सिरसा, 12 मई।
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कोरोना महामारी में आमजन की सुविधा के मद्देनजर आवश्यक दवाओं की कालाबाजारी पर रोक लगाने के उद्ेश्य से हरियाणा सरकार के निर्देशानुसार खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा कोरोना के उपचार में प्रयोग होनी वाली दवाइयों के मूल्य निर्धारित किए गए हैं। दवाइयों की निर्धारित रेटों की सूची को मेडिकल हालों पर चस्पा कर दिया गया है।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि कोरोना संबंधी उपचार वाली दवाइयों के मूल्य तय होने से इनकी कालाबाजारी को रोकने में मदद मिलेगी और मरीजों के परिजनों को असुविधा नहीं होगी। दवाइयों की कालाबाजारी संबंधी शिकायत के लिए सिविल सर्जन या दवा नियंत्रण अधिकारी से संपर्क कर शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने दवा विक्रेताओं से कहा है कि वे सरकार द्वारा निर्धारित रेटों पर ही दवाइयों की बिक्री करें। दवाओं की कालाबाजारी, भंडारण, मुनाफाखोरी करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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इन दवाइयों के रेट किए निर्धारित :
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ïिवभाग की ओर से डौक्सीसिक्लिन 100 एमजी 0.91 पैसे प्रति टैबलेट, पैरासिटामोल 650 एमजी 15 टैब 1.73 रुपये प्रति टैबलेट, मिथाइल पै्रडनीसोलोन 16 एमजी 8.37 रूपये तथा 8 एमजी 4.79 प्रति टैबलेट, अजीथ्रोमाइसिन 500 एमजी 19.99 प्रति टैबलेट मूल्य निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा शेलकाल 500 एमजी (30 टैब), विटामिन (12 एमजी) ( वन टैबलेट), जिंक (15टैब), जिंक सी, आइवरवैक्टिन-12, जिंको, इवोडी-12 (वन टैब) तथा जिंकविट (15 पीसी) आदि दवाइयां एमआरपी प्रिंटिड मूल्यों पर बेची जा सकती है। उपायुक्त ने आमजन से अनुरोध किया है कि वे दवाओं की कालाबाजारी, भंडारण, मुनाफाखोरी की सूचना तुरंत उपायुक्त, संबंधित एसडीएम, सिविल सर्जन या दवा नियंत्रक अधिकारी को दें ताकि संबंधित दवा विके्रता के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।