सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

पीएमईजीपी के क्रियांवयन में जिला सिरसा प्रदेश में दूसरे स्थान पर: उपायुक्त बिढ़ान

सिरसा, 27 जुलाई।


                  भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत ऋण आवेदन पत्र आमत्रिंत किए गए हैं। योजना के तहत उद्योग लगाने पर 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपये कर्ज मिलता है।

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                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से सूक्ष्म इकाईयों (उद्यम) को बढावा देने रोजगार के नये अवसर सृजित करने के उद्देेश्य से ऋण दिया जाता है। इसके तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादन क्षेत्र से संबंधित अधिकतम 25 लाख रुपये व सेवा क्षेत्र से संबंधित अधिकतम 10 लाख रुपये तक की परियोजना लागत के आवेदन स्वीकार किये जाते है। इसमें 15 से 35 प्रतिशत सब्सिडी/मार्जिन मनी का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना के क्रियांवयन के लिए नोडल अभिकरण है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग तथा खादी ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एवं जिला उद्योग केन्द्र द्वारा ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए आवेदन ऑनलाईन प्रकिया के माध्यम से स्वीकार किये जाते है।

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                  उपायुक्त बिढ़ान ने बताया गया कि वर्ष 2019-2020 के प्राप्त लक्ष्यों एवं प्रगति के आधार पर जिला सिरसा को प्रदेश स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि वित्तिय वर्ष 2020-2021 के तहत उपरोक्त तीनों एजेंसियों का 338.52 लाख मार्जिन मनी राशि एवं 109 सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त हो चुका है एवं ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त आवेदन आवश्यक जांच उपरांत संबंधित बैंकों को भेजे जा रहे है। अब तक 282.24 लाख मार्जिन मनी के 65 ऋण आवेदन पत्र बैंकों को भेजे जा चुके है, जिसमें से 46.49 लाख मार्जिन मनी राशि के 11 आवेदन स्वीकृत हो चुके है।


योजना के अन्तर्गत सरकारी सब्सिडी का स्तर:


                  उप निदेशक जिला उद्योग केंद्र गुर प्रताप सिंह ने बताया कि योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में सामान्य के लिए 15 प्रतिशत तथा ग्रामीण के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि आरक्षित वर्ग (एससी/एसटी/ ओबीसी/ अल्पसंख्यक/ महिला/ एक्स सर्विसमेन/ दिव्यांग) के लिए शहरी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत व ग्रामीण के लिए 35 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों द्वारा 10 प्रतिशत तथा आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों द्वारा 5 प्रतिशत अंशदान का प्रावधान है। मांसाहार एवं मादक पदार्थों के उत्पादन एवं प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग एवं प्रदूषण से संबंधित इकाईयों को इस स्कीम के तहत लाभ प्राप्त करने के उदेश्य से निषिद कार्यों की सूची में रखा गया है।

                  उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए इच्छुक आवेदक स्थानीय लघु सचिवालय स्थित जिला उद्योग केन्द्र सिरसा कार्यालय, दूरभाष: 01666-247650 या ईमेल [email protected] पर सम्पर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जिला खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यालय बेगू रोड, सिरसा कार्याय या दूरभाष 01666-221052 या राज्य निदेशक, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग हरियाण अम्बाला कैन्ट कार्यालय या दूरभाष 0171-2643688, 2630334 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।


योजना के लिए कैसे करें आवेदन :


                  इच्छुक प्रार्थी अपना आवेदन केवीआईसी की वैबसाईट www.kviconline.gov.in पर लॉगईन करके ऑनलाईन फार्म भर सकते है। आवेदन के लिए वैबसाईट पर मांगे जाने वाले जरूरी दस्तावेज अपलोड जैसे फोटो, आधार कार्ड, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र एवं तकनीकी योग्यता प्रमाण पत्र (जहां लागू हो), परियोजना लागत, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, आरक्षित एवं जाति प्रमाण पत्र, उद्यमिता विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण प्रमाण पत्र (केवल प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों के लिए) व ग्रामीण क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने के लिए ग्राम पंचायत से जनसंख्या प्रमाणपत्र (गांव की आबादी 20 हजार से कम हो) आदि की आवश्यकता रहेगी।


लाभार्थियों का चयन:


                  लाभार्थियों का चयन उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं जानकारी के अनुसार स्कोर बोर्ड के माध्यम से प्राप्त अंकों के आधार किया जाता है एवं तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता के अनुसार बैंको की वित्तपोषक शाखाएं परियोजना का मंजूरी देती है।

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लोगों के सहयोग से सिरसा में लाइन लोस हुआ कम, राजस्व में भी हुई बेहतर बढ़ोतरी : रणजीत सिंह

सिरसा 27 जुलाई।


हरियाणा के बिजली, जेल एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि सिरसा जिला में लाइन लोस 34.25 से घटकर 22.17 हो गया है। इसके अलावा राजस्व में भी बढोतरी हुई है। यह सब जिलावासियों के सहयोग से ही संभव हुआ है, इसके लिए जिला के उपभोक्ता बधाई के पात्र हैं।

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बिजली मंत्री सोमवार को अपने निवास पर लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक-एक कर लोगों की समस्याओं को सुना और मौके पर अधिकारियों को फोन पर समाधान के दिशा-निर्देश दिए। जिला के विभिन्न गांवों से ग्रामीण सार्वजनिक व निजी समस्याएं लेकर मंत्री के निवास पर पहुंचे थे।
सोशल डिस्टेंस व मॉस्क आदि सभी बचाव के उपायों के तहत मंत्री ने एक-एक कर समस्याओं को बड़े ही ध्यानपूर्वक सुना। बिजली मंत्री हर समस्या को सुनने के दौरान ही बीच-बीच में संबंधित अधिकारी को समस्या के समाधान बारे दिशा-निर्देश भी दे रहे थे, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो और समस्या का समाधान त्वरित हो। उन्होंने कहा कि गांवों में जहां भी सामुहिक रूप से विकास कार्यों की आवश्यकता हो वह उन्हें बताएं इन्हें तुरंत पूरा करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अपनी बेहतर बिजली आपूर्ति व्यवस्था और लोगों के सहयोग के चलते हमने लाईन लास 13.2 प्रतिशत कम कर करके दो हजार करोड़ रुपये का फायदा किया है। जहां सिरसा जिला की बात की जाए तो  लाइन लोस 34.25 से घटकर 22.17 है। उन्होंने कहा कि निगम के बेहतर प्रबंधन व सुविधाओं के चलते बिजली राजस्व में भी बेहतर बढोतरी हुई है, जिससे निगम को लाभ हुआ है। पूर्व की सरकारें निगम को घाटे में छोड़कर गई थी। वर्तमान समय में हरियाणा के बिजली निगम 452 करोड़ रुपये के लाभ में चल रहे हैं और पिछली सरकार इन पर 33 हजार 500 करोड़ रुपये का घाटा छोड़कर गई थी। बिजली के बेहतर प्रबंधन व सुविधाओं के चलते ही आज हम प्रदेश के हजारों गांवों को 24 घंटे बिजली दे पा रहे हैं।

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बिजली मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश के लोगों को बेहतर बिजली आपूर्ति देना है और इसके लिए हम बिजली वितरण के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहे हैं। हमारे पास बिजली की कोई कमी नहीं है और उपभोक्ताओं तक बिजली आपूूर्ति के लिए हमें जहां भी पावर हाउसों को अपग्रेड करने की जरूरत होगी वहां करेंगे।


आईपीडीएस के तहत रानियां व कालांवाली में खर्च हुए 5.29 करोड :


बिजली मंत्री ने बताया कि आईपीडीएस स्कीम के तहत जिला के रानियां व कालांवाली शहर को चिन्हित किया गया था। स्कीम के तहत दोनों शहरों में बिजली की विभिन्न सुविधाओं पर 5.29 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत शहरों में बिजली गुणवत्ता के लिए कंडक्टर की जगह केबल लगाना, नये मीटर लगाना, मीटरों बाहर लगाना, नये ट्रास्फार्मर आदि कार्य करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि रानियां व कालांवाली में 38 नये ट्रांस्फार्म लगाए गए हैं। इसी प्रकार 20.5 किलोमीटर की लो टेंशन लाइन व 7.88 किलोमीटर हाई टेंशन लाइन पर कंडक्टर की जगह केबल लगाई गई है, जिससे बिजली गुणवत्ता में बढोतरी हुई है।


पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत जिला में खर्च हुए 20.12 करोड़ की राशि :  


बिजली मंत्री ने कहा कि सिरसा जिला में पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 20.12 करोड़ रुपये राशि खर्च हुई है। योजना के तहत कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत जिला के विभिन्न गांवों में 1830 नये मीटर लगाए गए हैं। इसी प्रकार 11 केवी के 39 नये फीडर तथा 113 नये ट्रांस्फार्मर लगाए गए हैं। इन सब कार्यों से लाइन लॉस 34.25 से घटकर 22.17 हुआ है और राजस्व में भी बढोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि सिरसा जिला में बिजली बिलों की रिकवरी में भी इजाफा हुआ है, इससे निगम का राजस्व में बढोतरी हुई है।

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सीआरपीएफ के 82वें स्थापना दिवस पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कर्मियों को दी शुभकामनाएं

सिरसा, 27 जुलाई।


                     हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 82वें स्थापना दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ कर्मियों को शुभकामनाएं दी हैं।

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                      उपमुख्यमंत्री ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि इस असाधारण बल के 82वें स्थापना दिवस पर सीआरपीएफ के सभी कर्मियों को शुभकामनाएं। हमारे राष्ट्र को सुरक्षित रखने में सीआरपीएफ की अहम भूमिका है। इस बल के साहस और कुशलता की प्रशंसा सर्वत्र होती है।

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                          श्री दुष्यंत चौटाला ने एक अन्य ट्वीट में मिसाइल-मैन कहे जाने वाले भारत के महान वैज्ञानिक एवं भूतपूर्व राष्टï्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्य तिथि पर उनको याद किया। उन्होंने कहा कि मिसाइल-मैन ने समाज को सिखाया कि जीवन में परिस्थिति कैसी भी प्रतिकूल हो, पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। अब्दुल कलाम के विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करते हैं।


                          उपमुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में मिसाइल-मैन के उस सूत्र-वाक्य का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने कहा था,’सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते।Ó  डिप्टी सीएम ने स्वर्गीय कलाम को श्रद्घांजलि देते हुए कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम को बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में ‘मिसाइल-मैनÓ के रूप में जाना जाता है।

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Special Webinar to commemorate “Kargil Vijay Diwas” at Panjab University.

Chandigarh July 27, 2020

The Department of Defence and National Security Studies, Panjab University, Chandigarh, in collaboration with the Department of Police Administration, Department of Sports and NCC Wing, Panjab University organised a special webinar to commemorate the 21 years of the Indian Military Victory in the Kargil Conflict (Kargil Vijay Diwas). The Main Speaker was Major General Amarjit Singh, VSM.

The General, who has had a long illustrious career in the Indian Army has served in various important command, staff and instructional appointments including as MGGS (RED FOR) at Army Training Command, Shimla and has commanded an Armoured Brigade in the Strike Corps and a Mountain Division in the Northern Command. He began his lecture by explaining the causes behind the Kargil War. When the Simla Agreement was signed after the 1971 Indo-Pak War, it was decided to draw a       line between the areas held by Indian and Pakistani Military in Jammu and Kashmir. This line was called the Line of Control. This line was drawn upto a point called NJ 9842 which is the base of the Siachen Glacier. The Glacier, due to its adverse topographical and weather conditions, was not considered suitable for military deployment by both sides. There was later a dispute on how this line line should be drawn beyond point NJ 9842, Pakistan claimed that the line must go eastwards upto the Karakoram Pass, while India claimed that the line must go northwards from point NJ 9842. This became a major disagreement between the two countries. And from the 1980 onwards both nations started sending recce patrols in Siachen.

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While buying special clothing for high altitude from Switzerland, the Indian team learnt about a Pakistani team doing similar purchases for their troops. On learning this, India made a very smart strategic move and occupied the Siachen Glacier. This led to the Siachen Conflict of 1984 which India won. At that time, there was a young Pak Brigadier posted there, General (then Brig) Parvez Musharraf. The Pakistanis then made a plan to regain Siachen Glacier by launching a counter attack in Drass and Kargil. This was aimed at interdicting the Leh-Srinagar National Highway so that the logistics supply line to Siachen could be choked. This plan could not be implemented then. Then in 1998, Pakistan made a plan called Operation Badr, in which they attempted to claim that there are a large amount of insurgents in India and these people have now occupied heights on the Indian side of the LC overlooking the national highway.

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He then described the two road links which connect the Union Territory of Ladakh with the rest of India and the various challenges faced in sustaining the troops deployed in that region. He also discussed in detail the weather and topography of the region. He then explained the various phases of fighting and the Indian strategy in this conflict, which led to the successful eviction of Pak intruders from our side of the LC. He also spoke about the Kargil Review Committee and it’s various Task-Forces and their mandates. He later discussed in detail the various recommendations of the committee including the formation of Chief of Defence Staff (CDS). He then discussed the National Security consciousness of Indians citing a few historical examples and emphasised on the need to spread awareness amongst the masses so that they can develop a better understanding of National Security Issues.

Dr. Jaskaran Singh Waraich, Chairperson, Department Defence and National Security Studies, introduced the theme as well as the speaker to the audience. He also highlighted the fact that the study of the Kargil Conflict is a formal part of the curriculum of the master’s programme in the department.

The webinar ended with a questions and answers session followed by vote of thanks. It was attended by various faculty members, serving and retired armed forces officers pursuing courses in the department, research scholars, NCC cadets and students.

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उपयुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में आज कुल 25 कोरोना के नए मरीज पाए गए

पंचकूला 26 जुलाई,। उपयुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में आज कुल 25 कोरोना के नए मरीज पाए गए है। इनमे मनिमाजरा के 2, बल टाना, चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र, पीर मुछाला के एक एक सहित कुल 6 मामले बाहर के भी शामिल है।

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उन्होंने बताया कि नाडा साहेब व सेक्टर 19 व सेक्टर 21 से 3- 3 एवम् बरवाला में 2 पॉजिटिव मामले आए हैं । इसी प्रकार , सेक्टर 6, सेक्टर 11, सेक्टर 8, सेक्टर 12 ए , एम डी सी सेक्टर 4, जलोली, पिंजौर व कुण्डी से 1- 1 पॉजिटिव मामला पाया गया है । उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों को कंटनमेट एवम् आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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उपायुक्त ने बताया कि अब तक जिला में 432 पॉजिटिव मामले आए है तथा 106 मामले बाहर के है। इनमे से 180 ठीक हो गए है तथा अब 251 मामले पॉजिटिव रह गए है जिनका इलाज किया जा रहा है।

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खेलो इंडिया की मेजबानी हरियाणा को पंचकूला में मुकाबले तय, विकसित होगा खेल ढांचा, शहर में खुशी की लहर

पंचकूला, 26 जुलाई-

केंद्र की मोदी सरकार की पंचकूला पर दरियादिली लगातार जारी है। अनेक बड़े प्रोजेक्‍टों की सौगात मिलने के बाद अब देश के सबसे बड़े खेल महाकुम्‍भ ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्‍स’ की मेजबानी भी पंचकूला को सौंप दी गई है। शनिवार को देश की राजधानी नई दिल्‍ली में केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजीजू, हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल, खेल मंत्री संदीप सिंह और खेल मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में इस आयोजन के लिए पंचकूला का नाम तय हुआ। इसके बाद मुख्‍यमंत्री ने विधानसभा अध्‍यक्ष एवं पंचकूला से विधायक ज्ञान चंद गुप्‍ता को फोन कर यह जानकारी दी। यह खबर मिलते ही पंचकूला में खुशी की लहर दौड़ गई।

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विधानसभा अध्‍यक्ष ज्ञान चंद गुप्‍ता ने मुख्‍यमंत्री को आश्‍वासन दिया कि इस आयोजन की तैयारियों में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। मुख्‍यमंत्री ने भी प्रदेश सरकार की ओर से हर प्रकार के सहयोग का आश्‍वासन दिया। यह मुकाबले 2021 के टोक्‍यो ओलंपिक के बाद होंगे, जिनकी तारीख की घोषणा जल्‍द की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि पंचकूला शहर और आसपास के क्षेत्रों के लिए यह उत्‍तम अवसर है। वर्ष 2020 में गोवाहाटी में आयोजित खेलो इंडिया में 10 हजार से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्‍सा लिया था। वर्ष 2021 में होने वाले इस आयोजन में इससे कहीं अधिक खिलाड़ियों की भागीदारी की संभावना है। इस आयोजन के निमित्‍त पंचकूला में खेलों का व्‍यापक ढांचा विकसित होगा तथा बड़े स्‍तर पर आवासीय व्‍यवस्‍था करने के कारण अर्थव्‍यवस्‍था को भी मजबूती मिलेगी।

ज्ञान चंद गुप्‍ता ने कहा कि वर्ष 2018 में हुए प्रथम खेलो इंडिया में हरियाणा ने शीर्ष स्‍थान हासिल किया था। इसके बाद के दोनों आयोजनों में हरियाणा दूसरे नंबर पर रहा है। चूंकि इस बार हम मेजबान हैं तो खिलाड़ी दोगुने उत्‍साह में होंगे और इस कारण हरियाणा पुन: प्रथम स्‍थान हासिल करेगा। गुप्‍ता ने कहा कि इस आयोजन को पंचकूला के लिए स्‍वर्णिम अवसर के तौर पर लिया जाएगा और यहां खेलों का व्‍यापक ढांचा विकसित करेंगे। उन्‍होंने पंचकूला को मेजबानी का मौका देने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजीजू, मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश के खेल मंत्री संदीप सिंह का आभार व्‍यक्‍त किया।

गौरतलब है कि खेलो इंडिया केंद्र की मोदी सरकार का सबसे बड़ा खेल अभियान है। साढ़े तीन वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वयं इसकी घोषणा की थी। इसके बाद से हर वर्ष राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इसका आयोजन किया जा रहा है। पहला आयोजन वर्ष 2018 में नई दिल्‍ली में खेलो इंडिया स्‍कूल गेम्‍स के नाम से हुआ। इसके बाद इसका नाम खेलो इंडिया यूथ गेम्‍स हुआ। वर्ष 2019 में महाराष्‍ट्र के पुणे शहर में तथा 2020 में असम के शहर गोवाहाटी यह मुकाबले हुए।

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प्रथम मुकाबलों का विजेता था हरियाणा, अब ज्‍यादा उम्‍मीद

खेलो इंडिया के तहत देश के सभी राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेशों के खिलाड़ी कुल 20 खेल मुकाबलों में हिस्‍सा लेते हैं। वर्ष 2018 में नई दिल्‍ली में खेलो इंडिया स्‍कूल गेम्‍स में हरियाणा ने 38 स्‍वर्ण पदकों के साथ कुल 102 पदक जीत कर पहला स्‍थान स्‍थान हासिल किया था। 2019 में हरियाणा के खिलाड़ियों की झोली में 62 स्‍वर्ण पदकों के साथ कुल 178 पदक आए और प्रदेश ने महाराष्‍ट्र के मुकाबले दूसरा स्‍थान प्राप्‍त किया। इस वर्ष अर्थात 2020 में गुवाहाटी में मुकाबले हुए, जिनमें हरियाणा ने 68 स्‍वर्ण, 60 रजत और 72 कांस्‍य पदकों के साथ कुल 200 पदक जीते। प्रदेश का लगातार दूसरी बार दूसरा स्‍थान रहा। इस बार चूंकि मुकाबला हरियाणा में ही होगा,तो पूरी संभावना है कि हरियाणा फिर से प्रथम स्‍थान हासिल करेगा।

इन खेलों में होता है मुकाबला

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया अभियान में 20 खेलों को शामिल किया हैं। इनमें तीरंदाजी, एथलेटिक्‍स, बैडमिंटन, बॉस्‍केटबॉल, बॉक्‍सिंग, शतरंज, साइकिलिंग, फुटबॉल, जिम्‍नास्‍टिक, हैंडबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, कराटे, खो-खो, शूटिंग, तैराकी, टेबल टेनिस, ताइक्‍वांडो, टेनिस शामिल हैं। खेलों के सीधे प्रसारण का अधिकार स्‍टार स्पोट्र्स चैनल के पास रहेगा।

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केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया ने बताया की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए कारगिल विजय दिवस पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत खास है

पंचकूला 26 जुलाई- केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया ने बताया की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए कारगिल विजय दिवस पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत खास है। इस दिन 21 साल पहले कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था।

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प्रधानमंत्री ने आने वाले रक्षाबंधन का पावन पर्व की बधाई देते कहा कि इन दिनों कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं। कई लोग इसे वोकल फार लोकल से भी जोड़ रहे है और यह बात सही भी है। पीएम मोदी ने अपील कि जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी महसूस होती हो, तो मास्क उतारते हुए पल-भर के लिए उन डॉक्टर्स, नर्सिज व हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिए जिन्होंने एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना सिखाया है और दूसरी ओर कठोर परिश्रम, व्यवसाय, नौकरी, पढाई, जो भी, कर्तव्य हम निभाते हैं, उसको गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि उसको भी नई ऊंचाई पर ले जाना है जिन्होंनेे गांवों से छोटे शहरों से, सामान्य परिवार से हमारे युवा आगे आ रहे हैं ओर सफलता के नए शिखर चूम रहे हैं।


प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग संकटों के बीच भी नए-नए सपने संजोते हुए आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने नौजवानों से आग्रह किया है कि वे आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियाँ, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को अवगत करवाएं। उन्होंने कहा कि आज सभी देशवासियों की तरफ से हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उनकी माताओं को भी नमन किया है, जिन्होंने मां भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा आचार, व्यवहार, वाणी, बयान, मर्यादा, लक्ष्य सभी, कसौटी पर खरे उतरने चाहिए ताकि हम जो कर रहे हैं ,कह रहे है, उससे सैनिकों का मनोबल और उनका सम्मान बढ़े।

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श्री कटारिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कभी-कभी हम किसी बात को समझे बिना सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं, जो हमारे देश को बहुत नुकसान करती हैं। कभी-कभी जिज्ञासावश संदेश फारवर्ड करते गलत व सही का पता नही चलता। इस अवघारणा को बदल कर अपने जीवन में सुधार लाना है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश आज जिस ऊंचाई पर है, वह कई ऐसी महान विभूतियों की तपस्या की वजह से है, जिन्होंने, राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक। उन्होंने देश के सभी नागरिकों से अपील की है कि प्रधानमंत्री आज कारगिल विजय दिवस पर मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से बताई गई बातों का गहराई से चिंतन करें ओर उनका अनुसरण करें। इस दौरान भाजपा नेत्री श्रीमती बंतो कटारिया, निजी सचिव राजेश सपरा व पी. ए. सन्नी राजपूत भी साथ रहें।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कोविड-19 के चलते सोशल डिस्टेसिंग नियमों का पालन करते हुए पूरे देश मंे कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर कारगिल शहीदों को नमन किया

प्ंाचकूला 26 जुलाई- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कोविड-19 के चलते सोशल डिस्टेसिंग नियमों का पालन करते हुए पूरे देश मंे कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर कारगिल शहीदों को नमन किया।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने पंचकूला के सैक्टर 12 स्थित युद्व स्मारक, सैक्टर 2 स्थित मेजर संदीप संाखला व सैक्टर 8 स्थित मेजर संदीप सागर की प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को श्रद्वाजंलि दी। उन्होंने शहीदों को समर्पित पौधारोपण भी किया। पुलिस के जवानों ने शस्त्र उलटे कर वीर शहीदों को श्रद्वांजलि दी और मातमी धून भी बजाई।


श्री गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 26 जुलाई 1999 को आज ही के दिन भारत माता के वीर सपूतों ने 18000 फीट की ऊंचाई पर अदम्यय साहस एवं वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी घूसपेठियों को खदेड़कर कारगिल की चोटी पर तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्व विपरित परिस्थितियों में लड़ा गया किन्तु हमारे जवानों ने बहादुरी का परिचय दिया। यह क्षण हमारे लिए विस्मरणीय है और उसी के बाद आज के दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। कारगिल के शहीदों का बलिदान युवा पीढी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं और उनमें देश भक्ति का जज्बा पैदा करता है।

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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कारगिल युद्व में हमारे 527 वीर शहीद हुए थे। इनमें हरियाणा के भी 89 जवान शामिल थे जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए शहादत दी। उन्होंने कहा कि इस युद्व में लगभग 1400 सैनिक घायल भी हुए। देश के लिए यह ऐतिहासिक क्षण कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे जांबाज वीर सैनिकों की बदौलत ही हम आज खुली हवा में सांस ले रहे हैं जो निरंतर सीमा पर सजग प्रहरी बनकर हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे है। ऐसे बहादुर सैनिकों पर हमें नाज है जिनकी बदौलत नागरिक चैन की नींद सो रहे है।


श्री गुप्ता ने कहा कि हम सैनिकों के बलिदान का कर्ज तो नहीं उतार सकते है, परंतु उनके आश्रितों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्व के शहीदों को तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की बदौलत उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में सम्भव हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने कारगिल शहीदों को पैट्रोल पम्प व गैस एजेंसियां आंवटित की थी।


श्री गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सैनिकों के परिवारों के आश्रितों के कल्याण के लिए अलग से सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग का गठन किया है। इसके माध्यम से वितिय सहायता एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इस अवसर पर कारगिल युद्व के दौरान सेना प्रमुख जनरल वी पी मलिक, एसडीएम धीरज चहल, एसीपी राजकुमार, तहसीलदार पुण्यदीप शर्मा, कार्यकारी अधिकारी नगर निगम जनरैल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, महामंत्री हरेन्द्र मलिक, योगेश शर्मा सहित कई पूर्व सेना अधिकारियों ने भी कारगिल शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्वाजंलि दी।


शहीद मेजर संदीप सागर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सैक्टर 7 में भी कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्वांजलि दी गई।



एक सवाल जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पंचकूला खेलों के हब के रूप में विकसित हो रहा है। इसलिए भारत सरकार ने यहां के खेल इन्फ्रास्कचर को ध्यान में रखते हुए खेलो इंडिया यूथ 2021 खेलों की मेजबानी देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह पंचकूला के लिए गौरव की बात है कि इन खेलों में देशभर के लगभग 25 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि पंचकूला में पहले भी इस तरह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन करवाया जाता है और इन खेलों से पंचकूला में खेल गतिविधियों में ओर अधिक सुधार होगा।

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उपायुक्त ने बताया कि आत्म निर्भर भारत सरकार योजना की डिस्ट्रैस राशन टोकन स्कीम के अन्तर्गत लाभार्थी कार्ड धारको को मास मई तथा जून में गेहॅूं तथा दाल/साबुत चना जारी किया गया

पंचकूला 26 जुलाई- जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नियन्त्रक विभाग द्वारा आत्म निर्भर भारत सरकार योजना की डिस्ट्रेस राशन टोकन स्कीम के तहत जिला के जो लाभार्थी मास मई तथा जून 2020 में गेहॅूं तथा दाल/साबुत चना से वंचित रह गये थे उनको मास जुलाई तथा अगस्त 2020 माह में गेहूं, दाल व साबुत चना वितरित करने का निर्णय लिया है।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि आत्म निर्भर भारत सरकार योजना की डिस्ट्रैस राशन टोकन स्कीम के अन्तर्गत लाभार्थी कार्ड धारको को मास मई तथा जून में गेहॅूं तथा दाल/साबुत चना जारी किया गया था। लेकिन उन्हंे वितरित नहीं किया गया। अब उन्हें यह खाद्य सामग्री बांटने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार जो खाद्य सामग्री डिपूस्थलों पर रखी हुई बकाया खाद्यान्न गेहॅूं तथा दाल/साबुत चना का वितरण बिक्री यंत्र के माध्यम से आधार प्रमाणित उपरान्त किया जायेगा।

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Webinar on Early Cultural Developments in the Saraswati Basin at PU

Chandigarh July 26, 2020

The Interdisciplinary Centre for Swami Vivekananda studies in collaboration with the Department of Ancient Indian History Culture and Archaeology, Panjab University organised a web lecture on the topic Early Cultural Developments in the Saraswati Basin by Professor Vasant Shinde who is a very renowned and eminent archaeologist.

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Prof. Vasant Shinde  in his illustrative lecture  highlighted the cultural development in the Sarasvati basin . For the last forty one years he has been a pioneer in archaeological research. He emphasised that on the basis of scientific data it can be concluded that developments in the area were indigenous in character. On the basis of excavation conducted at various sites such as Bhirrana, Farmana ,Kunal and Rakhigarhi in Haryana gradual cultural growth from pit dwelling to planned cities is noticed .The continuity in traditions with some variations from region to region point out these are indigenous developments.The DNA analysis and stringent methodologies has established the ancestry of South Asians. He stressed the food habits, appearance of people has been reconstructed on the basis of latest techniques and evidence. The Harappan traditions continue to exist. The synthesis of literary and archaeological data show that Harappan were Vedic people and  this was an indigenous development.

The lecture was chaired by Prof.V.R Sinha, Dean Research Panjab University.Prof.Sinha welcomed the speaker and emphasised that path breaking research done in this field by Prof Shinde will help young students to understand how scientific data has put an end to many controversies.

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Prof.Renu Thakur Coordinator ICSVS introduced the theme of the web lecture

Dr. Vishal Sharma moderated the interaction session and Dr. Paru Bal Sidhu, ChairpersonDepartment of AIHC&A proposed the vote of thanks. The lecture was attended by intellectuals from all across the country.