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किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से कृषि में क्रांति लाई जा सकती है- केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री

भविष्य में एफपीओ की बहुत ही बडी भूमिका रहने वाली हैं- कैलाश चौधरी

किसान को स्वयं अपनी फसल की माकिर्टिग, सोरटिंग, ग्रेेडिंग इत्यादि कर अपनी यूनिट को खडा करना होगा-चौधरी

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पंचकूला, 17 मई- केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि हम किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से कृषि में क्रांति ला सकते हैं और किसान के जीवन में परिवर्तन किया जा सकता है और भविष्य में एफपीओ की बहुत ही बडी भूमिका रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि किसान को स्वयं अपनी फसल की माकिर्टिग, सोरटिंग, ग्रेेडिंग इत्यादि कर अपनी यूनिट को खडा करना होगा और आज का किसान अपनी आय को बढाने के लिए एफपीओ की ओर देख भी रहा है।

वे आज पंचकूला में आयोजित भारत सरकार की 10 हजार एफपीओ के सृजन व प्रचार योजना के तहत कलस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन (सीबीबीओ) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में उपस्थित सीबीबीओ व एफपीओ के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर हरियाणा के कृषि एवं किसान मंत्री श्री जे.पी. दलाल भी उपस्थित रहे।

किसान को आत्मनिर्भर बनाने व उनकी आय को दोगुना करने के लिए एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका-चौधरी

श्री चौधरी ने कहा कि आज की बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण हैं और हमें देश के किसानों की आय को बढाना हैं इसलिए आज इस बैठक में हमने सीबीबीओ व एफपीओ के प्रतिनिधियों को आपस में समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच प्रदान किया हैं ताकि किसानों को नई तकनीकों व बाजार से जोड़कर उनकी आय को बढाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल-प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर व लदाख से एफपीओ प्रतिनिधि व सीबीबीओ प्रतिनिधियों के अलावा कुछ वर्चूअल तरीके से भी किसान भाई व प्रतिनिधि जुडे हैं। उन्होंने कहा कि किसान को आत्मनिर्भर बनाने व उनकी आय को दोगुना करने की दिशा मे प्रधानमंत्री ने ‘‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास’’ पर बल दिया हैं और इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका हैं और इस कार्य में सीबीबीओ अपनी सहायक भूमिका अदा कर सकते हैं।

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इक्विटी ग्रांट की राशि का लाभ लेने के लिए एफपीओ में शर्त अनुसार किसानों को जोड़ना होगा-चौधरी

श्री चौधरी ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करके सीबीबीओ व एफपीओ की तरफ से आने वाले सुझाव के तहत दिशानिर्देशों में बदलाव करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समलत राज्यों में एक सीबीबीओ को 300 किसान सदस्यों के साथ एफपीओ का गठन करवाना हैं और पहाडी राज्यों में एक सीबीबीओ को 100 किसान सदस्यों के साथ एफपीओ का गठन करवाना है तभी इक्विटी ग्रांट की राशि इन एफपीओ को मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि इन सभी एफपीओ को व्यवस्थित करने के लिए चुनाव भी आवश्यक हैं और जनरल बॉडी मिटिंग के बाद ही इक्विटी ग्रांट की राशि एफपीओ को मिल पाएगीं, इसलिए सीबीबीओ को लक्ष्य आधारित काम करते हुए एफपीओ बनाने होंगें।

किसानों के उत्थान के लिए एफपीओ में किसानों को अधिक से अधिक जोडना होगा-चौधरी

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने सीबीबीओ प्रतिनिधियों से आहवान करते हुए कहा कि छोटे-छोटे किसानों से अपनी फसल की ग्रेंडिग, सोरटिंग इत्यादि के कार्य करवाए और यूनिट लगाने के लिए सीबीबीओ प्रोजैक्ट रिपोर्ट भी बनाकर दें और विशेषज्ञों का उपयोग भी करें। उन्होंने कहा कि सीबीबीओ को किसानों के उत्थान के लिए एफपीओ में किसानों को अधिक से अधिक जोडना होगा तभी ज्यादा से ज्यादा  लाभ मिलेगा और इस दिशा में अमूल की परिकल्पना हमारे सामने हैं कि किस प्रकार से दूध के उत्पादन में क्रांति लाते हुए अमूल ने अपनी पहचान बनायी है  और प्रत्येक दूध उत्पादक को इसका लाभ भी मिला है। इसी प्रकार, हम फल व सब्जी में बडे से बडा एफपीओ खडा कर सकते है।ं उन्होंने सीबीबीओ प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने कार्य क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें ओर किसानों को एफपीओ से जुडने के लिए आहवान करवाएं क्योंकि आम जनमानस में जनप्रतिनिधियों का विश्वास होता है।

कृषि अवसरंचना फण्ड का लाभ भी एफपीओ ले-चौधरी

उन्होंने कहा कि कृषि अवसरंचना फण्ड का लाभ भी एफपीओ ले सकते हैं और किसानों को दिलवा सकते है। इसमें दो करोड़ रूपए का प्रावधान सोरिटंग, ग्रेडिंग, पोलीहाउस, ड्रोन व मशीनरी इत्यादि खरीदने के लिए किया गया है। इस फण्ड को 7 साल के लिए व ब्याज में 3 प्रतिशत छूट के साथ लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ड्रोन तकनीक में भी छूट दी हैं जिसमें 75 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में कृषि का बजट मात्र 23 हजार करोड़ रूपए था जो अब बढकर 1.32 लाख करोड़ रूपए हो गया है। उन्हांेने कहा कि ई-नाम से 1000 मंडियों को जोडा गया है और एफपीओ को भी ई-नाम से जोडने की व्यवस्था की गई है।

भारत सरकार ने 10 हजार एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया- कृषि मंत्री, हरियाणा

इससे पहले, हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी. दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्य रखा है कि देश केे किसान के आर्थिक हालात सुधरे और किसानों को उनका अधिकार मिलें तथा उनके जीवन में परिवर्तन आएं। उसी दिशा मेें भारत सरकार ने 10 हजार एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने छोटे व सीमांत किसानों की चिंता की हैं और सामूहिक खेती को बढावा देने का काम किया है ताकि छोटे व सीमांत किसानों को अपनी खेती के लिए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हों।

हरियाणा में भी 600 से 700 एफपीओ बनाए जा चुके- जे.पी. दलाल

हरियाणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी 600 से 700 एफपीओ बनाए जा चुके हैं और चार से पांच जगह पर वे स्वयं एफपीओ को देखकर आए हैं। उन्होंने कहा कि यदि एफपीओ के माध्यम से किसान जुडेंगें तो किसान की दशा व दिशा बदल जाएगी। सामूहिक खेती करने से छोटे किसानों को खेती के लिए खाद व बीज इत्यादि की दिक्कत का सामना नहीं करना पडता है और  लगभग 30 प्रतिशत तक बचत भी होती है। इसके अलावा, ऐसे किसानों को अपनी फसल के वैल्यू-एडीशन से भी लाभ मिलता है।

एफपीओ को स्थापित करते समय ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि सभी किसानों को समान लाभ मिलें-दलाल

उन्होंने कहा कि हमें एफपीओ को स्थापित करते समय ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि सभी किसानों को समान लाभ मिलें और विशेष कर छोटे व सीमांत किसानों को अवश्य हो। इसके अलावा, छोटे व सीमांत किसानों की आय का ऑडिट करके भी यह देखा जा सकता है और यदि यह सफल हो जाता है तो भारत को कृषि के मामले में आगे बढने से कोई नहीं रोक सकता है।

भविष्य में किसानों के उत्थान के लिए आने वाली योजनाओं व नीतियों को लागू करेगा हरियाणा-दलाल

श्री दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि हरियाणा केन्द्र द्वारा लागू की जाने वाले योजनाओं को सबसे पहले क्रियान्वित करता हैं और भविष्य में भी किसानों के उत्थान के लिए आने वाली योजनाओं व नीतियों को लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा मत्स्य के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा है और यहां के मछली पालन किसान लाखों रूपए की आय कर रहे हैं इसलिए उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मत्स्य के क्षेत्र को भी एफपीओ स्थापित करने में लाभ मिलना चाहिए।

इससे पहले, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री विजया लक्ष्मी ने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही इस योजना की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

इस सम्मेलन में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री विजया लक्ष्मी ने केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री कैलाश चौधरी व हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी. दलाल का बुके देकर स्वागत किया तथा हरियाणा बागवानी विभाग के महानिदेशक श्री अर्जुन सैनी ने केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री विजया लक्ष्मी का बुके देकर स्वागत किया।

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डाॅ. बीआर अंबेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत बीपीएल परिवारों को मकान की मरम्मत के लिए वित्तीय सहायता में बढ़ौतरी

-वित्तीय सहायता राशि 50 हजार से बढ़ाकर की गई 80 हजार रुपये

– अब सभी बीपीएल परिवार लें सकते है योजना का लाभ

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पंचकूला, 17 मई- हरियाणा सरकार द्वारा डाॅ. बीआर अंबेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत बीपीएल परिवारों को मकान की मरम्मत के लिए वित्तीय सहायता 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 80 हजार रुपये कर दी गई है।


इस संबंध में जानकारी देते हुये उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा घर की मरम्मत के लिए 80 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि डाॅ. बीआर अम्बेडकर आवास नवीनीकरण योजना का लाभ अब सभी बीपीएल परिवारों को  दिया जायेगा। पहले यह लाभ केवल अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों को ही दिया जा रहा था।


उन्होंने बताया कि हरियाणा आवास नवीनीकरण योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित सभी बीपीएल सूची में शामिल आवेदकों को पात्र बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत यदि आवेदक का मकान 10 साल या उससे अधिक समय से बना हुआ है और मरम्मत के योग्य है तो वह इस योजना का लाभ उठा सकता है। आवेदनकर्ता हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए और आवेदनकर्ता का नाम बीपीएल की सूची में होना चाहिये। उन्होंने बताया कि यदि आवेदनकर्ता अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित है और बीपीएल सूची में भी शामिल है तो, उसे जाति प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य है।

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श्री कौशिक ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिये प्रार्थी के पास परिवार पहचान पत्र, बीपीएल राशन कार्ड नंबर, राशन पत्रिका, एससी/ओबीसी जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या, मोबाइल नंबर, घर के साथ फोटो, बिजली बिल-हाउस रजिस्ट्री-पानी बिल में से कोई भी दो, मकान की मरम्मत पर अनुमानित खर्च का प्रमाण जैसे कागजात होने आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आवेदन के लिए सबसे पहले haryanascbc.gov.in वेबसाईट से फॉर्म डाउनलोड करके उसे भरना है, जिसेे सरपंच या फिर पार्षद से सत्यापित करवाना होगा। उन्होंने बताया कि इस फॉर्म के साथ  ऊपर बताए गए सभी दस्तावेज लगाने आवश्यक है। उसके बाद ये फॉर्म अपने नजदीकी सीएससी सेंटर से ऑनलाइन करवाना है। ऑनलाइन करवाने के बाद आवेदनकर्ता को ये फॉर्म जिले के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में जमा करवाना है। उन्होंने बताया कि आवेदन करते समय कोई भी गलत जानकारी न भरें। सभी आवश्यक दस्तावेजों की साफ कॉपी लगाएं, ताकि आवेदनकर्ता के कार्य में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आये।

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 Orientation regarding gender-based discriminations organised

Chandigarh May 16, 2022

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Centre for Social Work, Panjab University, Chandigarh has organised three days workshop (13th, 14th  May, & 16th May 2022) regarding an orientation to gender based discrimination by Professor Jyoti Seth, Head (Retd.) Department of Sociology, Post Graduate Govt College for Girls sector 42, Chandigarh. The session started with the brief discussion on Gender and sex, she explained that gender which is not male and female but man, woman, and transgender. Gender discrimination is faced by mostly women and transgender’s. This discrimination is because of patriarchy that is prevalent in India from roots and to remove this discrimination not only women have to speak about their right but also men have to change their views. Individual and group activities were performed which made students made to think about various topics (dowry, domestic violence, sayings about men and women, against birth of girl child etc.) which are main factors leading to discrimination. The session was interactive and group activity further refined the learning process of the students. The masters in social work students and research scholars participated in the workshop.

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Dr. Gaurav Gaur, Chairperson alongwith Prof. Jyoti Seth answered the queries related to the theme asked by the students. The students asked questions from live-in-relationship, marriage, divorce and cultural practices prevalent in our society. The token of gratitude was presented to the resource person by the faculty and the students. It was very interactive and enlightening session for the students.

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उपायुक्त ने बरवाला-रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म मालिकों व पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता

-सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना ना करने वाले पोल्ट्री फार्मों को किया जायेगा बंद

-दिशा निर्देशों की पालना  सुनिश्चित करने के लिये 6 टीमों का किया गया गठन-उपायुक्त

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पंचकूला, 16 मई-   उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने कहा कि बरवाला-रायपुररानी क्षेत्र में मक्खियों की समस्या से सख्ती से निपटा जायेगा व सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना ना करने वाले पोल्ट्री फार्मों को बंद किया जायेगा।


उपायुक्त श्री महावीर कौशिक आज लघु सचिवालय के सभागार में बरवाला-रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री फार्म मालिकों व पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उपायुक्त ने कहा कि बरवाला-रायपुररानी क्षेत्र में मक्खियों की समस्या का मुख्य कारण पोल्ट्री फार्म है। उन्होंने पोल्ट्री फार्मों को निर्देश दिये कि वे मुर्गीयों को दी जाने वाली फीड में दवाई का प्रयोग करें ताकि मक्खियां पैदा ना हो। इसके अलावा गांव में नियमित तौर पर दवाई का छिड़काव किया जायें और पोल्ट्री फार्म में फ्लाई पेंट का प्रयोग किया जाये जोकि मक्खियों की समस्या दूर करने में काफी कारगर है।


उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बीडीपीओ, तहसीलदार, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, कृषि विभाग के उपनिदेशक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में 6 टीमों का गठन किया गया हैं। ये टीमें गांव का दौरा कर इन दिशा निर्देशा की पालना सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने पोल्ट्री फार्म मालिकों को स्पष्ट किया कि यदि इन दिशा निर्देशों की पालना नहीं की जाती तो दोषी पाये जाने वाले पोल्ट्री फार्म पर सख्त कार्रवाही की जायेगी और उन्हें नियमानुसार बंद कर दिया जायेगा। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी वीरेंद्र पूनिया ने बताया कि वर्तमान में 92 पोल्ट्री फार्म संचालित है, जिसमें से सरकार के दिशा निर्देशों की अनुपालना न करने पर दोषी पाये गये 5 पोल्ट्री फार्मो को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। इन पोल्ट्री फार्मों को आगामी 60 दिन में बंद कर दिया जायेगा।


उपायुक्त ने कहा कि पोल्ट्री फार्मो की वजह से पैदा होने वाली मक्खियों की समस्या से बरवाला-रायपुररानी के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने निर्देश दिये कि पोल्ट्री फार्म गांव में दवाई का छिड़काव करवायें ताकि जुलाई में बरसात के मौसम में मक्खियों की समस्या दोबारा ना पनपे।


पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन ने उपायुक्त को आश्वासन दिया कि वे मक्खियों की समस्या के समाधान के लिये जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। उन्होंने कहा कि वे न केवल आज उपायुक्त द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों की पालना करेंगे बल्कि सरकार के दिशा निर्देशों की अवेहलना करने वालों का नाम भी उजागर करेंगे ताकि उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाही की जा सके।  

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इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक, एसडीएम ऋचा राठी, पशु पालन विभाग के उपनिदेशक अनिल बनवाला, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पंचकूला के क्षेत्रीय अधिकारी वीरेंद्र पूनिया सहित बरवाला-रायपुररानी पोल्ट्री फार्म के मलिक व पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे। 

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नवनियुक्त मानद महासचिव रंजीता मेहता ने हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद का संभाला कार्यभार

– बच्चों के सपनों को पूरा करना और बाल कल्याण  के कार्यों को बढ़ावा देना रहेगी प्राथमिकता-रंजीता मेहता


– बाल कल्याण के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए जल्द तैयार की जाएगी रूपरेखा-रंजीता मेहता

पंचकूला, 16 मई- हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की नवनियुक्त मानद महासचिव रंजीता मेहता ने परिषद मुख्यालय चंडीगढ़ में हरको बैंक चेयरमैन अरविंद यादव समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 22 वें मानद महासचिव के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया।


हरको बैंक चेयरमैन  अरविंद यादव ने उन्हें मानद महासचिव की कुर्सी पर बैठाकर कार्यभार ग्रहण करने की शुभकामनाएं दी।


 परिषद मुख्यालय में पहुंचने पर नवनियुक्त मानद महासचिव रंजीता मेहता का जोरदार स्वागत हुआ। सभी गणमान्यों ने उन्हें परिषद का कार्यभार संभालने की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर महासचिव रंजीता मेहता ने राज्यपाल एवं प्रधान हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद श्री बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री एवं उपप्रधान हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद श्री मनोहर लाल एवं पार्टी संगठन का बाल कल्याण परिषद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के लिए हार्दिक आभार जताया।


 महासचिव रंजीता मेहता ने कहा कि  बच्चे भगवान का रूप होते हैं और उन्हें प्रदेश के बच्चों के कल्याण की बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे इसे सेवा समझकर कार्य करेंगी। इस जिम्मेदारी का पूरी ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से वहन करेंगी। उन्होंने कहा कि बच्चों का कल्याण परिषद की प्राथमिकता है और इस प्राथमिकता को पूरा करने के लिए वे पूरी तरह प्रयासरत रहेंगी। बच्चों  के हुनर को पहचान देने और बच्चों के सपनों को उड़ान देने के लिए परिषद लगातार प्रयासरत है। रंजीता मेहता ने कहा कि भविष्य में बाल कल्याण के कार्यों व योजनाओं को बढ़ावा और मूर्त रूप देने के लिए नई योजनाएं तैयार की जाएंगी और उन्हें जमीनी स्तर पर अमलीजामा भी पहनाने का कार्य किया जाएगा।


इस अवसर पर जस्टिस जितेंद्र चैहान, पूर्व मानद महासचिव संतोष अत्रेजा, राष्ट्रीय पंजाबी महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मेहता, राष्ट्रीय पंजाबी महासभा प्रदेश अध्यक्ष भूपेश मेहता, एमडी जसविंद्र, सोनिका शर्मा शक्ति केंद्र प्रमुख, राजीव शर्मा, अमरटेक्स अरुण ग्रोवर, डॉ जसविंद्र मेहता रजिस्ट्रार एचएयू, डीपी सोनी, अशोक शर्मा, डीपी सिंघल, सुषमा खन्ना, शिवराज शर्मा, जिला संयोजक, राकेश पांडव, शसंयोजक पटियाला, नरेंद्र सिंगला, राजेश चैधरी, वीरेंद्र शुक्ला, विष्णु भटनागर, सामाजिक समर्थ बगलामुखी व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर मोबाईल टाॅवर और ओएफसी केबल की अनुमति से संबंधित लंबित कार्यों को पूरा करने दिये निर्देश

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पंचकूला, 16 मई- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने मोबाईल टाॅवर और ओपटीकल फाईबर केबल (ओएफसी) की अनुमति को लेकर आज चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को मोबाईल टावर और ओएफसी से संबंधित लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये।


जिला लघु सचिवालय के सभागार में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में उपस्थित उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल को एक सप्ताह के अंदर मोबाईल टाॅवर और ओएफसी केबल से संबंधित सभी लंबित कार्यों को पूरा करने का आश्वासन दिया।

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बैठक के उपरांत श्री महावीर कौशिक ने पंचकूला नगर निगम व नगर निगम कालका, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, एचएसआईडीसी के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार मोबाईल टाॅवर और ओपटीकल फाईबर केबल की अनुमति से संबंधित सभी आवेदनों का 45 दिनों के अंदर निपटान करना होता हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आवेदनकर्ता जिन्होंने नोटिस जारी होने के उपरांत भी अभी तक  आवश्यक दस्तावेज और निर्धारित फीस जमा नहीं कराई है तो उनके आवेदन रद्द किये जायें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे  इस संबंध में सभी लंबित कार्यों को एक सप्ताह में पूरा करें।
इस अवसर पर नगराधीश गौरव चौहान , नगर निगम पंचकूला के कार्यकारी अभियंता प्रमोद, नगर निगम कालका की कार्यकारी अधिकारी निशा शर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2022 के भव्य आयोजन की तैयारियों को लेकर सेक्टर- 5 स्थित परेड ग्राउंड में किया गया तीन दिवसीय विशाल योग विज्ञान शिविर का आयोजन

– हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर किया योग शिविर का शुभारम्भ

-प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व में योग को एक अलग पहचान दिलवाई -गुप्ता

-योग शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक, बौद्धिक एवं अध्यात्मिक विकास के लिये भी आवश्यक-गुप्ता

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पंचकूला, 16 मई- प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हरियाणा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य रूप में आयोजित करने के लिये तैयारियां अपने चरम पर है। इसी कड़ी में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला में तीन दिवसीय विशाल योग विज्ञान शिविर का दीप प्रज्जवलित कर विधिवत शुभारंभ किया।


इस विशाल योग विज्ञान शिविर का आयोजन सैक्टर-5 पंचकूला स्थित परेड ग्राउंड में आजादी के अमृत महोत्त्सव के उपलक्ष्य में हरियाणा योग आयोग के चेयरमैन डाॅ. जयदीप आर्या के मार्गदर्शन में और जिला प्रशासन तथा आयुष विभाग पंचकूला के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।


इस अवसर पर उपायुक्त श्री महावीर कौशिक भी उपस्थित थे। लगभग डेढ घंटे चले इस योग शिविर में श्री गुप्ता व श्री महावीर कौशिक ने विभिन्न योगासन कर, वहां उपस्थित लोगों को भी योग के लिये प्रेरित किया।  
श्री गुप्ता ने कहा कि इस योग विज्ञान शिविर का आयोजन आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी एवं योग को जन-जन तक पंहुचाने के लिये किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग का अर्थ है जोड़ना और इसी की सार्थकता का परिचय आज जिला की योग संस्थाओं, सरकारी विभागों, प्राईवेट संस्थाओं, गुरूकुल एवं आमजन ने एक साथ मिलकर, एक जैसा अभ्यास कर सभी को दिया और दैनिक रूप से योग करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि योग ही जीवन है और योग केवल शारीरिक अभ्यास ना होकर मानसिक, बौद्धिक एवं अध्यात्मिक विकास है। स्वास्थ्य के लिये निरोगी काया और निरोगी काया के लिये योग आवश्यक है।

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योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुये श्री गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व में योग को एक अलग पहचान दिलवाई है। श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के परिणामस्वरूप यूएनओ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और वर्तमान में लगभग 177 देश इस दिन योगाभ्यास कर, योग का प्रचार प्रसार कर रहे है। उन्होंने आह्वान किया सभी लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाये और प्रतिदिन चाहे योगा सेंटर, स्कूल, काॅलेज व अन्य खुले स्थानों पर योगाभ्यास करें। इस अवसर पर उन्होंने आज के कार्यक्रम में आईटीबीपी के जवानों के द्वारा किये गये योगाभ्यास के लिये उन्हें शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि योग से अनुशासन आता है और जिस प्रकार आईटीबीपी के जवानों ने योग क्रियायें करते समय अनुशासन का परिचय दिया है, वह सराहनीय है।


श्री गुप्ता ने विशाल योग विज्ञान शिविर के सह आयोजक भारत स्वाभिमान, इंडियन योगा एसोसिएशन, पतजंलि योग समिति, भारतीय योग संस्थान, आरोग्य भारती, ब्रह्मकुमारी, आर्ट आॅफ लिविंग, क्रीड़ाभारती, भारत विकास परिषद्, आर्य समाज, गुरूकुल संस्थाओं का कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये धन्यवाद किया। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिये हरियाणा योगायोग, जिला प्रशासन तथा आयुष विभाग के प्रयासों की भी सराहना की।
उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता का योग शिविर में पंहुचने पर स्वागत और धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता का इस विशाल योग विज्ञान शिविर में पंहुचने से यहां आये सभी योग साधकों का हौंसला व मनोबल बढ़ा है। श्री महावीर कौशिक ने आईटीबीपी के जवानों के साथ साथ अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने भारी संख्या में पंहुचकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया और जीवन में योग की सार्थकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह तीन दिवसीय योग शिविर 21 जून को आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के रूप में आयोजित किया जा रहा है ताकि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य रूप में मनाया जा सके।


इसके पश्चात श्री महावीर कौशिक ने विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता को तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया।


इससे पूर्व कार्यक्रम के आरंभ में राजकीय योग महाविद्यालय सेक्टर-23 चंडीगढ के योग प्रशिक्षक श्री रोशन लाल ने योग प्रोटोकाॅल करवाया। शिविर में लोगों को विभिन्न योग क्रियायें व आसन जैसे वृक्षासन, ताड़ासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्धअष्टासन, शशांकासन, उत्तानमंडुक, शवासन, भामरी इत्यादी करवायें गये और साथ ही इनकी महत्वत्ता के बारे में भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला योगासन स्पोर्टस के बच्चों द्वारा योग क्रियायें की गई, जिसे लोगों ने खूब सराहा।


इस मौके पर एसडीएम ऋचा राठी, एसीपी राजकुमार, हरियाणा योग आयोग के रजिस्ट्रार हरिशचंद्र, प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल से महानिरीक्षक ईश्वर सिंह दुहन, जिला आयुर्वेद अधिकारी दलीप मिश्रा, बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष उमेश सूद, महामंत्री परमजीत कौर, पार्षद नरेंद्र लुबाना सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

*MC Chandigarh conducts anti encroachment Drive in Sector 26 and Sector 34*

कृषि यन्त्रों पर अनुदान के लिये आवेदन की अंतिम तिथि 20 मई तक बढ़ी

इच्छुक किसान विभाग के पोर्टल http://www.agriharyana.gov.in  पर  कर सकते है  आॅनलाइन आवेदन*


*- कृषि यंत्रों पर किसानों को उपलब्ध करवाया जायेगा 40 से 50 प्रतिशत  अनुदान* 

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पंचकूला, 15 मई- कृषि एंव किसान कल्याण विभाग हरियाणा की ओर से जिला के किसानांे को वर्ष 2022-23 के दौरान विभिन्न कृषि यन्त्रो पर अनुदान के लिये आॅनलाईन आवेदन करने की तिथि 9 मई से बढाकर 20 मई तक कर दी गई है। इस स्कीम का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक किसान विभाग के पोर्टल http://www.agriharyana.gov.in  पर  आॅनलाइन आवेदन कर सकते है।


इस संबंध में जानकारी देते हुये सहायक कृषि अभियन्ता श्री ओमप्रकाश महिवाल ने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत जिला में व्यकितगत किसान श्रेणी में अनुसूचित जाति/जनजाति एवं महिला किसानों के लिए विभिन्न कृषि यन्त्रों बीटी काॅटन सीड ड्रिल, ट्रैक्टर चालित स्पे्रयर पंप, टै्रक्टर चालित रोटरी वीडर, पावर टिलर, ब्रिकेट बनाने की मशीन, स्व-चालित रीपर बाइंडर, मक्का बाने की मशीन (मेज प्लांटर), मेज थ्रेशर और न्युमैटिक प्लांटर 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाएगे, जिनके लिए किसान आवेदन कर सकता है। 

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उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को उपरोक्त यन्त्र 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाएगे। आवेदन के लिए किसान के नाम हरियाणा राज्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर की वैध आर0सी0 (केवल ट्रैक्टर चलित मशीनों के लिए), किसान के नाम जमीन व उसकी पटवारी रिपोर्ट, किसान का बैंक खाता, आधार कार्ड और पैन कार्ड, मेरी  फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन, परिवार पहचान पत्र व अनुसूचित जाति /जनजाति के किसानों के लिए जाति प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किसान को आवेदन के समय जिन कृषि यन्त्रों की अनुदान राशि 2.5 लाख रुपये से कम है, उसके लिए 2500 रुपये व जिन कृषि यन्त्रों की अनुदान राशि 2.5 लाख रुपये से अधिक है, उसके लिए 5000 रुपये की बुकिंग राशि आॅनलाईन ही जमा करवानी होगी, जोकि रिफंडेबल होगी। उन्होंने बताया कि एक किसान लाभार्थी अधिकतम 3 विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र के लिए आवेदन कर सकता है। जिन किसानों ने पिछले 5 वर्षों में इन कृषि यंत्रों पर अनुदान लिया है, वे किसान इस स्किम में उसी यंत्र पर आवेदन करने के लिए पात्र नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग की वैबसाईट अथवा सहायक कृषि अभियन्ता या उपकृषि निदेशक, कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, पंचकूला के  कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस को प्रातः 9 बजे से सांय 5 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

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भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने “साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी” से सम्बंधित दिशा निर्देश किये जारी

विज्ञान के क्षेत्र में समाज की भागीदारी अनिवार्य – धर्मवीर*

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पंचकूला मई 15: भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने गुरुवार को “साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी” से सम्बंधित दिशा निर्देश जारी किये हैं। विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संस्था (एन.जी.ओ.) – सोसाइटी फ़ॉर प्रोमोशन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया ने इस पालिसी को बहुत महत्वपूर्ण बताया है।


सोसाइटी के अध्यक्ष एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यसचिव रह चुके आई.ए.एस. सेवानिवृत्त धर्मवीर ने इस नीति पर बात करते हुए बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में समाज की भागीदारी अनिवार्य है एवं वैज्ञानिकों के अनुसंधान कार्यों एवं उपलब्धियों को समाज के लोगों के मध्य रखना अतिआवश्यक है। यह विज्ञान और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देगा।


उन्होंने बताया कि पालिसी में चार मुख्य बिंदु पर ध्यान केन्द्रित किया गया है जिनमे समावेशी और सतत विकास को सुगम बनाने के लिए विज्ञान और समाज का जुड़ना, विचारों को सांझा करने और वैज्ञानिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल,  समुदायों के साथ उनकी जरूरतों की पहचान करने के लिए सहयोग करना और उनकी समस्याओं को विज्ञान और तकनीक से समाधान विकसित करना एवम वैज्ञानिक अभ्यास करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों के बीच सामाजिक जिम्मेदारी पैदा करना शामिल हैं।


धर्मवीर ने बताया की पालिसी में देश के हर जिले में से किसी एक संस्थान को एंकर वैज्ञानिक संस्थान के तौर पर अंकित किये जाने का जिक्र है जो इस पालिसी के उद्देश्यों को पूरा करने में अपने जिले में स्थित बाकी संस्थाओं को मदद करेगा। दिशा निर्देशों में संस्थाओं में काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति से वर्ष में कम से कम दस दिनों का योगदान करने की अपेक्षा की गयी है जिसमे वह अनिवार्य रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को जीवंत और समाज के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए काम करेगा।


धर्मवीर ने बताया की इन दिशा निर्देशों में उद्देशों को पूरा करने के लिए कुछ गतिविधियों का भी ज़िक्र किया गया है जिनमे स्कूलों और कॉलेजों में वैज्ञानिकों द्वारा व्याख्यान, लोकप्रिय विषय पर वैज्ञानिक वार्ता देना, छात्रों के लिए इंटर्नशिप, स्कूलों में प्रदर्शनी, स्कूली छात्रों को उनके इनोवेशन प्रोजेक्ट्स में सलाह देना,  स्कूलों में या जनता के लिए इंटरैक्टिव प्रदर्शनियों को स्थापित करना और उनका रखरखाव करना, प्रशिक्षण और कार्यशालाओं के माध्यम से कौशल विकास, बुनियादी ढांचे और ज्ञान संसाधनों को साझा करना, वैज्ञानिक समाधान और तकनीक का प्रदर्शन, इनोवेटर्स के साथ काम करना, सरल स्थानीय भाषा में सोशल मीडिया संचार के माध्यम से वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का प्रसार आदि शामिल हैं।


पालिसी के लाभ पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की इससे समाज के लिए विज्ञान और प्रोद्योगिकी के लाभों का विस्त्तारिकरण, छात्रों को विज्ञान के क्षेत्रों में आने के लिए प्रेरित करने, प्रयोगशालाओं में सहयोग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संसाधनों को साझा करने का अवसर पैदा करने, वैज्ञानिक हस्तक्षेप से महिलाओं, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने एवम एमएसएमई, स्टार्ट-अप और अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों को अपना समग्र विकास करने में मदद मिलेगी।

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उन्होंने   बताया की एस.पी.एस.टी.आई. संस्था विज्ञान को लोगों तक पहुँचाने के लिए इन सभी गतिविधियाँ के माध्यम से सन 2010 से कार्यरत है एवम भविष्य में विज्ञान और समाज के एकीकरण के लिए मजबूती से कार्य करेगी। उन्होंने कहा के एस.पी.एस.टी.आई. संस्था वैज्ञानिकों के सामाजिक उत्तरदायित्व को साकार करने के लिए प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. एन. सत्यमूर्ति, प्रो. शैलेश नायक, प्रो. अरुण ग्रोवर, प्रो. केया धर्मवीर, प्रो. अरविन्द, प्रो. रविंदर कोहली एवम अन्य सदस्यों के सहयोग के साथ चंडीगढ़ क्षेत्र की विज्ञान अकादमियों को साथ लाने में सक्षम रहा है।

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Doctors at Fortis Mohali treat 75-year-old woman with significant artery blockage using technology of Fractional Flow Reserve

-The advanced technology helps determine if a cardiac patient needs a stent or a bypass surgery, or should be administered only medicines –

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Kullu, May 14, 2022: The Cardiology Team at Fortis Hospital Mohali has given a new lease of life to 75-year-old Ram Kumari, based in Kullu,by treating her for severe artery blockages through Fractional Flow Reserve (FFR).

The Cardiology Team headed by Dr RK Jaswal, Head of Department and Director of Cardiology; and Director, Cathlabs, Fortis Hospital Mohali, successfully treated the Patient using the most advanced technology of Fractional Flow Reserve (FFR), available 24×7 at Fortis Mohali.

Fractional Flow Reserve is used to determine if a cardiac patient needs a stent or a bypass surgery, or should be administered only medicines during treatment. The procedure is performed by a pressure wire introduced inside the narrowed artery and assesses the actual reduction in blood flow in the vessel due to blockage.

The Patientpresented with a history of hypertension along with definitive exertional shortness of breath and chest discomfort.A 64 Slice CT Angiography–non-invasive test that helps detect blockages in arteries –revealed significant narrowing of the Left Anterior Descending (LAD) artery.She was subsequently admitted to Fortis Mohaliwhere Catheter Angiography was done on 7th May this year.

Catheter angiography is an invasive procedure that allows a cardiologist to see how well blood vessels supply blood to the heart.  The procedure revealed 70% blockage of the LAD artery. Going by angiography alone, the Patientwas a candidate for stentingof LAD.

Discussing the case, Dr Jaswal, said, “FFR was utilized to further evaluate whether the stent will benefit or harm the patient in the long run.  Both FFR and Relative Flow Reserve (RFR) established that the Patient could do well without stenting on just medical treatment.”

The Patient was discharged from Fortis Mohali on the same day. Post treatment, she is doing well and leading a normal life.

As per medical findings, critical blockages in the arteries with abnormal FFR, if not stented, can pose a risk to life and poor outcome.On the contrary, heart artery blockages with FFR which is not critically reduced can be managed medically through this advanced technique.

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With FFR, about 25-30% of all patients who are otherwise candidates for stenting on the basis of their angiography findings, end up on medical treatment. Therefore, avoiding unnecessary stenting and better long-term outcomes.Discussing the advanced treatment option, Dr Jaswal, said, “FFR is available in selected hospitals such as Fortis Mohali. It is highly useful in stenting heart arteries in an objective and ethical way as recommended by international guidelines of repute in the world.”