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व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 20 व 21 फरवरी को

सिरसा, 18 फरवरी।


                कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 20 व 21 फरवरी को खंड स्तर पर व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में वे किसान शामिल हो सकते हैं जिन्होंने विभागीय पोर्टल पर कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए 31 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन किया हो तथा 19 फरवरी तक अपने बिल पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड कर चुके हैं। कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों द्वारा किया जाएगा।

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                सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव ने बताया कि 20 फरवरी को खंड डबवाली व औढां के किसानों के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन अनाज मंडी डबवाली किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खंड रानियां व ऐलनाबाद के किसानों के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 20 फरवरी को अनाज मंडी जीवननगर तथा खंड सिरसा, नाथुसरी चौपटा व बड़ागुढ़ा खंड के किसानों के कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 21 फरवरी को कपास मंडी सिरसा में किया जाएगा।


                उन्होंने जिला के किसानों से कहा है कि भौतिक सत्यापन से पहले सभी किसान अपने कृषि यंत्रों पर पेंट द्वारा अपना नाम तथा पिता का नाम व गांव सहित लिखवाएं तथा मशीन का सीरियल नंबर पंच मशीन द्वारा खुदवाएं। भौतिक सत्यापन के दौरान किसान के कृषि यंत्र के बिल, ई-वे बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्वयं घोषणा पत्र, मशीन के साथ किसान की फोटो जीपीएस लॉकेशन के साथ, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, परिवार पहचान पत्र, बैंक खाते की प्रति, पटवारी रिपोर्ट तथा ट्रैक्टर की वैद्य आरसी इत्यादि कागजातों का सत्यापन किया जाएगा तथा सभी दस्तावेज किसान को स्वयं सत्यापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि बिल व ई-वे बिल तिहरी प्रति में लाएं तथा अपने मूल दस्तावेज भी साथ लाएं। उन्होंने कहा कि किसान अपने कृषि यंत्र के साथ फोटो, कृषि यंत्र पर नंबर वाली प्लेट की फोटो व पंच किए गए सीरियल नंबर की फोटो साथ लाएं।

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सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम में 37 तथा गौसंवर्धन स्कीम के तहत 88 पशुपालकों दी गई 17 लाख 70 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 18 फरवरी।


                      उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालकों को आर्थिक तौर से सुदृढ बनाने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं और पशुपालकों के उत्थान व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में दुग्ध उत्पादन व अच्छी नस्ल के पशुओंं की बढोतरी के उद्ेश्य से मुर्राह सरंक्षण एवं विकास तथा गौसंवर्धन स्कीम के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पशुपालन विभाग ने उक्त स्कीमों के तहत वित्त वर्ष में अब तक जिला के 125 पशुपालकों को 17 लाख 70 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी है।

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                      उन्होंने बताया कि मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम मुर्राह नस्ल को बढावा देने में बहुत ही कारगर साबित हो रही है। भैंसों में मुर्राह नस्ल विश्व की सबसे सर्वोत्तम नस्लों में से एक है। पशुपालक अधिक से अधिक मुर्राह नस्ल का पालन करें, इसके लिए मुर्राह सरंक्षण एवं विकास स्कीम के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाता है। स्कीम के तहत मुर्राह नस्ल की भैंसों की दुग्ध रिकॉर्डिंग की जाती है। दुग्ध रिकॉर्डिंग 18 से 22 किलोग्राम, 22 से 25 किलोग्राम तथा 25 किलोग्राम से अधिक के रूप में अलग-अलग श्रेणियों में की जाती है, जिसमें क्रमश: 15 हजार रुपये, 20 हजार रुपये तथा 30 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में पशुपालकों को दी जाती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष के दौरान स्कीम के तहत 51 मुर्राह भैंसों का चयन कर उनके दुग्ध की रिकॉर्डिंग की गई। स्कीम के तहत 37 पशुपालकों को 5 लाख 85 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की है, ताकि पशुपालक आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकें।

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                      उपायुक्त ने बताया कि मुर्राह भैंस की नस्ल की तर्ज पर हरियाणा व साहीवाल नस्ल की गायों को बढावा देने के उद्ेश्य से प्रदेश सरकार ने गौसंवर्धन स्कीम लागू की है। स्कीम के तहत हरियाणा व साहीवाल गायों के दुग्ध की मात्रा अनुसार विभिन्न श्रेणियों में पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि हरियाणा नस्ल गाय के लिए 8 से 10 किलोग्राम, 10 से 12 किलोग्राम व 12 किलोग्राम से अधिक प्रति दिन के हिसाब से श्रेणी बनाई गई है, जिसमें क्रमश: 10 हजार, 15 हजार व 20 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी प्रकार साहीवाल गाय के लिए 10 से 12 किलोग्राम, 12 से 15 किलोग्राम व 15 किलोग्राम से ज्यादा प्रतिदिन के हिसाब से श्रेणी बनाई गई है, जिसमें क्रमश: 10 हजार रुपये, 15 हजार रुपये व 20 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के तौर पर दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्कीम के तहत जिला में वित्त वर्ष में हरियाणा नस्ल की 37 गायों व 57 साहीवाल गायों चयन कर दुग्ध रिकार्डिंग किया गया, जिसमें 88 पशुपालकों को 11 लाख 85 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। उपायुक्त ने जिला के पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि वे प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर पशुपालन व्यवसाय को बढावा दें और आर्थिक तौर पर सुदृढ बनें।

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अधिकारी ई-ऑफिस के माध्यम से ही करें फाइलों का निपटान : एसडीएम दिलबाग सिंह

ऐलनाबाद, 18 फरवरी।

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एसडीएम दिलबाग सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कार्य में पारदर्शिता लाने व गति प्रदान करने के लिए ई-ऑफिस सिस्टम को लागू किया गया है। सभी विभागों में ई-ऑफिस के तहत ही कार्य किया जाए और अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि फाईलों का निपटान ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जाए। ई-ऑफिस में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


उन्होंने कहा कि जिन विभागों ने अभी तक ई-ऑफिस पर काम शुरू नहीं किया है, वे ई-ऑफिस से फाइलों का मूवमेंट करना शुरू कर देेंं। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कार्यालय में ई-ऑफिस कार्य प्रणाली से ही फाइलों को मूव करवाया जाए और ई-ऑफिस के तहत कार्य करने को गति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस के प्रणाली में कार्य करने में यदि किसी प्रकार की तकनीकी अड़चन है तो एनआईसी में संपर्क करके उसे दूर करवाया जाए।


एसडीएम ने कहा कि ई-ऑफिस प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। सभी विभाग ई-ऑफिस के माध्यम से ही फाइलों का आदान प्रदान करना सुनिश्चित करें। भौतिक रूप से कोई भी फाइल स्वीकार न की जाएं। उन्होंने कहा कि पेपरलैस कामकाज की दिशा में ई-ऑफिस महत्वपूर्ण एवं बेहतरीन विकल्प है, इसलिए सभी कार्यालयों में भौतिक रूप से फाइलों का आदान-प्रदान बंद करते हुए केवल ई-फाइल को ही स्वीकार किया जाए। उन्होंने कहा कि भौतिक की बजाए ई-फाइल को ही स्वीकार किया जाए। ई-ऑफिस प्रणाली बिल्कुल आसान है। इससे कम समय में अधिक काम निपटाए जा सकते हैं। इसलिए अधिकारी व कर्मचारी गंभीरता के साथ इसका प्रशिक्षण लेें और अपने कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिलाएं तथा प्रतिदिन यह सुनिश्चित किया जाए कि ई-ऑफिस के माध्यम से ही फाइलों का निपटान किया जाए। 

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एससी-एसटी एक्ट के तहत 54 पीडि़तों को दी गई 94 लाख 43 हजार रुपये की आर्थिक सहायता : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 18 फरवरी।

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                      उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का अत्याचार या दुव्र्यवहार होता है तो पीडि़त परिवार को तुरंत प्रभाव से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि पीडि़त को समय पर मिली सहायता आर्थिक सबल बनाने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी मदद करती है। इसलिए किसी दुर्घटना या अत्याचार के शिकार व्यक्ति को समय पर आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आर्थिक सहायता देने में किसी प्रकार का विलंब न हो।


                      यह बात उपायुक्त प्रदीप कुमार ने वीरवार को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। इस बैठक में डीएसपी धर्मवीर सिंह, जिला कल्याण अधिकारी सुशील कुमार, एडीए दीपक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश मेहरा, वैटरनरी सर्जन सुरेंद्र कुमार सहित समिति के गैर सरकारी सदस्य कृष्ण कुमार, वेद प्रकाश कसूंबी, पूर्व सरपंच जगसीर सिंह, रणजीत सिंह भाटी, सज्जन सिंह, बग्गा राम मौजूद थे। बैठक में अबतक दर्ज हुए 86 केसों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को विचाराधीन केसों के जल्द से जल्द निपटान के आदेश दिए। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि पुलिस अधिकारी व संबंधित विभाग के अधिकारी आपसी तालमेल से अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मामलों पर गंभीरता से कार्यवाई करें ताकि पीडि़तों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।


                      उपायुक्त प्रदीप कुमार ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि पीडि़त व्यक्ति की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करें और आरोपी व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाही करें ताकि पीडि़त व्यक्ति को न्याय के लिए भटकना न पड़े। जिला कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि योजना के अनुसार पीडि़त व्यक्ति को तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना अनिवार्य है, इसलिए किसी भी मामलें में किसी प्रकार की ढील न बरती जाए और समयबद्ध अवधि में पीडि़त को सहायता राशि दी जाए। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत विभिन्न प्रकार के अत्याचार होने पर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को अधिनियम के नियमों के अनुसार 85 हजार रुपये से लेकर 8 लाख 25 हजार रुपये तक की राशि ऐसे मामलों के लिए प्रदान की जाती है। इसके लिए अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार अधिनियम) के तहत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

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                      उन्होंने बताया कि ने कहा कि अब तक 54 पीडि़तों को 94 लाख 43 हजार 750 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के मद्देनजर गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के साथ अत्याचार किए जाने के फलस्वरूप अपराध की प्रवृति को ध्यान में रखकर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे अपमानित, क्षति पहुंचाना, छेड़छाड़, बलात्कार व नरसंहार, चल-अचल संपत्ति का नुकसान, स्थाई/अस्थाई अपंगता आदि घटित होने पर प्रदान की जाती है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन मामलों को तुरंत प्रभाव से निपटाएं और पीडि़त परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करें।

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हरियाणा विधान सभा सचिवालय में बुधवार को पंचकूला स्वच्छता एवं रखरखाव कमेटी की बैठक लेते विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता।

पंचकूला, 17 फरवरी

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शहरवासियों की बिजली, पानी, सड़कों के गड्ढे इत्यादि समस्याओं का समाधान मात्र एक कॉल पर होगा। पंचकूला के सभी सेक्टरों और गांवों की मार्केटों में सूचना पट लगेंगे, जिस पर जिम्मेदार अधिकारियों के मोबाइल नंबर होंगे। ये नंबर पुलिस विभाग की तरह स्थायी होंगे यानी कि अफसरों के तबादले होने पर भी लोग इन्हीं नंबरों से विभाग से संपर्क कर सकेंगे। विधान सभा सचिवालय में बुधवार को पंचकूला स्वच्छता एवं रखरखाव कमेटी की बैठक में इस योजना का खाका तैयार किया गया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि शहरवासियों की समस्या का निराकरण उनकी प्राथमिकता है और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। बैठक में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और पंचकूला नगर निगम के अधिकारी व कमेटी के पदाधिकारी उपस्थित रहे।


विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इस दौरान शहर के मुख्य मार्गों पर लगी रेलिंग के रखरखाव पर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि कई सड़कों पर रेलिंग टूटी होने के कारण यहां हादसों का खतरा बना रहता है। उन्होंने एचएसवीपी और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेलिंग के बीच में कहीं भी रास्ता न छोड़ा जाए। ऐसा होने से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। उन्होंने रेलिंग की ऊंचाई एक समान रखने और इन पर सौंदर्यीकरण के लिए फूल इत्यादि लगाने को भी कहा।


बैठक में विधान सभा अध्यक्ष ने शहर में हो रहे अतिक्रमण पर भी संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में इस समस्या को लेकर व्यापक योजना बनी थी, लेकिन अतिक्रमण अभी भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ाई से काम करना होगा। इसके निगम के कर्मचारियों का ड्यूटी समय बदलने के भी निर्देश दिए। अब अतिक्रमण हटाने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी दोपहर 1 बजे से लेकर रात 9 बजे तक होगी। इसके लिए नगर निगम आयुक्त जल्द आदेश जारी करेंगे। सेक्टर 23 में बनने वाले मल्टी फीचर पार्क की जगह पर खुदाई से निकल रहे ग्रेवल पत्थरों की ओर भी विधान सभा अध्यक्ष ने अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह निगम की संपत्ति है, इसके लिए निगम को इस मामले में पूरी एहतियात बरतनी चाहिए। पंचकूला जिला अदालत में पार्किंग की समस्या के निराकरण के लिए भी उन्होंने अधिकारियों को निर्देश जारी किए। सेक्टर 2 से लेकर 12ए तक के नाले और सेक्टर 7 के नाले को ढकने की योजना पर भी विचार हुआ।


बैठक के दौरान शहरवासियों को बिजली, पानी तथा सड़कों के गड्ढ़ों की समस्या भी उठी। ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक करने होंगे, जिससे कि लोग उनसे सीधे संपर्क कर सके। कमेटी में सुझाव आया कि अफसरों के तबादले होने पर नंबर स्थायी रखने के लिए नगर निगम को उन्हें मोबाइल हैंडसेट और सिम कार्ड उपलब्ध करवाने चाहिए। बैठक में उपस्थित नगर निगम आयुक्त आरके सिंह ने कहा कि इसके लिए निगम जल्द व्यवस्था करेगा और 50 से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट और सिम कार्ड खरीदेगा। ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि दैनिक जरूरत के कामों से संबंधित अधिकारियों के नंबर मार्केटों में सूचना पट स्थापित कर उपलब्ध करवाएं। बैठक में पंचकूला स्वच्छता एवं रखरखाव कमेटी के समन्वयक डीपी सोनी, सह-समन्वयक डीपी सिंघल, सदस्य रमाकांत भारद्वाज, नगर निगम आयुक्त आरके सिंह, कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के इस्टेट ऑफिसर अनिल दून, मुख्य वास्तुकार हेमराज यादव समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे।

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जुगाड़ वाहनों पर कसेगा शिकंजा


जुगाड़ वाहनों पर सब्जी और फल बेचने वालों पर भी नगर निगम शिकंजा कसने जा रहा है। बैठक में विषय उठा कि अनेक लोग इन वाहनों पर लाउड स्पीकर लगा गलियों में सब्जियां और फल बेचते हैं। ऐसे वाहनों से जहां सड़का हादसों की आशंका रहती है, वहीं निगम को राजस्व का भी नुकसान होता है। विधान सभा अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि शहर में निर्धारित स्थानों पर वेंडिंग जॉन बनाएं जा रहे हैं। ऐसे में इस प्रकार के विक्रेताओं को अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही सड़क किनारे नारियल पानी और तरबूज इत्यादि विक्रेताओं को भी हटाने के निर्देश दिए। बैठक में उपस्थित कमेटी पदाधिकारियों ने कहा कि सड़क किनारे इस प्रकार सामान बेचने से शहर की सुंदरता खराब होती है और साथ ही यहां अचानक वाहन रुकने से हादसा होने का भी डर रहता है। गुप्ता ने पुरानी गाड़ियों को मोडीफाई कर उन पर खाना इत्यादि का कारोबार करने वालों पर शिकंजा के भी निर्देश दिए।

देशी दवाओं की आड़ में पनप रहा नशे का धंधा, गुप्ता बोले तुरंत हटाओ


पंचकूला स्वच्छता एवं रखरखाव कमेटी की बैठक में शहर में अनेक स्थानों पर तंबू लगाकर देशी दवाओं कारोबारियों का मुद्दा भी उठा। बताया गया कि ये विक्रेता देशी दवाओं की आड़ में नशे का कारोबार कर रहे हैं। विधान सभा अध्यक्ष ने एचएसवीपी और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए सांझी रणनीति बनाकर ऐसे लोगों को शहर से बाहर किया जाए। इससे जहां छोटे बच्चों पर गलत असर पड़ता है, वहीं युवा पीढ़ी नशे के मकड़जाल में फंस सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे कारोबार न तो सामाजिक दृष्टि से ठीक है और न ही स्वास्थ्य की दृष्टि से। उन्होंने कहा कि नशा समाज की जड़ों को खोखला कर देता है और इसका खामियाजा अनेक पीढ़ियों को भुगतना पड़ता है।

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हाई पावर्ड कमेटी के आदेशों के तहत 2,580 दोषियों का पुनः प्रवेश

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पंचकूला, 17 फरवरी-   हाई पावर्ड कमेटी की 12 वीं बैठक न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में आयोजित की गई। यह बैठक 2,580 दोषियों, जिन्हें हाई पावर्ड कमेटी के आदेशों के तहत रिहा किया गया था, के पुनः प्रवेश की अनुमति हेतू आयोजित की गई।


इस बैठक में श्री राजीव अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग,  श्री के0 सेल्वराज, आईपीएस (सेवानिवृत्त), जेल महानिदेशक और श्री प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने भाग लिया।


उक्त समिति बनने के बाद से, यह समिति जेलों के अंदर कोरोना संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए दोषियों/विचाराधीन कैदियों की पैरोल/जमानत प्रदान अथवा बढ़ा रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इस समिति ने 09 चरणों में हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के तहत पैरोल पर रिहा किए गए दोषियों का फिर से प्रवेश शुरू करने का फैसला किया है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दोषियों का फिर से उच्चाधिकार समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार पुनः प्रवेश सुनिश्चित करें और यह भी सुनिश्चित करें कि दोषियों का पुनः प्रवेश, उनके कारावास की अवधि के आधार पर दिनांक 23.02.2021 से हो। जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करें और 2,580 दोषियों के प्रवेश के समय सख्त परीक्षण और प्रोटोकॉल का पालन करें।


इस बैठक में यह निर्णय भी लिया गया है कि जिन कैदियों को 01.02.2021 को पैरोल/फर्लो पर रिहा किया गया था, वे सक्षम प्राधिकारियों द्वारा उन्हें दी गई पैरोल/फर्लो की अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करेंगे।


  कोविड-19 संक्रमण के कारण, कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों के साथ मिलने/बैठक को निलंबित कर दिया गया था, अब हाई पावर्ड कमेटी ने कैदियों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक फिर से मुलाकात शुरू करने की अनुमति दी है। विचाराधीन कैदियों और दोषियों को भी हर शनिवार को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति दी गई है। एक महीने में दो बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ विचाराधीन कैदी मिलेंगे, जबकि दोषियों को महीने में एक बार मिलने की अनुमति होगी। जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मिलने के दौरान संक्रमण से बचने के लिए सभी एहतियाती सुरक्षा उपाय करें जैसे की मास्क पहनना, हाथों की सफाई व सामाजिक दूरी आदि।

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इसके अलावा इस समिति ने जेल अधिकारियों को सुरक्षा के आधार पर या कोविड-19 मुद्दों के मद्देनजर एक जेल से दूसरे जेल में कैदियों के स्थानांतरण करने की अनुमति दी है।
दोषियों/विचाराधीन कैदियों को पैरोल/जमानत पर छोड़ने की वजह से जेलों में आवश्यक जगह बन पायी, जिसके फलस्वरूप जेल प्राधिकरण कोविड-19 महामारी पर अच्छी तरह से नियंत्रण कर पाये।  हरियाणा की जेलों में हाई पॉवर्ड कमेटी के आदेशों के तहत सुझाए और लागू किए गए दिशा-निर्देशों के कारण कोविड संक्रमण के कोई बड़े मामले सामने नहीं आए। 

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Dr.SSBUICET welcomes Alumnus Manika Sheokand Miss India Grand 2020

Chandigarh February 17, 2021

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Dr. S. S. Bhatnagar University Institute of Chemical Engineering & Technology (Dr.SSBUICET), Panjab University, Chandigarh welcomed Miss. Manika Sheokand, Miss India Grand 2020, alumnus of UICET, PU, of B.E. (Chemical)-MBA, 2018 batch who visited the department on Feb 17, 2021. She was welcomed and felicitated by the Prof. Amrit Pal Toor, Chairperson, Prof. Anupama Sharma, Dean Alumni Relations, Prof. V.R.Sinha, Dean of University Instructions, Prof. Rajesh Gill, Dean Research, Prof. Sanjay Kaushik, Dean College Development Council, faculty members, staff and research scholars. She was accompanied by her family members and friends. The programme was inaugurated with tree plantation by her to mark her presence in the department.

Miss. Manika shared her experiences in the department about how the department has helped her in moulding her personality and given her opportunities and her journey of becoming Miss India Grand 2020.

Prof. Anupama Sharma also offered her lifetime alumni membership of Panjab University. She said that it was a matter of immense pleasure and pride for the department as well as Panjab University that she would be representing India on the world stage.

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Parents, sister and other family members of Miss Manika also shared Manika’s childhood memories with the audience.

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Around 85900 students took Online Exam by PU on Day 3

Chandigarh February 17, 2021

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Dr. Jagat Bhushan, Controller of Examination informed that around 85900 students of Undergraduate/Post Graduate/Other Professional Courses including USOL/Private have appeared today on Day 3 of online examination conducted by Panjab University. He informed that total exams in Slot 1 and Slot 2 were 80 and 18 respectively. He further informed that all the exams conducted today, went off smoothly.

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कुपोषण की रोकथाम के लिए आमजन का खान-पान के प्रति जागरूक होना जरूरी : एसडीएम दिलबाग सिंह

ऐलनाबाद, 17  फरवरी।

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एसडीएम दिलबाग सिंह ने कहा कि कुपोषण की रोकथाम व इससे बचाव के लिए जन जागरूकता लाना जरूरी है। विशेष कर माताओं एवं बच्चों में होने वाले कुपोषण संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्वस्थ व सुदृढ समाज के लिए महिलाओं व बच्चों का स्वस्थ और तंदुरूस्त होना बहुत जरूरी है।


उन्होंने कहा कि कुपोषण की रोकथाम व अच्छे पोषण को बढावा देने के के उद्ेश्य से सरकार जहां विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित कर रही है, वहीं समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चला रही है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पोषण अभियान के तहत नाटक मंडलियों द्वारा गांव-गांव जाकर नाटक मंचन कर लोगों को स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वच्छता को लेकर जागरूक किया जा रहा है।


एसडीएम ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से नाटक मंडलियों द्वारा गांवों में नाटकों के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों में खून की कमी को दूर करने, पौष्टिïक भोजन के महत्व बारे जानकारी देने के साथ-साथ प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं बारे में अवगत करवाया जा रहा है। कलाकार नाटक के मध्यम से आमजन को विशेषकर महिलाओं को खान पान व स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से होने वाली बीमारियों से  बचाव के तरीकों बारे जानकारी दे रहे हैं। इसके साथ ही पौष्टिïक आहार लेने व अच्छे स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने का संदेश भी दिया जा रहा है। इसके अलावा आमजन को साफ-सफाई के महत्व के बारे में बताते हुए अपने घरों व आसपास में स्वच्छता का माहौल बनाए रखने की अपील की जा रही है, ताकि गंदगी से फैलने वाली बीमारियों पर रोकथाम लग सके।

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गांव मल्लेकां व गांव केशुपुरा में किया गया नाटक मंचन का आयोजन :


पोषण अभियान के तहत गांव मल्लेकां व गांव केशुपुरा में केएल थियेटर की नाटक मंडली ने खुबसूरती के साथ नाटक मंचन कर ग्रामीणों को संतुलित खान-पान के साथ-साथ स्वच्छता के महत्व को परिभाषित किया और लोगों को पौष्टिक आहार को अपने खान-पान में शामिल करने के लिए पेे्ररित किया। पोषण अभियान का उद्ेश्य लोगों को पोषाहार के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करना है, ताकि कुपोषण को खत्म किया जा सके।

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जिला के 2 लाख 86 हजार से अधिक परिवारों के परिवार पहचान पत्र अपडेशन का कार्य पूरा : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 17 फरवरी।

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                    उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि नागरिकों को विभिनन योजनाओं सुविधाओं का लाभ पारदर्शिता व सरलता से उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। भविष्य में आमजन को सरकार की योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से मिलेगा। इसके लिए जिला में परिवार पहचान पत्र बनाने के साथ-साथ अपडेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। अबतक दो लाख 86 हजार 359 परिवारों का डाटा अपडेट किया जा चुका है। बड़ागुढा में 26 हजार 364, डबवाली में 48 हजार 182, ऐलनाबाद में 31 हजार 679, कालांवाली में 5487, नाथूसरी चौपटा में 39 हजार 63, रानियां में 38 हजार 345, सिरसा में 73 हजार 564 तथा ओढ़ां में 23 हजार 675 परिवारों का डाटा अपडेट किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जल्द ही परिवार पहचान पत्र अपडेशन का कार्य शतप्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि भविष्य में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही पात्र नागरिकों को योजनाओं व सुविधाओं का लाभ मिलेगा, इसलिए नागरिक अपना परिवार पहचान पत्र जरुर बनवाएं।


                    उन्होंने बताया कि नागरिक अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सैंटर में जाकर परिवार पहचान पत्र निशुल्क बनवा सकते है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से परिवार पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं और जल्द ही शतप्रतिशत कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि समय-समय पर परिवार पहचान पत्र बनाने के कार्य की समीक्षा की जा रही है और प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं भी निगरानी रखे हुए हैं और साथ में इस कार्य की प्रगति फीडबैक भी लेते रहते हैं। इसके अलावा सरकारी अधिकारी व कर्मचारी स्वयं का परिवार पहचान पत्र बनाने के साथ-साथ आमजन को परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

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यहां बनवाए जा सकते हैं परिवार पहचान पत्र :


                    उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि कोई भी व्यक्ति सरल – अंत्योदय केंद्र, कॉमन सर्विस सैंटर, बीएलओ के माध्यम से परिवार पहचान पत्र बनवा सकता है। उन्होंने कहा कि कॉमन सर्विस सैंटर में परिवार पहचान पत्र में शुद्धिकरण या अपडेट करवाया जा सकता है, इसके लिए वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड आदि दस्तावेज आवश्यक हैं। परिवार पहचान पत्र बनने से सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ संबंधित व्यक्तियों को मिलना सुनिश्चित होगा। इसके अलावा सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है।

बुढापा, विधवा व दिव्यांग पेंशन का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य : डीएसडब्ल्यूओ


                    जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा बुढापा, विधवा व दिव्यांग पेंशन लाभार्थियों के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा विभाग की अन्य योजनाओं को भी परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने जिला में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे लाभार्थियों से आह्वïान किया है कि वे शीघ्र अपने परिवार पहचान पत्र बनवाना व अपडेट करवाना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें विभाग द्वारा पेंशन का लाभ मिलता रहे।