सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

बुधवार को 3419 लाभार्थियों ने लगवाई कोरोना वैक्सीन, अब तक जिला में हुआ दो लाख 43 हजार से अधिक वैक्सीनेशन

सिरसा, 19 मई।

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                उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि बुधवार को 3419 लाभार्थियों ने कोरोना की डोज लगवाई तथा अब तक जिला में दो लाख 43 हजार 11 लाभार्थियों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि 18 से 44 आयुवर्ग के 24 हजार 344 लाभार्थियों, 45 से 60 वर्ष आयुवर्ग के 60 हजार 740 लाभार्थियों ने कोरोना की पहली तथा 14 हजार 631 लाभार्थियों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा ली है। इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु के 94 हजार 937 लाभार्थियों ने पहली तथा 32 हजार 514 लाभार्थियों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा ली है।


               उपायुक्त ने बताया कि वैक्सीनेशन पूरी तरह से सुरक्षित व प्रभावी है और किसी तरह का इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसलिए नागरिक बिना किसी भय व संकोच के वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं और अपनी आयुवर्ग के अनुसार वैक्सीनेशन करवाएं। वैक्सीनेशन के साथ-साथ नागरिक बचाव उपायों की भी पालना अवश्य करें। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वे अपनी नैतिक जिम्मेवारी समझ कर बचाव उपायों व एसओपी गाइडलाइन की अनुपालना करें तभी कोरोना संक्रमण से बचाव संभव है। कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए नागरिकों का सहयोग जरूरी है, इसलिए आमजन जरा भी ढील न बरतें और टेस्टिंग व वैक्सीनेशन अवश्य करवाएं।

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आवश्यक मूवमेंट के लिए 14 हजार 319 व्यक्तियों को जारी किए मूवमेंट पास

सिरसा, 19 मई।

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-मूवमेंट पास के लिए घर बैठे सरल पोर्टल पर ऑनलाइन करें आवेदन


              महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा के तहत जिला प्रशासन द्वारा आमजन को बिना किसी परेशानी के आवश्यक कार्यों के लिए घर बैठे मुवमेंट पास उपलब्ध करवाने की सुविधा दी जा रही है। इस सुविधा के लिए नागरिकों को सरलहरियाणाडाटजीओवीडाटईन पर ही आवेदन करना होगा। पोर्टल पर आवेदन करने के कुछ समय बाद ही पंजीकृत नंबर पर मूवमेंट पास नजर आएगा। प्रशासन की इस पारदर्शी प्रणाली से लॉकडाउन के दौरान अपने घर, बीमारी, इलाज और दूसरे राज्यों में जाने के लिए सहजता से ई-पास जारी किया जा रहे है। ई-पास की व्यवस्था के लिए कार्यकारी अभियंता पंचायती राज भरत सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला में अबतक 14 हजार 319 लोगों को मूवमेंट पास जारी किए जा चुके हैं। प्रशासन जिले में कोविड नियमों की सख्ती से पालना करवा रहा है। इस दौरान लोगों को मूवमेंट करने के लिए ई-पास जारी किए जा रहे है ताकि लोग बिना वजह मूवमेंट न करे। प्रशासन ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए ऑनलाइन पास जारी करने की सेवा को शुरु किया। जिले में लोग आवश्यक कार्यों के लिए सरलहरियाणाडाटजीओवीडाटईन पर मुवमेंट करने के लिए ई-पास हेतू आवेदन कर रहे है।

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आधार कार्ड, कोविड टेस्ट रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों को अपलोड करना अनिवार्य :


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि आमजन को अगर किसी जरूरी कार्य या फिर दूसरे राज्य में जाना है, उसके लिए सरलहरियाणाडाटजीओवीडाटईन पर आवेदन करना होगा। प्रशासन इसमें दो तरह के पास जारी कर रहा है। पहले मेडिकल या आवश्यक वस्तुओं के लिए मूवमेंट करने हेतु आटो अप्रूव्ड पास जारी किए जा रहे है। इसके अलावा किसी व्यक्ति ने अपने घर, दूसरे राज्य या अन्य कार्यों के लिए बाहर जाना है, तो उस व्यक्ति को सरलहरियाणाडाटजीओवीडाटईन पर आवेदन करना होगा, इसमें आवेदन करते ही कुछ औपचारिकताएं, जिनमें आधार कार्ड, कोविड टेस्ट की रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।  

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PU VC holds meeting of Covid Task Force

Chandigarh May 19, 2021

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A meeting  of the Covid Task Force constituted by Prof Raj Kumar,Vice Chancellor, Panjab University as per the UGC guidelines was held today .  PU VC expressed his concern towards Panjab University fraternity for COVID-19.  He urged all to strictly follow the SOPs issued by the Ministry of Health and Family Welfare and now to be followed at a war footing level.  He also advised the DUI and the Registrar to monitor  adherence of the same through various committees under their direct supervision . 

The Vice Chancellor also suggested exploring the possibility  of establishing COVID care Centre at the University level for the welfare and wellbeing of the PU employees. Also, isolation centre for Home quarantined patients was discussed to be set up on priority basis.

The Registrar suggested that a certain number of beds in the University COVID Care Centre which exists in the  International Hostel being used by the UT Administration should be earmarked for the University fraternity in case of emergency. The  Vice Chancellor assured to  have a personal word with the concerned authorities and asked the Registrar and DUI to follow it up officially too.

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He also urged the CMO and Principle of Dental College to look for different ways and talk to the authorities for early vaccination for PU employees and their faculty.  Various members of the Committee were asked to train volunteers with the help of NSS, NCC for extending help for mental counseling, mental health, psychosocial support and wellbeing of the stakeholders.

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डीएसआर से धान की सीधी बिजाई से होती है पानी एवं समय की बचत

सिरसा, 19 मई।

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                  सहायक कृषि अभियंता (इंजीनियर) गोपी राम सांगवान ने बताया कि किसान धान की सीधी बिजाई करके अधिक उत्पादन कर सकते हैं और इससे समय, धन व पानी की बचत भी होती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान बिजाई का उपयुक्त समय सात जून से 20 जून तक है। उन्होंने कहा कि धान उगाने के लिए किसान रोपाई को तवज्जो देते है, जिसमें पानी ज्यादा मात्रा में प्रयोग होता है और इससे भूजल स्तर घटता जा रहा है। ऐसी स्थिति में धान की सीधी बिजाई होने पर 30 फीसदी जल की बचत होगी। अगर किसान धान की रोपाई की जगह सीधी बिजाई करते है तो वे न केवल आगामी फसल की बेहतर उपज ले सकते है। इसके साथ-साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहती है। इतना ही नहीं कम पानी वाले क्षेत्रों में भी धान की सीधी बिजाई एक विकल्प हो सकती है।


बत्तर सीधी बिजाई में खरपतवार नियंत्रण:
                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी सिफारिशों के अनुसार डीएसआर से सूखी एवं बत्तर आने पर बिजाई की जा सकती है। बत्तर आने पर डीएसआर से तीन से पांच सेंटीमीटर गहरी बिजाई करते है और सुहागा लगाते है। बत्तर अवस्था में सीधी बिजाई धान में पैडीमिथालिन (स्टॉम्प 30 प्रतिशत ईसी या टाटा पनीडा 30 प्रतिशत ईसी) का 1.3 लीटर (प्रोडेक्ट)/एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर बिजाई के तुरंत बाद नम भूमि में छिड़काव करें। बिजाई के 15-25 दिन बाद (खरपतवार की दो से चार पत्ती वाली अवस्था) बिस्पाइरीबैक- सोडियम (नोमिनी गोल्ड 10 प्रतिशत एससी या तारक 10 प्रतिशत एससी) का 100 मि.ली./एकड़ की दर से 120 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

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सूखी सीधी बिजाई में खरपतवार नियंत्रण:


                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि सूखी सीधी बिजाई में खेत तैयार कर सुुहागा लगाने के बाद दो से तीन सेंटीमीटर गहराई पर  ड्रिल की मदद से बिजाई की जाती है। तीन दिन के अन्दर खरपतवार नाषक  पेडिमेथिलिन दवा का छिडकाव किया जाता है। बिजाई के 15-25 दिन बाद बिस्पाइरीबैक सोडियम नोमिनी-गोल्ड 10 प्रतिशत एससी या तारक 10 प्रतिशत एससी ) बिस्पाइरीबैक- सोडियम (नोमिनी गोल्ड 10 प्रतिशत एससी या तारक 10 प्रतिशत एससी) का 100 मिली/एकड़ की दर से 120 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

सीधी बिजाई के लिए किस्में:


                  हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी सिफारिशों के अनुसार सुगंधित/बासमती धान की सभी किस्में: तरावडी बासमती, बासमती, सीएसआर 30, पूसा बासमती एक, पूसा बासमती 1121, सीधी बिजाई हेतु उपयुक्त है।


बीज उपचार की मात्रा एवं उपचार:


                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी सिफारिशों के मुताबिक बीज की मात्रा 8.0 किलो ग्राम/एकड़ उपयुक्त है बीज का उपचार सिफारिश शुदा दवाओं के घोल (10 कि.ग्रा बीज हेतु 10 ग्रा. बाविस्टिन प्लस एक ग्राम स्ट्रैप्टोसाइक्लिन या 2.5 ग्राम पौसामाइसिन का 10 लीटर पानी में घोल में 24 घंटे डुबोकर करें। इसके बाद बीज का एक से दो घंटे छाया में सुखाएं ताकि अतिरिक्त नमी उड़ जाए व बीज ड्रिल द्वारा बिजाई योग्य हो जाएं।


सीधी बिजाई के प्रयुक्त बीज व खाद का करें प्रयोग:
                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान के अनुसार धान के अच्छे जमाव के लिए बेहतर होगा कि पहले जमीन का लेजर लेवलर मशीन की मदद से समतलीकरण हो। इससे बीज की गहराई भी एक समान होगी एवं सिंचाई के जल का वितरण भी एक तरह का होगा। जमीन में बेहतर तरीके से बीज डालने के लिए बीज वितरण प्रणाली मशीन जिसमें झुकी एवं खड़ी प्लेट का उपयोग अच्छा रहता है। किसान धान की बिजाई करते समय  उन बीज एवं खाद का ड्रिल का प्रयोग करें, जो सीधी बिजाई के लिए प्रयुक्त हो। इस वितरण प्रणाली मे सही बीज की सही मात्रा डालने के साथ बीज की टूट-फूट नहीं होगी है जो कि फलोटेड रोलर प्रणाली मे होती है।


अनुदान पर ले सकते है डीएसआर:
                 इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि इस समय किसान विभाग से अनुमोदित निर्माताओं से डीएसआर खरीदकर अनुदान भी ले सकते है। इसके लिए वे विभागीय वेबसाइट (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणासीआरएम डॉट कॉम) पर मशीन खरीदकर अपना बिल अपलोड कर सकते है।

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आयुर्वेदिक, होम्योपैथी व योगा परामर्श के लिए नंबर जारी, विशेषज्ञों से प्रात: 10 से 11 बजे तक कर सकते हैं संपर्क

सिरसा, 19 मई।

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                  जिला आयुर्वेदिक विभाग द्वारा कोरोना महामारी के फैलाव के चलते आमजन की आयुष पद्धतियों में बढ़ती जिज्ञासा को देखते हुए चिकित्सीय परामर्श के लिए दूरभाष नंबर जारी किए गए हैं।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि आयुर्वेदिक, होम्योपैथी व योगा विशेषज्ञ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए आमजन प्रात: 10 बजे से 11 बजे तक फोन पर उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने जनसाधारण से आग्रह हैं कि इन पद्धतियों से संबंधित परामर्श के लिए दूरभाष नंबर 01666-248106 पर आयुर्वेदिक परामर्श, 93067-11036 पर होम्योपैथी परामर्श व 97290-35480 (योगा परामर्श) के लिए संपर्क कर सकते हैं।

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मेडिकल प्रेक्टिशनर ग्रामीणों को कोरोना टेस्टिंग व इलाज के लिए करें प्रेरित : रणजीत सिंह

सिरसा, 18 मई।

-ग्रामीण क्षेत्र में 24 हजार मेडिकल किट की गई वितरित, कोरोना इलाज के लिए दवाईयों की नहीं कोई कमी
-300 गांवों के मेडिकल प्रेक्टिशनर को डॉक्टरों द्वारा कोविड इलाज बारे दिया जा चुका प्रशिक्षण
-ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण फैलाव की रोक के लिए प्रशासन गंभीरता से कर रहा काम
-सीडीएलयू के ऑडिटोरियम हाल में ग्रामीण मेडिकल प्रेक्टिशनर के साथ बैठक आयोजित, डॉक्टरों ने कोविड उपचार के लिए किया प्रशिक्षित


प्रदेश के बिजली, अक्षय ऊर्जा एवं जेल मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सरकार व प्रशासन दिन-रात एक किए हुए है। गांव में संक्रमण का फैलाव चिंता का विषय है। ग्रामीणों को कोरोना बीमारी की गंभीरता को समझते हुए कोविड टेस्टिंग व इसके उपचार कार्यों में प्रशासन का सहयोग करना होगा। इस कार्य में मेडिकल प्रेक्टिशनर एक अहम रोल अदा कर सकते हैं। लक्षण वाले मरीजों के उपचार व बीमारी से बचाव के उपायों के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंं।

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बिजली मंत्री मंगलवार को सीडीएलयू में आयोजित ग्रामीण मेडिकल प्रेक्टिशनर की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान डॉक्टरों द्वारा मेडिकल प्रेक्टिशनर को कोविड लक्षणों वालों की पहचान व उनके उपचार बारे जानकारी दी और प्रेक्टिशनरों द्वारा कोरोना को लेकर पूछे गए सवालों के संतोषजनक जवाब देकर उनकी शंकाओं को दूर किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त प्रदीप कुमार, पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह, एसडीएम जयवीर यादव, जिला परिषद सीईओ राजेश कुमार, डिप्टी सीएमओ बुधराम, डा. जी.के अग्रवाल, डा. एम.एम तलवार व डा. सुरेश व समाज सेवी एडवोकेट संजीव जैन आदि उपस्थित थे। इस दौरान मेडिकल प्रेक्टिशनर को मेडिकल किट भी दी गई।


बिजली मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण फैलाव को रोकने के लिए सरकार व प्रशासन दिन-रात एक किए हुए हैं। बीमारी की रोकथाम में सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग मिल रहा है। इस महामारी को हम सभी को मिलकर हराना है और इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के मामले आना चिंता का विषय है। मेडिकल प्रेक्टिशनर गांव में लक्षण वाले व्यक्ति का समय पर उपचार करके तथा संक्रमण बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करके महामारी की रोकथाम में सहयोगी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना के लक्षण दिखते ही गांव में ही समय पर कोरोना का इलाज कर लिया जाए तो संक्रमित को अस्पताल में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और संक्रमण के फैलने पर भी रोक लगेगी।

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उन्होंने बताया कि सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से डॉक्टरों की सलाह पर मेडिकल किटें तैयार करवाई गई हैं। अब तक 24 हजार किटों का वितरण गांवों में कर दिया गया है। मेडिकल प्रेक्टिशनर इन मेडिकल किटों को लक्षण वाले व्यक्तियों को लेने के लिए प्रेरित करें और स्वयं कोविड लक्षण वालों के इलाज में इनका इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दवाईयों की कोई कमी नहीं है। जरूरत अनुसार मेडिकल किटें तैयार की जा रही हैं और जहां भी आवश्यकता हो उस बारे अवगत करवाएं तुरंत उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रेक्टिशनर का गांवों में बीमारी के संबंध में अच्छा प्रभाव होता है और उन द्वारा दी गई सलाह को मानते भी हैं। इसलिए मेडिकल प्रेक्टिशनर लोगों को समझाएं कि कोरोना बीमारी की गंभीरता को समझाते हुए उन्हें टेस्ट करवाने तथा इलाज करवाने के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही मास्क व अन्य बचाव उपायों बारे भी लोगों को जागरूक करें।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि ग्रामीण मेडिकल प्रेक्टिसनर गांव में खांसी, जुकाम, बुखार आदि लक्षण वालों का कोरोना मानते हुए उपचार करें। इसके लिए प्रशासन द्वारा वितरित की जा रही मेडिकल किट का इस्तेमाल करें। ग्रामीणों को इस बात के लिए जागरूक करें कि शुरूआती लक्षण पर ही उपचार लिया जाए तो घर पर रहकर भी कोरोना का इलाज हो सकता है। ग्रामीणों को गिलोय का सेवन करने, गर्म पानी पीने, गर्म पानी करके भाप लेने आदि घरेलू उपायों को लेकर भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि गांव में जो मेडिकल किट वितरित की जा रही हैं, वे डॉक्टरों व विशेषज्ञों की सलाह पर तैयार की गई हैं। लक्षण वाले मरीजों को इन दवाईयों को लेने के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही वे अपने स्तर पर भी इन दवाईयों को मरीजों को दें। मेडिकल किट की जरूरत पर प्रशासन को अवगत करवाएं, उन्हें तुरंत उपलब्ध करवा दी जाएंगी। डा. जी.के अग्रवाल, डा. तलवार व डा. सुरेश बिश्नोई ने उपस्थित मेडिकल प्रेक्टिशनरों को लक्षण से कोरोना संक्रिमतों की पहचान तथा उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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होम डिलीवरी आॅक्सीजन के लिये करें आॅनलाईन अप्लाई- उपायुक्त

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पंचकूला, 18 मई- जिला रेडक्राॅस सोसायटी पंचकूला द्वारा कोविड-19 के रोगियों के लिये जिले में डोर-टू-डोर आॅक्सीजन की होम डिलीवरी की जा रही है। जिला को कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति आॅक्सीजन की होम डिलीवरी के लिये आॅनलाईन आवेदन कर सकता है।


उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने जिलावासियों से अपील करते हुये कहा कि आॅक्सीजन की होम डिलीवरी के लिये कोई भी कोविड रोगी या  अन्य जरूरतमंद व्यक्ति और उनके परिवार का सदस्य पोर्टल  http://oxygenhry.in   पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। पोर्टल पर रोगी के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी ताकि सूचना मिलते ही शीघ्र ही घर पर आॅक्सीजन पंहुचाई जा सके।

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उन्होंने बताया कि अब डोर-टू-डोर ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल की सुविधा की 9 मई से लगातार जिले में चल रही है। इसके शुरु होने से रोगियों को काफी हद तक लाभ मिल रहा है और गंभीर रोगियों को समय पर आॅक्सीजन मिलने से डाॅक्टरों द्वारा उनकी जान बचाई जा रही है। अब रोगियों को लंबी कतार में खड़े होने और इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।

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पंचकूला में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर जिला के कई एनजीओ और प्राईवेट संस्थायें कोविड-19 रोगियों की मदद के लिये आगे आ रही है।

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पंचकूला, 18 मई- पंचकूला में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर जिला के कई एनजीओ और प्राईवेट संस्थायें कोविड-19 रोगियों की मदद के लिये आगे आ रही है। इस कड़ी में आज एसडीएम पंचकूला श्रीमती ऋचा राठी को महाराजा अग्रसेन रजिस्ट्रर्ड वेलफेयर ट्रस्ट पंचकूला ने 200 आॅक्सीमीटर दान स्वरूप भेंट किये।


श्रीमती राठी ने बताया कि महाराजा अग्रसेन रजिस्ट्रर्ड वेलफेयर ट्रस्ट ने कोविड-19 के दौर में पिछले वर्ष भी जरूरतमंद रोगियों के लिये भोजन व दवाइयांे से सहायता की थी। अब भी यह संस्था कोविड रोगियों की बढ़चढ़कर मदद कर रही है। इन 200 आॅक्सीमीटर के आ जाने से रोगियों की आक्सीजन की जांच भलीभांति की जा सकेंगी।


श्रीमती राठी ने ये 200 आॅक्सीमीटर जिला रेडक्राॅस सोसायटी की सचिव सविता अग्रवाल को रोगियों की मदद के लिये सौंप दिये।

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विब केयर फार्मा कंपनी के पदाधिकारी श्री सिद्धार्थ सिंगल और सुधांशू सिंगल ने श्रीमती ऋचा राठी व रेडक्राॅस सोसायटी की सचिव सविता अग्रवाल को 50 पैरा आॅक्सीमीटर कोविड-19 रोगियों की मदद के लिये दान स्वरूप भेंट किये।


इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन रजिस्ट्रर्ड वेलफेयर ट्रस्ट के प्रधान जगमोहन गर्ग, खजांची अनिल गोयल, ट्रस्ट के पैटर्न बाल किशन बंसल, पदाधिकारी अजय गर्ग, विकास गर्ग, मुकेश गोयल, जेआर गोयल और अरूण सिंगल भी उपस्थित थे।

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उपायुक्त- जिले के 8 राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को कोविड-19 रोगियों के लिये छोटे होम आईसोलेशन सेंटर बनाने के आदेश जारी किये

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पंचकूला, 18 मई- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने आदेश जारी कर जिले में कोरोना के बढ़ते हुये मामलों के उछाल को देखते हुये जिले के 8 राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को कोविड-19 रोगियों के लिये छोटे होम आईसोलेशन सेंटर बनाने के आदेश जारी किये है।


जारी आदेशानुसार राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल मल्लाह पिंजौर, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरवाला, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल रायपुररानी, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल  मोरनी, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल थापली, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल रामगढ़ नगर निगम एरिया पंचकूला, राजकीय स्कूल गांव टिपरा कालका, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल पिंजौर को कोविड-19 रोगियों की इलाज व देखभाल के लिये छोटे होम आईसोलेशन सेंटर बनाना घोषित किया है।


इन कोविड सेंटरों के भलीभांति संचालन के लिये पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा को आवश्यक सुरक्षा के सभी प्रबंध सुनिश्चित करने के आदेश जारी किये है।

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सिविल सर्जन डाॅ. जसजीत कौर इन छोटे होम आईसोलेशन सेंटरों में कोविड-19 के रोगियों की जांच के लिये स्वास्थ्य विभाग की टीम और आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें जुटाने का प्रबंध सुनिश्चित करेंगी।
खंड प्रभारी होम आईसोलेशन के आवास रख रखाव, भोजन और रोगियों के आने जाने की सारी जानकारी रखेंगे।


नगर निगम पंचकूला व कालका के कार्यकारी अभियंता इन होम आईसोलशन सेंटरों को सेनिटाईज करवाना और बायो मेडिकल कचरे का सही तरीके से निपटान करवाना सुनिश्चित करेंगे।

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न वैक्सीन, न दवाई, न कमाई, न सरकार नाम की चीज, हो रही है किसानों की पिटाई : अशोक तंवर

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सिरसा।  अपना भारत मोर्चा के संयोजक एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा है कि देश में पूरी तरह से अव्यवस्था फैली हुई है। न देश में सभी लोगों को कोरोनारोधी वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था है, न दवाई है। ऊपर से इस कोरोना काल में किसानों पर तीन कृषि कानून थोंप कर संघर्षरत किसानों की पिटाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है। देश में प्रधानमंत्री व मंत्रियों में व प्रदेश में मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों में आपस में तालमेल नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में फैले कोरोना महामारी से बचाव की सरकारों द्वारा कोई तैयारी नहीं थी इसलिए देशभर में इतने भयंकर तरीके से महामारी फैली है और पूरे भारत वर्ष के गांव व शहरी क्षेत्र इसकी चपेट में है।  सरकार के पास न तो पर्याप्त मात्र में अस्पताल हैं, न ऑक्सीजन है और न ही दवाइयां हैं। ऑक्सीजन व दवाइयों की देशभर में कालाबाजारी हो रही है और सरकारें दवाई कंपनियों के आगे नतमस्तक हैं।


डॉ. तंवर ने कहा कि अगर केन्द्र व प्रदेश सरकारों ने समय रहते कोरोना से बचाव के लिए तैयारी की होती तो तकरीबन 3 लाख  कीमती जानें नही जाती और लोग इलाज के लिए इधर-उधर न भटकते। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की दर पहले ही काफी ज्यादा थी और कोरोना के कारण और भी ज्यादा बेरोजगारी बढ़ गई है तथा हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन महीनों के अंदर करोड़ों लोगों के रोजगार छिन गए हैं।  इसके अलावा व्यापारियों के व्यापार चौपट हो गए हैं, उद्योग धंधे ठप्प हो गए हैं। किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता। किसानों की फसल मंडियों में खरीदी नहीं जा रही।  शहरी और ग्रामीण लोगों के लिए कोई कामधंधा नहीं है। शिक्षा की व्यवस्था दयनीय स्थिति में है। एक साल से बच्चों की पढ़ाई नहीं हुई है। प्रधानमंत्री का डिजिटल इंडिया हवा-हवाई होकर रह गया है।


डॉ. तंवर ने कहा कि जिस रफ्तार के साथ देश में कोरोनारोधी वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है और अभी तक केवल 20 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण हुआ है वो भी अधिकतर लोगों को एक ही डोज़ लगी है। अगर ऐसी ही रफ्तार चलती रही तो 2024 तक सरकार केवल वैक्सीनेशन पर लगी रहेगी। ऐसे में कितने लोगों की जान इस महामारी से एनडीए की सरकार लेगी यह सोचनीय विषय है। उन्होंने सरकार से पुख्ता कदम उठाने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले जो गलतियां सरकार द्वारा पहले हुई हैं उन्हें सुधारा नहीं किया तो परिणाम और भी भयावह होंगे। इसलिए सरकार सचेत हो जाए और पहले की गलतियों को सुधारने का काम करे।  स्वास्थ्य एवं शिक्षा को ढांचे को जल्द ही सुदृढ़ करे।

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उन्होंने सभी चुने है नुमाइंदों से अपना भारत मोर्चा की तरफ से आग्रह किया है कि सभी एक फ्लेटफार्म पर आकर इस दिशा में कार्य करें। सरकार को भी चाहिए कि राजनीति छोड़कर सभी पार्टी के नेताओं व चुने हुए प्रतिनिधियों से बातचीत करे और इस दिशा में साकारात्मक कदम बढ़ाते हुए लोगों की जान की रक्षा करने का काम करे।