सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

सरकार ने कृषि कानून के माध्यम से किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दिए प्रभावी विकल्प : शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर

सिरसा, 27 फरवरी।

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शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कृषि कानूनों के माध्यम से सरकार ने किसानों को मंडी के साथ-साथ अन्य जगह अपनी फसल बेचने के प्रभावी विकल्प दिए हैं। इसके साथ-साथ किसानों के हितों के लिए केंद्र सरकार हर स्तर पर किसानों से वार्ता को तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान भी अपना हित समझते हुए संयम से सरकार की बातों का सुनें और अपने सुझाव सामने रखे।


वे शनिवार को वरिष्ठï भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक मक्खन लाल सिंगला के कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भाजपा आदित्य देवीलाल, वरिष्ठï भाजपा नेता जगदीश चोपड़ा, पूर्व चेयरमैन पवन बेनिवाल, रेणू शर्मा, गुरदेव सिंह राही, प्रदीप रातुसरिया, श्याम बजाज, जिला महामंत्री अमन चोपड़ा, रामचंद्र कंबोज, मंडल अध्यक्ष सुनिल बहल, कपिल सोनी, जिला सचिव सुनिल बामणिया, नारायण सिंह, सागर बजाज, बलकौर सिंह, सुरेश पंवार, मीरा देवी, जसविंद्र पाल पिंकी आदि मौजूद थे।


शिक्षा मंत्री ने कहा कि कृषि कानून सही मायने में किसानों के हितों के लिए बनाए गए हैं और इनमें किसानों के हित के सभी विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून में कॉंट्रेक्ट फार्मिंग व अन्य प्रावधानों को लेकर कोई बाध्यता नहीं है। इसलिए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष द्वारा किसानों को भ्रमित किया जा रहा है जबकि अपने शासन काल के दौरान उन्होंने किसान हित में एक भी बड़ा फैसला नहीं लिया। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक रुप से सुदृढ करने के लिए पहले भी कार्य किए गए हैं और भविष्य में भी कार्य जारी रहेंगे।


उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा भ्रम पैदा किया जा रहा है कि कांट्रेक्ट फार्मिंग जैसे प्रावधानों से किसानों की जमीन छीन ली जाएगी, जोकि एकदम गलत है। इस प्रावधान से तो कृषि की मार्केटिंग हो पाएगी और किसानों को अधिक मुनाफा होगा। कृषि कानूनों के माध्यम से सरकार चाहती है कि किसानों को पूर्व निर्धारित फसल के दाम मिले, खेती में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो और कम से कम जोखिम हो। उन्होंने कहा कि एमएसपी खत्म होने का बातें भी सिर्फ भ्रम है। इसी प्रकार से मंडियों की व्यवस्था भी पहले की ही तरह बनी रहेगी। किसानों को सिर्फ यह विकल्प दिया गया है कि वे अपनी फसल मंडी में भी बेच सकता है और बाहर भी। सरकार ने किसानों को अपने मुल्यों पर फसल बेचने का अधिकार दिया गया है। जब बहुत सारे खरीददार होंगे तो किसानों को फसलों का रेट भी अधिक मिलेगा।

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शिक्षा मंत्री ने फसल भंडारण के कानूनों में बदलाव को भी सही बताते हुए कहा कि इस कानून को लेकर भी भ्रम फैलाया जा रहा है। स्टॉक लिमिट के कारण से काला बाजारी बढ़ जाएगी, यह भी गलत है। कानून में ऐसा प्रावधान किया गया है कि यदि किसी फसल के दाम निर्धारित स्तर से बढ़ते हैं तो स्टॉकिस्ट को एक सीमा के बाद अपना स्टॉक बेचना ही होगा।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता सेक्टर 15 स्थित रविदास भवन में आयोजित संत शिरोमणी रविदास जी की जयंती के अवसर पर नमन् करते हुए व समारोह को संबोधित करते हुए।

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पंचकूला, 27 फरवरी- हरियाणा के सहकारिता एवं अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याणा मंत्री डाॅ बनवारी लाल ने लोगों से आहवान किया कि वे संत शिरोमणी रविदास के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करें और उनके द्वारा समाज के हित में दी गई शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं ताकि समाज में प्रेम और सौहार्द बना रहे।


डाॅ बनवारी लाल आज पंचकूला के सेक्टर 15 स्थित रविदास भवन में आयोजित संत शिरोमणी रविदास की 144वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि संत रविदास जाति-पाति और उंच-नीच के घोर विरोधी थे और आपसी भाईचारे को ही संच्चा धर्म मानते थे। इतना ही नहीं वे दूसरों की मदद करने में सबसे आगे रहते थे। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी भारत के उन चुनिंदा महापुरूषों में से एक हैं जिन्होंने अपने कार्यों से सारे संसार को एकता और भाईचारे का  संदेश दिया। उन्होंने जीवन भर समाज में फैली जाति-पाति की कुरीति के अंत के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणी रविदास का मानना था कि मन जो काम करने के लिए  अन्तः करण से तैयार हो वही काम करना उचित है। मन सही तो इसे कठौते के जल में ही गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त हो सकता है। कहा जाता है कि इस प्रकार के व्यवहार के बाद से ही कहावत प्रचलित हो गई कि ‘मन चंगा तो कठोती में गंगा‘।


डाॅ बनवारी लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हर वर्ग का विकास एवं कल्याण करने के लिए व्यवस्थाओं में अमूलचूल परिवर्तन किया है, जिसके तहत अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए भी विभिन्न नीतियों व योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने अंत्योदय की भावना से काम करते हुए कई योजनाओं को आॅनलाइन करने का काम किया है, ताकि विभिन्न योजनाओं का लाभ घर-द्वार पर ही लोगों को उपलब्ध करवाया जा सके।


इस अवसर पर उन्होंने संत रविदास सभा पंचकूला को अपने स्वैच्छिक कोष से 11 लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की। इससे  पूर्व गुरू रविदास सभा पंचकूला के अध्यक्ष राज कपूर अहलावत ने कार्यक्रम में उपस्थित होने पर डाॅ बनवारी लाल का धन्यवाद किया और उन्हें शाॅल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।


इस मौके पर भूतपूर्व विधायक लहरी सिंह ने कहा कि डाॅ बनवारी लाल एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक मिलनसार व्यक्ति भी हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों के दुख-सुख में हमेशा साथ खड़े रहते हैं।

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कार्यक्रम में पंचकूला की एसडीएम रिचा राठी, सभा के अन्य पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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संत शिरोमणी रविदास एक महान् संत थेः श्री गुप्ता

-रविदास ने हमेशा जाति-पाति और भेदभाव से उपर उठ कर कार्य करने का संदेश दिया
-रविदास सभा को 5 लाख रूपए की राशि देने की की घोषणा
-5 मार्च को विधानसभा प्रांगण मे मुख्यमंत्री करेंगे संविधान निर्माता डाॅ0 बी.आर. अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण

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पंचकूला, 27 फरवरी- हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि संत शिरोमणी रविदास एक महान् संत थे जिन्होंने अपने कार्यों द्वारा न केवल देश बल्कि पूरे विश्व को जाति-पाति  और भेदभाव से उपर उठ कर कार्य करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने जो संदेश 644 वर्ष पूर्व दिया था वह आज भी उतना ही सार्थक है, जितना उस समय था।


श्री गुप्ता आज पंचकूला के सेक्टर 15 स्थित रविदास भवन में संत शिरोमणी रविदास जी के 644वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चण्डीगढ से वीडियो काॅफ्रेंस के माध्यम से सभी को गुरू रविदास जयंती की बधाई दी और अपना संदेश दिया।


इस मौके पर श्री गुप्ता ने गुरू रविदास सभा को अपने स्वैच्छिक कोष से 5 लाख रूपए की राशि देने की घोषणा भी की। गुरू रविदास सभा पंचकूला के अध्यक्ष राज कपूर अहलावत ने संत शिरोमणी रविदास जी के 644वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पर श्री गुप्ता का धन्यवाद किया और उन्हें शाॅल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।


श्री गुप्ता ने कहा कि आज भी हमारे देश को एकता और भाईचारे की आवश्यकता है और इसी सोच पर काम करते हुए हम प्रदेश और देश को तरक्की की राह पर आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने कहा था कि कर्म और कर्तव्य सबसे श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा था कि ‘मन चंगा तो कटोती में गंगा‘। संत रविदास हमेशा जाति-पाति के खिलाफ रहे। उनका मानना था कि जो जाति-पाति मनुष्यों में बंटवारा करती है वह समाज का कल्याण कभी नहीं कर सकती। उन्होंने लोगों से संत श्री रविदास द्वारा 644 वर्ष पूर्व दिखाए गए मार्ग पर चलने का आहवान किया और कहा कि ऐसा करके वह प्रदेश और देश के विकास में अहम भागीदारी निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने अपने कार्यों से न केवल देश बल्कि विदेशों में भी सामाजिक सदभावना का संदेश दिया। हमें उनके संदेशों को लेकर आगे बढना है और देश को आगे लेकर जाना है।


उन्होंने कहा कि संत रविदास के जीवन पर उनके गुरू रामानंद जी का भी प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह बाबर भी रविदास जी के चरणों में नतमस्तक था क्योंकि वे मानवता के विकास के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि हमें उनके संदेशों का अनुसरण करते हुए कर्म के सिद्धांत पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए। गुरू रविदास जी ने हमें दूसरों की सेवा का मार्ग दिखाया।


उन्होंने कहा कि आज के दिन संविधान निर्माता डाॅ0 बी. आर. अम्बेडकर को याद करना भी अनिवार्य है क्योंकि उन्होंने देश को एकता व अखण्डता का संदेश दिया। हमें उनके पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आगामी 5 मार्च को हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। उसी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल विधानसभा के प्रांगण में डाॅ. बी. आर. अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा देश के संविधान के रूप में दिये गए महत्वपूर्ण योगदान का एक प्रतीक है और श्री अम्बेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है।


कार्यक्रम में पंचकूला के उपायुक्त श्री मुकेश कुमार आहूजा, उपमण्डल अधिकारी रिचा राठी, भूतपूर्व विधायक लहरी सिंह, सभा के अन्य पदाधिकारियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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Awareness programme on door to door waste collection at sector 47

Chandigarh, February 27:- An awareness programme on door to door waste collection at source level and to promote segregation of waste was organised at community centre, sector 47, Chandigarh under Swachh Bharat Mission.

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Sh. K.K. Yadav, IAS, Municipal Commissioner was the chief guest during the programme which was attended by Sh. Davesh Moudgil, former Mayor and area councilor, Sh. Sorabh Arora, Joint Commissioner, Dr. Amrit Warring, Medical Officer of Health, prominent persons of area, office bearers of Resident Welfare Associations were also present during the programme.

While welcoming all the office bearers of RWAs the Commissioner attributed the success of the clean city and collection of segregated waste from households through MCC vehicles in Chandigarh specially sectors from 1 to 30 to the waste collectors, sanitation staff and citizens of these sectors.

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He said that the MCC is going to start this facility in southern sectors from 1st March, 2021 onwards falling sectors 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 38 West, 46, 47 and 48 by deploying nearly 70 vehicles in second phase. He requested all the residents of these sectors to cooperate with the MCC by giving segregated waste i.e. dry and wet waste separately to the MCC waste collectors from 1st March onwards so that the same may be processed technically.

Answering the questions of area residents, the Commissioner assured the residents to run the door to door waste collection through MCC vehicles in proper coordination with area residents in sustainable manner. He said that issues including timing schedule of vehicles for waste collection in the streets, societies will be devised as per the requirement and keeping in view the needs of the residents.

Elaborating about Solid Waste Management system in Chandigarh, Sh. Davesh Moudgil said that the main objective of the programme was to recognize the issues, challenges and to understand the rules and to be aware of the various approaches, technologies to be adopted. He said that to plan to implement confirm solutions in the city and to promote segregation of waste as per Solid Waste Management Rules for implementing the plans was the principal aim of the programme, he added.

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पंचकूला के हर घर तक पहुंचा नल से जल

विधान सभा अध्यक्ष ने जल जीवन मिशन और जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की पीठ थपथपाई
कहा- अब लोगों को जल के सदुपयोग के लिए करें जागरूक

पंचकूला, 27 फरवरी- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक घर तक नल से जल पहुंचाने वाला पंचकूला प्रदेश का पहला जिला बन गया है। जिले के प्रत्येक गांव अब नल से जल आपूर्ति हो रही है। इसके लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने जल जीवन मिशन और जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सराहना की है।

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श्री गुप्ता आज यहां सेक्टर 1 स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि अब लोगों को जल के सदुपयोग के लिए जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाना है। गुप्ता ने कहा कि सरकार का काम लोगों को संसाधन उपलब्ध करवाना है, लेकिन उनका समुचित रखरखाव और सदुपयोग क्षेत्र वासियों का सामुहिक दायित्व है।


श्री गुप्ता ने कहा कि जल हमारी सभ्यता के विकास का परिचायक है। धरती पर मानव सभ्यता वहीं विकसित हुई है, जहां पानी के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहे हैं। सिंधु घाटी की सभ्यता इसका जीता जागता उदाहरण है। मोहन जोदड़ों और राखी गढ़ी में भी विकसित जल भंडारण प्रणाली की खोज हुई है। उन्होंने कहा कि जल को भारतीय दर्शन में देवता की भी संज्ञा दी गई है। इसके लिए हमें जल के उपयोग के प्रति विशेष रूप से जागरूक रहना होगा।


ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2020 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत देश के प्रत्येक घर तक नल से जल पहुचांने के लिए 2024 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हरियाणा ने 2022 तक इस मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया है। लेकिन पंचकूला ने यह लक्ष्य 2021 में ही हासिल कर लिया है। पंचकूला की सभी 128 ग्राम पंचायतों के कुल 33 हजार 108 घरों में पानी के कनेक्शन उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इसके लिए जल जीवन मिशन और जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 20 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गई।


उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत हर घर में कम से कम 55 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है। इसके अलावा 77 हजार मीटर लंबी पुरानी पाइपलाईनों की रिपलेसमेंट का कार्य चल रहा है और आवश्यक्ता अनुसार नई पाइपलाईन डालने की व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गांवों में पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विलेज वाटर एण्ड सीवरेज कमेटीज का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी 128 पंचायतों में इन कमेटीज का गठन हो चुका है। उन्होंने बताया कि पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए रामगढ और पिंजौर में स्थापित लैबस को ओर अपग्रेड किया गया है। उन्होंने कहा कि जल आपूर्ति व गुणवत्ता को लेकर किसी भी समस्या के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-5678 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा उपभोक्ता अपनी शिकायत उमंग एप्लीकेशन व सरल पोर्टल पर भी भेज सकते हैं। इन समस्याओं का समाधान दो दिन के अंदर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चाहे मोरनी का पहाड़ी क्षेत्र हो या बरवाला का समतल इलाका, पानी हर घर की आवश्यक्ता है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने वाला पंचकूला हरियाणा का पहला जिला बन गया है।

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इस अवसर पर जिला उपायुक्त मुकेश आहुजा, जन स्वास्थ्य विभाग के अधीक्षक अभियन्ता अशोक शर्मा, एक्सईएन विकास लाठर, जिला सलाहकार आरजू सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

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Mayor laid foundation stone for replacement of Sewerage System at Maloya Colony

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Chandigarh, February 27:- Sh. Ravi Kant Sharma, Mayor, Chandigarh today laid down the foundation stone for replacement of Sewerage system at Maloya Colony, Chandigarh in presence of Sh. Rajesh Kumar, area councilor, Sh. Vijay Premy, Executive Engineer, Public Health Division, MCC and concerned officers of MCC and prominent persons of area.

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While sharing information about the project, the Mayor said that this project has been prepared for strengthening of sewer lines at Maloya Colony near house No. 3001 to 3709 and other leftout areas of Madrasi Colony, Maloya and rehabilitation colony, Maloya. He said that the sewer lines on backcourt yard of houses are required to be shifted on front side of houses to ensure the smooth flow of sewage in the sewer lines. After conducting detailed survey, the proposal to provide sewerage pipe lines and other alied works has been approved at a cost of Rs. 1.5 crores, added the Mayor.

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विकास कार्योंे के पूर्ण होने पर उपयोगिता प्रमाण पत्र अवश्य भिजवाए अधिकारी : निदेशक रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 27 फरवरी।

– अधिकारी निर्माण कार्य स्थलों का करें निरीक्षण, निर्माण सामग्री की जांच भी अवश्य करवाए :
विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक रमेश चंद्र बिढ़ाण ने ली अधिकारियों की बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश

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                विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि निर्माण कार्यों में इंजीनियर की भूमिका बहुत बड़ी होती है, इसलिए इंजीनियर अपनी स्किल का उपयोग करके कम लागत व निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्वक कार्य करवाएं ताकि दीर्घकाल तक लोग उसका उपयोग कर सके। इसके अलावा अधिकारी इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि वे निर्माण कार्य स्थलों का निरीक्षण करते रहें तथा उपयोग होने वाली सामग्री की भी जांच करवाएं ताकि निर्माण कार्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार मजबूत बनें।


                निदेशक रमेश चंद्र बिढ़ाण शनिवार को स्थानीय पंचायत भवन में विकास एवं पंचायत विभाग व जिला परिषद के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला में चल रहे कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सीईओ जिला परिषद राजेश कुमार, कार्यकारी अभियंता पंचायती राज भरत सिंह बैनिवाल, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन सुखविंद्र सिंह सहित सभी बीडीपीओ, पंचायती राज विभाग के एसडीओ व जेई मौजूद थे।


                निदेशक रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि अधिकारी किसी भी विकास कार्य के पूर्ण होने पर उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र तुरंत भिजवाएं। सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन उपयोगिता प्रमाण पत्र इस बात का प्रमाण होता है कि अलॉट किया गया बजट विकास कार्यों पर खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जल्द ही निर्माण कार्यों की प्रगति की मोनेटरिंग करने के लिए जीयो टैगिंग शुरु की जाएगी, जिस पर कार्यों के शुरु होने, प्रगति के समय व कार्य सम्पन्न होने पर फोटो अपलोड करनी होगी। इससे निर्माण कार्यों की प्रगति की सही स्थिति का आंकलन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सीएम विंडो पर शिकायतें शुन्य हो। सीएम विंडो की सभी लंबित शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करें और शिकायतकर्ता को संतुष्टï करें। उन्होंने जिला में आंगनवाड़ी केंद्रों, शिवधाम व व्यायामशालाओं के निर्माण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य समयसीमा में पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि सीएम अनाउसमेंट के तहत कार्यों को तेजी से पूरा करें, अगर किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो सीधे उनसे बात करें। बैठक में श्री बिढ़ाण ने एनजीटी के तहत गांव मल्लेवाला व अमृतसरकलां में घग्घर एक्शन प्लान के तहत किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की।

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                उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा कि वे ईमानदारी व जिम्मेवारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तो अवश्य ही बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने सीईओ जिला परिषद से कहा कि तकनीकी स्टॉफ के लिए एक ओरियंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरु किया जाए, जिसमें उन्हें ई-ग्राम स्वराज पोर्टल व अन्य महत्वपूर्ण कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर पंचायत के विकास कार्यों से लेकर फंड तक सारी जानकारियां उपलब्ध होती है।


इन बिंदुओं पर की गहनता से समीक्षा :


                बैठक में निदेशक रमेश चंद्र बिढ़ाण ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल, नई आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण, विलेज वेलनेस सैंटर, घग्घर एक्शन प्लान, जिला परिषद के नए भवन की निर्माण प्रक्रिया, शिवधाम योजना के तहत प्रगति, व्यायामशालाओं के निर्माण, सीएम विंडो, मॉडल गोबरधन प्रोजेक्ट, ओडीएफ प्लस, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, घर-घर से कूड़ा उठाने, लिक्विड वेस्ट प्रोजेक्ट आदि बिंदुओं पर जिला में चल रहे कार्यों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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Felicitation of COVID-19 VOLUNTEERS

Chandigarh February 26, 2021

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Today, i.e. Feb 26th 2021, the Department of Alumni Relations, Panjab University has felicitated the  hidden unsung heroes of COVID-19. All these Volunteers passed out from different departments in different years from Panjab University.

There were a total of 24 volunteers from the diverse fields like medicine, law, health, social welfare for humans and  animals were honored for doing immense contribution during the lockdown and afterwards till date.

Prof Anupma Sharma, Dean, Department of Alumni Relations expressed her deep sense of gratitude to these volunteers for stepping out of their houses during the lockdown and afterwards.  She said that these volunteers had served the community at their best in the toughest of times. While appericiating these hidden unsung heroes for their invaluable contribution through their sincere act of commitment and passion is remarkable.

Gaurav Gaur, Programme Officer, NSS,  introduced all these stalwarts from their respective fields. He shared that a few of the Volunteers, who were honored worked in different hospitals during the time of lockdown, a few of them have been serving the community from almost a decade and so on.  There were a lot of passed out students from the Centre for Social Work, who had done an exceptional act of courage to save precious lives in COVID-19. The students who were honored included Dr Viney, Dr Guneet, Dr Deepak, Sanjeev, Harmandeep, Garima, Niyati Gulia, Nandini, Ramneet, Ritika, Shubham, Narendra, Ishpreet, Navdeep, Ishita Choudhary, Simran Kaur, Malvika and Manisha Sharma. 

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Dr Monica M Singh, Chairperson, Centre for Social Work Panjab University, Chandigarh also graced the occasion.

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PU, VC interacted with Superintendents

Chandigarh February 26, 2021

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Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University, Chandigarh interacted with Superintendents of  Establishment and Conduct Branch of  Administrative Block, Department of Laws, DSW and Dental College. The issues related to cleanliness in and around their work places, to follow SOP’s related Covid were discussed. PU,VC advised all to maintained social distancing and wear masks. He further instructed to avoid pendency of work and address to queries preferably through telephone. PU, VC assured of any kind of support in terms of infrastructure and man-power

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पारस अस्पताल पंचकूला में आधुनिक हार्ट वाल्व क्लीनिक शुरू

बिना सर्जरी के हार्ट वाल्व बदलने की आधुनिक तकनीक टीएवीआई बुजुर्ग मरीजों के लिए वरदान: डा. एच.के.बाली
भारत में 15 लाख मरीज दिल के वाल्व की खराबी से पीडि़त : डा. अनुराग शर्मा
बीमारी का समय पर पता लगने पर मरीज को मिल जाता है नया जीवन: डा. राणा संदीप

News7World:-

चंडीगढ़, 26 फरवरी ( ): पारस अस्पताल पंचकूला के दिल के रोगों के माहिर डाक्टरों की टीम ने हार्ट वाल्व की समस्या तथा बिना सर्जरी इलाज विषय पर मीडिया के साथ बातचीत की। इस संबंधी कार्डियक साइंस के चेयरमैन डा. एच.के.बाली, सीटीवीएस के डायरेक्टर राणा संदीप सिंह, एसोसिएट डायरेक्टर डा. अनुराग शर्मा, सीनियर कंस्लटेंट डा. गगनदीप सिंह, डा. कपिल चैटरी तथा प्रियंका गुप्ता ने संबोधन किया।

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डा. एच.के.बाली ने कहा कि दिल के वाल्व की समस्या या बीमारी के समय वाल्व बदला जाता है। उन्होंने बताया कि वाल्व बदलना एक आम डाक्टरी प्रक्रिया है, जिसमें एरोटिक वाल्व बदला जाता है। डा. बाली ने बताया कि कई बार बुढ़ापे में यह वाल्व सुकूड़ जाता है या मोटा हो जाता है। उन्होंने बताया कि पहले दिल का आप्रेशन (ओपन हार्ट सर्जरी) करके वाल्व बदला जाता था, जिस कारण बुजुर्ग मरीज यह आप्रेशन नहीं करवा सकते थे।


डा. बाली ने बताया कि एरोटिक वाल्व में समस्या के कारण मरीज के शरीर को कम रक्त पहुंचता है, जिससे सांस लेने, थकावट, छाती में दर्द तथा टांगों की सोजिश जैसे कई लक्ष्ण दिखाई देते हैं। उन्होंने बताया कि अब सर्जरी की जरूरत नहीं है, क्योंकि ट्रांस कैथेटिर एरोटिक वाल्व इम्पलांटेशन (टीईवीआई) या टीएवीआर आ गई है।


इसी तरह के इलाज में संक्रमण का भी कोई खबरा नहीं रहता है, दो-तीन दिन बाद मरीज को अस्पताल में से छुट्टी दे दी जाती है। डा. बाली ने बताया कि हमारे देश में इस तकनीक द्वारा एक साल में 600 मरीजों का इलाज किया जाता है, जबकि अमरीका में करीब 80 हजार लोगों का एक साल में इलाज होता है।

डा. अनुराग शर्मा ने कहा कि कुछ वर्ष पहले ही बहुत ज्यादा गंभीर मरीजों का इलाज टीएवीआई की तकनीक द्वारा किया जाता था, पर अब कम जोखिम वाले मरीजों के लिए भी इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह इलाज एंजियोग्राफी की तरह एक आर्टरी द्वारा किया जाता है। एंडोवेस्कूलर तकनीक के जरिए वाल्व तबदील किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस विधि से ट्रांस्पलांट के लिए डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है।

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दिल के रोगों के इलाज संबंधी विभाग (कार्डियो थोरोकिक एंड वेस्कूलर सर्जरी विभाग) में पारस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की सुविधाओं के बारे बताते हुए डा. राणा संदीप सिंह ने बताया कि दिल के वाल्व की स्थिति की जांच के लिए इको-कार्डियोग्राफी तथा डोपलर एक सरल तकनीक है, जो पारस अस्पताल में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि दूर-दराज के इलाकों करनाल, पानीपत, जम्मू, अमृतसर, संगरूर, बठिंडा से मरीज यहां वाल्व के इलाज के लिए आते हैं।