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हरियाणा लीगल सर्विस अथॉरटी कि और से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व कार्यकारिणी अध्यक्ष राजीव शर्मा के मार्गदर्शन में हरियाणा में डिजिटल प्लेटफार्म के तहत ई लोक अदालत का आयोजन किया गया।

पंचकूला 18 सितंबर। हरियाणा लीगल सर्विस अथॉरटी कि और से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व कार्यकारिणी अध्यक्ष राजीव शर्मा के मार्गदर्शन में हरियाणा में डिजिटल प्लेटफार्म के तहत ई लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्रदेश के सभी 22 जिलों और 33 उपमंडलो में ई लोक अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वादकारियों से जुड़े।

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हरियाणा लीगल सर्विस अथॉरटी के अध्यक्ष ने प्रदेश भर के न्यायाधीशों, बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों , पैनल अध्वक्ताओ के साथ विचार सांझा किए। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने जीवन को बाधित कर दिया है जिसमें अदालतों व न्यायालयों का काम भी प्रतिबंधित हुआ है। जिससे न्याय वितरण प्रणाली में देरी हुई है। वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से 14 मार्च 1982 को योजनाबद्ध ढंग से गुजरात में ई लोक अदालत का आयोजन हुआ। लोक अदालत वैकल्पिक समाधान की एक प्रणाली है जो न्यायलयों पर भारी बोझ को कम करने के लिए विकसित हुई है। लोक अदालत की प्रक्रिया कठोर नहीं है बल्कि लचीली है। इससे समाज में सौहार्द और शांति को बढ़ावा देने के लिए सहजपूर्ण तरीके से निपटाया जाता है।

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ई लोक अदालत जजो और न्याय प्रणाली को वादकारियों के दरवाजे तक ले जाने का प्रयास है जो महामारी के समय में अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकते थे। इस लोक अदालत में हरियाणा में 13163 मामले आए जिसमें से 8538 मामलों का निर्णय किया गया। अदालत के दौरान 51,65, 52, 861 रुपए की राशि तय की गई।

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TVC approves special concession of Rs. 500 monthly in Street vending fee under PM SVANidhi yojna

Chandigarh, September 18:- A meeting of Town Vending Committee, Chandigarh was held in MCC today under the chairmanship of Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner, Municipal Corporation, Chandigarh.

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During the meeting various important issues were discussed in detail and accorded approval for the following:

·        The Committee resolved to approve Rs. 500 maximum concession in the monthly Street Vending Fee (total 6000 benefit) for those Street Vendors who will avail the benefit of PM SVANidhi Yojna. The same will be effective from the date of the approval of the loan till the loan period i.e. for total 12 months.

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·        The committee also discussed the status of progress of PM SVANidhi Atma Nirbhar Yojna.

·        The TVC also discussed the consideration of surveyed street vendors but not registered yet by the MCC for availing the benefit under PM SVANidhi under which the work has already been completed for Phase-I as per the bylaws and registration under Phase-2 will be commenced shortly.

Sh. Sorabh Arora, Joint Commissioner, Sh. Vivek Trivedi, Social Development Officer, DAY-NULM, other members of TVC including Sh. V.N. Sharma (attended online), Sh. Sita Ram, Sh. Ram Pal, Smt. Kamlesh, Smt. Gita, representatives from office of traffic police, SSP and other officials of MCC were present during the meeting.

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हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री माननीय अनिल विज ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा स्वस्थ रहने व स्वस्थ होने के लिए बहुत उपयोगी है, यह अति सरल, सस्ती व सुलभ है, आम आदमी को इसे अपनाना चाहिए।

पंचकूला 17 सितम्बर – हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री माननीय अनिल विज ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा स्वस्थ रहने स्वस्थ होने के लिए बहुत उपयोगी है, यह अति सरल, सस्ती व सुलभ है, आम आदमी को इसे अपनाना चाहिए।

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श्री विज हरियाणा योग परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय के आॅनलाईन वेबीनार में बोल रहे थे। प्रधानमंत्री के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 2 दिवसीय राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमे भारत के वरिष्ठ व प्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सको जैसे कोयम्बटूर से डॉ बी टी सी मूर्ति, पुणे से डॉ जितेंद्र आर्य, योगग्राम हरिद्वार से डॉ नागेंद्र नीरज, रुद्रपुर उत्तराखंड से डॉ डी एन शर्मा, गोरखपुर से डॉ विमल कुमार मोदी वक्ता के रूप में शामिल हुए। सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से लगभग 250000 लोगों ने इसे सीधे देखा।

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स्वास्थ्य मंत्री ने वेबिनार में आम जन के लिए प्राकृतिक चिकित्सा को सर्वोत्तम बताया। उन्होंने कहा कि जन्म के बाद से होने वाली कब्ज से लेकर कैंसर तक लगभग सभी बीमारियों का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से सम्भव है। इससे भी ज्यादा इसकी उपयोगिता स्वस्थ रहने मे है। प्राकृतिक चिकित्सा को सीखकर हर व्यक्ति स्वयं को, परिवार को व समाज को स्वस्थ रखने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। आज महंगाई के समय मे प्राकृतिक चिकित्सा सबसे सस्ती है। वर्तमान प्राकृतिक चिकित्सा को विकसित करने में अमेरिका, जर्मनी व इंग्लैंड के एलोपैथी के चिकित्सकों की बड़ी भूमिका है। भारत मे भी अनेक वरिष्ठ ऐलोपथ्स जैसे डॉ विमल छाजेड़, डॉ बी एम हेगड़े, डॉ विमल मोदी जैसे प्राकृतिक चिकित्सा की पैरवी करते हैं। यह पद्धति पूरी तरह वैज्ञानिक है और सब तरफ से निराश लोगों के जीवन मे भी आशा का संचार रखने की सामर्थ्य रखती है। जटिल रोगों का भी इलाज इस पद्धति में है।

वेबीनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा योग परिषद के चेयरमैन डॉ जयदीप आर्य व समापन सत्र में इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनंत बिरादर शामिल हुए। वेबीनार मे सयोजक की भूमिका हरियाणा योग परिषद के प्रथम सदस्य व इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाईजेशन के हरियाणा प्रान्त अध्यक्ष डॉ मदन मानव ने निभाई। कार्यक्रम में परिषद के रजिस्ट्रार डॉ हरिश्चन्द्र, योगेश गुप्ता, नीरज, ईशान, प्रवीण प्रभाकर, रक्षिता अरोड़ा , व ओमांशु का भी सराहनीय योगदान रहा।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार धान की कटाई के लिए कम्बाईन मशीनों पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किया गया है।

पंचकूला 17 सितम्बर – उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार धान की कटाई के लिए कम्बाईन मशीनों पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किया गया है। यदि कोई कम्बाईन मशीन आपरेटर यह सिस्टम नहीं लगवाते तो उन्हें कम्बाईन मशीनें चलाने की स्वीकृति प्रदान नहीं की जाएगी।

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उपायुक्त ने बताया कि प्रायः देखने में आया है कि किसान धान की फसल कटाई के बाद बचे हुए अवशेष को आग लगा देते हैं। आग लगाने से पर्यावरण दूषित होता है ओर इसका लोगों के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है। इसलिए धान की कटाई मशीनों पर कम्बाईन स्ट्रा मशीन लगाना अनिवार्य किया गया है। कोई कम्बाईन आपरेटर यह सिस्टम नहीं लगवाएगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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उपायुक्त ने बताया कि इस कार्य के लिए मशीन की निगरानी हेतू जिला स्तर पर कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों की टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें प्रतिदिन कार्रवाई से जिला प्रशासन को अवगत करवाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में लगभग 35 कम्बाईन मशीनें हैं उनके आपरेटरों को इस बारे आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने जिला के किसानों से अनुरोध किया है कि वे धान की कटाई उन मशीनों से ही करवाएं जिन पर कम्बाईन स्ट्रा मशीनें लगी हुई हो।

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पंचकूला में 38 करोड़ की लागत वाला कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट शुरू

पंचकूला, 17 सितंबर


पंचकूला वासियों के लिए परेशानी का सबब बने सेक्टर-23 स्थित डंपिंग ग्राउंड का कायाकल्प शुरू हो गया है। वीरवार को विधान सभा अध्यक्ष एवं पंचकूला से विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने नारियल फोड़ कर और इलेक्ट्रिक बटन दबाकर इस कार्य का श्रीगणेश किया। इस मौके पर उन्होंने कचरे को अलग करके खाद बनाने के कार्य का अवलोकन किया और कचरा निष्तारण कार्य के सेग्रीगेशन, डिस्पोजल, बायो माइनिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली। 38 करोड़ की लागत से बने इस प्रोजेक्ट से प्रतिदिन 2000 टन कचरे का निष्तारण होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि एक वर्ष के भीतर डंपिंग ग्राउंड के पूरे कचरे का निष्तारण हो जाएगा और इस जगह पर हरा-भरा पार्क विकसित होगा।

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पंचकूला के घग्गर पार के सेक्टर के लिए वीरवार का दिन नई सुबह का आगाज लेकर निकला। 16 वर्षों से डंपिंग ग्राउंड की दुर्गंध में फंसे यहां के लोगों के लिए यह दिन किसी वरदान से कम नहीं रहा। कोरोना से मुक्ति मिलते ही विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता इस बड़े प्रोजेक्ट का शुभारंभ करने पहुंचे तो शहरवासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दरअसल यह प्रोजेक्ट घग्गर पार के सेक्टरों में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी होने के साथ-साथ ज्ञान चंद गुप्ता के लिए भी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहा है। गुप्ता ने ही अपने पिछले कार्यकाल में इसे मंजूर करवाया था। उसके बाद से वे लगातार इस प्रोजेक्ट की प्रगति पर नजर रखे हुए थे। गत 11 जुलाई को उन्होंने साइट का दौरा कर अफसरों को जल्द कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे। तब उन्होंने कार्य में हो रही देरी पर जवाबदेही तय करने के लिए संबंधित ठेकेदार को भी मौके पर बुलाया था।


ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि लोग बहुत उम्मीदों के साथ अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं, उनकी हर आवश्यकता का ख्याल रखना जिम्मेदार नेता का दायित्व है। इस डंपिंग ग्राउंड में कचरा निष्पादन का प्रोजेक्ट उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। गुप्ता ने कहा कि पंचकूला में प्रतिदिन 150 टन सोलिड वेस्ट पैदा होने से शहर में बड़ा कूड़े का ढेर बन गया, जिससे पंचकूला की अधिकांश आबादी प्रभावित हो रही थी। इस प्लांट में कचरा निष्पादन का कार्य रुकने नहीं दिया जाएगा। कचरे का सेग्रिगेशन कर खाद बनाया जाएगा। इसके साथ यहां इस प्लांट के सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू कर दिया गया है। यहां पौधरोपण करके सुंदर पार्क विकसित हो रहा है। इससे आसपास के सेक्टरों में रहने वाले लोगों को बदबू और गैस की समस्या से निजात मिलनी शुरू हो गई है।

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नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि एक वर्ष के भीतर यहां मौजूद पूरे कचरे का निष्तारण कर दिया जाएगा। बॉयो माइनिंग प्रोजेक्ट से यहां रोजाना 2 से 3 हजार टन कचरे की माइनिंग कर खाद तैयार किया जाएगा। कचरे से निकलने वाले ड्राई वेस्ट को सीमेंट फैक्ट्री भेजा जाएगा। उसके अलावा कुछ ऐसे वेस्ट हैं जो किसी के लिए भी इस्तेमाल नहीं होता है, उन्हें इकट्ठा कर उठा लिया जाएगा। इस अवसर पर नगर निगम के आयुक्त महावीर सिंह, संयुक्त सचिव संयम गर्ग, कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह, तहसीलदार पुण्यदीप शर्मा, भाजपा जिला प्रधान अजय शर्मा, पूर्व जिला प्रधान दीपक शर्मा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।


जैविक खाद से बदलेगी शहर की आबोहवा


प्लांट में 30 से 50 प्रतिशत कार्बोनिक अंश से जैविक खाद बनाई जाएगी। 30 से 40 प्रतिशत तक ज्वलनशील अंश अलग अलग करके ईंंधन के लिए उपयोग में लाए जाएंगे। केवल 10 प्रतिशत अंश को रिसाइकिल किया जाएगा। इस जैविक अंश का कम्पोजिंग या बायोगैस उत्पादन के लिए आसानी से उपयोग किया जा सकेगा। जैविक अंश का उपयोग आरडीएफ वैकल्पिक एवं ग्रीन ईंधन एवं रिसाइकिल के रूप में भी किया जा सकता है। इस प्रकार शहर में गड्ढे भरने के अलावा पौधों में भी इस जैविक खाद का प्रयोग किया जा सकेगा। इससे जहां नागरिकों को सोलिड कूड़े से निजात मिलेगी, वहीं जैविक खाद शहर को हरा-भरा करने में सहायक होगा।

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उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने नगर निगम व नगर परिषद के चुनाव निकट भविष्य में सम्पन्न करवाने के लिए मतदाता सूचियों को वार्ड वाईज तैयार करने के निर्देश दिए है।

पंचकूला 17 सितम्बर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने नगर निगम व नगर परिषद के चुनाव निकट भविष्य में सम्पन्न करवाने के लिए मतदाता सूचियों को वार्ड वाईज तैयार करने के निर्देश दिए है।


उपायुक्त ने बताया कि नगर निगम व नगर परिषद चुनाव से पहले मतदाता सूचियों को विधानसभा मतदाता सूचियों के अनुसार ही अपडेट किया जाना है। विधानसभा सूचियों का प्रकाशन 25 सितम्बर 2020 को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा नगर निगम चुनाव नियम 1994 के संशोधन एवं हरियाणा नगर पालिका नियम 1978 की नोटिफिकेशन 2017 के अनुसार अब केवल संबधित विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा वोटर ही नगर निगम व नगर परिषद की वार्ड वाईज सूची में मतदाता हांेगेे और इस सूची में नए मतदाता नहीं जोड़े जाएगें।


उपायुक्त ने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति नगर निगम व नगर परिषद की मतदाता सूचियों मंे विधान सभा सूची अनुसार अपना नाम शामिल करवाने का इरादा रखता है तो उसे सलाह दी जाती है कि वह पहले विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाए। अन्यथा उसका नाम नगर निगम की वार्ड वाईज सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।


उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा विधानसभा सूचियों का 25 सितम्बर 2020 को अंतिम प्रकाशन कर भारत चुनाव आयोग को उपलब्ध करवा दिया जाएगा। मतदाता सूचियों का वार्ड वाईज वितरण और अपडेटिंग का कार्य कमीशन द्वारा जारी किया जाएगा। इसलिए जिला प्रशासन द्वारा तुरंत प्रभाव से रिवाईजिंग अर्थोरटी एवं स्पोर्टिंग स्टाफ की तैनाती करने, वार्ड वाईज मतदाता सूचियों के वितरण, तैयार करने एवं अपडेट करने का प्रशिक्षण देने तथा पूरी सर्तकता के साथ डाटा बेस डाउनलोड करने जैसे आवश्यक कदम उठाए जाएगें। इसके बाद आयोग 24 सितम्बर को अनुपालना करने के लिए सूचित करेगा।

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Webinar on NEP2020 by Chemistry Deptt,PU

Chandigarh September 17, 2020

The Department of Chemistry and Centre of Advanced Studies in Chemistry, Panjab University, Chandigarh organized a webinar on “New Education Policy 2020: A Roadmap to Higher Education”, today.

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 Dr. (Mrs.) Geeta Bhatt, Director Non Collegiate Women’s Education Board (NCWEB), University of Delhi was the keynote speaker and in her address, mentioned that NEP-2020 focusses on promoting value-based education and development of scientific temperament. She briefed everyone on the innovative reforms such as Right to education, Vocational skill development, education in mother tongue, interdisciplinary education system, progress-based evaluation system, multiple entries and exit points in higher education for all age sectors. She opined that the awareness of reforms of NEP-2020 at grass-root level would ensure access of opportunities to everyone. She mentioned the famous examples of Prof. Ruchi Ram Sahni and Prof. Shanti Swaroop Bhatnagar and their adaptive and modernized educational policies for better development of intellectual minds. She concluded her lecture by answering the questions from the audience and thanked everyone for such an engrossing and interactive session.

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The initiative was hailed by Prof. Raj Kumar as one of the most important and relevant topics in the current trends of the educational infrastructure to work upon  Atma-Nirbhar Bharat. He laid emphasis on the successful implementation of the NEP-2020 and its awareness among the masses. New Education Policy-2020 was recently approved by the Govt. of India for the transformation of our education system. It is not only focused on the school and college level teaching but is also designed to educate the professionals and lifelong learners, to uphold the Indian languages and culture at global levels, to extract best of Indian technologies and to expand the horizons of classroom teaching from black-board to e-learning. It will give an autonomous system for education. Our Honorable Prime Minister Narendra Modi Ji very well said that there are two types of thoughts for acquiring autonomy; one says“freedom for working independently” and other says“lack of Government supervision”. The NEP will construct a road passing through the two perspectives to provide quality education to the Indians. So, irrespective of the people’s perspective, NEP has a broad vision to improve the standard of education and to educate every learner.  

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 PU VC added that the NEP-2020 will prune the unwanted branches of the plant of the higher education system and will fertilize it for its re-growth in a healthy and fruitful plant. It will cover the lacunae of the 34-years old system by developing multidisciplinary universities and colleges across India, by developing student-friendly approaches, by re-establishing the integrity of the faculty, and by skill enhancement to make the independent individuals. He opined that  NEP-2020 has come with special benefits to the women who have a special role in shaping society. The New education policy will provide ‘Gender-Inclusion Fund’ to educate the girls and assisting the females

 Earlier,Prof. K.N. Singh, Convenor and Chairperson, gave a welcome address to 175 attendees from different backgrounds. He introduced and welcomed the speaker of the event. Further, Dr. Bhatt was formally introduced by Prof. S.K. Mehta from the Department of Chemistry. Prof. Mehta accentuated the importance of NEP-2020 in revisiting and amending the educational policies for better development of the students and the faculty members.

The webinar ended with a vote of thanks from Dr. Ramesh Kataria, Coordinator.

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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 9 करोड़ 68 लाख 15 हजार रुपये की राशि का अनुमोदन : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 17 सितंबर।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मछली पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार : उपायुक्त बिढ़ाण


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2020-21 में विभिन्न मदों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 9 करोड़ 68 लाख 15 हजार रुपये की राशि खर्च करने का अनुमोदन किया गया है। योजना के तहत जिला में नए रिमरिंग तालाब, नए ग्रोआउट तालाब बनाना, खाद्य खुराक, बड़ा व मध्यम आरएएस लगाना, बॉयोफ्लॉक सिस्टम बनाना, थ्री व्हीलर विद आइस बॉक्स, मोटर साइकिल विद आइस बॉक्स व साइकिल विद बॉक्स बनाना शामिल है।

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                    उपायुक्त ने बताया कि जिला स्तरीय कमेटी की बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 9 करोड़ 68 लाख 15 हजार रुपये की राशि का अनुमोदन बना कर मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार को भेजा गया है। मंजूरी के बाद योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिये मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन करने वालों को 40 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति व महिलाओं को मछली पालन के लिए 60 प्रतिशत तथा सामान्य जाति के आवेदकों को 40 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ मत्स्य पालकों की आमदनी को भी दोगुना करना है।


खेती के साथ-साथ मत्स्य पालन व्यवसाय आमदनी बढ़ाने में कारगर : उपायुक्त बिढ़ान


                    उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि मत्स्य पालन को अपनाकर न केवल लोग अपने आपको आर्थिक रूप से सुदृढ बना रहे हैं, बल्कि पंचायतों को भी इससे राजस्व प्राप्त हो रहा है। किसानोंं को मत्स्य पालन के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्ïेश्य से नीली क्रांति योजना के तहत अनेक लाभकारी अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा को मत्स्य पालन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं क्रियांवित की गई है। जिससे किसानों व बेरोजगार युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर मिलते हैं बल्कि आर्थिक रुप से भी सुदृढ होते हैं। विभाग द्वारा तालाबों की पट्टïे की धनराशि पर 50 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अधिकतम या पट्टïा राशि का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा जाल खरीदने पर अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति व्यक्ति पर 50 प्रतिशत, मछली बेचने की थोक व अन्य दुकानों के किराये भी विभाग द्वारा 50 प्रतिशत राशि विभाग द्वारा वहन की जाती है।

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जलीय कृषि प्रणाली (आरएएस) है मछली पालन का अनोखा तरीका


                    जलीय कृषि प्रणाली में पानी का पुन: उपयोग (आरएएस) मछली पालन के लिए एक नया और अनोखा तरीका है, खुले तालाबों और बहते हुए पानी में मछली पालने की पारंपरिक पद्धति के बजाय, यह प्रणाली नियंत्रित वातावरण के साथ इनडोर टैंकों में उच्च घनत्व पर मछली का पालन करती है इस जलीय कृषि प्रणाली में मछली पालन टैंकों के माध्यम से पुनर्चक्रण के लिए पानी को फिल्टर और साफ किया जाता है, इस जलीय कृषि प्रणाली में मूल रूप से उत्पादन में पानी का पुन: उपयोग करके मछली या अन्य जलीय जीवों की खेती के लिए एक तकनीक है प्रौद्योगिकी यांत्रिक और जैविक फिल्टर के उपयोग पर आधारित है।



                    जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना के माध्यम से किसानों, मछली पालकों व जरुरतमंद बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ-साथ मछली पालन को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत जिला में नए तालाब बनाने, आरएएस सिस्टम लगाने के अलावा जिला में मछली बिक्री के लिए युवाओं को थ्री व्हीलर, मोटर साइकिल व साइकिल प्रदान की जाएगी जिसमें आइस बॉक्स लगे होंगे। ये लोग गली-गली में जाकर मछली बिक्री कर सकेंगे।

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फसल अवशेष जलाने से रोकने हेतू उड़न दस्तों का गठन-उपायुक्त

पंचकूला 16 सितम्बर –उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में किसानों द्वारा 20 सितम्बर 2020 से धान फसल की कटाई शुरू की जाएगी। धान की कटाई के बाद किसान बचे हुए अवशेषों को आग लगा देते हैं जिससे वातावरण प्रदूषित होता है जिससे मनुष्य के स्वस्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति को हानि होती है।

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उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाई गई है। यदि कोई किसान फसल अवशेष में आग लगाता है तो राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशानुसार 15000 रू0 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि कोई किसान जुर्माना नही भरता है तो उसके खिलाफ पुलिस की कार्यवाही की जाएगी।

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उपायुक्त ने बताया कि न्यायालय के निर्देशानुसार फसल अवशेष जलाने को रोकने के लिए जिला, खण्ड व गांव स्तर पर उड़न दस्ते गठित किए गए है। जिला स्तर पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप कृषि निदेशक व क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड और उपमण्डल स्तर पर उपमण्डल अधिकारी (नागरिक) व उपमण्डल कृषि अधिकारी की अध्यक्षता में उड़न दस्ते का गठन किया गया है। इसी प्रकार गांव स्तर पर पटवारी, सरपंच व कृषि विकास अधिकारी की टीमें गठित की गई है। यह टीमें प्रतिदिन गांवों में जा कर किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे जागरूक करेंगी तथा यदि किसी किसान द्वारा फसल अवशेष में आग लगाई जाती है तो उस किसान पर आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगी।

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उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेष न जलाने बारें किसान को जागरूक करने के लिए पंचायत विभाग व कृषि विभाग द्वारा संयुक्त रूप से खण्ड बरवाला के गांव भरेली, श्यामटू, बतौड़, भगवानपुर, शाहपुर, बटवाल व सुन्दरपुर में व खण्ड रायपुर रानी के गांव ककराली, देबड़, मौली, रामपुर, फिरोजपुर व गढ़ी कोटाहा में विशेष ग्राम सभाओं की बैठक की जा चुकी है। जिसमें किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे, मेरा पानी मेरी विरासत, मेरी फसल मेरा ब्यौरा व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि स्कीमों की विस्तृत जानकारी दी गई।

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Panjab University, SAIF/CIL holds webinar on National Education Policy-2020

Chandigarh September 16, 2020

The SAIF/CIL Panjab University Chandigarh organised a webinar on National Education Policy-2020 with special reference to Student Centric Teaching Learning. The session began with the introductory remarks of Prof GR Chaudhary, Director SAIF/CIL. 

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The Vice chancellor Panjab University Prof. Raj Kumar, the chief patron of the webinar appreciated and acknowledged the topic Student Centrcongratulated the panelist & speaker for selecting the right time for dispensing the knowledge on a very important topic National Education Policy 2020. The VC talked about providing access to the resources and focusing on the participation of students in implementing NEP 2020. 

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The speaker of the day was a very versatile and renowned personality in the field of higher education – Prof RL Raina, VC, JKLU Jaipur. His exemplary talk on this visionary document kept the virtual audience curious and completely engrossed throughout, as is the aim of this multidisciplinary policy. Prof Raina explicitly discussed the principles and various elements on which NEP 2020 rests. He beautifully cited the thin line between the terms use, misuse, overuse and underuse and discussed how this holistic and integrated policy aims at producing a complete human being and not just a professional. He highlighted the importance of teaching the students the art of “learning to learn” and rise above rote learning that just aims at securing marks. He addressed that our youth are our ambassadors and education needs to prepare them for life, for facing the world out there. Prof Raina shared an interesting and unique course named SEE (Social, Emotional and Ethical Learning) that he introduced in his JKL University, Jaipur last year. He not only highlighted the pros of NEP 2020, but critically analyzed it and brought into light the recognition to library resources that the policy failed to include. 

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He concluded his talk by reciting a short prayer from the book ‘Power of Positive Thinking’ by Norman Vincent Peale and appealed everyone to start acting on this visionary document with an enthusiastic approach, since it is your attitude that makes it look positive and doable.