*MC Commissioner orders swift action to tackle Sector 35’s road and drainage concerns*

*Mayor inaugurates newly developed neighbourhood park in Sector 24*

*Chandigarh, August 29:-*

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Smt. Harpreet Kaur Babla, Mayor, Chandigarh today inaugurated a newly developed neighbourhood park measuring 1.30 acres, located adjoining House No. 1032 and House No. 1027, Sector 24, Chandigarh. 

The inauguration was held in the presence of the area Councillor Sh. Saurabh Joshi, Special Commissioner Sh. Pardeep Kumar, IAS and other prominent persons of the area.

The development of the park has been undertaken at an expenditure of approximately ₹22.50 lakhs.

 The park has been equipped with various citizen-friendly facilities including:

• Open air gym equipment

• Children’s play equipment

• Benches and huts

• Cement concrete walking track

• Lush green grass lawns

• Flowering and ornamental shrubs

To promote sustainable practices, the park is also equipped with aerobic compost pits for effective management of horticulture waste generated within the premises.

On this occasion, several members of Residents Welfare Associations, Market Associations, and local residents from Sector 15 and Sector 24 were present. 

The Mayor appreciated the active participation of citizens in maintaining and nurturing green spaces and appealed to the residents to take collective responsibility in keeping their neighbourhood parks clean, green and well-maintained.

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“मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

बच्चों के विरूद्ध यौन अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता-एसीएस

बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए-सुधीर राजपाल

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पंचकूला, 29 अगस्त- महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सेक्टर 5 स्थित इंद्रधनुष सभागार में “मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” शीर्षक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।  
राज्यभर के महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने पर कार्यशाला में ध्यान केंद्रित किया गया। जमीनी स्तर पर प्रत्येक महिला तक पहुँचने में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, विभाग ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ, पर्यवेक्षक और जिला बाल संरक्षण इकाई के  कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य जिला महिला सशक्तिकरण केंद्र टीमों, वन स्टॉप सेंटर कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और अन्य जमीनी स्तर के हितधारकों सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की क्षमता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए है। ये कार्यकर्ता मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 कार्यक्रम की रीढ़ हैं, जो चुनौतियों का सीधे समाधान करते हैं और उन्हें आवश्यक सरकारी सेवाओं से जोड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि लक्षित प्रशिक्षण, ज्ञान साझाकरण और संबद्ध विभागों के साथ अभिसरण के माध्यम से, इस कार्यक्रम का ध्यान महिलाओं के लिए कानूनी प्रावधानों, कल्याणकारी योजनाओं और सुरक्षा तंत्रों के बारे में जागरूकता पैदा करने, प्रभावी कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों को उपकरणों से लैस करने, जिला-स्तरीय अधिकारियों, स्थानीय शासन संस्थानों और समुदाय-आधारित संगठनों के बीच समन्वय को मजबूत करने और कमजोर परिस्थितियों में महिलाओं और बच्चों के साथ व्यवहार करते समय जवाबदेही और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला पदाधिकारियों से बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिला स्तर के कर्मचारियों को बाल यौन शोषण से संबंधित घटनाओं की रिपोर्टिंग के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है क्योंकि यह कानून अनिवार्य पर जोर देता है
उन्होंने सभी जिलों में देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले कमजोर बच्चों की पहचान करने में पुलिस विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों की भूमिका का भी उल्लेख किया ताकि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन वात्सल्य के अंतर्गत आने वाली विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं और कानूनों के अंतर्गत सभी प्रमुख पदाधिकारियों को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (किशोर न्याय अधिनियम) के प्रावधानों और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 को सख्ती से लागू करने पर बल दिया गया। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी मिशन वात्सल्य दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के लिए जरूरी है।
हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्यभर में कुपोषण को कम करने के लिए निर्देश दिया कि स्तनपान की आवश्यकता वाले शिशुओं का समर्थन करने और बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए राज्य में एक मदर मिल्क बैंक स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें मार्केंट में आ रहे पैकेट बंद दूध को नवजात शिशु को न पिलाने पर विशेषतौर पर फोक्स करना है ताकि ये बच्चे माता का दूध पिकर तंदुरुस्त हो सके। उन्होंने विभाग से माताओं को आगे आने और मदर मिल्क बैंक को स्तन दूध दान करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की, नवजात शिशुओं, विशेष रूप से उन शिशुओं के जीवन को बचाने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला जो समय से पहले जन्मे या गंभीर रूप से बीमार हैं और अपनी माताओं से दूध प्राप्त करने में असमर्थ हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि बच्चों के कल्याण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, प्रत्येक अधिकारी और क्षेत्रीय कार्यकर्ता गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित बच्चों को गोद लें और उनकी देखभाल और पोषण पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी हितधारकों से सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा पर्याप्त पोषण से वंचित न रहे, और हरियाणा के बच्चों के स्वस्थ भविष्य के निर्माण के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।

इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं सेवाएं महानिदेशक डाॅ कुलदीप सिंह, सीएमओ डाॅ मुक्ता कुमार, महिला बाल विकास की निदेशक मोनिका, संयुक्त निदेशक राजबाला, डाॅ पूनम रमन, उपनिदेशक रचना, मुख्यालय से प्रोग्राम अधिकारी कमलेश राणा सहित स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ व सीडीपीओ मौजूद थे।

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डाॅ. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत 31 जनवरी 2026 तक कर सकते हैं आवेदन – उपायुक्त

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पंचकूला, 29 अगस्त – उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2026 तक है। योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग, विमुक्त जाति, घुमंतु एवं अर्ध घुमंतू जाति तथा टपरीवास जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए 31 जनवरी 2026 तक आवेदन पत्र पोर्टल https://saralharyana.gov.in   पर ऑनलाइन कर सकते हैं।
         इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कल्याण अधिकारी विशाल बंसल ने बताया कि आवेदन करने वाले प्रार्थी की वार्षिक पारिवारिक आय 4 लाख रूपए  से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पात्र छात्र व छात्राओं का शैक्षणिक स्तर उंचा उठाने तथा उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करने के लिए विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्स में 8000 रुपए से 12000 रूपए तक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
        उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए तथा उसने अगली कक्षा में प्रवेश लिया हो और उनके परिवार की वार्षिक आय 4 लाख रूपए से कम हो। उन्होंने बताया कि पात्रता मानदंड और योजना के अन्य विवरण विभाग की वेबसाईट www.haryanascbc.gov.in पर देखे जा सकते हैं। किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 0172-2583378 एवं जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
  जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि डा. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, घुमंतु, अर्ध घुमंतु जाति एवं टपरीवास जाति के 10वीं कक्षा में उतीर्ण छात्र के लिए शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स के प्रथम वर्ष में पढने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में उत्तीर्ण छात्रों के लिए शहरी क्षेत्र में 75 प्रतिशत अंक और ग्रामीण में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा स्नातक के प्रथम वर्ष आर्ट्स/कार्मस/साइंस व सभी डिप्लोमा कोर्सिस में पढ़ने वाले को 8 हजार रुपए वार्षिक छात्रवृति, इंजिनियरिंग तथा अन्य तकनीकी एवं व्यवसायिक कोर्सेज के छात्रों को 9 हजार रुपए वार्षिक व मेडिकल तथा अलाईड कोर्सेज के छात्रों को 10 हजार रुपए की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में प्रदान की जाएगी।
     इसी प्रकार, स्नातक की परीक्षा में शहरी क्षेत्र में 65 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। स्नातकोत्तर कक्षा में पढने वाले प्रथम वर्ष आर्ट, कॉमर्स व साईंस के छात्र को 9 हजार रुपए वार्षिक छात्रवृति, इंजिनियरिंग तथा अन्य तकनीकी व्यवसायिक कोर्सेज के छात्रों को 11 हजार रुपए व मेडिकल व अलाइड कोर्सेज के छात्रों को 12 हजार रुपए की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में प्रदान की जाएगी।
     डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के अंतर्गत पिछड़ा वर्ग के छात्रों को भी लाभ देने के लिए शामिल किया गया है। पिछड़ा वर्ग ब्लाक ए के 10वीं कक्षा में उतीर्ण छात्र के लिए शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रथम वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग ब्लाक बी तथा अन्य वर्गोें के 10वीं कक्षा में उतीर्ण छात्रों के लिए शहरी क्षेत्र में 80 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रथम वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी।

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आयुक्त एवं सचिव अभिलेखागार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समाधान शिविरों में शिकायतों की करी समीक्षा

लंबित व रि- ओपन शिकायतों का जल्द से जल्द निपटान करें अधिकारी-उपायुक्त

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पंचकूला, 29 अगस्त- आयुक्त एवं सचिव अभिलेखागार अग्निशमन सेवाएं के महानिदेशक श्री शेखर विद्यार्थी ने आज चंडीगढ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला के सभी उपायुक्तों के साथ समाधान शिविरों में लंबित शिकायतों की समीक्षा की व प्रदेश के सभी उपायुक्तों को लंबित शिकायतों का तुरंत निपटान करने के निर्देश दिए।  

इसके उपरांत उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने समाधान शिविर, सीपी ग्राम, जनसंवाद, सीएम विंडो, एसएमजीटी की लंबित शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समाधान शिविर में आने वाले लोगो की समस्याओं का समाधान तुरंत होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 60 दिनों से अधिक पुरानी शिकायतों व लंबित तथा  रि-ओपन शिकायतों का त्वरित गति से समाधान किया जाए ताकि आमजन को परेशानी का सामना न करना पडे।

उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं का समाधान अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, एसडीएम कालका सयंम गर्ग, नगराधीश जागृति सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, अच्छी वोल्टेज और निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध

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पंचकूला, 29 अगस्त उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, अच्छी वोल्टेज और निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। ‘पूर्ण उपभोक्ता संतुष्टि’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बिजली निगम द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं ताकि उपभोक्ताओं की समस्याओं को त्वरित रूप में सुलझाया जा सके।
   उक्त जानकारी देते हुए बिजली निगम के प्रवक्ता ने बताया कि जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच रेगुलेशन 2.8.2 के अनुसार प्रत्येक मामले में 1 लाख रुपये से अधिक और 3 लाख रुपये तक की राशि के वित्तीय विवादों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करेगा। पंचकूला जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों (कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, कैथल और यमुनानगर) के उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण 01,10,15 और 29 सितम्बर को जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच, पंचकूला में उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
   उन्होंने बताया कि पंचकूला जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों के उपभोक्ताओं के गलत बिलों, बिजली की दरों से सम्बंधित मामलों, मीटर सिक्योरिटी से जुड़े मामलों, खराब हुए मीटरों से सम्बंधित मामलों, वोल्टेज से जुड़े हुए मामलों का निस्तारण किया जाएगा। इस दौरान बिजली चोरी, बिजली के दुरूप्योग और घातक गैर-घातक दुर्घटना आदि मामलों पर विचार नहीं किया जाएगा। उपभोक्ता और निगम के बीच किसी भी विवाद के निपटान के लिए फोरम में वित्तिय विवादों से संबंधित शिकायत प्रस्तुत करने से पहले पिछले छह महीनों के दौरान उपभोक्ता द्वारा भुगतान किए गए बिजली के औसत शुल्क के आधार पर गणना की गई प्रत्येक माह के लिए दावा की गई राशि या उसके द्वारा देय बिजली शुल्क के बराबर राशि, जो कम है, उपभोक्ता को जमा करवानी होगी। इस दौरान उपभोक्ता को प्रमाणित करना होगा कि यह मामला अदालत, प्राधिकरण या फोरम के समक्ष पेंडिंग (लंबित) नहीं है क्योंकि इस न्यायालय या फोरम में विचाराधीन मामलों पर बैठक के दौरान विचार नहीं किया जाएगा।
   उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं से अपील करता है कि वे अपनी बिजली से संबंधित समस्याओं के समाधान के 01,10,15 और 29 सितम्बर को यू.एच.बि.वि.एन के मुख्यालय, विद्युत सदन, इंडस्ट्रियल प्लाट-3 और 4, सेक्टर-14, पंचकूला में प्रातः 11ः30 बजे से दोपहर 1ः30 बजे तक होने वाली कार्यवाही में सम्मिलित होकर अपनी समस्याओं का समाधान करवाएं।    
    उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को निरंतर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है।

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जिला उपभोक्ता फोरम पंचकूला ने लगाया स्मार्ट प्वाईंट सेक्टर-11 (रिलाइंस रिटेल लिमिटिड) पर 1 लाख 10500 रुपये का जुर्माना

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पंचकूला, 29 अगस्त- जिला उपभोक्ता फोरम पंचकूला के अध्यक्ष श्री सतपाल और श्रीमती सुषमा गर्ग सदस्य डाॅ. सुमन सिंह ने अपने फैसले में कहा कि पैकेज कमोडिटीज सैल्ज के अनुसार पैकेट में बेचे जाने वाली किसी भी वस्तु के पैकेट के बाहरी कवर पर कुछ विवरण होने चाहिए, जिनमें से वजन एक है। इसलिए निर्माता को पैकेट का सही वजन देना होगा ताकि ग्राहक को गुमराह न किया जा सके।
पंचकूला निवासी प्रमोद कुमार ने 2 अगस्त 2022 को स्मार्ट प्वाईंट सेक्टर-11 पंचकूला से कुछ सामान खरीदा था, जिसमें एक 500 ग्राम का बादाम का पैकेट भी शामिल था। ग्राहक ने घर पंहुचकर बंद पैकेट बादाम का वजन कम होने का शक हुआ तो इसे दोबारा वजन करने पर इसका वैट 350 ग्राम पाया गया। जब ग्राहक शिकायत लेकर स्मार्ट प्वाईंट पंहुचा तो वहां के कर्मचारियों द्वारा ग्राहक का मजाक उडाया गया और उसके साथ बदतमीजी की गई, जिसे अनुचित मानते हुए ग्राहक ने जिला उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट ने केस की पैरवी की। लगभग तीन साल चले इस केस की जिला उपभोक्ता आयोग ने अब फैसला सुनाया है, जिसमें आयोग ने स्मार्ट प्वाईंट आउटलैट को सेवा में दोषी और अनुचित व्यापार में लिप्त मानते हुए स्र्माट प्वाईंट को 45 दिनों के भीतर 1 लाख रुपये बतौर जुर्माना पूवर पेसेंट वेलफेयर फंड चंडीगढ के पास जमा कराने को कहा है और साथ ही 5 हजार रुपये ग्राहक/शिकायतकर्ता को मानसिक कष्ट के लिए व 5500 रुपये वाद-व्यय बतौर हर्जाना देने का आदेश दिया है।
आयोग ने यह भी निर्देश दिए है कि उपभोक्ताओं को बेचने/बिलिंग से पहले पैक की गई या अनपैक की गई वस्तु/उत्पाद का वजन करने की प्रथा अपनाए। इसके अतिरिक्त स्मार्ट प्वाईंट सेक्टर-11 पंचकूला की भविष्य में ऐसी अनुचित व्यापारिक प्रथाओं से बचने का निर्देश दिया है।

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महिलाओं के यौन उत्पीड़न निवारण  पर  जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

पंचकूला, 29 अगस्त

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पंचकूला द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न निवारण (पीओएसएच) अधिनियम, 2013 पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन एडीआर केंद्र, जिला न्यायालय परिसर, पंचकूला में किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों की महिला कर्मचारियों के साथ-साथ आंतरिक शिकायत समितियों की सदस्यों को पीओएसएच अधिनियम के प्रावधानों और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के बारे में जागरूक करना था।
डीएलएसए, पंचकूला की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने बताया कि यह कार्यशाला माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में दिए गए ऑरेलियानो फर्नांडीस बनाम गोवा राज्य एवं अन्य 2024 (1) एससीसी 632 के निर्णय के अनुपालन में आयोजित की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित करने हेतु कर्मचारियों और समिति सदस्यों के लिए नियमित अभिविन्यास और जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया है।
जागरूकता कार्यशाला एडीआर केंद्र, पंचकूला के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की गई। डीएलएसए पंचकूला के पैनल अधिवक्ता श्री राठी और सुश्री शिवानी ने संसाधन व्यक्तियों के रूप में कार्य किया और विषय पर अपनी विशेषज्ञता साझा की। उन्होंने यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निवारण में POSH अधिनियम, 2013 के वैधानिक प्रावधानों, नियोक्ताओं के कर्तव्यों और आंतरिक शिकायत समितियों (ICCs) की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। इंटरैक्टिव चर्चाओं और व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से, संसाधन व्यक्तियों ने प्रतिभागियों को कार्यस्थल पर उत्पीड़न की घटनाओं की पहचान करने, उन्हें रोकने और प्रभावी ढंग से उनका जवाब देने के तरीके के बारे में जागरूक किया।
कार्यशाला में कुल 61 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो 11 विभिन्न विभागों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, अर्थात लीड बैंक अधिकारी, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर), पर्यावरण विभाग, उद्योग केंद्र, जिला खेल विभाग, जिला सैनिक बोर्ड, एक्सईएन एचएसएएमबी, कॉन्फेडरेशन विभाग, हुडा कार्यालय, विशेष संरक्षक अभियंता कार्यालय महिला कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अधिकारों और शिकायत निवारण तंत्रों से संबंधित चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने, अनुभव साझा करने और शंकाओं का समाधान करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस सत्र में उन्हें अधिनियम के तहत उपलब्ध कानूनी सुरक्षा, अधिकारों और उपायों के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान की गई।

सुश्री भारद्वाज ने बताया कि कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों को समिति के सदस्यों की ज़िम्मेदारियों के बारे में भी जानकारी दी गई, जिनमें समय पर जाँच, गोपनीयता, निष्पक्षता और उचित प्राधिकारियों को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना शामिल है। इस बात पर ज़ोर दिया गया कि प्रत्येक कार्यस्थल, चाहे वह सरकारी हो या निजी, महिला कर्मचारियों के लिए विश्वास और सुरक्षा का वातावरण बनाने के लिए अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना चाहिए।

सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डीएलएसए पंचकूला कानूनी जागरूकता फैलाने और समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत नियमित रूप से ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यौन उत्पीड़न को रोकना न केवल एक कानूनी दायित्व है, बल्कि प्रत्येक संस्थान की नैतिक ज़िम्मेदारी भी है, और कर्मचारियों का संवेदनशील होना इस उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों, संसाधन व्यक्तियों और विभागों को उनके सक्रिय सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। डीएलएसए पंचकूला ने पूरे जिले में महिलाओं के लिए सुरक्षित, संरक्षित और समावेशी कार्यस्थलों को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी इसी तरह के प्रशिक्षण सत्र और कार्यशालाएँ आयोजित करने के अपने संकल्प की पुष्टि की।

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“मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

बच्चों के विरूद्ध यौन अपराध के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता-एसीएस

बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए-सुधीर राजपाल

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पंचकूला, 28 अगस्त- महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सेक्टर 5 स्थित इंद्रधनुष सभागार में “मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” शीर्षक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।  
राज्यभर के महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने पर कार्यशाला में ध्यान केंद्रित किया गया। जमीनी स्तर पर प्रत्येक महिला तक पहुँचने में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, विभाग ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ, पर्यवेक्षक और जिला बाल संरक्षण इकाई के  कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य जिला महिला सशक्तिकरण केंद्र टीमों, वन स्टॉप सेंटर कर्मचारियों, पर्यवेक्षकों और अन्य जमीनी स्तर के हितधारकों सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की क्षमता, दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए है। ये कार्यकर्ता मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 कार्यक्रम की रीढ़ हैं, जो चुनौतियों का सीधे समाधान करते हैं और उन्हें आवश्यक सरकारी सेवाओं से जोड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि लक्षित प्रशिक्षण, ज्ञान साझाकरण और संबद्ध विभागों के साथ अभिसरण के माध्यम से, इस कार्यक्रम का ध्यान महिलाओं के लिए कानूनी प्रावधानों, कल्याणकारी योजनाओं और सुरक्षा तंत्रों के बारे में जागरूकता पैदा करने, प्रभावी कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों को उपकरणों से लैस करने, जिला-स्तरीय अधिकारियों, स्थानीय शासन संस्थानों और समुदाय-आधारित संगठनों के बीच समन्वय को मजबूत करने और कमजोर परिस्थितियों में महिलाओं और बच्चों के साथ व्यवहार करते समय जवाबदेही और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला पदाधिकारियों से बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिला स्तर के कर्मचारियों को बाल यौन शोषण से संबंधित घटनाओं की रिपोर्टिंग के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है क्योंकि यह कानून अनिवार्य पर जोर देता है
उन्होंने सभी जिलों में देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले कमजोर बच्चों की पहचान करने में पुलिस विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों की भूमिका का भी उल्लेख किया ताकि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन वात्सल्य के अंतर्गत आने वाली विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं और कानूनों के अंतर्गत सभी प्रमुख पदाधिकारियों को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (किशोर न्याय अधिनियम) के प्रावधानों और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 को सख्ती से लागू करने पर बल दिया गया। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी मिशन वात्सल्य दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के लिए जरूरी है।
हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्यभर में कुपोषण को कम करने के लिए निर्देश दिया कि स्तनपान की आवश्यकता वाले शिशुओं का समर्थन करने और बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए राज्य में एक मदर मिल्क बैंक स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें मार्केंट में आ रहे पैकेट बंद दूध को नवजात शिशु को न पिलाने पर विशेषतौर पर फोक्स करना है ताकि ये बच्चे माता का दूध पिकर तंदुरुस्त हो सके। उन्होंने विभाग से माताओं को आगे आने और मदर मिल्क बैंक को स्तन दूध दान करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की, नवजात शिशुओं, विशेष रूप से उन शिशुओं के जीवन को बचाने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला जो समय से पहले जन्मे या गंभीर रूप से बीमार हैं और अपनी माताओं से दूध प्राप्त करने में असमर्थ हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि बच्चों के कल्याण के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, प्रत्येक अधिकारी और क्षेत्रीय कार्यकर्ता गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित बच्चों को गोद लें और उनकी देखभाल और पोषण पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाल कुपोषण में कमी विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी हितधारकों से सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा पर्याप्त पोषण से वंचित न रहे, और हरियाणा के बच्चों के स्वस्थ भविष्य के निर्माण के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।

इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं सेवाएं महानिदेशक डाॅ कुलदीप सिंह, सीएमओ डाॅ मुक्ता कुमार, महिला बाल विकास की निदेशक मोनिका, संयुक्त निदेशक राजबाला, डाॅ पूनम रमन, उपनिदेशक रचना, मुख्यालय से प्रोग्राम अधिकारी कमलेश राणा सहित स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ व सीडीपीओ मौजूद थे।

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केंद्र व प्रदेश सरकार गुरुओं द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल रही है-  श्री नायब सिंह सैनी

मुख्यमंत्री ने श्री नाडा साहिब गुरुद्वारा में शीश नवाया

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पंचकूला, 28 अगस्त –– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन की सरकार गुरुओं द्वारा दी गई शिक्षा को आत्मसात करके उनके दिखाए गए मार्ग पर चल रही है।

 मुख्यमंत्री आज पंचकूला स्थित गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब में शीश नवाने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।

 एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्ष 1984 में हुए दंगों के दौरान हरियाणा में जिन सिख परिवारों ने अपने मुखिया को खोया है , उनके पीड़ित परिवार के एक सदस्य को यथोचित नौकरी दी जाएगी। नौकरी के इच्छुक परिवार अपने जिला के उपायुक्त के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इन दंगों में बड़ी संख्या में सिख परिवारों पर हमले हुए, जिनमें जान माल की भारी क्षति हुई। तत्कालीन सरकार ने इन दंगों की फाइलों को दबा दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन फाइलों को निकलवा कर दोषियों को सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है।

श्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा सत्र से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष ने विधानसभा में जो भी मुद्दे उठाए उनका उचित जवाब दिया गया। विपक्ष द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी हरियाणा में दशकों तक सत्ता में रही, उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार, घोटाले और अव्यवस्था का आलम रहा जिसका दुष्परिणाम प्रदेश की पूरी जनता को भुगतना पड़ा।

 मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि ष्एक भारत, श्रेष्ठ भारतष् अभियान के तहत उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक देश के कोने दृकोने में समान विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार सिख गुरुओं के प्रकाश पर्व को धूमधाम और भव्य तरीके से मना रही है। मोदी जी ने ही सिख समुदाय की सालों पुरानी इच्छा पूरी की थी। वर्ष 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के  550वें प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर देश को समर्पित किया था। अब सिख संगत श्री गुरु नानक देव जी के पाकिस्तान के गांव करतारपुर स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाने लगे हैं।

 मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने यह भी बताया कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान ही गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस दिव्य एवं भव्य तरीके से मनाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया है जिसके तहत आने वाले दिनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त सृष्टि गुप्ता, एसडीएम चंद्रकांत कटारिया, बीजेपी के जिला प्रधान अजय मित्तल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झिंडा, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गुरमीत सिंह, मित प्रधान स्र्वण सिंह बुंगा टिब्बी, सदस्य बीबी करतार कौर, नाडा साहिब गुरुद्वारा के हैड ग्रंथी जगदीश सिंह, मैनेजर परमजीत सिंह, हैड रागी जनजिंद्र सिंह, गुरमीत सिंह मित्ता कालका सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

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जिला नगर योजनाकार की टीम द्वारा पैराफेरी कंट्रोल एरिया पंचकूला में की गई बड़ी कार्यवाही

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पंचकूला, 28 अगस्त- उपायुक्त पंचकूला श्रीमती मोनिका गुप्ता के मार्गदर्शन में डी0टी0पी0 श्रीमती बबिता गुप्ता के नेतृत्व में जिला नगर योजनाकार की टीम द्वारा पैराफेरी कंट्रोल एरिया पंचकूला में बड़ी कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही में गांव हरिपुर चैपहर, तहसील कालका, जिला पंचकूला में चारदीवारी और शेड धवस्त किये गए। उक्त कार्यवाही में श्री जय प्रकाश, एस0एम0एस0, एग्रो, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, ड्यूटी मैजिस्ट्रेट, श्री डिम्पी राठी, सहायक नगर योजनाकर, पंचकूला व श्री शानू रमन, कनिष्ठ अभियन्ता एवं भारी पुलिस बल की उपस्थिति में संपन्न हुई।  
डीटीपी श्रीमती बबिता गुप्ता ने बताया कि उक्त कार्यवाही करने से पहले विभाग द्वारा नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन चुककर्ताओं द्वारा इन अवैध निर्माणों को नहीं हटाया गया, जिस कारण विभाग को यह कार्यवाही करनी पड़ी। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी निर्माण करने या काॅलोनी विकसित करने से पहले निदेशक, नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा से अनुमति लिए बिना कोई भी अवैध निर्माण या काॅलोनी विकसित की जाती है तो विभाग उसके विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही जारी रखेगा। अतः आम जनता से अनुरोध किया जाता है कि विभाग से सी.एल.यु/लाईसेंस की अनुमति लिए बिना कोई भी निर्माण न करें।

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