराजा अग्रसेन जी का 5145वां जयंती उत्सव 7 अक्तूबर से 10 अक्तूबर तक बड़े धूमधाम से मनाया जायेगा। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता उत्सव के पहले दिन मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करेंगे। इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन चैक सेक्टर-16 पर प्रातः 9 बजे हवन का आयोजन किया जायेगा व इसके पश्चात प्रातः 10 बजे ध्वजारोहण कार्यक्रम होगा। इसके अलावा प्रातः 11 बजे भंडारे का आयोजन किया जायेगा।


पंचकूला नगर निगम महापौर श्री कुलभूषण गोयल महाराजा अग्रसेन उत्सव समारोह की अध्यक्षता करेंगे व गौ सेवा आयोग के चेयरमैंन श्री श्रवण गर्ग विशिष्ठ अतिथि के रूप शिरकत करेंगे। महाराजा अग्रसेन उत्सव का आयोजन समस्त अग्रवाल समाज पंचकूला द्वारा किया जायेगा।

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यह जानकारी देते हुये महाराजा अग्रसेन ट्रस्ट के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्सव के दौरान महाराजा अग्रसेन जी एवं मां माध्वी जी की विशाल एवं भव्य शोभायात्रा का आयोजन सुंदर झाकियों के साथ किया जायेगा। शोभा यात्रा सेक्टर-7 पंचकूला से आरंभ होकर सेक्टर-8, 9, 10, 11 व 15 से होते हुये सेक्टर-16 अग्रवाल भवन पर पंहुचेंगी। महाराजा अग्रसेन जयंती उत्सव को अग्रवाल सभा, महाराजा अग्रसेन चेरिटेबल ट्रस्ट, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, अग्रवाल हैल्प लाईन, अग्रवाल वैलफेयर ट्रस्ट, अग्रवाल जन आरोग्य ट्रस्ट, अग्रवाल विकास ट्रस्ट, आज क्रांति मंच पंचकूला व अग्रवाल वैश समाज पंचकूला द्वारा संयुक्त रूप से मनाया जायेगा। महाराजा अग्रसेन जयंती उत्सव के अंतिम दिन रविवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया जायेगा।

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5 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में 10900 मीट्रिक टन धान की, की जा चुकी है खरीद-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह

पंचकूला, 6 अक्तूबर- उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने बताया कि खरीफ सीजन 2021-22 में कल 5 अक्तूबर तक पंचकूला जिला की 3 अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों द्वारा कुल 10900 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।

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उन्होंने बताया कि कल 5 अक्तूबर तक पंचकूला स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 160 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 600 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जबकि बरवाला अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा 2700 मीट्रिक टन व हैफेड द्वारा 3450 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। उन्होंने बताया कि रायपुररानी स्थित अनाज मंडी में हरियाणा वेयरहाउसिंग काॅर्पोरेशन द्वारा 1200 मीट्रिक टन तथा हैफेड द्वारा 2790 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

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पंचकूला जिला में बरवाला, रायपुररानी व पंचकूला में स्थापित तीन अनाज मंडियों में सरकारी खरीद एजंसियों नामतः हैफेड तथा हरियाणा वेयरहासिंग कार्पोरेशन द्वारा फसलों की खरीद की जा रही है।

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श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करती है माता मनसा देवी

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भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उद्गम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडियों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है।


इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वतमालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।

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माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्रीमाता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्रीमाता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया, इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिद्द की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा।  आत्म-सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्र ोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे।


भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।


एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पड़ा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है।


आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई।


श्रीमाता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षो में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पिंडीयां  महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्रीमनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन किया गया।


श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है।


हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।
जिला प्रशासन पंचकूला द्वारा 7 से 14 अक्टूबर तक लगने वाले अश्विन नवरात्र मेले के लिए श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुवधिा न हो, की दिशा में पुख्ता प्रबंध किए हैं। श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक एवं उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई बार बैठकें आयोजित कर किए गए प्रबंधों की गहन रूचि लेकर समीक्षा भी की ताकि देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने आने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।