पिंजौर, मोरनी में पर्यटन विकास पर खर्च होंगे 92 करोड़ रुपए: डॉ अरविंद शर्मा

Biogas Plant at BH 3 Inaugurated

Chandigarh May 31, 2021

A Biogas Plant was today inaugurated by the Vice-Chancellor, Professor Raj Kumar at Boys’ Hostel No. 3, Panjab University, Chandigarh.

It was built at the cost of around 30 lakhs by a company accredited with BARC, Mumbai. Prof. SK Tomar, Prof. Sukhbir Kaur, Deans Student Welfare, Prof. Manu Sharma, UIET, Prof. Ganga Ram, Director CIL and Warden of the hostel Dr. JS Sehrawat graced the occasion which was held by following proper COVID-19 protocol.

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 This biogas plant has a capacity to process about one ton of food-waste and other biological materials for generation of biogas through the process of bimethenation. The food-waste for this plant is to be arranged by Horticulture Department, Panjab University, Chandigarh, mainly collected as food-waste from different hostels of PU itself. The plant will be run by the firm for next few years which will cater to the gas requirements of Mess and Canteen of Boys’ Hostel No. 3, Panjab University, Chandigarh.

 Prof. Raj Kumar congratulated the team for generating such ideas of innovative work for generation of green energy which is the need of hour these days. He stressed that such projects should be extended soon to meet the energy requirements of other university hostels too. Prof. Raj Kumar interacted with the experts, XEN office engineers, the Dean Student Welfare and warden BH-3 to explore the possibilities of utilizing solar energy too in the university. The worthy Vice-Chancellor ignited the gas stove, run on the gas generated from the Biogas plant itself from the food waste arranged by the firm from different hotels of Chandigarh and through repeated requests to the Municipal Corporation Chandigarh by the Warden Dr. JS Sehrawat.

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“There is an urgent need for such constructive and environment-friendly projects to fulfill our energy requirements and save our environment”, stressed Prof. SK Tomar, DSW, Panjab University. All the dignitaries present on the occasion congratulated the warden Dr. Sehrawat for facilitating the work, managing the inauguration program and ensuring that proper COVID behavior was followed by all present to facilitate the work.

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लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें- डा. जसजीत कौर

पंचकूला 31 मई – सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर ने बताया कि यह सर्वे पूरा होने के बाद भी ग्रामीण इस बात का ख्याल रखें कि उन्हें थोड़े से भी कोविड-19 के लक्षण दिखे तो वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।

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उन्होंने बताया कि यह वायरस अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। संक्रमित हुए ज्यादातर लोगों को थोड़े से लेकर मध्यम लक्षण तक की बीमारी होती है।

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सिविल सर्जन ने बताया कि लक्ष्ण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें और अपने डॉक्टर के पास या अस्पताल में जाने से पहले हमेशा फोन करके जाएं। जो लोग स्वस्थ्य हैं और उन्हें वायरस के थोड़े-बहुत लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो वे घर ही अपने आप को आइसोलेट कर लें और सावधानियां बरतें। वायरस से संक्रमित होने के बाद इसके लक्षण दिखाई देने में आम तौर पर 5 से 6 दिन लगते हैं। हालांकि कुछ मामलों में लक्षण दिखने में 14 दिन भी लग सकते हैं। इसलिए नागरिकों को कोविड-19 की गाईड लाईन का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है और मास्क का प्रयोग करना है। इसके अलावा साबुन से अपने हाथ बार-बार अवश्य धोएं।

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संक्रमण रोकने में सफल रहा जनरल हैल्थ अभियान- उपायुक्त

पंचकूला 31 मई। सरकार के निर्देश पर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर शुरू किया गया हरियाणा विलेजर्स जनरल हेल्थ चेकअप स्कीम के तहत सर्वे कार्य जोरों से चल रहा है। अब तक 126 गांवों के 30 हजार 937 घरों के एक लाख 44 हजार 77 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा चुकी है।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा यह जानकारी देते हुए ने बताया कि जिला में इस अभियान को शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। इस अभियान में जिला की सभी ग्राम पंचायतों के नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा फील्ड टीम तथा विलेज हेड क्वार्टर टीम का गठन किया गया था। इन सभी टीम ने बहुत मेहनत के साथ यह कार्य संपन्न किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रियता से कार्य कर रही है।

उन्होंने बताया कि इस सर्वे के दौरान 48 नागरिकों को मामूली बुखार जैसे लक्षण दिखे दिए ऐसे नागरिकों को फील्ड टीम की अनुशंसा पर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। विलेज हेड क्वार्टर टीमों ने भी नागरिकों को आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए और गम्भीर रोगियों को अस्पतालों में भेजा गया। इस दौरान 166 रोगी ठीक हुए।

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उपायुक्त ने बताया कि इस दौरान टीमों ने ग्रामीण नागरिकों का आरटी पीसीआर टेस्ट लिये तथा साथ ही नागरिकों का रैपिड एंटीजन टेस्ट भी किये गये। उन्होंने बताया कि इस अभियान का फायदा यह रहा कि हेड क्वार्टर व फील्ड टीम ने बहुत से नागरिकों को आइसोलेट किया गया जिसके कारण उनके परिजनों तथा गांव में कोविड-19 का संक्रमण रोका जा सका है। उन्होंने बताया कि उन्हें समय रहते कोविड-19 लक्षण की जानकारी देने के कारण वे पूरी तरह सावधान रहें और संक्रमण के फैलाव को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं।

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ताऊ देवीलाल खेल स्टेडियम में दूसरे ड्राईव थू्र वेक्सिनेशन अभियान का शुभारम्भ किया।

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पंचकूला 30 मई- केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रतन लाल कटारिया व हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने ताऊ देवीलाल खेल स्टेडियम में दूसरे ड्राईव थू्र वेक्सिनेशन अभियान का शुभारम्भ किया। इस अभियान की शुरूआत उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों का टीकाकरण करवाकर की और रेडक्रास की ओर से इस मौके पर दिव्यांगों को ब्रेकफास्ट बांटा गया।


पत्रकारों से बातचीत करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की वेक्सिनेशन की दूनिया में पहचान है तथा कोरोना पर पूर्ण रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में वेक्सिनेशन अभियान के दौरान 162 में 24 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया गया जबकि सबसे बड़े प्रजातांत्रिक देश भारत में इस अभियान के दौरान 132 दिन में 21 करोड़ लोगों को वेक्सिनेशन लगाई गई। उन्होंने कहा कि अब देश में एक्टिव केसों का ग्राफ निरंतर नीचे आ रहा है तथा आगामी 15 दिन में इस पर काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सजगता से कार्य कर रही है तथा देश में तीसरी लहर को पनपने नहीं देगें। उन्होंने कहा कि प्रशासन, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ लगातार कार्य कर है। इसके लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ड्राईव थू्र वेक्सिनेशन अभियान पूरे नार्थ इंडिया में सफल रहा है। पिछली बार चलाए गए अभियान में 5100 से अधिक व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया। उसकी सफलता के मध्येनजर ओर लोगों की मांग अनुसार यह दूसरा अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि वेक्सिनेशन अभियान के तहत ट्राई सिटी में पंचकूला सबसे आगे है और टीकाकरण को लेकर लोगों में भारी उत्साह एवं जोश है। इस बार 18 से 54 वर्ष तक की आयु के सभी व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों की ईच्छानुसार टीकाकरण अभियान चलाये जा रहे है। इसके लिए सीएचसी, अस्पतालों के अलावा हर जगर कैम्प लगाए जा रहे हैं ताकि जल्द से जल्द सभी का टीकारकण किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने वेक्सिनेशन लगवाई है वे कोविड से बच रहे हैं तथा स्वस्थ हैं। इसलिए सभी नागरिकों को वेक्सिनेशन अवश्य लगवानी चाहिए।


एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वेक्सिनेशन को लेकर पूरी तरह से सतर्क एवं सजग हैं तथा वेक्सिनेशन की कमी को दूर करने में लगे हुए हैं। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्ष सकारात्मक आलोचना करता तो हमारी सरकार उसका स्वागत करती। राष्ट्रपेमी लोग विपक्ष की नकारात्मक सोच को पसंद नहीं करते।

वेक्सिनेशन अभियान में रेडक्रास के 40 से अधिक स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों में ही दिव्यांगों को बे्रकफास्ट बांटने के साथ साथ पानी पिलाने का कार्य किया। स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं ने वेक्सिनेशन कार्य में लगे हुए चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस व अन्य कर्मचारियों को भी भोजन एवं जलपान बांटा।


इस अवसर पर उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा, सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर, रैडक्रास सचिव सविता अग्रवाल, नगर निगम के महापौर कुलभूषण गोयल, जिला अध्यक्ष अजय शर्मा, पार्षद सुनीत सिंगला, मीडिय प्रभारी नवीन गर्ग सहित कई गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी मौजूद रहे।

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प्रोनिंग प्रक्रिया कोविड-19 मरीजों के लिए संजीवनी-उपायुक्त

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प्रोनिंग और वैंटीलेशन की बेहतर व्यवस्था ने बचाई कई जिंदगियां

पंचकूला 30 मई- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता से कार्य कर रहा है। डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ समेत स्वास्थ्य विभाग का तमाम अमला इस महामारी से लगातार सक्रिय होकर लगे हुए है। ऐसे में प्रोनिंग प्रक्रिया कोविड-19 मरीजों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए संजीवनी साबित हो रही है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पेट के बल लेटकर ऑक्सीजन की मात्रा में सुधार लाया जा सकता है।


उपायुक्त ने बताया कि प्रोनिंग व्यक्ति के शरीर की पोजिशन को सुरक्षित तरीके से परिवर्तित करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति जमीन की तरफ मुंह करके पेट के बल लेटता है। चिकित्सा के क्षेत्र में प्रोनिंग शरीर की एक स्वीकृत अवस्था है, जो सांस लेने की प्रक्रिया को आरामदायक बनाती है और शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाती है। सांस लेने में तकलीफ वाले कोविड-19 मरीजों, खास तौर पर होम आइसोलेशन वाले कोविड मरीजों के लिए प्रोनिंग की प्रक्रिया काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।


उपायुक्त ने बताया कि प्रोनिंग प्रक्रिया अर्थात् पेट के बल लेटने से वैंटीलेशन को बढ़ावा मिलता है और श्वसन कोशिकाओं को खोलकर आसानी से सांस लेने में मदद मिलती है। इसकी आवश्यकता केवल उसी स्थिति में है, जब मरीज को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही हो और उसका एसपीओ 2 का स्तर 94 से नीचे चला गया हो। होम आइसोलेशन के दौरान इस प्रक्रिया को अपनाकर शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। होम आइसोलेशन के दौरान तापमान, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर जैसे अन्य लक्षणों के अलावा एसपीओ 2 को नियमित रूप से मॉनिटर करना बेहद महत्वपूर्ण है। ऑक्सीजन सर्कुलेशन की कमी मरीज की हालत और ज्यादा बिगडने का कारण बन सकती है। उचित समय पर प्रोनिंग और वैंटीलेशन की बेहतर व्यवस्था से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

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उन्होंने बताया कि प्रोनिंग प्रक्रिया के दौरान एक तकिया मरीज की गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिये छाती और जांघ के ऊपरी हिस्से के बीच रखें तथा दो तकिये पैर की पिंडलियों के नीचे रखें। सेल्फ प्रोनिंग के लिए व्यक्ति को 4 से 5 तकियों की जरूरत होगी। लेटने की पोजिशन में नियमित रूप से बदलाव करते रहना होगा और किसी भी पोजिशन पर 30 मिनट से ज्यादा का समय न लगाएं। सबसे पहले 30 मिनट से 2 घंटे तक पेट के बल लेटें, 30 मिनट से 2 घंटे तक दाईं करवट से लेटें, 30 मिनट से 2 घंटे तक शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं और बैठ जाएं, 30 मिनट से 2 घंटे तक बाईं करवट से लेटें तथा फिर से पहले वाली पोजिशन पर वापस लौटें और पेट के बल लेटें।


उपायुक्त ने बताया कि गर्भावस्था, हृदय संबंधी प्रमुख बीमारियों, अस्थिर रीढ़, जांघ या कूल्हे की हड्डी फ्रैक्चर होने की स्थिति में और भोजन के बाद करीब एक घंटे तक प्रोनिंग न करें। इसके अलावा, प्रोनिंग केवल तब तक करें जब तक आप इसे आसानी से कर पा रहे हों।

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फसल का बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई- उपायुक्त

योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक
29 जुलाई तक फसल बदलाव के लिए बैंक में सूचित करना अनिवार्य

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पंचकूला 30 मई- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2021 के दौरान खरीफ सीजन में धान, मक्का, बाजरा व कपास तथा रबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, सरसों व सूरजमुखी फसलों का बीमा किया जाएगा। फसल का बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई, 2021 है।


उपायुक्त ने बताया कि खरीफ सीजन में इस योजना के तहत किसानों को धान के लिए प्रति एकड़ 713.99 रुपये, मक्का के लिए 356.99 रुपये, बाजरा के लिए 335.99 रुपये और कपास के लिए 1732.50 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रीमियम देना होगा। इसी तरह, रबी फसलों में किसानों को गेहूं के लिए प्रति एकड़ 409.50 रुपये, जौ के लिए 267.75 रुपये, चना के लिए 204.75 रुपये, सरसों के लिए 275.63 रुपये और सूरजमुखी के लिए 267.75 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रीमियम देना होगा।


उन्होंने बताया कि फसल की बीमित राशि धान के लिए 35699.78 रुपये, मक्का के लिए 17849.89 रुपये, बाजरा के लिए 16799.33 रुपये तथा कपास के लिए 34650.02 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। इसी तरह, गेहूं के लिए बीमित राशि 27300.12 रुपये, जौ के लिए 17849.89 रुपये, चना के लिए 13650.06 रुपये, सरसों के लिए 18375.17 रुपये तथा सूरजमुखी के लिए बीमित राशि 17849.89 रुपये प्रति एकड़ तय की गई है।

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उपायुक्त ने बताया कि यह योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। इसलिए यदि ऋणी किसान इस योजना में शामिल नहीं होना चाहते तो वे 24 जुलाई, 2021 तक अपने बैंकों में लिखित आवेदन करके योजना से बाहर (ऑप्ट-आउट) हो सकते हैं। यदि ऋणी किसान स्कीम से बाहर होने के लिए तय सीमा तक सम्बन्धित बैंक में आवेदन नहीं करता तो बैंक किसान की फसलों का बीमा करने के लिए अधिकृत या बाध्य होंगे। उन्होंने बताया कि गैर-ऋणी किसान ग्राहक सेवा केन्द्र या बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि से अपनी फसल का बीमा करवा सकता है। यदि कोई किसान पहले से नियोजित फसल को बदलता है तो उसे अन्तिम तिथि से कम से कम दो दिन पहले यानी 29 जुलाई तक फसल बदलाव के लिए बैंक में सूचित करना होगा।


उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला स्तर पर परियोजना अधिकारी व सर्वेयर नियुक्त किए गए हैं, जो केवल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ही कार्य देखते हैं। बीमा कंपनियों ने भी किसानों की सहायता के लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर अपने कर्मचारी नियुक्त किए हैं। उन्होंने बताया स्कीम से जुड़ी किसानों की शिकायतों के निपटान के लिए राज्य व जिला स्तर पर शिकायत निवारण समितियों का गठन किया गया है। अधिक जानकारी के लिए कृषि एवं किसान कल्याण कल्याण विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 18001802117 पर अथवा अपनी बैंक शाखा या बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, योजना के बारे में पूरी जानकारी विभाग की वेबसाइट ूूू.ंहतपींतलंदं.हवअ.पद पर उपलब्ध है।

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TEC PU organises webinar to Develop Technology while Studying

Chandigarh May 30, 2021

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TEC PU  organises webinar to Develop Technology while Studying 

Technology Enabling Centre (TEC) of Panjab University organized a webinar titled “Develop a Technology while doing your degree” through online mode. 

The Vice Chancellor of Panjab University Prof Rajkumar in his address, emphasized on requirement to do innovation on domestic needs of our local ecosystem and assured participants that Panjab University will give full support. 

Coordinator of first year Dr Kalpana Dahiya apprised students that soon they will be undergoing a training titled “Innovative Product Design” in which students will have to make “proof-of-the-concept” projects.

 Dr Shankar Sehgal, incharge of Btech projects (mechanical), urged students to carry same project from initial semesters to their final semester. This will bring continuity in the project work and quality of projects will appreciably improve. 

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Professor Manu Sharma, coordinator of TEC shared several cases in which innovation by common men has brought positive change. Keynote speaker of the event, Er Sudhir Dua stressed upon need to develop scientific temperament while doing engineering degree. He further exhorted students to extensively visit industry and assess requirements of industry on which innovation is required.

 About 400 students from several branches of engineering attended this webinar. 

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योग दिवस मनाने की तैयारियों को लेकर बैठक-चेयरमैन

पंचकूला 29 मई – हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन डा. जयदीप आर्य की अध्यक्षता में कोरोना वैश्विक महामारी में ‘‘योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा’’ से किए जा उपचार एवं 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021’’ की तैयारियांे को लेकर आॅनलाइन बैठक का आयोजन किया गया।

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बैठक में निदेशक डा0 संगीता नेहरा, आयुष विभाग हरियाणा, आयोग सदस्य, योग स्पेश्लिस्ट्स, आयुष विभाग व हरियाणा में स्थापित प्रमुख योग संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
आयुष निदेशक ने कहा कि कोरोना काॅल में योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा का बहुत महत्व हैं और योग एवं प्राणायाम को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सैन्टर्स में एल0ई0ड़ी0 टी0वी0 लगाए जाने चाहिए। जहां पर प्रतिदिन प्रातः दो घंटे कोरोना मरीजों को योग एवं प्राणायाम करवाया जाए एवं योग एवं प्राणायाम से होने वाले फायदों के बारे मंे विस्तारपूर्वक अवगत करवाय जाए। इसके साथ उन्होंने बताया कि यदि कोई मरीज दूरभाष के माध्यम से यागे एवं प्राणायाम की जानकारी लेना चाहें तो इसके लिए भी विभाग की ओर से जल्द ही हेल्पलाईन नम्बर जारी किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि योग दिवस को भव्य रुप से मनाने के लिए हमें एकजुट होकर तैयारियां करनी होगी।

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हरियाणा योग आयोग के सदस्य डा0 मदन मानव ने बताया कि आयोग की ओर से कोरोना पीडित मरीजों के लिए एक योग प्रोटोकाॅल का निर्माण किया गया हैं। जिसे अप्रवुल के लिए भेजा गया हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा दिनांक 13 अप्रैल से ही आयुष मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित योग प्रोटोकाॅल का अभ्यास करवाया जा रहा हैं। इसके अलावा कई अधिकारियों ने सुझाव दिए और किए जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी दी। हरियाणा योग आयोग के रजिस्ट्रार डा0 हरी चंद्र ने शांति पाठ के साथ प्रतिभागियों का आभार जताया।

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Online Workshop on “Improving Psychosocial skills during Covid-19 Pandemic”

Chandigarh May 28, 2021

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Mahatma Gandhi National Council of Rural Education(MGNCRE), Department of Higher Education, Ministry of Education, GOI in collaboration with National Service Scheme, Panjab University organised an Online workshop entitled “Guidance on Psychosocial skills to Helpers Workshop” ,today.

The workshop was hosted by NSS Programme Coordinator, Prof. Ashwani Koul along with subject expert Dr. Ranbir Singh Battan from MGNCRE as a keynote speaker.

Dr. Ranbir stressed upon the idea of motivating the NSS volunteers for their voluntary participation in the areas around them for helping the corona victims as covid helpers. Workshop focused on the creation of teams of volunteers who will work with the support of hospitals and NGOs to help covid-19 patients by providing them different services.

NSS Unit of Dr. Sucha Singh and NSS Open Unit, UT Chandigarh offered their services to disseminate right information about covid-19, helping covid patients with food and other services and helping people to get the covid vaccine to minimize the risk of covid-19. Dr. Battan also briefed volunteers about how to identify social problems in the post COVID-19 scenario and then how to work in teams to tackle the problems faced by different people.

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Nearly 100 NSS volunteers and NSS Programme Officers attended the workshop. In the end, Prof. Koul thanked and congratulated all participants for their active engagement in the online workshop.

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि होम आइसोलेट मरीजों को डोर टू डोर व्यवस्था और अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों के लिए मांग के अनुसार ऑक्सीजन आपूर्ति की जा रही है।

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पंचकूला 28 मई- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि होम आइसोलेट मरीजों को डोर टू डोर व्यवस्था और अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों के लिए मांग के अनुसार ऑक्सीजन आपूर्ति की जा रही है। अब तक 61 सिलेण्डर घरों मंे उपलब्ध करवाए गए।


उपायुक्त ने बताया कि अभी तक जिलाभर मरीजों के ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो मरीज अस्पतालों में उपचाराधीन हैं, वे डोर टू डोर ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलिंग के लिए आवेदन न करें। उपचाराधीन मरीजों के लिए अस्पताल में ही जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है। पोर्टल पर पंजीकृत आवेदकों के ऑक्सीजन सिलेंडर तत्काल रिफिल किए जा रहे हैं। जिसके आवेदन सही थे उन सभी को निर्धारित समय सीमा में ऑक्सीजन सिलेंडर डिलिवर कर दिए गए हैं।

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उपायुक्त ने बताया कि डोर टू डोर ऑक्सीजन रिफिल व्यवस्था होम आइसोलेट मरीज, शरीर में ऑक्सीजन लेवल की कमी का डॉक्टरी परामर्श होने पर होम डिलवरी ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल के ऑनलाइन आवेदन करें। निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऑनलाइन प्रणाली अपनाई गई है। आवेदक डब्लयूडब्लयूडब्लयू डॉट ऑक्सीजनएचआरवाई डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन करें।


उन्होंने बताया कि डोर टू डोर ऑक्सीजन रिफिल व्यवस्था के तहत आवेदक को डब्लयूडब्लयूडब्लयू डॉट ऑक्सीजनएचआरवाई डॉट इन पर क्लिक करना होगा। साइट पर मरीज का नाम,आयु, मरीज का आधार कार्ड नंबर, पता जहां आक्ॅसीजन सिलेंडर डिलिवर होना है, जिला, सिलेंडर साइज, मरीज का एसपीओ-2 लेवल, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल दर्शाते हुए फोटो या डाक्टरी परामर्श आदि वर्णन भरना होगा। इस पोर्टल पर पंजीकृत होने के बाद आवेदन समाज सेवी संस्था और रैडक्रास सोसायटी के पास रिफलैक्ट हो जाएगा। इस कार्य में जनसेवा की भावना से कार्य कर रही समाज सेवी संस्था को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक को सही मायनों में ऑक्सीजन सिलेंडर जरूरत है।