*MCC conducts major anti-encroachment drive in Industrial Area Phase II*

Prof Jaspal Kaur Kaang Expressed her views on the concept of Sikh Martyrdom and Its Relevance in Today’s time.

Chandigarh May 26, 2020

Prof Jaspal Kaur Kaang Expressed her views on the concept of Sikh Martyrdom and Its Relevance in Today's time.

Dr. Jaspal Kaur Kaang, Professor & Academic Incharge, Dept of Guru Nanak Sikh Studies, Panjab University Chandigarh today presented a paper as a scholar of Gurbani in the Webinar organized by Shri Guru Granth Sahib World University, Fatehgarh Sahib on the topic “Concept of Sikh Martyrdom: It’s Development and Universal Relevance”. 

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 Prof. Kaang focused on the point that there was no concept of ‘Shahadat’ in the Indian Culture and Tradition prior to Sikh religion. The word ‘Shahadat’ comes from Islam as in which their was  a great tradition of giving one’s life to save the honor and glory  his own religion. But Sikh Religion has its own concept of ‘Shahadat’ in which there is a rich tradition of giving ‘Shahadat’ to save other’s Religion. Guru Arjan Dev ji sacrificed his life to save people of India from the oppression of Mughals . Similarly Guru Tegh Bahadur Ji gave his ‘Shahadat’ to protect Kashmiri Hindus and Pandits. 

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She added that the Sikhs are motivated by the teachings of their Gurus through Gurbani which makes them internally strong. So the Bani of Guru Granth Sahib works as a foundation to make it’s followers fearless from where the feeling and motivation for ‘Shahadat’ develops. She explained that Sikh history is based on the concept two major concepts which are ‘Shabad’ and ‘Shahadat’. At the end of Webinar, Prof. Pritpal Singh, Vice-Chancellor of Shri Guru Granth Sahib World University, appreciated the efforts of Speakers who spoke on the different aspects of Guru Arjun Dev Ji’s personality and martyrdom. Almost 200 participants attended the webinar and paid homage to Guru Arjun Dev Ji.

There were two other speakers; Prof. Balwant Singh Dhillon, Former Director Center for Guru Granth Sahib Studies, Amritsar and Prof. Harpal Singh Pannu, Guru Gobind Singh Chair, Central University, Bathinda.  

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हरियाणा के जिला गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से आज 1400 प्रवासी नागरिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मणिपुर के जरिबम नामक स्थान के लिये रवाना हुई।

चण्डीगढ़, 25 मई – हरियाणा के जिला गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से आज 1400 प्रवासी नागरिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मणिपुर के जरिबम नामक स्थान के लिये रवाना हुई।

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यूँ तो लॉक डाउन में फंसे यात्रियों को  लेकर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जाने के समय रेलवे स्टेशन पर मानवता से जुड़े एक से बढक़र एक उदाहरण हम रोजाना देख रहे हैं। आज एक ऐसा ही उदाहरण गुरुग्राम के रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला। रेलवे स्टेशन पर श्रीराम स्कूल गुरुग्राम में पढऩे वाले छठी कक्षा के आरव जेफ तथा 10वीं की छात्रा माही जेफ दोनों भाई- बहन आज ट्रेन में सफर करने वाले नागरिकों के साथ जा रहे बच्चों को खिलौने व चॉकलेट बांटते नजर आए। इन दोनों बच्चों ने जिस अपने पन से खिलौने बांटे वह नजारा देखने लायक था। दोनों में इतना चाव था कि वे करीब 4.30 बजे गुरुग्राम रेलवे स्टेशन पर अपने गुल्लक के पैसों से खरीदे गए ढेर सारे खिलौने व चॉकलेट लेकर पहुंच गए थे, जबकि ट्रेन छूटने का समय शाम 6.00 बजे का था।

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जब इनसे इस बारे में पूछा गया तो माही ने बताया कि वह अपने भाई आरव के साथ आई है और उन्होंने अपना गुल्लक तोडक़र सफर करने वाले बच्चों के लिए खिलौने व चॉकलेट खरीदे हैं। उसने कहा कि लॉक डाउन की वजह से अपने घरों को जा रहे बच्चों को वे भी अपनी तरफ से तोहफा देना चाहते थे, इसीलिए आज स्टेशन पर आए हैं। खिलौने और चॉकलेट बांटने में सिविल डिफेंस कर्मियों ने उनकी मदद की। प्रवासी बच्चे भी उपहार पाकर खुश थे और कुछ बच्चों ने माही और आरव को थैंक्यू भी बोला।

ट्रेन ठीक शाम 6.00 बजे रवाना हुई। सभी यात्रियों ने उन्हें घर जाने के लिए मुफ्त  टिकट तथा भोजन आदि की व्यवस्था करने के लिए  हरियाणा सरकार  के पक्ष में जयकारे लगाए। जाने से पहले रेलवे स्टेशन पर इन सब के  स्वास्थ्य की जांच की गई व हाथों को सैनेटाइज करवाकर भोजन व पानी दिया गया। प्रत्येक यात्री की थर्मल स्कैनिंग करके उन्हें मास्क उपलब्ध करवाए गए। इसके उपरांत उन्हें टिकट निशुल्क टिकट देकर ट्रेन में बिठाया गया।


प्रवासी नागरिकों को जिला प्रशासन की ओर से भोजन पानी उपलब्ध करवाया गया। सिविल डिफेंस के उप-नियंत्रक एवं वजीराबाद के तहसीलदार मनीष यादव ने स्वयं अपने हाथों से प्रवासी नागरिकों को खाने के पैकेट बांटे। सफर के दौरान प्रवासी नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसलिये उन्हें  नमकीन, बिस्किट, फेस मास्क, साबुन  सहित अन्य जरूरत के सामान की किट बनाकर दी गई है।  

रेलवे स्टेशन पर उपस्थित बादशाहपुर के एसडीएम हितेंद्र शर्मा ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार पंजीकृत प्रवासी नागरिकों को ट्रेन व बसों के माध्यम से उनके गृह राज्यों तक भिजवाया जा रहा है। प्रत्येक प्रवासी नागरिक को स्वास्थ्य जांच के बाद मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र दिया गया है । इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष तौर पर ध्यान रखा गया।

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हॉकी के जादूगर बलबीर सिंह सीनियर का आज यहां सोमवार शाम पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

चंडीगढ़-

हॉकी के जादूगर बलबीर सिंह सीनियर का आज यहां सोमवार शाम पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 96 वर्षीय बलबीर सिंह  बीमार थे। इस मौके पर पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने घोषणा की कि मोहाली स्टेडियम का नाम दिग्गज खिलाड़ी के नाम पर रखा जाएगा।

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तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता का यहां एक इलेक्ट्रिक श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया। उनके नाती कबीर ने उनके अंतिम संस्कार की विधियों को पूरा किया। बलबीर सिंह की एक बेटी सुशबीर और तीन बेटे – कंवलबीर, करनबीर और गुरबीर हैं। उनके बेटे कनाडा में बसे हुए हैं और वह अपनी बेटी सुशबीर और नाती कबीर के साथ यहां रहते थे।

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अंतिम संस्कार में मौजूद सोढ़ी ने कहा कि सिंह का निधन न केवल खेल जगत के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए भी एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि मोहाली हॉकी स्टेडियम का नाम सिंह के नाम पर रखा जाएगा।इस मौके पर भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह भी मौजूद थे।

पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने सिंह के की पार्थिव देह को श्रद्धासुमन भेंट किए। पुलिस कंटिनजेंट ने दिवांगत आत्मा के सम्मान में तीन वॉली शॉट लगाए। सिंह का पार्थिव शरीर पहले फोर्टिस अस्पताल से सेक्टर 36 स्थित उनके आवास पर लाया गया था, जहां से शव वाहन में सेक्टर-25 के शमशान ले जाया गया था।

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Numbers Uploaded onWebsite for Admission Queries

Chandigarh May 22, 2020

Numbers  Uploaded onWebsite for Admission Queries

The mobile numbers of faculty / dealing officials of various teaching Departments for Admission purposes and officials of CET Cell for various Entrance tests related queries,have been updated on the main page of Panjab University website at http://puchd.ac.in  ,   informed Prof R K Singla,Dean of University Instruction,Panjab University.However, the helpline numbers for examinations will remain same.

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डॉ पुरी का प्रेरक व्यख्यान आप को अपनी खुशी का स्तर बढ़ाने ,जोश पैदा करने और एक सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने में अभूतपूर्व सहायता करेगा।

News 7 World :

Sirsa:

डॉ पुरी का प्रेरक व्यख्यान आप को अपनी खुशी का स्तर बढ़ाने ,जोश पैदा करने और एक सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने में अभूतपूर्व सहायता करेगा।

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ रविंद्र पुरी इस वीडियो के माध्यम से एक शानदार वैज्ञानिक जादुई मंत्र प्रस्तुत कर रहे हैं जो आपकी जिंदगी में सालों या महीनों में नहीं बल्कि एक दो दिनों में ही जादुई परिवर्तन कर आप को एक बेहतरीन और शानदार व्यक्ति बनाने की शुरुआत कर देगा।

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डॉ पुरी का प्रेरक व्यख्यान आप को अपनी खुशी का स्तर बढ़ाने ,जोश पैदा करने और एक सर्वश्रेष्ठ इंसान बनने में अभूतपूर्व सहायता करेगा।आप से आग्रह है कि आप अपने अनुभवों को उनके साथ अवश्य शेयर करें। आप न केवल विडियो को शेयर करें और उनके चेनल को सब्सक्राइब करें जहाँ आप को लगातार ऐसे जानकारियां मिलती रहेंगीं जो आप को खुश, सफल और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बना देगी।डॉ पुरी स्वंय आप के सवालों का जवाब भी देते रहेंगे।

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PU VC Chairs Meetings to Review Administrative & Academic Issues

Chandigarh May 14, 2020

PU VC Chairs Meetings to Review Administrative & Academic Issues

Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, Panjab University chaired the meeting of the University Task Force Committee to tackle the Covid 19 situation. While interacting with the members of the task force, Prof. Raj Kumar underlined the need to clear all the important files on priority and ensure the strict compliance of social distancing by University staff on duty besides other preventive measures. 


Prof. Kumar urged to take concerted steps to work out the modalities for the upcoming examination work, admission process ,keeping in mind the best interests of the students. It was resolved to constitute four sub-committees relating to Examination work, Admission process, Students issues and functioning of laboratories at the campus. Further, he asked to explore the possibilities of having De-sanitization Box  at prime locations on the campus to minimize the threat of Covid-19. 

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Prof. R.K. Singla, DUI and Prof. Karamjeet Singh, Registrar shared that all the pending works are being disposed of in the best interest of the students, staff and university in large.
The meeting was attended by the DUI, Dean Research, Registrar, CoE, FDO among other senior officials and professors of the University.

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Later in another meeting, PU VC also interacted with the staff of the Construction Office to review the repair and maintenance work resumed on the university campus. In his interaction, Prof. Raj Kumar said that the welfare of the workers should be of paramount consideration and best possible facilities should be provided to them. Further, he also said that if any worker is having any health ailment, then rest and proper medication should be ensured as per doctor’s advice.


Prof. Karamjeet Singh, Registrar in the meeting informed that all the administrative offices and most of the teaching departments of the University have been sanitized and for the remaining it’s in progress and henceforth it will be a regular feature to tackle COVID-19 situation. He also revealed that the in-house arrangements have been made to make the university functional in the best interest of the students and staff.

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PU Former DUI Bereaved

Chandigarh May 9, 2020

PU Former DUI Bereaved

Rekha Jhanji, former Professor of Philosophy, and wife of Prof. Bhupinder Brar, former Dean of University Instructions, Panjab University passed away on 8th May. 

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A renowned scholar of Indian Aesthetics and Existential thought, Phenomenology and Hermeneutics, she was also the founder coordinator of the UGC center for Swami Vivekananda Studies, Panjab University. She had two PhDs, one from Panjab University and the other from University of Paris X Nanterre, France. She remained associated with IIAS, Shimla as Senior Fellow for three years. Some of her seminal contribution in the field include Philosophy of Vivekananda, ‘The Human Condition in the Mahabharata, The Sensuous in Art: Reflections on Indian Aesthetics, Aesthetic Communication: The Indian Perspective . She was a prolific writer and her scholarly articles were published in journals like Comparative Aesthetics, Contemporary European Philosophy, Philosophy of Mind among others.

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 Throughout her academic life , she maintained an abiding interest in elucidating the relevance of Indian Philosophy for our times. Her last project was on the Two Dimensions of Embodiment in the Indian Tradition. In her passing away the Indian Academia and Panjab University in particular have lost a dedicated scholar with great human values.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय श्री मनोहर लाल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई।

News 7 World :

चंडीगढ़:

हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय श्री मनोहर लाल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई।

न्यूज़ 7 वर्ल्ड टीम की तरफ से आपको जन्मदिन की शुभकामनाएँ !

हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय श्री मनोहर लाल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई।

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अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति व माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में हरियाणा को विकास की नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय श्री मनोहर लाल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई।

ईश्वर से आपके स्वस्थ जीवन व दीर्घायु की प्रार्थना करता हूँ।

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इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे!

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PU faculty talked on “Impact of Covid 19 on Indian Eduaction System”

Chandigarh May 2, 2020

PU Update on Hostels

Prof. Jaspal Kaur Kaang Co-ordinator Deptt of Punjabi USOL and
Academic  Incharge of Department of Guru Nanak Sikh Studies, Panjab
University participated  as Chief Guest in Webinar organised by Lovely
Professional University today on the theme ,”Impact of Covid 19 on
the Indian education System “.

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Many teachers from Panjab University, various other colleges faculty
and Research scholars  took part in the discussion  during the webinar.

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Prof. Kaang emphasied on  developing and learning technological skills
during the lockdown period. She also said that this is need of the
hour that technology  should be made available to the remotest of the
areas at cheap rates. She further stressed on adopting the principles
and teaching  of Gurbani to develop mental and physical strength to
fight the present Critical situation  due to pandemic covid19.

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लॉकडाउन को दो सप्ताह से अधिक समय तक लॉकडाउन के लिए मई से आगे बढ़ाया जा सके:

गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत आदेश जारी किया है ताकि लॉकडाउन को दो सप्ताह से अधिक समय तक लॉकडाउन के लिए मई से आगे बढ़ाया जा सके:

4 मई, 2020 तक दो अलग-अलग लोगों के लिए प्रत्येक वर्ष के लिए लॉकडाउन का विस्तार।


 एक व्यापक समीक्षा के बाद, और लॉकडाउन उपायों के मद्देनजर देश में COVID-19 स्थिति में महत्वपूर्ण लाभ के लिए, गृह मंत्रालय (MHA), भारत सरकार (भारत सरकार) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत एक आदेश जारी किया,  2005, आज, 4 मई, 2020 से आगे दो सप्ताह की लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के लिए। देश के जिलों की रिड प्रोफाइलिंग के आधार पर, इस अवधि में विभिन्न गतिविधियों को विनियमित करने के लिए MHA ने नए दिशा-निर्देश भी जारी किए (हॉटस्पॉट)  ), ग्रीन और ऑरेंज जोन।  दिशा निर्देशों ने ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन में पड़ने वाले जिलों में काफी आराम दिया है।


 2. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW), भारत सरकार द्वारा जारी 30 अप्रैल, 2020 के पत्र में रेड, ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन के रूप में जिलों की पहचान के मानदंड का विस्तार से वर्णन किया गया है।  ग्रीन जोन अब तक शून्य पुष्टि मामलों वाले जिले होंगे;  या, पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला नहीं।  रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण सक्रिय मामलों की कुल संख्या, पुष्टि किए गए मामलों की दर को दोगुना करने, जिलों से परीक्षण और निगरानी फीडबैक की सीमा को ध्यान में रखेगा।  वे जिले, जिन्हें न तो लाल और ही हरे रंग के रूप में परिभाषित किया गया है, को ऑरेंज ज़ोन के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।  लाल, हरे और नारंगी क्षेत्रों में जिलों के वर्गीकरण को MoHFW द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के साथ साप्ताहिक आधार पर या पहले आवश्यकतानुसार साझा किया जाएगा।  जबकि राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में रेड और ऑरेंज ज़ोन के रूप में अतिरिक्त जिले शामिल हो सकते हैं, वे MoHFW द्वारा शामिल किए गए जिले के वर्गीकरण को रेड या ऑरेंज ज़ोन की सूची में शामिल नहीं कर सकते हैं।


 3. देश के कई जिले अपनी सीमाओं के भीतर एक या एक से अधिक नगर निगम (MC) हैं।  यह देखा गया है कि MCs के भीतर जनसंख्या घनत्व अधिक होने के कारण, और लोगों के अधिक अंतर-मिश्रण के कारण, MC (s) की सीमा के भीतर COVID-19 की घटना जिले के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक है।  नए दिशानिर्देशों में, इसलिए, यह प्रदान किया गया है कि ऐसे जिलों को दो क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जाएगा, अर्थात, एमसी (एस) की सीमा के तहत क्षेत्र के लिए एक क्षेत्र;  और, एमसी (एस) की सीमा के बाहर गिरने वाले क्षेत्र के लिए एक और।  यदि एमसी (एस) की सीमा के बाहर के क्षेत्र में पिछले 21 दिनों से कोई मामला नहीं है, तो इसे जिले के समग्र वर्गीकरण से लाल या नारंगी के रूप में एक चरण के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।  इसलिए, इस क्षेत्र को ऑरेंज के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, यदि जिला समग्र रूप से लाल है;  या ग्रीन के रूप में, यदि जिला समग्र रूप से नारंगी है।  यह वर्गीकरण जिले के उस क्षेत्र में अधिक आर्थिक और अन्य गतिविधियों को सक्षम करेगा, जो COVID-19 की घटनाओं से अपेक्षाकृत कम प्रभावित होता है, जबकि यह भी सुनिश्चित करता है कि सावधानी बरती जाए ताकि ये क्षेत्र COVID-19 मामलों से मुक्त रहें  ।  यह वितरण केवल नगर निगम (नों) वाले जिलों के संबंध में किया गया है।


 4. देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में, COVID-19 के दृष्टिकोण से, और रेड और ऑरेंज जोन के भीतर गिरने से, कंटेनर जोन के रूप में नामित हैं।  ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां संक्रमण फैलने का महत्वपूर्ण जोखिम है।  संबंधित क्षेत्रों को संबंधित जिला प्रशासनों द्वारा परिभाषित किया जाएगा, कुल सक्रिय मामलों की संख्या, उनके भौगोलिक प्रसार को ध्यान में रखते हुए, और प्रवर्तन के दृष्टिकोण से अच्छी तरह से सीमांकन करने की आवश्यकता है।  स्थानीय प्राधिकरण कंटेनर जोन के निवासियों के बीच आरोग्य सेतु ऐप का 100% कवरेज सुनिश्चित करेगा।  कन्टेनमेंट ज़ोन में संपर्क प्रोटोकॉल, घर से घर की निगरानी, अपने जोखिम मूल्यांकन और नैदानिक प्रबंधन के आधार पर व्यक्तियों के संस्थागत संगरोध के साथ निगरानी प्रोटोकॉल तेज होंगे।  सख्त परिधि नियंत्रण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, ताकि चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए इन ज़ोन के भीतर और बाहर लोगों की आवाजाही न हो।  कंटेनर जोन के भीतर किसी अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं है।


 5. नए दिशानिर्देशों के तहत, ज़ोन के बावजूद पूरे देश में सीमित संख्या में गतिविधियाँ प्रतिबंधित रहेंगी।  इनमें हवाई, रेल, मेट्रो और सड़क मार्ग द्वारा अंतर-राज्यीय आवागमन शामिल हैं;  स्कूलों, कॉलेजों, और अन्य शैक्षिक और प्रशिक्षण / कोचिंग संस्थानों का संचालन;  होटल और रेस्तरां सहित आतिथ्य सेवाएं;  बड़े सार्वजनिक समारोहों के स्थान, जैसे कि सिनेमा हॉल, मॉल, व्यायामशाला, खेल परिसर आदि;  सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और अन्य प्रकार की सभाएँ;  और, धार्मिक स्थलों / सार्वजनिक स्थानों के लिए पूजा स्थल।  हालांकि, हवाई, रेल और सड़क मार्ग से व्यक्तियों को आवाजाही के लिए चुनिंदा उद्देश्यों के लिए अनुमति दी जाती है, और एमएचए द्वारा अनुमत उद्देश्यों के लिए।


 6. नए दिशानिर्देश लोगों की भलाई और सुरक्षा के लिए कुछ उपाय भी बताते हैं।  इसलिए, सभी गैर-आवश्यक गतिविधियों के लिए व्यक्तियों की आवाजाही शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे के बीच सख्ती से प्रतिबंधित रहेगी।  स्थानीय प्राधिकरण इस उद्देश्य के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कानून के उपयुक्त प्रावधानों जैसे निषेधात्मक आदेश [कर्फ्यू] के तहत आदेश जारी करेंगे और इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।  सभी क्षेत्रों में, 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, सह-रुग्णता वाले व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने और स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए छोड़कर घर पर रहेंगे।  आउट-रोगी विभागों (ओपीडी) और मेडिकल क्लीनिकों को सामाजिक सुरक्षा मानदंडों और अन्य सुरक्षा सावधानियों के साथ, रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में संचालित करने की अनुमति दी जाएगी;  हालाँकि, इन्हें कंटेनर ज़ोन के भीतर अनुमति नहीं दी जाएगी।

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 7. रेड ज़ोन में, कंटेनर ज़ोन के बाहर, पूरे देश में निषिद्ध लोगों के अलावा कुछ गतिविधियाँ प्रतिबंधित हैं।  ये हैं: साइकिल रिक्शा और ऑटो रिक्शा;  टैक्सी और टैक्सी एग्रीगेटर्स की दौड़;  इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट और इंटर-डिस्ट्रिक्ट पिसिंग ऑफ बसें;  और, नाई की दुकानें, स्पा और सैलून।


 8. रेड जोन में प्रतिबंध के साथ कुछ अन्य गतिविधियों की अनुमति दी गई है।  चौपहिया वाहनों में अधिकतम 2 व्यक्तियों (ड्राइवर के अलावा) के साथ व्यक्तियों और वाहनों की आवाजाही की अनुमति है, और दोपहिया वाहनों के मामले में कोई भी पिलर सवार नहीं है।  शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक प्रतिष्ठान, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), निर्यात उन्मुख इकाइयां (ईओयू), औद्योगिक संपदा और पहुंच नियंत्रण के साथ औद्योगिक टाउनशिप की अनुमति दी गई है।  अनुमत अन्य औद्योगिक गतिविधियों में दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, उनके कच्चे माल और मध्यवर्ती सहित आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयाँ हैं;  उत्पादन इकाइयाँ, जिन्हें निरंतर प्रक्रिया, और उनकी आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता होती है;  आईटी हार्डवेयर का निर्माण;  चौंका देने वाला बदलाव और सामाजिक भेद के साथ जूट उद्योग;  और, पैकेजिंग सामग्री की निर्माण इकाइयाँ।  शहरी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियाँ इन-सीटू निर्माण तक सीमित हैं (जहाँ श्रमिक साइट पर उपलब्ध हैं और किसी भी श्रमिक को बाहर से लाने की आवश्यकता नहीं है) और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण।  शहरी क्षेत्रों में दुकानें, गैर-जरूरी सामानों के लिए, मॉल, बाजार और बाजार परिसरों में अनुमति नहीं है।  हालांकि, सभी स्टैंडअलोन (एकल) दुकानें, पड़ोस (कॉलोनी) की दुकानों और आवासीय परिसरों में दुकानों को आवश्यक और गैर-आवश्यक के किसी भी भेद के बिना, शहरी क्षेत्रों में खुले रहने की अनुमति है।  रेड ज़ोन में ई-कॉमर्स गतिविधियों को केवल आवश्यक वस्तुओं के संबंध में अनुमति दी जाती है।  निजी कार्यालय आवश्यकता के अनुसार 33% की शक्ति के साथ काम कर सकते हैं, घर से काम करने वाले शेष व्यक्तियों के साथ।  सभी सरकारी कार्यालय उप सचिव के स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ और पूरी शक्ति से ऊपर कार्य करेंगे, और शेष कर्मचारी आवश्यकता के अनुसार 33% तक भाग लेंगे।  हालांकि, रक्षा और सुरक्षा सेवाएं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पुलिस, जेल, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्नि और आपातकालीन सेवाएं, आपदा प्रबंधन और संबंधित सेवाएं, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), सीमा शुल्क, भारतीय खाद्य निगम (FCI)  राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), नेहरू युवा केंद्र (एनवाईके) और नगरपालिका सेवाएं बिना किसी प्रतिबंध के कार्य करेंगी;  सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी और इस तरह के उद्देश्य के लिए आवश्यक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।

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 9. रेड जोन में बड़ी संख्या में अन्य गतिविधियों की अनुमति है।  मनरेगा कार्यों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और ईंट-भट्टों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सभी औद्योगिक और निर्माण गतिविधियों की अनुमति है;  इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में, सामानों की प्रकृति के भेद के बिना, शॉपिंग मॉल को छोड़कर सभी दुकानों की अनुमति है।  कृषि आपूर्ति श्रृंखला में सभी कृषि गतिविधियों, जैसे, बुवाई, कटाई, खरीद और विपणन संचालन की अनुमति है।  अंतर्देशीय और समुद्री मत्स्य पालन सहित पशुपालन गतिविधियों को पूरी तरह से अनुमति है।  सभी वृक्षारोपण गतिविधियों की अनुमति है, जिसमें उनके प्रसंस्करण और विपणन शामिल हैं।  सभी स्वास्थ्य सेवाओं (आयुष सहित) को चिकित्सा कर्मियों और मरीजों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से परिवहन सहित कार्यात्मक बने रहना है।  वित्तीय क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा खुला रहता है, जिसमें बैंक, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी), बीमा और पूंजी बाजार की गतिविधियां, और सहकारी समितियां शामिल हैं।  बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों, निराश्रितों, महिलाओं और विधवाओं आदि के लिए घरों का संचालन;  और आंगनवाड़ियों के संचालन की भी अनुमति दी गई है।  सार्वजनिक उपयोगिताओं, जैसे, बिजली, पानी, स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, दूरसंचार और इंटरनेट में उपयोगिताओं खुले रहेंगे, और कूरियर और डाक सेवाओं को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।


 10. रेड जोन में अधिकांश व्यावसायिक और निजी प्रतिष्ठानों को अनुमति दी गई है।  इनमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी और आईटी सक्षम सेवाएं, डेटा और कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सेवाएं, निजी सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन सेवाएं, और स्व-नियोजित व्यक्तियों द्वारा प्रदान की गई सेवाएं, जैसे कि नाइयों आदि को छोड़कर, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है।  दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, उनके कच्चे माल और मध्यवर्ती सहित आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयाँ;  उत्पादन इकाइयाँ, जिन्हें निरंतर प्रक्रिया, और उनकी आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता होती है;  चौंका देने वाली पारियों और सामाजिक दूरी के साथ जूट उद्योग;  और आईटी हार्डवेयर के विनिर्माण और पैकेजिंग सामग्री की विनिर्माण इकाइयों को अनुमति दी जाएगी।


 11. ऑरेंज ज़ोन में, रेड ज़ोन में अनुमत गतिविधियों के अलावा, टैक्सी और कैब एग्रीगेटर्स को केवल 1 ड्राइवर और 1 यात्री के साथ अनुमति दी जाएगी।  व्यक्तियों और वाहनों के अंतर-जिला आंदोलन को केवल अनुमत गतिविधियों के लिए अनुमति दी जाएगी।  फोर व्हीलर वाहनों में अधिकतम दो यात्री होंगे, इसके अलावा ड्राइवर और पिलर की सवारी दोपहिया वाहनों पर होगी।


 12. ग्रीन जोन में, पूरे क्षेत्र में सीमित गतिविधियों को छोड़कर सभी गतिविधियों की अनुमति है, चाहे जो भी क्षेत्र हो।  हालाँकि बसें 50% तक बैठने की क्षमता के साथ काम कर सकती हैं और बस डिपो 50% क्षमता तक चल सकती हैं।


 13. सभी माल यातायात की अनुमति दी जानी है।  कोई भी राज्य / केंद्र शासित प्रदेश पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत सीमा पार व्यापार के लिए माल की आवाजाही को नहीं रोकेगा।  इस तरह के आंदोलन के लिए किसी भी प्रकार के अलग पास की आवश्यकता नहीं है, जो लॉकडाउन अवधि के दौरान देश भर में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।


 14. अन्य सभी गतिविधियों को उन गतिविधियों की अनुमति होगी, जो विशेष रूप से निषिद्ध नहीं हैं, या जिन्हें इन दिशानिर्देशों के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी गई है।  हालाँकि, स्थिति के उनके आकलन के आधार पर, राज्यों / संघ शासित प्रदेशों, और COVID-19 के प्रसार को रोककर रखने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ, अनुमत गतिविधियों में से केवल चुनिंदा गतिविधियों को ही अनुमति दे सकते हैं, जैसे कि आवश्यक प्रतिबंधों के साथ।


 15. 3 मई, 2020 तक लॉकडाउन उपायों पर दिशा-निर्देशों के तहत काम करने के लिए अनुमति दी गई गतिविधियों के लिए अधिकारियों से अलग / ताजा अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। एमएचए द्वारा जारी मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) ऐसे जारी रहेगा जैसे पारगमन व्यवस्था के लिए  भारत में विदेशी नागरिक;  संगरोध व्यक्तियों की रिहाई;  राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के भीतर फंसे श्रम की आवाजाही;  भारतीय नाविकों के साइन-ऑन और साइन-ऑफ, सड़क और रेल द्वारा फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों के आंदोलन।


 16. राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को लॉकडाउन दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए बाध्य किया जाता है और वे किसी भी तरीके से आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी इन दिशानिर्देशों को पतला नहीं करेंगे।

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