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कोरोना से बचाव हेतू आरोग्य सेतू अपलोड करें – सीजेएम

पंचकूला 7-

मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं सचिव सम्प्रीत कौर ने बताया कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर कोरोना महामारी के चलते लाॅक डाउन के दौरान जिला के लोगों को कानूनी जानकारी देने हेतू औद्योगिक क्षेत्र-1 अभयपुर में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन कर हैडमेड मास्क बांटे।

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मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने बताया कि पैनल अधिवक्ताओं ने शिविर में हैडमेड मास्क बांटे और उन्हें आरोग्य सेतू अपलोड करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताया कि शिविर में कार्य करने वाले लोगों को व्यक्तिगत दूरी बनाए रखने एवं बार बार साबुन से हाथ धोने के लिए भी प्रेरित किया गया। इसके अलावा घर से निकलते ही सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का प्रयोग करने तथा सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर प्रतिबंध बारे भी जानकारी दी जा रही है। व्यक्तिगत स्तर पर मास्क का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया गया। यदि कोई मास्क का उपयोग नहीं करेगा तोे उस पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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उन्होेंने बताया कि प्राधिकरण की ओर जरूरतमंद लोगों के लिए 0172-2585566 तथा 1800-180-2057 हैल्पलाईन भी 24 घण्टें क्रियान्वित की जा रही है। इन पर कोई भी नागरिक सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी ले सकता है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की ओर जरूरतमंद्व लोगों के मामलों की पैरवी करने के लिए निशुल्क अधिवक्ताओं की भी नियुक्ति की जाती है।

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आयुर्वेदिक औषधियों का वितरण करते हुए आयुष विभाग के चिकित्सक।

पंचकूला 7 अगस्त-

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने बताया कि जिला में कोरोना रोगियों की बढौतरी को रोकने के लिए आयुष विभाग, कोविड-19 के चलते रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने हेतू आयुर्वेदिक औषधियों का वितरण किया जा रहा है। जिला के कंटेनमेंट क्षेत्रों में लगातार टीमों द्वारा आयुर्वेदिक औषधियों का वितरण किया जा रहा है।

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उन्होंने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते जिला पंचकूल के केनटेंन्मैंट जोन में आयुष क्वाथ एंव गुडुची घनवटी वितरण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एंव बिमारी के बचाव हेतू दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि सैक्टर 10, सैक्टर 4, सैक्टर 12 ए रैली, एमडीसी सैक्टर 5 तथा सैक्टर 25 सहित सभी कंटेनमेंट जाॅन में विभिन्न टीमों ने आयुर्वेदिक औषधियों का वितरिण किया है।

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उन्होंने बताया कि टीमों ने लोगों को हल्दी मिला हुआ गोल्डन मिल्क पीने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही कारगर होता है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंस एंव मास्क का प्रयोग के लिए भी नागरिकों को सचेत किया जा रहा है।

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“The Lazy Way of Forging a Super Industry-Academia Partnership!”

Chandigarh August 7, 2020

University Institute of Pharmaceutical Sciences (UIPS) organized a webinar on “The Lazy Way of Forging a Super Industry-Academia Partnership!” under the Innovation, Entrepreneurship & Career (IEC) Series of MHRD Institution’s Innovation Council of the UIPS, by one of their well-placed alumnus, Mr Vineet Rastogi, Founder, Healium.io, Mumbai.

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Mr Vineet Rastogi initiated his talk by drawing an inspiration from Panjab University motto ‘From Darkness to light’ & UIPS motto ‘Serve the Ailing’. He sensitized the participants to align themselves with a market orientation to serve the ailing and emphasized on the benefits of Industry Academia Partnership to stakeholders.

 Mr Rastogi not only engaged the audience interactively by holding two polling sessions but also deciphered different factors for the successful Industry-Academia Partnership.

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Professor Indu Pal Kaur, Chairperson UIPS & President IIC-UIPS, welcomed the audience and introduced the Speaker. Mr Rastogi has a professional experience of 30+ years in Pharma & Healthcare Sector. He is an avid community builder and built India’s first Online B2B Barter Exchange Community & Marketplace, Health City Project on the principles of Collaborative Consumption.

 Around 200 participants joined the webinar that included students researchers, UIPS faculty and distinguished alumni.

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सरकार की जन कल्याणकारी एवं विकासपरक योजनाएं बेहतरीन ढंग से लागू हों और उनका लाभ जरूरतमंद लोगों को आसानी से समय पर सुलभ हो – ज्ञानचंद गुप्ता

पंचकूला 7 अगस्त- हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि सरकार की जन कल्याणकारी एवं विकासपरक योजनाएं बेहतरीन ढंग से लागू हों और उनका लाभ जरूरतमंद लोगों को आसानी से समय पर सुलभ हो। इसी को लेकर समय समय पर संबधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाते है।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष जिला सचिवालय के सभागार में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में जिला के अधिकारियों के साथ विकास कार्यो एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को विकास कार्यो में उच्च गुणवतायुक्त सामग्री का उपयोग होना चाहिए ताकि लोगों को इन विकास कार्यो का लम्बे समय तक लाभ मिलना सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही सरकार की सोच के अनुरूप जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी जरूरतमंद एवं अंत्योदय व्यक्ति तक अवश्य पहंुचना चाहिए ताकि वास्तव में उनका ऐसे परिवारों का आर्थिक विकास होने के साथ समग्र विकास सम्भव हो सके।

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श्री गुप्ता ने कहा कि जिला में चल रहे विकास कार्यो का जायजा लिया जाएगा। इसके अलावा विशेषकर मिड डे मिल, पूरक पौषाहार जैसी योजनाओं के वितरण में भी अधिकारियों को विशेष निगरानी रखनी चाहिए। बैठक में बिजली अधिकारियों ने बताया कि गांव टेपरिया व बागवाली हंगौली में 66 केवी के बिजली घरों का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार नानकपुर में 132 केवी का बिजली घर बनाया जा रहा है ताकि इन क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था में सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा क्रियान्वित राष्ट्रीय समााजिक सहायता योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें ताकि जरूरतमंद व्यक्तियों को इस योजना का लाभ आसानी से मिल सके।


बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत जिला के 13 गांवों में पाईप लाइन व 4 गांवों में टयूबवैल लगाए जा रहे हैं। इनमें अधिकांश में कार्य पूरा हो चुका है तथा शेष कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। श्री गुप्ता ने कहा कि खेड़ावाली व रामपुर जंगी में पेयजल योजना के लिए बिजली कनैक्शन शीघ्र ही किया जाए। उन्हांने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, समग्र शिक्षा योजना, आपकी बेटी अपनी बेटी, मिड डे मील, समेकित बाल विकास योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।


श्री गुप्ता ने निगम के अधिकारियों से शहर में लगाए 8 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बारे जानकारी लेते हुए इन एसटीपी की विस्तार से रिपोर्ट पेश करने को कहा। इसके अलावा निगम क्षेत्र में बनाए शौचालयों की अनुदान राशि जरूरतमंद व्यक्तियों को देने तथा रेस्ट रूम की भी जानकारी देने को कहा। डिजिटल इंडिया पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम के तहत जिला की सभी पंचायतों में सामान्य सेवा केन्द्र 105 गांवों में उपलब्ध करवा दिए गए हैं तथा शेष गांवों मंे प्रक्रिया जारी है।

विधानसभा अध्यक्ष ने जिला में बढ रहे कोरोना के रोगियों बारे समीक्षा करते हुए सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि कोरोना टैस्टिंग बढाई जाए। इसके साथ ही लोगों को मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंस का पालन भी सुनिश्चित किया जाए। लोग लापरवाही बरत रहे है जिसके कारण कोरोना के रोगियों की संख्या में निरंतर बढौतरी हो रही है। उन्हांेने कहा कि क्षेत्रों को सेनीटाईजेशन करने तथा बार बार साबुन से हाथ धोने के लिए भी जागरूक किया जाए।


बैठक में उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक, एसडीएम रिचा राठी, कालका के एसडीएम राकेश संधु, जिला परिषद की चेयरमैन रितु सिंगला, जिला परिषद की कार्यकारी निशु सिंगल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

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शुक्रवार को कोरोना के आए 13 नये केस, आंकड़ा बढकर हुआ 505

सिरसा, 7 अगस्त।

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सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र नैन ने बताया कि शुक्रवार को सिरसा में कोरोना के 13 नये मामले आए हैं, जबकि 18 को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया है। जिला में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 505 हो गई है। अभी तक 299 को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है।  उन्होंने बताया कि जिला में कोरोना संक्रमण के 200 मामले एक्टिव हैं। जिला में अभी तक कोरोना संक्रमण से 6 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि कोरोना जांच के लिए अभी तक 25510 सैंपल लिए गए हैं।

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जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया। साथ में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता।

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया। साथ में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता।

पंचकूला 7 अगस्त- केन्द्रीय जल शक्ति व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रतन लाल कटारिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक हर तीन माह में अवश्य आयोजित की जानी चाहिए ताकि जिला में चल रहे विकास कार्यो के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की जा सके।

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केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री जिला सचिवालय के सभागार में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिला विकास समन्वय और निगरानी कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सांसद के लिए इस समिति की बैठक बेहतर प्लेटफार्म होता है जिसके माध्यम से अधिकारियों से रूबरू होने के साथ साथ उनके लोकसभा क्षेत्र में चल रहे कार्यो की जानकारी भी हासिल होती है। इसके साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ किन किन व्यक्तियांे को मिला है, यह भी प्राप्त होता है। इसलिए यह बैठक अहम होती है।


श्री कटारिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है। इस नीति के तहत प्रत्येक व्यक्ति को कौशल विकास के साथ साथ नवीनतम तकनीक से जोड़ना है ताकि वे निपुण होकर देश के बेहतर नागरिक बन सके। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति पर डिजिटलाईजेशन पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक सेे ग्रामीण विकास एवं कृषि सहित नवीनतम योजनाओं के बारे में अवगत करवाया जा रहा है।

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केन्द्रीय मंत्री ने मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन प्लस, मुख्यमंत्री ग्रामीण अर्बन मिशन व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को इन योजनाओं में ओर तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि जिला के लोगों को इन योजनाओं का लाभ सही समय पर मिल सके।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण विश्व स्तर पर आर्थिक व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को कृषि क्षेत्र ने बचा लिया। यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष कृषि क्षेत्र का उत्पादन 3.37 प्रतिशत था जो बढकर 4 प्रतिशत हो गया। यह देश के लिए किसानों की बड़ी सौगात है।


बैठक में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक, एसडीएम रिचा राठी, कालका के एसडीएम राकेश संधु, जिला परिषद की चेयरमैन रितु सिंगला, जिला परिषद की कार्यकारी निशु सिंगल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

विधान सभा में अनुभव और अध्ययन का संगम

पॉलिसी निर्माण में बढ़ेगी विधायकों की भागीदारी, विशेषज्ञों से सीखे गुर

चंडीगढ़, 7 अगस्त

नीति निर्माण में हरियाणा के विधायकों की भूमिका बढ़ने वाली है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है। इस सिलसिले में वीरवार को विधान सभा सचिवालय में विधायकों के लिए प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के तत्वावधान में हुई इस प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस में 10 विधायकों ने हिस्सा लिया। कोविड-19 के कारण सामाजिक दूरी संबंधित नियमों के पालन के लिए सभी विधायकों को एक साथ नहीं बुलाया जा सका।

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विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस का संचालन सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के सीईओ के. यतीश राजावत ने किया। कॉन्फ्रेंस में इस तथ्य पर गहन विमर्श हुआ कि गुरुग्राम ने विकास की बुलंदियों को कैसे छुआ, जबकि बड़े औद्योगिक ढांचे वाले फरीदाबाद में विकास की गति अपेक्षाकृत कम कैसे रही। गुरुग्राम की तर्ज पर हरियाणा के दूसरे शहरों के लिए भी विकास की योजनाएं तलाशी गईं।

इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि दुनिया जिस रफ्तार से आगे बढ़ रही है, उसी रफ्तार से नीतियां भी बनानी पड़ रही हैं। जाहिर है इन सभी नीतियों का समग्रता से अध्ययन करना हर जनप्रतिनिधि के लिए संभव नहीं है। इनके निहित उद्देश्यों को समझना और फिर उनके प्रभावी क्रियान्वयन की रूपरेखा तय करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जितनी बड़ी जिम्मेदारी होती है, उतने ही व्यापक प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता रहती है। विधायकों का अधिकतर समय जन सामान्य के बीच गुजरता है। अनेक तरह की समस्याओं का अंबार उनके सामने होता है। उन्हें हल करने की जिम्मेदारी उनकी होती है।

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गुप्ता ने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के साथ-साथ विधानपालिका का मुख्य कार्य नीति निर्माण करना है। यह विडंबना है कि कालांतर में नीति निर्माण में विधायकों की भूमिका कम होती गई और इस कार्य के लिए भी तंत्र अफसरशाही पर निर्भर हो गया। उन्होंने कहा कि जनता जिन लोगों को अपना प्रतिनिधि चुनती है, उन्हें ही उसके लिए नीतियां बनानी चाहिए। नीतियों के निर्माण और उनके क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों की भूमिका बढ़ाने के लिए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि जिनके लिए नीतियां बनाई जाती हैं, उनमें संबंधित पक्षों की राय लेनी आवश्यक है। इसके साथ ही नीतियों की समयावधि तय होनी चाहिए और यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि इनका पुनर्मूल्याकंन कब होगा। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि विधायकों में अध्ययन की प्रवृत्ति कम होने के कारण विधायिकी तंत्र कमजोर हुआ है। कॉन्फ्रेंस के दौरान विशेषज्ञों ने इस पर सुझाव दिया कि विधायकों को अपने पहले 3 वर्ष विधि निर्माण व्यवस्था के लिए ही समर्पित होने चाहिए। बाद के 2 वर्ष वे अपने क्षेत्र के लिए लगाएं।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के सीईओ के. यतीश राजावत ने कहा कि इस प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस में जनता के बीच कार्य करने का अनुभव रखने वाले विधायक और नीति निर्माण की बारीकियों का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों का संगम हुआ है। उन्होंने विधायकों से आह्वान किया कि हर जिले में विकास की संभावनाएं अलग अलग प्रकार की हैं। शोधकर्ताओं के सहयोग से जनप्रतिनिधि इन संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रत्येक बिल को पास करने से 5 दिन पूर्व विधायकों को उपलब्ध करवाने की अनिवार्यता लागू की है, जो सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि इससे विधायक बिल का गहराई से अध्ययन कर सकेंगे तथा उस पर कारगर सुझाव मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस नियम से विधायकों में अध्ययन की प्रवृत्ति भी विकसित होगी।

प्रशिक्षण के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसंधान निदेशक एवं इंडियन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के डीन सुभाशीष गंगोपाध्याय ने कहा कि नीतियां भले ही देखने में एक वर्ग विशेष के लिए हो, लेकिन वास्तव में वे समग्र समाज के लिए होती हैं। उन्होंने शिक्षा नीति का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके लाभार्थी सिर्फ विद्यार्थी नहीं हैं, बल्कि वे सभी लोग हैं, जो शिक्षातंत्र में डॉक्टर बने युवाओं की सेवाएं लेते हैं।

माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क के सीईओ हर्ष श्रीवास्तव ने गुरुग्राम और फरीदाबाद महानगरों के विकास का तुलनात्मक ब्योरा दिया। उन्होंने हरियाणा के दूसरे शहरों के लिए भी औद्योगिक विकल्प सुझाए। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की विंग लेजिस्लेटिव एंड सिविक एंगेजमेंट के मुखिया चक्षु रॉय ने नीति निर्माण और उनके क्रियान्वयन में खामियों को चिह्नित करते हुए उन्हें दुरुस्त करने के उपाय बताए। कॉन्फ्रेंस का अंतिम सत्र परस्पर विचार विमर्श एवं शंका समाधान का रहा। इसमें विधायकों ने अपने अपने विधान सभा क्षेत्रों में निहित विकास की संभावनाओं पर जानकारी हासिल की।

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पर्यावरण सरंक्षण के लिए पेड़-पौधे जरूरी, पौधारोपण हर व्यक्ति का सामाजिक दायित्व : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान

सिरसा, 7 अगस्त।


            उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ व शुद्घ बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण आवश्यक है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान देना चाहिए। पौधारोपण करना हर व्यक्ति का सामाजिक दायित्व है।

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                यह बात उपायुक्त एवं चेयरमैन आरकेजे श्रवण एवं वाणी दिव्यांग केंद्र रमेश चंद्र बिढ़ान ने आज स्थानीय आरकेजे श्रवण एवं वाणी दिव्यांग कल्याण केंद्र में पौधारोपण के दौरान कही। उपायुक्त ने केंद्र परिसर में त्रिवेणी लगाई और स्कूल व पार्क का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए पौधारोपण अभियान में हर व्यक्ति का सहयोग जरुरी है। पौधारोपण का कार्य सबका सामाजिक दायित्व है, जिसे हमें सामाजिक सरोकार की भावना के साथ निभाना चाहिए। पौधारोपण से हरियाली के साथ-साथ वातावरण तो स्वच्छ होता ही है, इसके अलावा स्कूल परिसर में सौंदर्यकरण को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि केवल मात्र पौधारोपण करके पर्यावरण सरंक्षण की औपचारिकता न की जाए अपितु जब तक पौधा पेड़ का स्वरूप न ले तब तक उसके संरक्षण व संवर्धन में भी निरंतर सहयोग प्रदान किया जाना आवश्यक है।

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                उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए पौधरोपण जरूरी है। जिस तरह का वातावरण बनता जा रहा है, वह संकेत दे रहा है कि हमें पर्यावरण सरंक्षण के लिए अभी से सजग होना होगा। यदि अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढी को भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंंगे। उन्होंने आह्वान किया कि नागरिक पौधरोपण करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। इसके अलावा आमजन पौधारोपण के साथ-साथ पौधों की देखभाल का भी संकल्प लें। जिलावासी प्रशासन की पौधारोपण मुहिम में सहयोगी बनें और अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण सरंक्षण के भागीदार बनें।
इस अवसर पर केंद्र के सहायक निदेशक राजेश कुमार, रेणू ग्रोवर, सुनीता सक्सेना, रीटा, किरण, गीता, संदीप कुमार, हरदीप सिंह, कपिल सक्सेना, मुकेश रानी, बबलू आदि मौजूद थे।


उपायुक्त नें केंद्र की खाली पड़ी जमीन पर नर्सरी बनाने की दी मंजूरी


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने आरकेजे श्रवण एवं वाणी दिव्यांग कल्याण केन्द्र में निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने कहा कि होस्टल भवन निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने स्कूल प्रशासन को आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन की तरफ से केंद्र का हर संभव सहयोग किया जाएगा। उपायुक्त ने स्कूल की तरफ से होस्टल बिल्डिंग के पीछे खाली पड़ी जमीन पर नर्सरी बनाने की मांग को मंजूरी प्रदान करते हुए कहा कि नर्सरी के लिए जिला बागवानी विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा। केंद्र के सहायक निदेशक राजेश कुमार ने उपायुक्त को स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में अवगत करवाया। 

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सड़कों पर फिर फर्राटा भरती दिखी जिंदगी—-फुल सीटिंग के साथ दौडऩे लगी बसें

सिरसा, 07 अगस्त।

विभिन्न रूटों पर चलाई जा रही 60 से अधिक बसें, अभी सिरसा से दिल्ली-चंडीगढ बस सेवा रहेगी बंद

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उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों की सुविधा व आर्थिक गतिविधियों को बढावा देने के उद्ेश्य से बसों को फुल सीटिंग के साथ चलाने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में राज्य परिवहन विभाग के निदेशक ने हरियाणा रोडवेज की बसों को उनकी पूर्ण क्षमता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही परिवहन निदेशक ने बसों के संचालन के दौरान कोविड-19 से बचाव संबंधी प्रबंध करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि निर्धारित मानकों के तहत बसों तथा बसों की सीटों को नियमित रूप से सैनेटाईज किया जाएगा। इसके साथ ही सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि बस में यात्रियों को फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से जरूरी है। उन्होंने बताया कि बसों के संचालन के दौरान कोरोना वायरस से बचाव संबंधी निर्देशों की अनुपालना कड़ाई से की जाएगी।

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  रोडवेज महाप्रबंधक रणसिंह पूनिया ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर प्रदेश सरकार की ओर से बसों में फुल सीटिंग के साथ चलाने की अनुमति दी गई है। इस संबंध में हरियाणा परिवहन निदेशालय आदेश प्राप्त हुए हैं। आदेशों के तहत सिरसा डिपो से विभिन्न रूटों पर 60 से अधिक बस चलाई गई हैं। हालांकि अभी सिरसा से दिल्ली के लिए बस सेवा को बंद रखा गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते शुरूआत में बस में 30 सवारी के साथ बस चलाने की हिदायत दी गई थी। अब आमजन की परेशानियों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पूरी क्षमता के साथ बसें चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि अब बस में पूरी क्षमता यानि की सभी 52 सीटों पर सवारी बैठाकर चलाई जा रही हैं, लेकिन बस में किसी को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं है।

बस को सेनेटाइज व मॉस्क पहनना होगा अनिवार्य :


रोडवेज महाप्रबंधक रणसिंह पूनिया ने बताया कि विभिन्न रूटों पर फुल क्षमता के साथ बसें चल रही हैं। बस में कोरोना बचाव संबंधी उपायों का अनुपालना की जा रही है। सवारियों को बैठाने व उतारने के बाद बस को सेनेटाइज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को मॉस्क पहनना अनिवार्य है। बिना मॉस्क के यात्रा करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि यात्रियों को बैठने से पूर्व व उतरने के बाद बस को रोडवेज वर्कशॉप में ले जाकर सेनेटाइज किया जा रहा है। सेनेटाइज के लिए वर्कशॉप में पुख्ता व्यवस्था की गई है।

लोकल रूटों के साथ इन लंबे रूटों पर चल रही है बसें :


महाप्रबंधक रणसिंह पूनिया ने बताया कि सिरसा डिपो से विभिन्न लोकल रूटों के साथ लंबे रूटों पर भी बस सेवा शुरू की गई है। जिन लंबे रूटों पर बसें चलाई जा रही है, उनमें सिरसा-जयपुर, सिरसा पोखरन, सिरसा-गंगानगर, सिरसा-भादरा-नोहर, सिरसा-संगरिया, सिरसा-हिसार-रोहतक, सिरसा-गुरूग्राम-पंचकूला शामिल हैं। विभिन्न रूटों पर 60 से अधिक बसें चलाई गई हैं।

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PU DLIS Organizes Webinar Series

Chandigarh August 6, 2020

The Department of Library and Information Science, Panjab University, Chandigarh started new series under the title “PU DLIS Webinar Series” and organised three webinars from 4th– 6thAugust,2020 so to reach out to LIS students, research scholars and the professional colleagues to enhance their professional knowledge and update them in the Library and Information Science field.

In the first webinar Dr. Akhtar Parvez ,University Librarian, Maulana Azad National Urdu University, Hyderabad talked about “Copyright and fair use”. He gave many tips to the participants for fair use of copyright material like purchasing e-books which are DRM free, Archival rights of databases and specially the knowledge of transformative use of copyrighted material.

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In the second webinar, Prof.S.P.Singh ,Emeritus Professor of UGC deliberated on “Misinformation, Disinformation, Malinformation and Fake News” and highlighted that all of us in the current information society must be able to differentiate among these and use only the factual information.

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In the third webinar, Mr. Prem Chand ,Librarian, Indian Institute of Advanced Studies, Shimla talked on “Access to e-content to higher education institutions in India: an initiative of MHRD and UGC” wherein he deliberated on the issues and challenges in India’s higher education in terms of enrolment, faculty, accreditation and research. He also highlighted various initiatives undertaken by MHRD and UGC to provide e-resources for teaching and research.

More than 150  participated in each webinar.All the recorded webinars are available on dlisyoutube channel.