कांग्रेस के स्टार प्रचारक बने भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस स्टार प्रचारक के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है। हाल ही में तीन राज्यों में दौरे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भूपेश बघेल को अपने साथ ले गए और वहां से इसका आगाज कर दिया है। वहां उन्होंने छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के एक माह में किए गए कार्यों की मिसाल पूरे देश में प्रस्तुत कर कांग्रेस के वादा निभाने को लेकर, कई तरह के दावे चुनाव के मद्देनजर प्रस्तुत किए हैं।

2 और 3 फरवरी को उत्तरप्रदेश के बाराबांकी और बिहार के पटना में जिस तरह से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है, उसे देखते हुए राहुल गांधी श्री बघेल को लोकसभा चुनाव के स्टार प्रचारक में शामिल करने जा रहे हैं। दोनों सभाओं में बघेल के आक्रामक शैली के भाषण को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष उन्हें बुधवार को ओडिशा हाेने वाली आमसभा में लेकर गए।

उन्होंने गांधी परिवार के बारे में जो कहा, वह एक प्रकार से ओडिशा के लोगों के लिए बड़ी बात है। वहां उन्होंने अपनी शैली में बिहार के पटना में हुई आमसभा में भी राहुल गांधी होने का मतलब वहां की जनता को बखूबी समझाया। बताते हैं कि बघेल के भाषण के बाद बिहार के स्थानीय कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह भी दिखा।

उनके इस अंदाज को भुनाने की कोशिश में कांग्रेस हिन्दी भाषी प्रदेशों में भूपेश बघेल को आजमाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उनकी आक्रामक रणनीति को देखते हुए राहुल गांधी ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं।

यह भी कहा जा रहा है कि राजस्थान में अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफी वरिष्ठ होने के बावजूद राहुल ने भूपेश पर दांव खेला है, उससे यही लग रहा है कि छत्तीसगढ़ के साथ इससे लगे सीमावर्ती सात राज्यों में उनकी भूमिका बहुत अहम रहेगी।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद कांग्रेस सरकार ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है। तीनों राज्यों के चुनाव में दो तिहाई से अधिक बहुमत छत्तीसगढ़ में ही मिला। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद यहां ध्यान दे रहे हैं।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सबसे पहले एआईसीसी के द्वारा प्रदेश के महासचिवों की एक आवश्यक बैठक 7 फरवरी को नई दिल्ली में बुलाई गई है।


असंगठित क्षेत्र के कामगारों का जल्द बनेगा पेंशन कार्ड

नई दिल्ली: वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन के ऐलान के बाद से वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने मिलकर योजना की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है।

सूत्रों के जरिए मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सरकार इन कामगारों के लिए एक पेंशन रजिस्ट्रेशन नंबर वाला कार्ड जारी कर सकती है। इसके जरिये न सिर्फ उनके पेंशन का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, बल्कि दूसरी उस कैटेगरी की दूसरी सुविधाएं जैसे स्वाथ्य बीमा जैसी चीजें भी मिल जाया करेंगी।


मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पेंशन योजना का फायदा लेने वाले व्यक्ति के पास एक बैंक अकाउंट होना जरूरी होगा। साथ ही उस बैंक अकाउंट का पिछले 3 महीने का स्टेटमेंट भी देना होगा। पेंशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का जिम्मा लाइफ इंश्योरेंश कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के कंधों पर डालने की योजना है। हालांकि देशभर में एक साथ इस योजना लागू करने के दौरान शुरुआती दिनों में सभी बैंक शाखाओं और पोस्ट पेमेंट बैंक के काउंटर्स की भी मदद ली जा सकती है।

योजना का फायदा कोई अपात्र व्यक्ति न उठा ले इसके लिए भी सरकार बाकायदा व्यवस्था बना रही है। कामगार के जरिये सेल्फ डिक्लेरेशन में दी गई जानकारी गलत पाए जाने पर उसका अकाउंट तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफधोखाधड़ी की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अकाउंट में दोहरीकरण से रोकने और सुरक्षा के लिहाज से मजबूत बनाने के मकसद से उस अकाउंट को आधार से भी जोड़ा जाएगा। इसी अकाउंट में व्यक्ति अपना योगदान देगा और उसी अनुपात में सरकार का भी योगदान रहेगा। स्कीम के अनुसार 18 वर्ष के कामगार को 55 रुपये महीने और 29 साल के व्यक्ति को 100 रुपये महीने की राशि जमा करनी होगी। इतनी ही राशि उसके खाते में सरकार की तरफ से आएगी। व्यक्ति के 60 साल के होने के बाद 3000 रुपये मासिक पेशन मिलेगी। बाकी उम्र के लोगों के लिए उसी अनुपात में रकम घट या बढ़ सकती है।

हालांकि अभी इस योजना में अभी मंथन का दौर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सरकार अभी इस बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है कि यदि व्यक्ति कुछ महीने अपना योगदान देने की स्थिति में नहीं रहता है तो उसकी पेंशन का क्या होगा और अकाउंट किन हालातों में चालू रखा जा सकेगा। रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, घर बनाने वाले मजदूर, कूड़ा बिनने वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार जैसे अनेक कामों में लगे हुए लोगों को इसका फायदा दिया जाएगा।

चंडीगढ़ में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स और कारों का पंजीकरण बढ़ रहा है

चंडीगढ़ चंडीगढ़ में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स और कारों का पंजीकरण हर साल 2018 में पंजीकृत होने के साथ 17,293 बढ़ रहा है, जबकि 2016 और 2017 में यह आंकड़े क्रमशः 15,911 और 16,835 थे। ये आंकड़े सोमवार को चंडीगढ़ पुलिस द्वारा जारी रोड क्रेश्स -2018 की एक रिपोर्ट का हिस्सा थे।

पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण (आरएलए), चंडीगढ़ द्वारा प्रदान किए गए आंकड़े बताते हैं कि एसयूवी श्रेणी की कारों / जीपों का सबसे कम पंजीकरण 2016 में 15,911 में बताया गया था। आरएलए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, चंडीगढ़ में पंजीकृत वाहनों की संख्या बढ़ रही है। दोपहिया वाहनों के बाद, चंडीगढ़ में कारों / जीपों का पंजीकरण सबसे अधिक है। हालाँकि, हम चंडीगढ़ में अपने वाहनों को पंजीकृत करवाने वाले पड़ोसी क्षेत्रों के निवासियों की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। हमारे पास पंजीकरण पर कर के केवल दो स्लैब हैं – उन वाहनों पर छह प्रतिशत, जिनकी लागत 20 लाख रुपये तक है और अधिक लागत वाले लोगों के लिए आठ प्रतिशत है। पंजाब और हरियाणा में, स्लैब को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2013 में वाहनों के समग्र पंजीकरण में भारी कमी दर्ज की गई थी, जिसमें दोपहिया, चार पहिया, तीन पहिया और माल वाहन शामिल थे। 2012 में, आरएलए चंडीगढ़ के साथ वाहनों का कुल पंजीकरण 51,259 था, जबकि 2013 में, यह 45,013 था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2001 से 2018 के बीच चंडीगढ़ में कुल 6,83,917 वाहन पंजीकृत किए गए।

रात 12 बजे के बाद ठेके पर शराब बेची तो लाइसेंस होगा रद : चंडीगढ़

चंडीगढ़ : यूटी प्रशासन द्वारा बनाई गई लॉ एंड ऑर्डर कमेटी की मंगलवार को एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस हेडक्वार्टर में मीfटग हुई। इस दौरान तय समय के बाद ठेकों पर शराब बेचने वालों के लाइसेंस कैंसल करने के साथ कई अहम मुद्दों पर ऑर्डर पास किया गया। इस संबंध में यूटी पुलिस की ओर से जल्द ही एक्साइज डिपार्टमेंट को लेटर लिखा जाएगा। एसएसपी नीलांबरी विजय जगदाले के नेतृत्व में कमेटी ने शहर में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर मीfटग की। इस दौरान तीनों डिविजन के डीएसपी, सीआइडी डीएसपी रामगोपाल समेत कमेटी के मेंबर मौजूद थे। ऑर्डर पास किया गया कि शहर के पब, बार और डिस्कोथेक 12 बजे के बाद नहीं खुलेंगे। ऐसा करने पर उसके ऑनर का लाइसेंस रद किया जाएगा। इसके साथ शराब सर्व करने वाले डिस्कोथेक, पब और बार में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की एंट्री नहीं की जाएगी। ऐसा करने पर ऑनर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

किसानों को भूमिहीन बनाया, भाजपा ने दिया भ्रष्टाचार मुक्त शासन

किसानों को भूमिहीन बनाया, प्रदेश सरकार सबका साथ-सबका विकास व हरियाणा एक-हरियाणवीं एक की सोच पर काम कर रही है। यह बात उन्होंने कलानौर विधानसभा क्षेत्र के गांव बालंद में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। सहकारिता मंत्री ने कबूलपुर, करौथा, शिमली, रिटौली, मायना में आयोजित कार्यक्रम में शिरक्त की और दस फरवरी की मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रस्तावित रैली का ग्रामीणों को न्यौता दिया। उन्होंने ग्रामीणों का मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यों का आंकलन करने के बाद कोई भी निर्णय लेने का आह्वान किया है।

किसानों को भूमिहीन बनाया, सहकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पारिवारिक हिस्से में तीन एकड़ जमीन आई थी जिसमें से उन्होंने एक एकड़ जमीन पहले ही दान कर दी है। जबकि दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चैधर का नारा देेकर किसानों की जमीन सस्ते दामों पर खरीदकर उससे रियलेस्टेट व सोनिया गांधी के दामाद रॉबार्ट वाड्रा के हाथों मंहगे दामों पर बेच दिया। आज भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास बेथाह संपति है और इन्ही कारणों के चलते ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बार-बार न्यायालय में हाजिर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को लूटने वाला कोई भी व्यक्ति बच नहीं पायेगा।

किसानों को भूमिहीन बनाया, उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार ने सवा चार वर्ष के कार्यकाल में 50 हजार विभिन्न पदों पर नियुक्तियां प्रदान की। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने हर वर्ग के लिए अनेक योजनाए लागू की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीबों के लिए काम कर रहे है इसलिए ही सारा विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट हो गया है। सरकार के हरेक कार्य में पारदर्शिता है और सरकार का पूरा काम काज वेबसाईट पर उपलब्ध है।

मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला, बिल्डरों को बेची थी जमीन

मनेसार भूमि घोटाला मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोहरा बुधवार को पंचकुला में सीबीआई स्पेशल कोर्ट के सामने पेश हुए। सुनवाई में आज आरोपी अतुल बंसल के कोर्ट में न पहुंचने के चलते आज भी नहीं हुई कोई कार्यवाही। कोर्ट ने अब मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 फरवरी दी है। सनद रहे की इससे पहले मई में सीबीआई कोर्ट ने भूपिंदर सिंह हुड्डा को राहत देते हुए करोड़ों रूपये के मनेसार ज़मीन घोटाले में उन्हे जमानत दी थी।

मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला मामलें में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज कपिल राठी की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जिसमे हुडडा के अलावा एमएल तायल, छतर सिंह, एसएस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों के खिलाफ चार्ज शीट में नाम आया है। मानेसर जमीन अधिग्रहण घोटाला को लेकर सीबीआई ने हुड्डा सहित 34 के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।

एबीडबल्यू बिल्डर्स के अतुल बंसल की अनुपस्थिति ने कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित करवाया। सनद रहे अतुल बंसल मनेसार ज़मीन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं। आरोपी अतुल बंसल पिछली पेशी में भी अदालत में पेश नहीं हुए थे, जिस कारण उनके नॉन बेलेबल वारंट निकले गए थे। आज फिर अतुल बंसल के खिलाफ नॉन बेलेबले अरैस्ट वारंट जारी किए गए हैं, 

दरअसल, हरियाणा के गुरुगरम जिले के मनेसार में ज़मीन घोटाले के मामले में सीबीआई ने इस वर्ष फरवरी में हुड्डा,वरिष्ठ नौकरशाहों व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज़ किया था। चार्जशीट में वरिष्ठ नौकरशाह छत्तर सिंह,, एस एस ढिल्लों और गुरुगरम की रियल इस्टेट कंपनी एबीडबल्यू बिल्द्र्स के प्रोमोटर अतुल बसन को शामिल किया गया था। तीनों अधिकारी हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावशाली प्रमुख सचिव थे। सीबीआई ने सितंबर 2015 में इस संबंध में मामला दर्ज़ किया था। आरोप था की निजी बिलदारों ने हरियाणा सरकार के साथ मिलीभगत कर गुरुगरम जिले के मनेसार, नौरंगपुर, लखनौला गांवों में किसानों और ज़मीन के मालिकों से 400 एकड़ ज़मीन बहुत कम दामों में खरीदी।

     उस समय बेची गयी ज़मीन की कीमत 1600 करोड़ रुपये थी, लेकिन बिल्डरों ने इसे मात्र 100 करोड़ रुपए में खरीद लिया। यह ज़मीनें अगस्त 2004 से अगस्त 2007 के बीच खरीदी गईं। मुख्यमंत्री हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार मार्च 2005 से अक्तूबर 2014 तक हरियाणा में सत्ता में थी। सीबीआई का आरोप है की एबीडबल्यू बिल्द्र्स ने कांग्रेस के कार्यकाल में ज़मीन खरीदने का षड्यंत्र रचा।  

अमित शाह से सपा, बसपा, कांग्रेस : राम मंदिर पर अपना रुख साफ करें

अलीगढ़/ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस से राम मंदिर के मुद्दे पर अपना रुख साफ करने को कहा। शाह ने यहां एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा चाहती है कि भगवान राम का भव्य मंदिर उसी स्थान पर बनाया जाए जहां उनका जन्म हुआ हो। उन्होंने कहा, “भाजपा का रुख स्पष्ट है कि अयोध्या में राम मंदिर उसी स्थान पर बनेगा। सपा, बसपा और कांग्रेस को अपना रुख साफ करना चाहिए कि वे राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं या नहीं।”

केंद्र ने मंगलवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास में विवादित हिस्से के आसपास “अतिरिक्त” भूमि को बहाल करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सरकार ने एक याचिका में 67 एकड़ जमीन को वापस लेने के निर्देश दिए, जो उसने करीब ढाई दशक पहले हासिल की थी, जिससे वह 0.313 एकड़ विवादित भूमि से अछूती रह गई थी।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पिछले आठ साल से शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है। लंबे समय से, मामले में पक्ष और विभिन्न दक्षिणपंथी संगठन मामले में जल्द या दिन-प्रतिदिन की सुनवाई के लिए पूछ रहे हैं।

2017 में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, जो सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने लोकसभा चुनाव पूरा होने तक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुनवाई स्थगित करने की याचिका दायर की थी।

चंडीगढ़ : सेक्टर-22 की मार्केट में भटककर अचानक एक बारहसिंगा पहुंच गया

चंडीगढ़: मार्केट सेक्टर-22 में भटककर अचानक एक बारहसिंगा पहुंच गया। बारहसिंगा को देखकर लोगों में अफरा तफरी मच गई। वहीं, कई लोग बारहसिंगा को कैमरे में कैद करने लगे। शोरगुल से परेशान बारहसिंगा इस शो रूम के आगे से उस शो रूम के आगे तक जाता रहा। खुद को बचाने के लिए वह वाहनों के पीछे भी छिपा !

इसी दौरान फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट को सूचना दी गई। वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की टीम भी जाल लेकर उसे पकड़ने के लिए पीछे दौड़ती रही। कई बार जाल बारहसिंगा के ऊपर फेंका गया, लेकिन वह नहीं पकड़ में आया। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद टीम बारहसिंगा को काबू कर पाई। इसके बाद उसे सुखना कैचमेंट एरिया के जंगल में छोड़ दिया गया। वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की टीम ने बताया कि लोगों को ऐसी स्थित में धैर्य रखते हुए  जानवरों को परेशान नहीं करना चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय : ‘क्यों राजीव कुमार को CBI के सामने नहीं आना चाहिए?’

CBI की कार्रवाई को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ममता का धर्मतल्ला के मेट्रो चैनल पर चल रहा धरना तीसरे दिन भी जारी है. उधर इस मामले में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने साफ-साफ कहा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष पेश होना होगा. कोर्ट ने कहा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार तटस्थ स्थान (न्यूट्रल प्लेस) शिलॉन्ग में सीबीआई के समक्ष पेश होंगे.

मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई गोगोई ने साफ कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के समक्ष पेश होना होगा लेकिन सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी. साथ ही सीजेआई ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से कोर्ट के अवमानना मामले में जवाब भी मांगा है. इसके साथ ही सीजेआई ने कहा है कि पुलिस कमिश्नर और राज्य के चीफ सेक्रेटरी भी अवमानना मामले में कोर्ट को जवाब दें.

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल जिरह कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस तरह की पेमेंट दी गई है वह संदेहास्पद है. उनका कहना है कि पेमेंट चेक से हुई हैं. सीबीआई ने इस मामले सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त दस्तावेज सौंपे हैं. सीबीआई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में वह और दस्तावेज जमा करना चाहते हैं लेकिन वे सीलबंद लिफाफे में इसे सौंपेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम ममता बनर्जी सरकार की बातें सुनेंगे. कोर्ट ने आगे कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्न को सीबीआई के सामने पेश होना चाहिए, ताकि जांच एजेंसी पूछताछ कर सके. चीफ जस्टिस ने पूछा, क्यों राजीव कुमार को CBI के सामने नहीं आना चाहिए? सुप्रीम ने कहा, हमारे प्रस्तावित ऑर्डर में पश्चिम बंगाल की सरकार को क्या आपत्ति है?

ममता बनर्जी सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे. सिंघवी ने कहा कि राजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं हुआ. अभी तक तीन समन जारी किए गए थे. सीबीआई की तरफ से कोई फॉर्मल ऑर्डर नहीं आया था.

ऑटो मार्केट प्लॉट वितरण मामला

सिरसा : ऑटो मार्केट में प्लॉट वितरण में हुए घोटाला मामले में सिरसा कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस मामले में आरोपी नगर परिषद् के तत्कालीन प्रशासक बीबी कौशिक, तत्कलीन कार्यकारी अधिकारी नेकी राम और लिपिक सतपाल को 3-3 साल की सजा और 17-17 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है. ये फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जरनैल सिंह की कोर्ट ने सुनाया है. फ़िलहाल आरोपियों को जमानत भी मिल गई है.

दरअसल हरियाणा सरकार की ओर से शहर की ऑटो कम कमर्शियल मार्किट में ऑटो व्यवसाइयों को प्लॉट वितरित किये जाने थे. शर्त यह थी की 279 प्लॉट को नगर पालिका खुली नीलामी द्वारा बेचेगी, जबकि 703 प्लॉट बिना लाभ हानि पर अलॉट किये जाने थे और ये प्लाट उनको दिए जाने थे जो ऑटो व्यवसाय से जुड़े हो.

सन 1995 में विजिलेंस को एक शिकायत प्राप्त हुई जिसमे कहा गया इस प्लॉट वितरण में घोटाला हुआ. मामले की जांच विजिलेंस ने की और जांच में सामने पाया की 400 से अधिक प्लॉट अपनी शक्तियों से बाहर जाकर मिलीभगत करते हुए अलॉट किये. इस मामले में प्रभावशाली नेता के दबाव में आकर अधिकारियों ने प्लॉट आबंटित किये. जांच में पाया गया की ये प्लाट नियम शर्तो को दरकिनार करते हुए अपने निजी लोगो को दिए गए. इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया और आज इतने लम्बे समय बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.सरकारी वकील पीआर शर्मा ने बताया कि ऑटो मार्किट में प्लॉट वितरित करने के मामले में धोखाधड़ी की गई थी जिसकी विजिलेंस जांच में इन तीनों को आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद आज कोर्ट ने तीनों को तीन तीन साल की सजा सुनाई है साथ ही इन तीनों को 17 – 17 हजार का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि कोर्ट ने तीनों को मुचलके पर जमानत दे दी है