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Day 3 of the CALEM Workshop at PU

Chandigarh May 22, 2019

The third day of the seven days National workshop on Qualitative Research Methods in Social Sciences with focus theme Equity and Social organised by CALEM, Department of Education, Panjab University, Chandigarh today had deliberations on gender issues and complexity in studying attitudes and perspectives in qualitative research.

Prof. Rajesh Gill from Department of Sociology, Panjab University, Chandigarh in first session dwelled on unfolding the social realities in context of gender with her experiences. She deliberated on how women are invisible in the present research space and challenges that a social scientist encounters while trying to unfold their life realties.

 Dr. Latika Gupta from Central Institute of Education, University of Delhi in her first session posited examples to explain the methodological complexities in studying attitudes and perspectives.  With the evidence from her study she highlighted how the voices are being captured through projective techniques.

 In second session hermeneutic analysis was explicated where participants had opportunity for hands-on activities.

Earlier, Dr. Kuldeep Kaur, Program & CALEM Co-coordinator introduced the resource persons.

The sessions were interactive as participants shared their experiences and incited many queries.

The third day was concluded with vote of thanks to the resource persons by Prof. Satvinderpal Kaur, Program Coordinator.

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जिला विधिक सेवा प्राधिरण द्वारा आज एडीआर सेंटर न्यायिक परिसर पंचकूला में मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया

पंचकूला, 22 मई-

जिला विधिक सेवा प्राधिरण द्वारा आज एडीआर सेंटर न्यायिक परिसर पंचकूला में मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। विधिक सेवा प्राधिरण के पैनल के अधिवक्ताओं के लिये आयोजित यह कार्यशाला पंजाव एवं हरियाणा उच्च न्यायलय हरियाणा द्वारा मानव तस्करी रोकने के लिये मानवता बिक्री के लिये नहीं है परियोजना के तहत की गई। 

मुख्य न्याय दंडाधिकारी विवेक गोयल ने इस मौके पर बताया कि इस परियोजना के तहत मानव तस्करी और वााणिज्यिक यौन शोषण के पीडितों को कानूनी सहायता, सरंक्षण तथा पूनवार्स के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि योजना का मुख्य उदेश्य समाज से ऐसे बुरे तत्वों को हटाना है जो महिलाओं और बच्चों की तस्करी की गतिविधियों में शामिल है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इसके लिये अपने स्तर पर अन्य विभागों का सहयोग भी ले सकते है ताकि इस परियोजना को प्रभावी और सार्थक रूप से जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके । उन्होंने बताया कि इस परियोजना के माघ्यम से विदेशों से लडकियों का आयात,नाबलिग लडकियों की प्रकिया,वेश्यावृति के लिये नाबालिगों की खरीद,बिक्री व आवागमन  जैसी गतिविधियों से जुडे कानूनी मुददों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिये सरकारी तंत्र में उपलब्ध सुविधाओं व योजनाओं के बारे में जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि मई मास के दौरान 27 मई से 31 मई तक जीतपुरा, बरवाला, बरोनाखुर्द, टिब्बी माजरा, बरसौला, भोज थारटी, इंदिरा कलोनी और खरक मंगोली गांवों में ये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को मानव तस्करी रोकने और बाल यौन उत्पीड़न की समस्या से निपटने के कानूनी प्रावधानों व इस समस्या से पीड़ितों के पुर्नवास की योजनाओं की जानकारी दी जायेगी।

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परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने कहा कि प्राकृतिक संतुलन के लिये पेड़ पौधों के साथ साथ जीव जंतुओं का संरक्षण भी जरूरी

पंचकूला, 22 मई-

परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने कहा कि प्राकृतिक संतुलन के लिये पेड़ पौधों के साथ साथ जीव जंतुओं का संरक्षण भी जरूरी है। 

श्री धनपत सिंह आज राज्य जैव विविधिकरण बोर्ड द्वारा वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण विभाग के सहयोग से मोरनी के नजदीक थापली में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीव जंतुओं और पेड़ पौधों का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में पाये जाने वाले गोरिया पक्षी गत वर्षाें से लगातार कम होते जा रहे है और इस प्रकार के जीव जंतुओं को जटायु संरक्षण की तर्ज पर संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति में जीव जंतुओं के महत्व से जुड़े विभिन्न संस्मरण भी बताये। 

इस अवसर पर गुलशन कुमार अहुजा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि वर्ष 2000 से प्रति वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इसके लिये राष्ट्रीय स्तर पर नैशनल जैव विविधता आॅथरिटी का गठन भी किया गया है और हरियाणा में राज्य जैव विविधता बोर्ड गठित किया गया है। इन प्रयासों का उद्देश्य जीव जंतुओं, कीट पतंगों और मछलियों व अन्य समुंद्री जीवों की घटती हुई संख्या के प्रति मानव जाति को जागरूक करना है। 

इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक वीएस तंवर ने बच्चों को प्रेरित किया कि वे प्रकृति और जीवों के संरक्षण में सहयोग का संकल्प लें। इसी प्रकार अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक विनोद कुमार ने जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं और पर्यावरण परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की।

कार्यक्रम में दिल्ली और चंडीगढ़ से आये विख्यात चित्रकारों ने अपनी चित्रकला के माध्यम से जैव विविधता पहलुओं का प्रभावी चित्रण किया। इस मौके पर स्कूली छात्राओं को शामिल करके चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की। स्कूली बच्चों ने लघु नाटिका व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जैव विविधता के महत्व की जानकारी दी। प्रतिभागी चित्रकारों और विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में गुलशन कुमार अहुजा के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक वीएस तंवर, हरियाणा एग्री इंडस्ट्री के प्रधान मुख्य वन संरक्षक जगदीश चंद्र, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक विनोद कुमार, वन एवं वन्य प्राणी विभाग के सचिव सुरेश दलाल, मुख्य वन संरक्षक एमएल राजवंशी, श्याम सुंदर, शिव सिंह, धर्मबीर सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

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हर विधानसभा क्षेत्र में 5-5 मतदान केंद्रों के वीवीपैट की पर्चियों की होगी गिनती- मुख्य चुनाव अधिकारी

पंचकूला, 22 मई

हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि पहली बार लोकसभा चुनाव की मतगणना में वीवीपैट के आॅडिट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम से मतगणना उपरांत 5-5 मतदान केंद्रों की वीवीपैट की पर्चियों की गिनती की जायेगी। इसके लिये प्रत्येक मतदान केंद्र पर सुरक्षित और पारदर्शी पीजन हाॅल बनाये गये है। उन्होंने बताया कि यह पीजन हाॅल जालीदार है ताकि पारदर्शी तरीके से सभी उम्मीदवारों के ऐजेंट पर्चियों की गिनती की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से देख सके।

पंचकूला में मतगणना केंद्रों का निरीक्षण करते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी राजीव रंजन व उपायुक्त डाॅ0 बलकार सिंह।

श्री रंजन ने यह जानकारी आज पंचकूला के सेक्टर-14 में कालका विधानसभा क्षेत्र और सेक्टर-1 में पंचकूला विधानसभा क्षेत्र के लिये बनाये गये मतगणना केंद्रों के निरीक्षण उपरांत दी। इस मौके पर उनके साथ उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 बलकार सिंह, एसडीएम पंकज सेतिया, कालका एसडीएम श्रीमती मनीता मलिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि मतगणना 23 मई को प्रातः 8 बजे से आरंभ की जायेगी और प्रत्येक मतगणना केंद्र पर 14-14 टेबल लगाये गये है। उन्होंने कहा कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिये निर्वाचन आयेग द्वारा प्रत्येक मतगणना केंद्र पर एक एक पर्यवेक्षक भी तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि वीवीपैट के माध्यम से पांच मतदान केंद्रों की पर्चियों की गणना के कारण इस बार मतगणना के कार्य में अधिक समय लगेगा और गत चुनावों की तुलना में चुनाव परिणाम देरी से आयेंगे।

उन्होंने दोनों मतदान केंद्रों पर तैनात किये गये स्टाफ, ईवीएम की सुरक्षा, मतगणना अवधि के दौरान किये गये सुरक्षा प्रबंधों सहित मतगणना कार्य से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। उन्होंनें जिला प्रशासन द्वारा मतगणना के लिये किये प्रबंधों पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने मतगणना के लिये चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों पर भी अधिकारियों से चर्चा की। 

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मतगणना स्टाफ को दिया गया प्रशिक्षण

पंचकूला 22 मई

लोकसभा चुनाव के लिये हुये मतदान की मतगणना करने के लिये तैनात किये गये अधिकारियों और कर्मचारियों को आज लोक निर्माण विश्राम गृृह में प्रशिक्षण दिया गया। मतगणना पर्यवेक्षक अमरीश कुमार श्रीवास्तव व सत्यप्रकाश की उपस्थिति में दिये गये इस प्रशिक्षण में एस.डी.एम पंकज सेतिया और कालका की एस.डी.एम श्रीमती मनिता मलिक ने आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस मौके पर मतगणना स्टाफ की रैंडमनाईजेशन भी की गई और स्टाफ को बताया गया कि उनकी ड्यूटी किस विधानसभा मतगणना केंद्र पर है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिये प्रत्येक मतगणना केंद्र के लिये पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये है। 

एस.डी.एम पंकज सेतिया ने उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि व मतगणना सम्बधित सभी पहलुओं की जानकारी प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतांे का पालन करते हुये, मतगणना के कार्य को पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ करंे। उन्होंने कहा कि सभी मतगणना सुपरवाईजर, सहायक और माईक्रो पर्यवेक्षक अपने कार्य को पूरी तरह से आश्वस्त होकर करंे तथा जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की समस्या के लिये सहायक रिटर्निग अधिकारी से सम्पर्क करंे। उन्होंने कहा कि मतगणना के लिये तैनात किये गये सभी अधिकारी और कर्मचारी प्रातः 5 बजे मतगणना केंद्र पर पहुंच जाये।

उन्होंने कहा कि मतगणना के लिये एक टेबल पर सुपरवाईजर, एक सहायक और एक माईक्रो आॅबर्जवर की ड्यूटी लगाई गई है। मतगणना बूथ अनुसार होगी और मतगणना केंद्र में निर्वाचन आयोग व सहायक रिटर्निग अधिकारी द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश करने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ई.वी.एम से परिणाम लेने के बाद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच-पांच वी.वी.पैट के माध्यम से पर्चियों की भी गणना की जायेगी। उन्होंने कहा कि मतगणना ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को भी मोबाईल सहित कोई भी सामान साथ ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इस मौके पर नगराधीश गगनदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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पतंजलि योग समिति ने सेक्टर 42सी के पार्क में छ: दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया

पतंजलि योग समिति ने सेक्टर 42सी के पार्क में छ: दिवसीय योग शिविर (प्रात: 5 से 6.30 बजे) का आयोजन किया| इस योग शिविर में रोग अनुसार आसान और प्रणायाम तथा आहार की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी| जिससे कि हम आज के व्यस्त जीवन में योग के माध्यम से कैसे रोगों से मुक्त रह सकते है| इस शिविर की जानकारी प्रदान करते हुए सोशल मीडिया राज्य प्रभारी तेजपाल सिंगल जी बताया कि आज लगभग 60 योग साधकों ने मिलकर योग आसान एवं प्रणायाम का अभ्यास किया | आज के योग सत्र में योगिक जोगिंग, आसान एवं प्राणायाम का अभ्यास आदरणीय श्री ईश्वर कुमार जी ने बहुत ही सुंदर ढंग से करवाया|  इसी दौरान पतंजलि योग समिति चंडीगढ़ के राज्य प्रभारी श्री विनोद भारद्धाज जी ने हस्त मुद्राओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की |

इस उपलक्ष्य पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य आर.आर. पासी जी भी उपस्थित रहे तथा सुधीर आर्य एवं महेंद्र नाथ पांडेय जी ने साधकों के पास जाकर उन्हें योग अभ्यास क्रम के बारे में अवगत करवाया और योग शिविर में निरंतर अभ्यास करने की प्रेरणा दी।

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हुआवेई पर लगाई गई रोक के फैसले को फिलहाल 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया

अमेरिका के अधिकारियों ने चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी हुआवेई पर लगाई गई रोक के फैसले को फिलहाल 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

उनका कहना है कि यह स्थगन बड़े पैमाने पर होने वाली उठापटक से बचने के लिए दिया गया है।

ट्रंप प्रशासन के वाणिज्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि यह स्थगन अस्थाई है और इससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कंपनी पर लगाई गई रोक के फैसले में कोई बदलाव नहीं आएगा।

ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से अमेरिका और चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों पर गहरा प्रभाव होगा। इसके बदले वह हुआवेई को अस्थाई लाइसेंस प्रदान करेगा जिससे कि वह अमेरिकी कंपनियों के साथ व्यावसाय को जारी रख सकें।

वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा कि अस्थाई सामान्य लाइसेंस से आपरेटरों को व्यवसाय जारी रखने के लिये दूसरी व्यवस्था करने का समय मिल जाता है और विभाग जरूरी सेवाओं के लिये हुआवेई के उपकरणों पर निर्भर अमेरिकी और विदेशी दूरसंचार कंपनियों के लिये उपयुक्त दीर्घकालिक उपाय कर सकेगा। 

संक्षेप में कहा जाए तो यह लाइसेंस दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को मौजूदा हुआवेई मोबाइल फोन और ग्रामीण ब्रांडबैंड नेटवर्क को जारी रखने की सुविधा देगा।

उधर, हुआवेई के संस्थापकों ने बीजिंग में कहा है कि अमेरिका कंपनी की ताकत को कम आंक रहा है। हुआवेई के संस्थापक रेन झेंगफई ने कंपनी पर रोक लगाने के अमेरिका के प्रयासों के समक्ष कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि अमेरिका कंपनी की ताकत को कम आंक रहा है।

सीसीटीवी के मुताबिक रेन ने कहा कि अमेरिका के राजनीतिज्ञों के मौजूदा व्यवहार से लगता है कि वह हमारी ताकत को कम आंक रहे हैं।

रेन ने कहा कि हुआवेई के 5जी पर कोई असर नहीं होगा। जहां तक 5जी प्रौद्योगिकी की बात है अगले दो से तीन साल तक कोई हुआवेई के बराबर नहीं पहुंच पायेंगे।

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Panjab University, Chandigarh held a meeting today regarding concrete structures around the palm trees and to propose an alternate solution.

Chandigarh May 21, 2019 

 A Sub Committee under the Chairmanship of Prof Shankarji Jha, Acting Vice Chancellor and Dean of University Instruction, Panjab University, Chandigarh held a meeting today regarding concrete structures around the palm trees and to propose an alternate solution. 

The members of the Sub Committee which included Prof. R.K, Singla, Dean 
Research, Prof Devinder Singh, SVC, Chairperson, Deptt of Zoology and Geology, Prof M.C.Sidhu, Dept of Botany, Dr. Madhuri Rishi, Dept of Environment Studies, ExecutiveEngineer-l,  D.E. (Horticulture) and A.E. (Horticulture),  visited the site to examine the issues raised by the PUTA and students regarding the concrete structures around the palm trees.

The Sub Committee informed that the work of concrete structure being built around the palm trees adjoining the Gandhi Bhawan and the road leading to Arts Block-3 has been stopped immediately and the debris have been removed.

 It was unanimously resolved that no new concrete structure around the trees would be created. Also,  the structures created around the plants on the road leading up to Main Library round-about would  be beautified by planting shrubs around it. 

 It was resolved to dispense with the fountains as proposed earlier. The 
structure already built would be beautified by planting shrubs with focused Lights.

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Professor Emeritus Jitendra Mohan, Panjab University Chandigarh has been invited to be a guest of honour and keynote speaker by President Lars-Eric Unestahl

Chandigarh May 21, 2019 

 Professor Emeritus Jitendra Mohan, Panjab University Chandigarh has been invited to be a guest of honour and keynote speaker  by President Lars-Eric Unestahl for the 8th World Congress on Mind Training for Excellence in Sport & Life being held in Gavle University SWEDEN from  12th June to 17th June 2019.It  is organised by International Society of Mental Training for Excellence. Earlier Congress was held in 
Panjab University Chandigarh INDIA in 2015.  Professor Mohan will speak on Mindfulness & Excellence. In addition he is director of a Symposium on Recent Advances in Mental  Training & Well-being in which Professor Meena Sehgal, Dr Shruti Shourie, Dr Guneet Inder and Dr Zahra Jafri will make presentations. Professor Jitendra Mohan is the immediate past President of International Society of Mental Training for Excellence. 
About 400 trainers, psychologists, medical professionals and young sports 
psychologists will be participating in this Congress. 

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Social Justice and Ethical Issues through the Lens of Qualitative Research

Chandigarh May 21, 2019 

Social Justice and Ethical Issues through the Lens of Qualitative Research
        The second day of the seven days National workshop on Qualitative Research Methods in Social Sciences with focus theme Equity and Social Justice from May 20 -29, 2019, organised by Centre for Academic Leadership & Education Management (CALEM), Department of Education, Panjab University, Chandigarh under Pandit Madan Mohan Malaviya National Mission on Teachers and Teaching (PMMMNMTT) scheme of MHRD witnessed sessions by Dr. Pradeep Kumar Chaudhary from Zakir Hussain Centre for Educational Studies, JNU, New Delhi. 

 He dwelled on the relevance of qualitative studies with varied examples. In first session he apprised the participants with the concept and limitations of randomised controlled trials which is an important tool to build evidence for policy research. The focus of second sessions was on measuring equity and social justice in education. He deliberated on how and why there is this inequality and social injustice in context of neoliberalism. He emphasised with evidences that neo liberal policies 
effected the education sector and created inequities in society. 

 The third session was focused on ethical issues in research and questions of equity and social justice by Prof. Sucha Singh Gill, Member of Revenue Commission, Government of Punjab, Former Director General Centre for Research in Rural and Industrial Development (CRRID), Chandigarh, Former Professor & Head Department of Economics, Punjabi University, Patiala. He focused on inequity and how we are concealing instead of revealing through data. 

Earlier, Prof. Satvinderpal Kaur, Program Coordinator introduced the resource persons. The sessions were interactive and evoked pertinent questions by the participants which were explicated vividly by the experts. 

The sessions of day two concluded with vote of thanks to all resource persons by Dr. Kuldeep Kaur, Program and CALEM Co-coordinator.  

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