सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

बिजली बचत के साथ-साथ पर्यावरण को शुद्ध रखने में सहायक है सौर ऊर्जा : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 5 सितंबर।

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            उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि नवीनीकरण के इस युग में सौर ऊर्जा का महत्व और अधिक बढ़ गया है जिससे आर्थिक बचत के साथ-साथ बिजली की बचत भी होती है। इसके अलावा सौर ऊर्जा पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी सहायक है। विशेषकर छोटी-छोटी ढाणियों व खेतों में सौर ऊर्जा बेहद कारगर साबित हो रही है। प्रदेश सरकार द्वारा भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं क्रियांवित की गई हैं जिससे आमजन को सौर ऊर्जा के उपकरणों को विशेष सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। सौर ऊर्जा को भविष्य की बिजली भी कहा जाता है, क्योंकि सौर ऊर्जा के माध्यम से नागरिक अपनी जरुरत अनुसार घर में ही बिजली प्राप्त कर सकते हैं।

मनोहर ज्योति योजना के तहत जिला में 340 सौर ऊर्जा उपकरण किए वितरित


            उन्होंने बताया कि नवीन एवं नवीनकरणीय ऊर्जा विभाग / हरेड़ा द्वारा मनोहर ज्योति योजना के तहत जिला में 400 उपकरण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमें से 340 उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत विद्युत रहित ढाणी में रह रहे परिवार अथवा ग्रामीण महिला मुखिया परिवार, स्कूल जाने वाली एससी जाति से संबंधित छात्राएं, बीपीएल परिवार, पीएमएवाई (ग्रामीण) के लाभार्थी को प्राथमिकता पर व अन्य ग्रामीण परिवारों को यह सुविधा अनुदान पर उपलब्ध करवाई जाती है। इस योजना में, 150 वॉट का सौर मॉड्यूल, 80 एएचच/12वॉट की लीथियम बैंटरी, एक छत्त का पंखा तथा तीन एलइडी लाइट तथा संबंधित अन्य सामान उपलब्ध करवाया जाता है। इसकी कुल कीमत 22 हजार 500 रुपये है जबकि अनुदान के पश्चात यह सिर्फ 7 हजार 500 रुपये में प्रदान की जाती है।


इसी प्रकार 300 वॉट व 500 वॉट के घरेलू इंवर्टर चार्जिंग सिस्टम व संबंधित उपकरणों पर 6 हजार व 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इसमें लाभार्थी के पास अपना इंवर्टर एवं बैंटरी होनी चाहिए। जिला में इस योजना के अंतर्गत अबतक लगभग 800 परिवारों ने इस सिस्टम को अपनाया है। खेतों में बिना डीजल एवं सौर ऊर्जा से चलने वाला सिंचाई पंप आज सबसे आज किसानों के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है। इसमें 3एचपी, 5 एचपी, 7.5 एचपी एवं 10 एचपी तक सौर पंप उपलब्ध है। इस योजना के तहत जिला सिरसा में 6200 आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा प्रथम चरण में 3150 पंप का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिन कंपनियों को इन पंप के स्थापना के लिए लक्ष्य दिए गए हैं उन्होंने लगभग 1800 साइटस का सर्वे कर लिया है तथा अन्य साइटों का सर्वे जारी है। इन पंपों पर सरकार की ओर से 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ उन किसानों को दिया जाता है जो  अपने खेत में स्प्रिंकलर सैट (फव्वारा सिस्टम), ड्रिप सिस्टम (टपका सिंचाई) अथवा भूमिगत पाइप लाइन का उपयोग करता हो।


ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप पावर प्लांट:


            उपायुक्त बिढ़ान ने बताया कि जिला में घरेलू, संस्थानिक एवं वाणिज्य भवनों के बिजली बिलों में कमी लाने के लिए ग्रिड आधारित रूफ टॉप पावर प्लांट काफी संख्या में लगाए गए हैं, जिससे बिजली बचत के साथ-साथ उनके बिजली बिलों में काफी कमी आई है। इसके तहत इसमें एक से 10 केडब्ल्यू के घरेलू पावर प्लांट पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

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            उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष सिरसा में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में 300 किलो वॉट का पावर प्लांट लगाया गया है जिससे विश्वविद्यालय सोलर पावर प्लांट की कुल क्षमता 600 किलो वॉट हो गई है। इसके अतिरिक्त 2800 से 3000 यूनिट बिजली तथा महीने में कुल उत्पादन 80 हजार यूनिट से अधिक हो गया है। इससे विश्वविद्यालय में बिजली बिल में लगभग 7 से 8 लाख रुपए प्रतिमाह की कमी आई है। इसके अतिरिक्त इस वर्ष सभी मुख्य सरकारी भवनों में आरईएससीओ मॉडल में सोलर सिस्टम पावर प्लांट लगाने के लिए सर्वे किया जा रहा है, जिससे इन सभी भवनों में विद्युत आपूर्ति की जा सके एवं इनके बिजली बिलों में कमी लाई जा सके।


ऐसे करें आवेदन :

सरल हरियाणा पोर्टल या अटल सेवा केंद्र के माध्यम से कर सकतें हैं आवेदन


            उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि सिरसा जिला में सौर ऊर्जा के प्रयोग में अग्रणी है तथा यहां के नागरिक इसके प्रयोग में बढ़-चढ़कर रूचि ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि आमजन इन सभी योजनाओं के लिए इच्छुक आवेदक सरल हरियाणा के पोर्टल पर किसी भी अटल सेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदक किसी भी फ्रॉड वेबसाइट पर आवेदन न करें और किसी भी व्यक्ति को पैसे न दे। सौर ऊर्जा योजनाओं का लाभ उठाने के लिए नागरिक अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में ही संपर्क कर सकते हैं।

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हरियाणा के सिरसा जिला के गांव चौटाला में महाग्राम योजना को इस ढ़ंग से लागू किया जाएगा कि यह गांव एक मॉडल के तौर पर पूरे प्रदेश में स्थापित हो – उपमुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 4 सितंबर।


                हरियाणा के सिरसा जिला के गांव चौटाला में महाग्राम योजना को इस ढ़ंग से लागू किया जाएगा कि यह गांव एक मॉडल के तौर पर पूरे प्रदेश में स्थापित हो। यही नहीं इस गांव में महाग्राम योजना के सभी कार्य निर्धारित अवधि में पूरे किए जाने के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने निर्देश दिए हैं।

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                हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास विकास एवं पंचायत विभाग का प्रभार भी है, ने प्रदेश में शुरू की गई महाग्राम योजना की समीक्षा के लिए आज चंडीगढ़ में हरियाणा के जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी तथा विकास एवं पंचायत विभाग के वरिष्ठï अधिकारियों के साथ चर्चा की और योजना के तहत चल रहे प्रगति-कार्यों का जायजा लिया। डिप्टी सीएम को अधिकारियों ने बताया कि चौटाला गांव में महाग्राम योजना के लिए डीपीआर यानि विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना ली है और जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस गांव में सोलिड ट्रिटमैंट प्लांट के साथ ही सूक्ष्म सिंचाई परियोजना भी शुरू करेगी ताकि प्लांट से निकला हुआ पानी किसानों की खेती में सिंचाई के काम आ सके। उपमुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के उन गांवों के लिए महाग्राम योजना शुरू की गई थी जिनकी आबादी 10 हजार से ज्यादा हो। इस योजना के तहत इन गांवों में शहरों की तर्ज पर सीवरेज सिस्टम चालू करना था। इसमें 129 गांवों का चयन किया गया। तत्पश्चात ग्राम पंचायत के लोगों, कुछ विषय विशेषज्ञों तथा विकास एवं पंचायत विभाग के अलावा अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर एक वर्कशॉप आयोजित की गई, साथ ही उन क्षेत्रों का अध्ययन किया गया जहां पर गांवों में सीवरेज सिस्टम पहले से चल रहे हैं। उन्होंने योजना की विस्तार से जानकारी लेने के बाद कहा कि महाग्राम योजना में ऐसा कार्य होना चाहिए कि जिस गांव में इस योजना के तहत सीवरेज सिस्टम लगे तो वहां सफाई-व्यवस्था इतनी दुरूस्त हो कि लोगों को लगे कि वास्तव में यह महाग्राम ‘महानÓ ग्राम बन गया है।

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               उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाग्राम योजना के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी, काम को यथाशीघ्र शुरू करो और जल्द पूरा करो। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में स्वच्छता के लिए कई कदम उठाए हैं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जहां राज्य को खुले में शौच-मुक्त किया गया वहीं अब महाग्राम योजना के तहत प्रथम चरण में बड़े गांवों में स्वच्छता की तैयारी है। बैठक में हरियाणा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ मेनपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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62 कंटेनमेंट जोन में बांटी आयुष टेबलेट- डा. मिश्रा

पंचकूला 4 सितम्बर – जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. दलीप मिश्रा ने बताया कि कोविड केयर सैन्टर में कोरोना मरीजों को आॅनलाइन योगा तथा काउन्सलिंग आयुष चिकित्सकों के माध्यम से करवाई जा रही है ताकि रोगी मानसिक रूप से सशक्त एवं मजबूत रह सके।

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डा. मिश्रा ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए आयुष क्वाथ व घुडुची घनवटी का वितरण आयुष विभाग की टीमों के द्वारा केनटेंन्मैंट जोन मे किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला के विभिन्न गांवों एवं सैक्टरों के 62 कंटेनमेंट जोन में गठित कमेटियों ने आयुष गोलियां बांटने का कार्य किया।

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उन्होंने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते पंचकूला में कोरोना के बढते हुए प्रभाव को देखते हुए, आयुष विभाग द्वारा कन्टेनमेन्ट जोन में सक्रमंण्.ा को रोकने के लिए त्वरित गति से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली दवाईयों का वितरण करवा जा रहा है।


डा. मिश्रा ने बताया कि आयुष क्वाथ जिसमें दालचीनी, सोठ, कालीमीर्च तथा तुलसी हैं, लोगो को काढ़ा बनाकर पीने के लिए बताया जा रहा है। इसके अलावा गिलोय की टेबलेट भी बांटी जा रही है। इसी क्रम में कोरोना से बचाव हेतु चिकित्सकों द्वारा गरम पानी का सेवन तथा पुदीने का भाप लेने को भी बताया जा रहा है। घर से बाहर जाने पर मास्क लगाने तथा दो गज की दूरी बना, रखने हेतू जागरूक किया जा रहा है।

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हर माह की पहली तारीख को सुरक्षा दिवस मनाकर तकनीकी कर्मचारियों को किया जाता है जागरूक

पंचकूला 4 सितम्बर – बिजली हादसों को पूर्णतय रोकने के लिए हर माह की पहली तारीख को तकनीकी कर्मचारियों को जागरूक किया जाता है। तकनीकी कर्मचारी बिजली दुर्घटनाओं से कैसे बचें, उसके लिए एक बुकलेट भी बनाई गई है। जिसमें बिजली दुर्घटनाओं से बचने संबंधी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

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बिजली निगमों के सीएमडी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि बिजली लाइनों पर कार्य करने के लिए परमिट सिर्फ निगम के एसडीओ ऑपरेशन द्वारा अधिकृत कर्मचारी को ही दिया जाएगा। समझाया जाता है कि सुरक्षित होकर काम कीजिए, अपने परिवार का ख्याल कीजिए। सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग एसडीओ ऑपरेशन द्वारा अधिकृत कर्मचारियों का नाम उनका रजिस्टर्ड व्हाट्सएप्प मोबाइल नंबर, उनका कार्यक्षेत्र एरिया आफिस आदेश के साथ सभी सब-स्टेशनों में तथा कर्मचारियों को उपलब्ध करवाया जाए। रूटिन के रख-रखाव कार्यों के परमिट लेने के लिए अधिकृत कर्मचारी का सब स्टेशन जाकर परमिट लेना अनिवार्य है। एमरजेंसी के दौरान अधिकृत कर्मचारी द्वारा व्हाट्सएप्प के माध्यम से सब-स्टेशन इंचार्ज को भरे हुए परमिट फार्म की फोटो भेजकर और वह सब-स्टेशन इंचार्ज को फोन भी करेगा। इस बुकलेट में यह भी बताया गया है कि एसडीओ ऑपरेशन ऐसी अवैध इमारतों की पहचान करके सूची तैयार करेगा, जहां अवैध निर्माण के कारण बिजली हादसों का खतरा अधिक है।

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उन्होंने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। निगमों की तरफ से बिजली दुर्घटनाओं से बचने के लिए किसानों को भी जागरूक करने के लिए एक पुस्तिका तैयार की जा रही है, जो किसानों को जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं सुचारू रूप से बिजली मिले उसके लिए निगम वचनबद्ध है।

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तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा हेतू निगम पूरी तरह कृतसंकल्प-कपूर

पंचकूला 4 सितंबर – हरियाणा के बिजली वितरण निगमों-उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के तकनीकी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए निगम पूरी तरह से कृतसंकल्प और प्रतिबद्ध है। इसी के चलते निगम के तकनीकी कर्मचारियों को अंतर्राष्ट्रीय मानक की सुरक्षा किट उपलब्ध करवाई गई है। जिसका परिणाम है कि गत दो वर्षों में बिजली हादसों में भारी कमी आई है।

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बिजली निगमों के सीएमडी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि यूएचबीवीएन के तकनीकी कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता के 9000 दस्ताने, 18450 वोल्टेज सेंसर, 525 सीढियां, 14750 ब्रेकडाउन किट तथा 18450 हैलमेट उपलब्ध कराए हैं। यह उपकरण तकनीकी कर्मचारियों को लाइन पर काम करते वक्त करंट से बचाते हैं। इस किट में वोल्टेज सेंसर वाले हैलमेट भी शामिल हैं जो कि 11 केवी लाइन के करंट को 6 फिट की दूरी से बता देते हैं। बिजली के पोलों पर चढने के लिए तकनीकी कर्मचारियों को फाइबर रेनफोर्सड प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी सीढियां भी उपलब्ध कराई गई हैं, जो तार से सटे होने पर भी टेक्रिकल कर्मचारी को करंट से बचाती हैं। तकनीकी कर्मचारी को उच्च गुणवत्ता की सेफ्टी बेल्ट भी दी गई है ताकि सुरक्षित तरीके से बिजली के कार्य की मेनटेंस कर सकें।

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निगमों के प्रवक्ता ने बताया कि इसी वजह से जिला यमुनानगर में गत 4 माह में एक भी हादसा नहीं हुआ, यूएचबीवीएन की गुहला डिविजन में भी गत एक वर्ष में कोई बिजली दुर्घटना नहीं हुई। यूएचबीवीएन की 39 सब डिवीजन ऐसी हैं जहां पिछले एक वर्ष में एक भी दुर्घटना बिजली लाईन पर नहीं हुई।


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उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आवेदन मांगे-उपायुक्त

पंचकूला 4 सितम्बर – राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार की ओर से वर्ष 2021 के लिए सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार प्रदान करने के लिए जिला के पात्र व्यक्तियों से आॅनलाईन आवेदन मांगे गए है।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तिगत स्तर पर एवं संस्थान के तौर उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य करने वालो से आॅनलाईन आवेदन मांगे गए है। इच्छुक व्यक्ति एवं संस्थान व संस्थाए वेबसाईट https://dmawards.nmda.gov.in पर 15 सितम्बर तक अपलोड कर सकते है। इसके अलावा मैन्यूवल आवेदन उपायुक्त कार्यालय में भी जमा करवाएं ताकि निश्चित तिथि तक आपदा प्रबंधन संस्थान को भेजे जा सके।

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मेरी फसल मेरा ब्यौरा में पंजीकरण हेतू तिथि बढाई- उपायुक्त

पंचकूला 4 सितम्बर – उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में किसानों की सुविधा के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकरण करने की तिथि 7 सितम्बर तक बढा दी गई है। किसानों के लिए यह स्वर्णिम एवं अंतिम अवसर है, इसलिए इस योजना में अपनी फसलों का पंजीकरण अवश्य करवा लेना चाहिए।

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उपायुक्त ने बताया कि किसानों के लिए यह सरकार की अतिमहत्वपुर्ण एवं कारगर योजना है जिसके तहत पंजीकृत किसानों को भविष्य में कृषि से सम्बन्धित सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए किसान पंजीकरण के लिए अपने नजदीकी काॅमन सर्विस सैन्टर या कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसानों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओ ंका लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इनमें फसल बिक्री, कृषि यन्त्रों पर सब्सिडी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इत्यादि का लाभ शामिल है। उन्होंने बताया कि भविष्य में केवल पंजीकृत किसानों को ही सरकार की इन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

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First Cut Off in Economics goes to 99.14%

Chandigarh September 4, 2020

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The Department of Economics, Panjab University had initiated admission
process for B.A (Hons.) in Economics program under Choice Based Credit
system for the session 2020-21,informed  Prof. S.P. Padhi,
Chairperson .   In the first list, the cut off point for
admission to Open Category was a record high to the tune of 99.14 percent.

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Phytochemicals in Plant Extracts Potential Fighters for Corona Infection

Chandigarh September 4, 2020

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Across the globe scientists trying to beat Coronavirus.  At present, there is no approved drug or vaccine available to treat this disease. Still, people are trying various pre-existing medicines that are known to have antiviral effects. Panjab University, Chandigarh contributed in fights against Covid-19.  Dr. Ashok Kumar, Chairperson from Centre of Systems Biology and Bioinformatics, Panjab University studied the binding potential of approximately 50 phytochemicals present in multiple natural plant extracts that are capable of inhibiting virus replication.  Phytochemicals are compounds that are produced by plants. They are found in fruits, vegetables, grains, beans, and other parts of plants. Some of these phytochemicals are believed to protect us from pathogenic attacks. Herbal extracts are full of phytochemicals. This Research published in Journal  Phytomedicine  having  title “Identification of phytochemicals as potential therapeutic agents that binds to Nsp15 protein target of coronavirus (SARS-CoV-2) that is capable of inhibiting virus replication”. This Reputed international Journal has an impact factor of 4.26. Dr. Ashok Kumar did this research in collaboration with Dr. Suresh Kumar from Guru Gobind Singh Indraprastha University, Delhi.

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WEBINAR ON NEW EDUCATION POLICY: A ROADMAP FOR ENGINEERING EDUCATION

Chandigarh September 4, 2020

A Webinar on New Education Policy: A roadmap for Engineering Education was organized by UIET, Panjab University, Chandigarh ,today. The event commenced with an introductory message by Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor who has been associated with NEP since the beginning and also gave inputs in the framing of NEP. PU VC also gave some optimistic insight into the fact that although pandemic is a curse, it has certainly given the opportunity of development to domains like engineering and medicine.

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Subsequently Prof. Dheeraj Sanghi,Director PEC spoke about the aspects of New Education Policy related to higher education. He cited the chapters from New Education Policy that are related to higher education. He talked about the aspect of multidisciplinary education. In the curriculum, there should be interdisciplinary courses. There should be more flexibility in the courses chosen by the students i.e. more elective courses should be offered to the students.

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Prof.Sanghi pointed out that it is very natural that the minds of students, as well as faculties, will resist these changes that this policy demands but we need to overcome this resistance. The NEP caters to the major problem that the college students face about not knowing exactly what they want to study in college or what are their interests. The provision of Dual Major will be provided i.e. one person having computer science engineering shall be allowed to opt for psychology also. It was also discussed as to how important it is to make a robust lateral entry system if we want to implement the NEP in a good way.

Prof.Sanghi also pointed to the fact that the policy gives the flexibility to the universities to implement the changes recommended at a time they find appropriate i.e. either from this batch or from the next session. He also talked about Academic Bank of Credit (ABC) which will be established to digitally store the academic credits earned from various recognised higher educational institutes so that the credits earned in the previous years can be awarded after entering into the programme again. With this ABC, the fear of wastage of years is avoided.

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Continuous evaluation will be there rather than having one major exam at the end of the semester which has almost 70 % of credit or marks. He also added that tenure track recruitment should be there for faculties in which the teaching ability of the teacher will be evaluated after every 5-6 years. He then talked about the use of technology through online and digital courses. He talked about a big caveat of NEP which states that the quality of the online courses should be as good as the best on-campus programme of the higher educational institution. He said that such a scenario is not possible in the present situation and can only be made possible after approximately 10 years from now. More than 40% of courses shall be offered online to reduce the teaching load that will also provide an ample amount of time to the faculty for research work. He also discussed Faculty development programmes that should be conducted more frequently.  Employability will automatically improve if a good batch of students graduate as  industry will  be interested to recruit them.