उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राम मंदिर के मुद्दे पर लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है।

उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राम मंदिर के मुद्दे पर लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस विवाद पर फैसला नहीं सुना सके तो यह मामला हमारे हाथ में सौंप दे। फिर राम मंदिर मामला 24 घंटे में ही सुलझा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 2014 से भी अधिक सीटें मिलेंगी।

योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक टीवी चैनल पर एक सवाल के जवाब में कहा कि पहले अदालत को अयोध्या मामले को हमें सौंपने दीजिए। मैं अदालत से भी यही अपील करूंगा कि इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला कर दें।

उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रामजन्म भूमि के बटवारे पर अपना फैसला नहीं सुनाया बल्कि यह स्थापित किया कि बाबरी ढांचे को एक हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थान पर खुदाई करके अपनी रिपोर्ट में प्राचीन राम मंदिर के अवशेष मिलने के सुबूत दिए थे।

योगी ने कहा कि टाइटल विवाद पर अनावश्यक रूप से जोर देकर अयोध्या मामले में देर की जा रही है। हम सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं कि वह जल्द से जल्द हमें न्याय दे। अदालत के फैसले से करोड़ों लोगों को संतोष मिले ताकि यह स्थान जनता की आस्था का प्रतीक बने। उन्होंने कहा कि इस मामले में अनावश्यक देरी से लोगों का भरोसा इन संस्थाओं से उठ जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनावश्यक देरी से लोगों का धैर्य और भरोसा टूट रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि अदालत अपना फैसला जल्द दे। और अगर वह ऐसा कर पाने में नाकाम रहे तो वह यह मुद्दा हमें सौंप दे। हम रामजन्म भूमि विवाद को 24 घंटे के अंदर सुलझा देंगे। हम 25 घंटे का वक्त भी नहीं लगाएंगे।

यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अध्यादेश लेकर क्यों नहीं आई, आदित्यनाथ ने कहा कि मामला कोर्ट में है। संसद उन मामलों पर विचार नहीं कर सकती जो उस समय कोर्ट में विचाराधीन हैं। इसलिए हम इसे अदालत पर ही छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सवाल चुनाव में हार जीत का नहीं है बल्कि यह मामला देशवासियों की आस्था से जुड़ा हुआ है। आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस इस समस्या की जड़ में है। वह नहीं चाहती कि यह मामला सुलझे। अगर अयोध्या विवाद सुलझ जाएगा, तीन तलाक पर रोक लागू हो जाएगी तो देश में तुष्टिकरण की राजनीति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन पर उन्होंने कहा कि अगर वह जाति आधारित लड़ाई को निचले स्तर पर भी ले जाते हैं तो भी मुकाबला 70-30 का ही होगा। सत्तर फीसद मतदाता भाजपा के ही साथ हैं। जबकि बाकी 30 फीसद वोटों के लिए गठबंधन बना है। उन्होंने प्रियंका गांधी के राजनीति में आने पर कहा कि कांग्रेस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनके लिए परिवार ही पार्टी है। वह परिवार के परे देख ही नहीं सकते।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तिरंगा फहराया : हरियाणा में 70वां गणतंत्र दिवस समारोह

भिवानी : देश ने आज 70वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस मौके पर हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तिरंगा फहराकर सलामी दी। कार्यक्रम का अयोजन भिवानी स्थित भीम स्टेडियम में किया गया। समारोह में मुख्यातिथि ने ध्वजारोहण से पहले शहीद स्मारक पर शहीदों को नमन किया। फिर सीएम ने झंडा फहराकर प्रदेश वासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सफेद जिप्सी में सवार होकर परेड ग्राउंड का जायजा भी लिया।

सीएम ने राज्य पुलिस कर्मियों की टुकड़ी का निरीक्षण भी किया। एनसीसी की महिला टुकड़ी ने सीएम को सलामी दी। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों और युद्ध वीरांगनाओं को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। समारोह में मुख्यमंत्री के बैठने के लिए विशेष सिंहासन तैयार करवाया गया था। इस मौके पर सीएम ने लोगों को संबोधित किया और गणतंत्र का महत्व भी बताया। तिरंगा फहराने के बाद 57 करोड़ की 11 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया।

कार्यक्रम को लेकर भीम स्टेडियम को दुल्हन की तरह सजाया गया था। अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए। शहर भर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पांच नाकों से शहर की सीमाओं को सील किया गया था। भीम स्टेडियम की दूरबीन से भी निगरानी की गई। स्टेडियम में कड़ी जांच के बाद ही एंट्री दी गई। तोशाम बाईपास, ऑटो मार्केट, बस स्टैंड के नजदीक मिनी बाईपास, जिला जेल के पास, महम रोड पर नाके लगाए गए।

मध्य प्रदेश : कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश का भविष्य युवा शक्ति के हाथ में है।

मध्य प्रदेश : मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के शहरी क्षेत्र के गरीब युवाओं को एक साल में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराएगी। 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन, छिंदवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश का भविष्य युवा शक्ति के हाथ में है।

हम शहरी क्षेत्र में युवाओं के लिए अस्थाई रोजगार और कौशल विकास को जोड़कर एक नई योजना ‘युवा स्वाभिमान योजना’ लागू करने जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 10 फरवरी से युवाओं का पंजीयन प्रारंभ होगा और फरवरी महीने में ही रोजगार तथा कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का कार्य भी शुरू हो जाएगा। 

कमलनाथ ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के गरीब युवाओं को एक साल में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा और इसी रोजगार के दौरान उनकी इच्छा के क्षेत्र में कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे इस अवधि के बाद उनके हाथ में कौशल होगा और वे विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों का पूरा-पूरा लाभ उठा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार दिलाने के लिए हमने औद्योगिक नीति में बदलाव किया है और शासन की सहायता लेने वाले उद्योगों पर बंदिश लगाई है जिससे कम से कम 70 प्रतिशत रोजगार वे मध्य प्रदेश के लोगों को ही देंगे।

जनजातीय कल्याण को प्राथमिकता बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि इसके लिए हम जनजातीय सांसदों और विधायकों की एक समिति बनायेंगे। समिति की अनुशंसा पर जनजातीय कल्याण के कार्य किये जायेंगे।

कमलनाथ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से धनराशि जुटाकर सड़क, बिजली, सिंचाई, जलापूर्ति और नगरीय अधोसंरचनाओं को विकसित किया जायेगा और इन क्षेत्रों में कार्यों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। 

कमलनाथ ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर योजना बनाकर स्थानीय लोगों की भागीदारी से उसे पूरा किया जायेगा। ग्राम सभाओं को और अधिक सशक्त बनाकर विशेष महिला ग्राम सभा आयोजित की जायेंगी। 

उन्होंने वृद्धजनों, दिव्यांगों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि अप्रैल महीने से 300 रूपये से बढ़ाकर 600 रूपये करने की घोषणा करते हुए कहा कि इसे हर साल बढ़ाया भी जायेगा। इसके अलावा, हम तेंदूपत्ता की मजदूरी दर 2000 रूपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 2500 प्रति मानक बोरा कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अस्पतालों में बेहतर इलाज हमारी प्राथमिकताओं में है। गांवों को विकसित किये बिना प्रदेश का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है।

डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने चंडीगढ़ से मांगा लोकसभा टिकट

चंडीगढ़ : पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी पूर्व सीपीएस डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने पंजाब और चंडीगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्‍होंने लोकसभा चुनाव के लिए चंडीगढ़ से कांग्रेस टिकट मांगा है और इसके लिए औपाचारिक तौर पर पार्टी को आवेदन भी दिया है। इससे चंडीगढ़ से कांग्रेस टिकट के दावेदार दिग्‍गज नेताओं के हाेश उड़ गए हैं। यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और मनीष तिवारी कांग्रेस टिकट के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।

डॉ; नवजोत कौर सिद्धू शुक्रवार शाम अचानक चंडीगढ़ कांग्रेस भवन पहुंची। यहां उन्होंने चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने को कांग्रेस टिकट के लिए चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्‍यक्ष प्रदीप छाबड़ा को लिखित में आवेदन दिया। मालूम हो कि वीरवार शाम को ही कांग्रेस पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी ने चंडीगढ़ से लोकसभा टिकट के लिए अकेले पवन बंसल का नाम हाईकमान को भेजने का प्रस्ताव पास किया था।

बताया जा रहा है कि डॉ. सिद्धू ने अकेले बंसल के नाम का प्रस्ताव पास करने पर आपत्ति भी दर्ज कराई है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने हाईकमान को भी इसकी शिकायत कर दी है। नवजोत कौर सिद्धू गणतंत्र दिवस से चंडीगढ़ में जनसंपर्क अभियान भी शुरू करने जा रही हैं।

महिलाओं के शौर्य का शानदार प्रदर्शन : राजपथ

राजपथ पर शनिवार को 70वें गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं के शौर्य का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला जहां नौसेना एवं सेना के कई दस्तों की अगुवाई उन्होंने की और एक महिला अधिकारी ने बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाए। पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होकर असम राइफल्स के महिला दस्ते ने इस साल इतिहास रचा। 

शिवसेना : प्रियंका ने अपने पत्ते सही तरीके से खेले तो वे रानी बनकर उभरेंगी

मुंबई-शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि अगर प्रियंका गांधी ने अपने पत्ते सही तरीके से खेले तो वे रानी बनकर उभरेंगी और उन्हें पार्टी में शामिल करके राहुल गांधी ने दिखा दिया कि आगामी आम चुनाव में जीत हासिल करने के लिये वह कुछ भी करने को तैयार हैं।

पार्टी के मुखपत्र सामना में एक लेख में यह बातें कही गई हैं। भाजपा की गठबंधन साझीदार शिवसेना ने यह भी कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं (भाजपा नेताओं) के इस बयान का कोई मतलब नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाकाम होने के चलते प्रियंका को पार्टी में शामिल किया गया है।

पार्टी ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख ने राफ़ेल लड़ाकू विमान खरीद के मुद्दे पर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। शिवसेना के अनुसार राहुल गांधी के मोदी सरकार पर राफ़ेल सौदे में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को नजरअंदाज भी कर दें तब भी हाल ही में तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत का श्रेय उन्हें नहीं दिया जाना संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।

लेख में कहा गया है, उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई। हालांकि राहुल गांधी ने बहुत ही धैर्य के साथ खुद को शांत रखा। लेख में कहा गया कि गांधी ने उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करके और सपा-बसपा को हरसंभव मदद देने तथा उसी समय प्रियंका को मुख्यधारा की राजनीति में लाने का फैसला करके अपने पत्ते सही तरीके से खेले।

लेख के अनुसार इससे कांग्रेस को मदद मिलेगी। यहां तक कि प्रधानमंत्री को प्रियंका के राजनीति में आने पर बोलना पड़ा। लोगों ने परिवार को स्वीकार कर लिया है तो कुछ लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?
लेख में कहा गया है कि भाजापा नेहरू-इंदिरा परिवार को लेकर इसलिए शत्रुता की भावना रखती है क्योंकि वह उसे जबरदस्त प्रतिस्पर्धी के तौर पर देखती है।

बीजेपी, कांग्रेस की ओर से मजबूत चुनौती मिलने को लेकर डरी हुई है। शिवसेना ने कहा कि प्रियंका की शक्ल सूरत और बातचीत के तरीके में उनकी दादी इंदिरा गांधी की झलक दिखती है। लिहाजा कांग्रेस को निश्चित ही आम चुनावों के दौरान हिदी पट्टी के राज्यों में इसका फायदा होगा।

धारीवाल- पुरानी पेंशन योजना शुरू करने का विचार नहीं

जयपुर –  राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने आज विधानसभा में कहा कि प्रदेश में नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना शुरू करने का विचार नहीं है। 

धारीवाल सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों के इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का वित्त मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्मिकों के लिए नवीन पेंशन योजना केन्द्र सरकार की योजना के अनुसार लागू की गई है। देश के 28 राज्यों ने इसे मंजूर किया है। नवीन पेंशन योजना एक जनवरी, 2004 से लागू की गई थी। उन्होंने कहा कि लगभग चार लाख कार्मिक इसमें अंशदान दे रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना पुन: शुरू करने का विचार नहीं है, क्योंकि केन्द्र सरकार की अधिसूचना 22 जनवरी, 2003 के द्वारा केन्द्रीय सरकार के सभी कार्मिकों पर एक जनवरी 2004 से नवीन पेंशन योजना लागू की गयी थी। इसी के कारण प्रदेश को भी नवीन पेंशन योजना को लागू करना पड़ा। अब केन्द्र सरकार द्वारा योजना में कोई परिवर्तन किया जाएगा, तब प्रदेश में भी उस पर विचार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केन्द्र को इस संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा गया है। 

धारीवाल ने बताया कि नवीन पेंशन योजना के तहत मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की राशि का दस प्रतिशत अंशदान कार्मिक का होता है और दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार देती है। इससे एक वर्ष में लगभग 1800 करोड़ रुपए का भार राज्य सरकार पर होता है जो हर वर्ष दस प्रतिशत बढ़ता है। इसी तरह पुरानी पेंशन योजना से राज्य सरकार पर 17989 करोड़ रुपए का भार आता है जो हर वर्ष दस प्रतिशत बढ़ता है।