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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार अब किसानों के लिए मनरेगा में एक और नई लाभदायक योजना लेकर आई है

पंचकूला 10 सितम्बर – उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सरकार अब किसानों के लिए मनरेगा में एक और नई लाभदायक योजना लेकर आई है, इससे जहां फसलों के उत्पादन में प्रयोग किए जाने वाले उनके रासायनिक खाद का खर्च कम होगा वहीं आर्गेनिक अनाज की पैदावार होने से जिला के लोगों में कोविड-19 जैसी महामारी से लडने की क्षमता भी अधिक विकसित होगी।

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उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत देशी खाद बनाने के लिए जमीन में जो गड्डे खोदे जाते हैं वे मनरेगा के तहत फ्री में खोदे जाएगें। इससे जहां मजदूरों को उनका मेहनताना मिलेगा, वहीं किसानों को मुफ्त में देशी खाद उपलब्ध होगी जिसका प्रयोग वे अपनी जोत भूमि में कर सकेंगे। इस प्रकार किसानों की भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, साथ ही, गांव गांव में स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा।


उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत गांवों में देशी खाद के लिए गांवों के घेर, खाली स्थान, सडक किनारे, खेत आदि स्थानों पर गड्ढे खोदे जाएंगे। इन गड्ढे में किसान अपने पशुओं का गोबर व घर का कूड़ा-कर्कट डालेगें, जो बाद में जैविक खाद बन जाएगा। यह खाद फसलों का उत्पादन बढ़ाने में कारगर सिद्व होगी।

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उपायुक्त ने बताया कि आजकल किसान अधिक उत्पादन लेने के लिए रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे लगातार भूमि के पोषक तत्त्व समाप्त हो रहे हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति केवल जैविक खाद से ही बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि अक्सर देखने में आता है कि गांव के लोग साफ-सफाई करके कुड़ा-कर्कट का ढ़ेर गांव के बाहर लगा देते हैं। इससे जहां गंदगी फैलती है वहीं सडक पर कूड़ा बिखरा होने से दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है।


उन्होंने बताया कि लोगों की मांग के अनुसार मनरेगा योजना के तहत छोटे, मध्यम व बड़े साइज के गड्डे खोदे जाएंगे जिनका उपयोग व्यक्तिगत, डेयरी अथवा गौशाला के लिए तैयार किया जा सकेगा। इन गड्डों में जहां गांव के लोग अपने पशुओं का गोबर डाल सकेंगे वहीं आस-पास की सफाई करके उसमें गलने वाला कुड़ा-कर्कट भी डाला जा सकेगा।


उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीणों को वैज्ञानिक ढ़ंग से जैविक खाद बनाने का तरीका भी समझाया जाएगा ताकि वे अच्छे से खाद बना सकें। उन्होंने बताया कि इस जैविक खाद से न केवल फसल जल्द विकसित होगी, बल्कि फसल की जड़ों को आयरन भी भरपूर मात्रा में मिलेगा। यह पौधे की जड़ों को नाइट्रोजन व कैल्शियम प्रदान करने में भी काफी मदद करता है।

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सांसद सुनीता दुग्गल ने अधिकारियों से जिला में सफेद मक्खी से हुए फसल खराबे की ली जानकारी

सिरसा, 10 सितंबर।

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                  सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने वीरवार को दूरभाष पर प्रशासन अधिकारियों से जिला में फसल खराबा संबधी रिपोर्ट तथा कोविड-19 के संक्रमण बचाव के लिए किए गए प्रबंधों की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। सिरसा कृषि प्रधान जिला है और यहां अधिकतर लोग कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि किसानों की नरमा, कपास की फसल पर सफेद मक्खी का भी प्रकोप हुआ है तथा अधिक बरसात के कारण नरमा, कपास सहित अन्य खरीफ फसलों पर नुकसान होने की स्थिति में राजस्व विभाग के अधिकारियों से बातचीत की और खराबे के किए गए आंकलन बारे विस्तृत जानकारी ली।
              सांसद सुनीता दुग्गल ने किसानों से भी आग्रह किया है कि वे सरकार व प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए सहयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जारी गाइडलाइन के तहत किसान की जलभराव, औलावृष्टि व आसमानी बिजली गिरने से खराब हुई फसल की रिपोर्ट (प्रारूप-1) कृषि विभाग में 72 घंटे के अंदर-अंदर जमा करवानी जरूरी हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी कहा कि वे कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए सभी पुख्ता प्रबंध करें। कोरोना महामारी से बचाव के नागरिकों को जागरूक करें। सांसद ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वे कोरोना महामारी से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, सरकार व प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी हिदायतों का भी पालन अवश्य करें। नागरिक कोविड-19 की सैंपलिंग अवश्य करवाएं। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन द्वारा गठित की गई टीमों का सभी सहयोग करे। स्वच्छता पर भी अवश्य विशेष ध्यान दें।

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जिला में 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर रकबे में कपास की बुआई की गई थी, 69 हजार 934 हैक्टेयर में हुआ नुकसान : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि जिला के विभिन्न क्षेत्रों में कपास की फसल में सफेद मक्खी व पैरा वील्ट का प्रकोप पाया गया। उन्होंने स्वयं, कृषि विशेषज्ञों, राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम द्वारा खेतों में जाकर फसल को हुए नुकसान की जानकारी ली गई और मौके पर किसानों से बातचीत भी की। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक की रिपोर्ट के अनुसार सिरसा जिला में कुल 2 लाख 10 हजार हैक्टेयर रकबे में कपास की बुआई की गई है जिसमें सफेद मक्खी व पैरावील्ट से अबतक लगभग 69 हजार 934 हैक्टेयर में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को गांव-गांव जाकर कपास की फसल को सफेद मक्खी से बचाने के लिए कृषि विशेषज्ञों की सिफारिशों के अनुसार छिड़काव करने बारे जागरुक किया जा रहा है। 

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11 को 11 बजे ग्रामीणों को नशा न करने की शपथ दिलाएंगे सरपंच : उपायुक्त

सिरसा, 10 सितंबर।

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने संबंधित अधिकारियों को दिए शपथ कार्यक्रम को मॉस्क व सोशल डिस्टेसिंग के तहत आयोजित करने के निर्देश

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि जिला को नशा मुक्त बनाने की मुहिम में ग्राम पंचायतों को भी जोड़ा गया है, ताकि गांव स्तर से ही नशा प्रवृति पर अंकुश लग सके और नशा मुक्ति का आह्वान हर गांव की गली-गली व हर घर तक पहुंचे। इसी कड़ी में 11 सितंबर को जिला के प्रत्येक गांव में सरपंच गामीणों को नशा विरोधी शपथ दिलवाएंगे। सभी जगह शपथ का समय प्रात: 11 बजे रहेगा। संबंधित अधिकारी शपथ कार्यक्रम का आयोजन मॉस्क व सोशल डिस्टेंस के तहत करवाना सुनिश्चित करेंगे।

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उपायुक्त ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान के तहत जिला में विभिन्न गतिविधियां चलाई जा रही हैं। अभियान को सफल बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्यप्रणाली तैयार की गई है, जिसमें अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेवारियां सौंपी गई हैं। इसी के तहत 11 सितंबर को 11 बजे हर गांव में नशा विरोधी शपथ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सरपंच ग्रामीणों को नशा न करने की शपथ दिलाएंगे। शपथ कार्यक्रमों का मॉस्क व सोशल डिस्टेसिंग के तहत आयोजन करवाने की जिम्मेवारी जिला विकास एवं पंचायत विभाग की रहेगी। विभाग के संबंधित अधिकारी गांव में सरपंचों को निर्देशित करते हुए सफलतापूर्वक शपथ कार्यक्रमों का आयोजन करवाएंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न गांवों में गांव गोद लेने वाले अधिकारी भी इन शपथ कार्यक्रमों में शामिल होंगे।


ग्राम पंचायतों ने नशा मुक्त अभियान को बताया सराहनीय कदम, सहयोग का दिया आश्वासन :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण के दिशा-निर्देशन में जिला में चल रहे नशा मुक्ति अभियान को ग्राम पंचायतों ने प्रशासन का सराहनीय कदम बताया है। सभी ग्राम पंचायतें नशा को खत्म करने की इस मुहिम में हर प्रकार से सहयोग देने के लिए तैयार हैं। नशा मुक्ति को लेकर प्रशासन की इस मुहिम के बारे में गांव रामगढ के सरपंच जोगेन्द्र सिंह ने बताया कि नशा को खत्म करने के लिए लोगों में जागरूकता बहुत जरूरी है और इस दिशा में प्रशासन की नशा मुक्ति मुहिम कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि गांव की तरफ से नशा मुक्त अभियान को पूरा सहयोग दिया जाएगा। ग्रामीण भी चाहते हैं कि गांव से नशा खत्म हो और इसके लिए ग्रामीण विशेषकर युवा गांव में नशा के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा नशे से दूर होकर खेल व अन्य रचनात्मक कार्यों पर अपना ध्यान केंद्रित कर अपने परिवार, गांव, जिला व प्रदेश का नाम रोशन करें।

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इसी प्रकार गांव मुन्नावाली के सरपंच डा. बलविंद्र ने बताया कि प्रशासन की नशा मुक्ति की यह मुहिम बहुत ही अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि नशे से युवा शक्ति बर्बाद हो रही है, जिसका असर न केवल उसके परिवार पर बल्कि पूरे गांव व समाज पर पड़ रहा है। नशा को खत्म करने में ग्राम पंचायत की ओर से जो भी सहयोग होगा, दिया जाएगा। नशा को खत्म करने में सभी को अपना सहयोग करना होगा तभी जिला के नशा मुक्ति का सपना साकार होगा। गांव रिसालिया खेड़ा के सरपंच आजाद ने कहा कि प्रशासन का नशा मुक्त अभियान गांव से नशा को खत्म करने में अहम भूमिका निभाएगा। प्रशासन की ओर से गांव के नशा मुक्त होने पर अतिरिक्त विकास कार्यों के लिए धन राशि उपलब्ध करवाने जो पहल है, इससे नशा मुक्ति की मुहिम को और अधिक बल मिलेगा। प्रत्येक ग्रामीण चाहता है कि उसके गांव का युवा नशा से दूर हो और गांव का विकास हो।  

गौरतलब है कि नशा मुक्ति अभियान को लेकर हाल ही में उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने नशा मुक्ति अभियान को लेकर सभी सरपंचों से वीडियो कॉफ्रेंस की थी। जिसमें उन्होंने सरपंचों को अभियान की जानकारी देने के साथ-साथ इसके साथ जुड़कर जिला को नशा मुक्त बनाने में योगदान देने को कहा था। सरपंचों ने भी इस अभियान को अपना पूर्ण सहयोग देने व ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को नशा न करने बारे जागरूक करने का संकल्प लिया था। 

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डा. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के तहत वर्ष 2020-21 सत्र के लिए आवेदन आमंत्रित

सिरसा, 10 सितंबर।


                  हरियाणा सरकार द्वारा डा. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए अनुसूचित जातियां एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के माध्यम से अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग, विमुक्त जाति, घुमंतु एवं अर्धघुमंतु जाति तथा टपरीवास जाति के छात्रों को छात्रवृति प्रदान करने के लिए आगामी 30 अक्तूबर तक आवेदन पत्र मांगे गए हैं। इच्छुक छात्र आनलाइन आवेदन कर सकते है।

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                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ रही प्रतिस्पर्धा के युग में अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, घुमंतु एवं अर्धघुमंतु जाति, टपरीवास जाति तथा पिछड़ा वर्ग के छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना को प्रोत्साहित करने लिए डा. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत उन छात्रों को छात्रवृति देकर सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने परीक्षा दसवीं, बारहवीं व स्नातक में उत्कृष्ट उपलब्धि प्राप्त की है ताकि उनका मनोबल और बढ़े और वे शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाइया प्राप्त कर सकें।


                  उन्होंने बताया कि डा. अंबेडकर मेधावी छात्र संशोधित योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, घुमंतु, अर्ध घुमंतु जाति एवं टपरीवास जाति के दसवीं कक्षा में उतीर्ण छात्र के लिए शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रथम वर्ष में पढने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में उत्तीर्ण छात्रों के लिए शहरी क्षेत्र में 75 प्रतिशत अंक और ग्रामीण में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा स्नातक के प्रथम वर्ष आर्टस में पढने वाले को 8 हजार रुपए वार्षिक, कामर्स/साईंस तथा सभी डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्सेज करने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए वार्षिक छात्रवृति, इंजिनियरिंग तथा अन्य तकनीकी/व्यवसायिक कोर्सेज के छात्रों को 9 हजार रुपए वार्षिक व मेडीकल तथा अलाईड कोर्सेज के छात्रों को 10 हजार रुपए की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में प्रदान की जाएगी।

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उपायुक्त ने बताया कि इसी प्रकार स्नातक की परीक्षा में शहरी क्षेत्र में 65 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। स्नातकोत्तर कक्षा में पढने वाले प्रथम वर्ष आर्ट, कामर्स व साईंस के छात्र को 9 हजार रुपए वार्षिक छात्रवृति, इंजिनियरिंग तथा अन्य तकनीकी व्यवसायिक कोर्सेज के छात्रों को 11 हजार रुपए व मेडीकल व अलाइड कोर्सेज के छात्रों को 12 हजार रुपए की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में प्रदान की जाएगी।


              उन्होंने बताया कि डा. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के अंतर्गत पिछड़ा वर्ग के छात्रों को भी लाभ देने के लिए शामिल किया गया है। पिछड़ा वर्ग ब्लाक ए के दसवीं कक्षा में उतीर्ण छात्र के लिए शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रथम वर्ष में पढने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग ब्लाक बी के दसवीं कक्षा में उतीर्ण छात्र के लिए शहरी क्षेत्र में 80 प्रतिशत अंक तथा ग्रामीण क्षेत्र में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा 11वीं तथा सभी डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रथम वर्ष में पढने वाले छात्रों को 8 हजार रुपए की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी।


                  उन्होंने बताया कि डा. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत छात्रवृति का लाभ उन विद्यार्थियों को प्रदान किया जाएगा, जो हरियाणा का मूल निवासी तथा अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग से संबंधित हो। इनकी पारिवारिक वार्षिक आय चार लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग के छात्रों को यह छात्रवृति उक्त वर्णित कक्षाओं में सभी स्ट्रीमज के आधार परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर दी जाएगी। यह छात्रवृति सभी सरकारी, गैर सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों, कालेजों, संस्थाओं तथा विश्वविद्यालयों में पढने वाले छात्रों को प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह स्कीम मैरिट पर आधारित है। इसलिए जो छात्र इन वर्गों के छात्रों के लिए चलाई जा रही सामान्य स्कीमों के अंतर्गत छात्रवृति प्राप्त कर रहे हैं, वे छात्र इस स्कीम के अंतर्गत भी छात्रवृति पाने के पात्र होंगे, परंतु मैरिट आधारित किसी अन्य स्कीम के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे। जो छात्र मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से परीक्षा उत्तीर्ण करेगा, छात्रवृति लेने का हकदार होगा। उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा, आवेदन पत्र आनलाइन ही लिए जाएंगे। इच्छुक छात्र विभाग की वेबसाइट डब्ल्युडब्ल्युडब्ल्युडॉटएससीबीसीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटईन पर 30 अक्तूबर तक अपना आवेदन ऑनलाइन कर सकते है। किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हैल्पलाइन नंबर 0172-2771250 पर संपर्क कर सकते हैं।

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नशा मुक्त अभियान : नशे के दुष्परिणाम व नुकसान को गंभीरता से समझें युवा शक्ति : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण

सिरसा, 10 सितंबर।

नशा त्याग कर अपनी ऊर्जा समाज व राष्टï्र हित में लगाएं युवा शक्ति : उपायुक्त


              उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने वीरवार को नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जागरुकता मोटरसाइकिल रैली को अपने कैंप कार्यालय से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस जागरुकता रैली के माध्यम से नेहरु युवा केंद्र व बाल भवन के वॉलेंटियरों ने शहर में नागरिकों को नशा मुक्ति का संदेश दिया। यह जागरुकता मोटरसाइकिल रैली बरनाला रोड़, अंबेडकर चौक, शहीद भगत सिंह चौक, सुभाष चौक, जगदेव सिंह चौक, सांगवान चौक, लाल बत्ती से होती हुई बाल भवन पर सम्पन्न हुई। रैली के दौरान वॉलेंटियरों ने नशा जागरुकता के विभिन्न स्लोगनों से नागरिकों को नशा त्यागने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा भी मौजूद रहे।

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                  इस अवसर पर उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि युवा ही युवा को नशे के दुष्परिणामों के बारे में बेहतर ढंग से बता सकता है। युवा शक्ति जिला में नशे में लिप्त युवाओं को दोस्त व भाईचारे से समझाते हुए नशे से मुक्ति दिलाएं तथा उन्हें ईलाज के लिए प्रेरित करते हुए नशा मुक्ति केंद्रों में लेकर आएं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त अभियान को केवल अभियान न समझते हुए इस पुण्य कार्य में हर युवा अपनी पूर्ण आहुति दे ताकि नशे से ग्रस्त युवा नशा त्याग कर अपनी ऊर्जा अपने परिवार के उज्जवल भविष्य व समाज हित में लगा सके, क्योंकि स्वस्थ युवा ही सभ्य समाज व सशक्त राष्टï्र के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नशा वह दीमक है जो धीरे-धीरे पीडि़त परिवार के साथ-साथ पूरे समाज को खोखला बना देती है। जिला में नशे की बढ़ती प्रवृति को देखते हुए युवा शक्ति को आज ही सजग व संभलना होगा और इस कार्य को एक चुनौती समझते हुए नशे का जड़मूल से खात्मा करना होगा ताकि हम नशा मुक्त समाज का निर्माण कर सकें।

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                  उन्होंने कहा कि आज युवा शक्ति नशे को त्यागते हुए अपना रुझान हमारे तीज, त्यौहार व खेलों की तरफ बढ़ाएं ताकि उनका भविष्य उज्जवल बन सके। इसके अलावा अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपनी जीवन शैली में पढ़ाई व खेलों के साथ-साथ साहित्यिक पुस्तकों को भी शामिल करें और पोष्टिïक भोजन के साथ-साथ नियमित योग को भी अपनाएं। इस अभियान को सफल बनाने में जुड़ा हर युवा अपने गली मौहल्लों व गांव में एक मिशन के तहत नशे में लिप्त युवाओं को इस दलदल से निकालने का संकल्प लें।



                  जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा नशा मुक्ति भारत अभियान को लेकर प्रतिदिन अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही है। इसी कड़ी में 11 सितंबर को दोपहर 3 से 4 बजे तक जेजी एफएम पर मनोचिकित्सक डा. पंकज शर्मा नशे के कारण व्यक्ति को होने वाले मानसिक नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, इसके अलावा नशे में लिप्त लोगों को नशा त्यागने के जरुरी टिप्स भी बताएंगे।

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कोरोना वैश्विक महामारी के चलते पंचकूला में कोरोना के बढते हुए प्रभाव को देखते हुए, आयुष विभाग द्वारा कन्टेनमेन्ट जोन में सक्रमंण्.ा को रोकने के लिए 105 रोगियों को त्वरित गति से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली दवाईयों का वितरण करवा गया।

पंचकूला 9 सितम्बर – कोरोना वैश्विक महामारी के चलते पंचकूला में कोरोना के बढते हुए प्रभाव को देखते हुए, आयुष विभाग द्वारा कन्टेनमेन्ट जोन में सक्रमंण्.ा को रोकने के लिए 105 रोगियों को त्वरित गति से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली दवाईयों का वितरण करवा गया।

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जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. दलीप मिश्रा ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए 344 आयुष क्वाथ व 344 घुडुची घनवटी का वितरण किया गया। इसके लिए विभाग के चिकित्सकों की टीमों का गठन किया हुआ है जो नियमित रूप से कंटेनमेंट जोन में जाकर रोगियों को आयुर्वेदिक गोलियां एवं काढा बांटने का कार्य कर रही है।

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उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की टीमें आयुष क्वाथ जिसमें दालचीनी, सोठ, कालीमीर्च तथा तुलसी हैं, लोगो को काढ़ा बनाकर पीने के लिए जानकारी दे रही है। इसके अलावा गिलोय की टेबलेट भी बांटी जा रही है। इसी क्रम में कोरोना से बचाव हेतु चिकित्सकों द्वारा गरम पानी का सेवन तथा पुदीने का भाप लेने को भी बताया जा रहा है। घर से बाहर जाने पर मास्क लगाने तथा दो गज की दूरी बना, रखने हेतू जागरूक किया जा रहा है।


डा. मिश्रा ने बताया कि कोविड केयर सैन्टर में कोरोना मरीजों को आनलाइन योगा तथा आनलाइन काउन्सलिंग आयुष चिकित्सकों के माध्यम से करवाई जा रहा है ताकि रोगी मानसिक रूप से सशक्त एवं मजबूत रह सके।

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जिला के 18 से 70 वर्ष तक की आयु के नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना लागू की गई है।

पंचकूला 9 सितम्बर – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जिला के 18 से 70 वर्ष तक की आयु के नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने इस संबध में जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना पूरी तरह से निशुल्क है। इसलिए पात्र लाभार्थियों को योजना के तहत किसी भी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत आने वाले केस इस योजना में कवर नहीं होंगे। योजना का लाभ लेने के लिए दुर्घटना के 6 माह के अंदर आवेदन करना अनिवार्य है।

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उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत कवरेज के दायरे में केवल वही हरियाणा निवासी और राज्य के मूल निवासियांें को ही दिया जाएगा। इस योजना के तहत मृत्यु, सडक या हवाई दुर्घटनाओं, दंगों, हड़ताल और आतंकवाद जैसी दुर्घटनाओं के कारण स्थायी विकलांगता या विकलांगता, सांप के काटने, डूबने, विष, करंट लगने, ऊंचाई से गिरने, मकान या भवन के गिरने, अग्नि, विस्फोट, हत्या, जानवरों के हमले, भगदड़ और घुटन, पाला मारने, लू लगने, बिजली गिरने, जलने, भूख या भुखमरी (केवल मृत्यु) और प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु जैसे मामले कवर होंगे।


उपायुक्त ने बताया कि इस योजना में व्यावसायिक खतरों जैसे कि थ्रेशिंग मशीन या औद्योगिक मशीन या किसी अन्य अप्राकृतिक घटना के कारण मृत्यु या पूर्ण स्थायी विकलांगता या विकलांगता भी शामिल होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत स्वीकृत लाभ का 50 प्रतिशत लाभ मिलेगा। अर्थात दुर्घटना मृत्यु के लिए एक लाख रुपए और दुर्घटना के कारण दोनों आंखों की पूर्ण या रिकवरेबल हानि या दोनों हाथों या पैरों की हानि या एक आँख की दृष्टि खोने या हाथ या पैर की हानि के मामले में एक लाख रुपए दिए जाएंगे।


उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत दुर्घटना पीडित या पात्र संबंधी (मृत्यु के मामले में) द्वारा आवेदन जिला समाज कल्याण अधिकारी को किया जाएगा, उन्होंने बताया कि मृत्यु के मामले में, इस योजना के तहत जमा करवाए जाने वाले दस्तावेजों में दावा फार्म, हरियाणा डोमिसाइल सर्टिफिकेट और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी राज्य में निवास का प्रमाण पत्र, दुर्घटना पीडित का आयु प्रमाण, दुर्घटना पीडित और पात्र रिश्तेदार (मृत्यु के मामले में) का आधार कार्ड, एफआईआर या पुलिस रोजनामचा रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र और यदि दावेदार जीवित पति या पत्नी है तो इस आशय का हलफनामा कि उसने पुनर्विवाह नहीं किया है, शामिल होंगे।

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राजकीय महाविद्यालय कालका में ष्ष्स्नातक के बाद जाॅब प्रोस्पैक्टस एण्ड केरियर अर्पोच्यूनिटीश् विषय पर बेबिनार का आयोजन किया गया।

पंचकूला 9 सितम्बर – राजकीय महाविद्यालय कालका में ष्ष्स्नातक के बाद जाॅब प्रोस्पैक्टस एण्ड केरियर अर्पोच्यूनिटीश् विषय पर बेबिनार का आयोजन किया गया। इसमंे विद्यार्थियों को बेहतरीन जानकारी प्रदान कर मार्गदर्शन किया गया।

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वेबिनार में प्लेसमेंट सैल की इंचार्ज बेनू राव विद्यार्थियों को आॅनलाईन बहुत ही प्रभावशाली वक्तव्य देते हुए कहा कि अधिकांश विद्यार्थियों को स्नातक करने के बाद भी सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते। यदि किसी विद्यार्थी के पास स्नातक के दौरान कला विषय है तब भी शिक्षा, मीडिया, वेश – भूषा, पर्यटन, अतिथ्य सत्कार आदि व्यवासय से जुडकर आजिविका कमा सकते है। इसके अलवा लेखन कौशल पर भी विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते है। इसके विद्यार्थियों को दृढ सकंल्प बनाए रखते हुए कार्य करना चाहिए।

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वेबिनार में टैक्नीकल कार्य प्रभारी प्रो. भूपसिंह, सुनीता चैहान, प्रो. गुलशन व प्रो. सोनिया जस्सल ने भी विद्यार्थियों को अच्छी जानकारी देकर जीवन में आगे बढने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रो. नीतू, आशिमा, डा.शीतल ग्रोवर सहित कई शिक्षकों ने विद्यार्थियों को प्रभावशाली टीप्स दिए ताकि वे जीवन में सफल हो सके। इस प्रकार यह वेबिनार बहुत ही कारगर रहा और विद्यार्थियों ने इसका पूरा लाभ उठाया तथा प्राचार्य प्रोमिला मलिक का आभार जताया।

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केन्द्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए वार्षिक पुरस्कार ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार’ वर्ष 2021 के लिये 30 सितम्बर तक आॅनलाईन आवेदन वैबसाईट dmawards-ndma-gov-in पर आमंत्रित किये जा रहे हैं।

पंचकूला 9 सितम्बर – केन्द्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए वार्षिक पुरस्कार ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार’ वर्ष 2021 के लिये 30 सितम्बर तक आॅनलाईन आवेदन वैबसाईट dmawards-ndma-gov-in पर आमंत्रित किये जा रहे हैं।

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इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि विभिन्न प्राकृतिक आपदाएं हमारे जीवन, आजीविका और संपत्ति को प्रभावित करती हैं। आपदाओं से देश में करुणा और निस्वार्थ सेवा की भावना जागृत होती है। आपदा के बाद, हमारे समाज के विभिन्न वर्ग एक साथ आते हैं और प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने की दिशा में काम करते हैं। ऐसे व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को पहचानने की आवश्यकता है जो आपदाओं में मानव पीड़ा को कम करने के लिए निष्ठापूर्वक काम कर रहे हैं। सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए एक वार्षिक पुरस्कार की स्थापना की है, जिसे सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबन्धन पुरस्कार के नाम से जाना जाता है।

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उपायुक्त ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के तहत विजेता संस्था को प्रमाण-पत्र सहित 51 लाख रुपए तथा विजेता व्यक्ति को प्रमाण-पत्र सहित 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार के लिए केवल भारतीय नागरिक और भारतीय संस्थान ही आवेदन कर सकते हैं। संस्थागत पुरस्कारों के लिए, स्वैच्छिक संगठन, कॉर्पोरेट संस्थाएं, शैक्षणिक, अनुसंधान संस्थान या कोई अन्य संस्थान आवेदन कर सकते हैं। पुरस्कार हेतू कुछ मानदंड तय किए गए हैं, जिसमें आवेदक ने भारत में आपदा प्रबंधन, रोकथाम, शमन, बचाव, प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, अनुसंधान, नवाचार या प्रारंभिक चेतावनी संबंधित कार्य जैसे क्षेत्र में काम किया हो।


उपायुक्त ने बताया कि मानव जीवन को बचाना, पशुधन, आजीविका, संपत्ति, समाज, अर्थव्यवस्था या पर्यावरण पर आपदाओं के प्रभाव में कमी, आपदाओं के दौरान प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए संसाधनों का जुटाव और प्रावधान, आपदा प्रभावित क्षेत्रों और समुदायों में तत्काल राहत कार्य, आपदा प्रबंधन के किसी भी क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का प्रभावी और अभिनव उपयोग, खतरनाक क्षेत्रों में आपदा न्यूनीकरण पहल, जोखिम में कमी के लिए समुदायों की क्षमता का निर्माण, वास्तविक समय के आधार पर लोगों को आपदा जोखिम सूचना की प्रारंभिक चेतावनी और प्रसार, आपदा प्रबंधन के किसी भी क्षेत्र में वैज्ञानिक, तकनीकी अनुसंधान और नवाचार, आपदा के बाद की वसूली और पुनर्वास, आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे और बुनियादी सेवाओं का निरंतर कार्य करना, तैयारी और जोखिम में कमी के लिए जनता के बीच जागरुकता पैदा करना, आपदा जोखिम प्रबंधन से संबंधित कोई अन्य क्षेत्र किए गए कार्य शामिल हैं।

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हरियाणा के ई-रजिस्ट्रेशन मॉडल को तेलंगाना ने अपनाया – डिप्टी सीएम

चंडीगढ़, 9 सितंबर। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार जमीनों की रजिस्ट्री के मामले में ऐसा मॉडल स्थापित करेगी जो कि नागरिकों के लिए परेशानीमुक्त हो, पारदर्शी हो। इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा अपनाई जा रही ऑनलाइन प्रणाली की चर्चा देशभर में है और तेलंगाना समेत कई अन्य राज्य हरियाणा के मॉडल को अनुकरण करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। तेलंगाना ने मंगलवार से अपने प्रदेश में रजिस्ट्री बंद कर दी हैं और हरियाणा की तर्ज पर ई-रजिस्ट्रेशन प्रणाली को अपनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उपमुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिला उपायुक्तों को अगले सप्ताह तक कलेक्टर-रेट को स्टेंडर्डाइज करने के भी निर्देश दिए। बुधवार को उपमुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों से चंडीगढ़ स्थित हरियाणा सिविल सचिवालय में रूबरू हो रहे थे।

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रजिस्ट्री करवाते वक्त एनआरआई को पासपोर्ट नंबर भी दर्ज करवाना होगा – दुष्यंत चौटाला

डिप्टी सीएम ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे रजिस्ट्री के मामले में लगातार मॉनिटरिंग करें तथा तहसील स्तर पर भी एक कॉर्डिनेटर लगाएं जो रजिस्ट्री से संबंधित विभागों में जिला स्तर से समन्वय स्थापित करते रहें ताकि रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। एनआरआई की रजिस्ट्री के मामले में पूछे गए सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे मामलों में पासपोर्ट नंबर भी ऑनलाइन प्रक्रिया में दर्ज करना पड़ेगा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को जिला उपायुक्तों द्वारा ध्यान में लाई गई ऑनलाइन रजिस्ट्री के मामले में जो भी त्रुटियां आ रही हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए।

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