*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

इंडोनेशिया के पपुआ प्रांत में बाढ़ का कहर

इंडोनेशिया के पपुआ प्रांत में भीषण बाढ़ की खबर है।

इस बाढ़ में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है तो वहीं 21 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

राहत बचान टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनिशया के पूर्वी प्रांत पापुआ में अचानक आई बाढ़ से कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई है।

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि प्रांतीय राजधानी जयपुरा के पास स्थित सेंतानी में शनिवार को भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई जिसमें कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और 21 अन्य घायल हो गए। 

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पुरस्कार लेने पहुंची थीमक्का ने आशीर्वाद स्वरूप राष्ट्रपति के माथे को हाथ लगाया

नई दिल्ली: 

पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह में राष्ट्रपति भवन का कड़ा प्रोटोकाल भी कर्नाटक में हजारों पौधे लगाने के लिये पद्म श्री से सम्मानित 106 साल की सालूमरदा थीमक्का को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देने से नहीं रोक सका.

पुरस्कार लेने पहुंची थीमक्का ने आशीर्वाद स्वरूप राष्ट्रपति के माथे को हाथ लगाया. 

थीमक्का ने बरगद के 400 पेड़ों समेत 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता’ की उपाधि मिली है.

उन्हें राष्ट्रपति भवन में शनिवार को अन्य विजेताओं के साथ पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

कड़े प्रोटोकाल के तहत आयोजित होने वाले समारोह में हल्के हरे रंग की साड़ी पहने थीमक्का ने अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ माथे पर ‘त्रिपुण्ड्र’ लगा रखा था.

जब थीमक्का से 33 साल छोटे राष्ट्रपति ने पुरस्कार देते वक्त उनसे चेहरा कैमरे की तरफ करने को कहा तो उन्होंने राष्ट्रपति का माथा छू लिया और आशीर्वाद दिया. 

थीमक्का के इस सहज कदम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मेहमानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और समारोह कक्ष उत्साहपूर्वक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. 

थीमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है. जब वह उम्र के चौथे दशक में थीं तो बच्चा न होने की वजह से खुदकुशी करने की सोच रही थीं, लेकिन अपने पति के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण में जीवन का संतोष तलाश लिया. 

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इस बार सर्दी ने रिकॉर्ड सारे तोडे- मौसम विशेषज्ञ

दिल्ली:

इस साल सर्दी में बार-बार बदल रहे मौसम से दिल्ली वासी ही हैरान-परेशान नहीं हैं, बल्कि मौसम विशेषज्ञ भी इसे सामान्य नहीं मान रहे हैं।

उनकी नजर में इस बार दिल्ली की सर्दी असामान्य है। इस बार जितने रिकॉर्ड टूटे हैं, उतने पहले कभी नहीं टूटे। इसके पीछे जलवायु परिवर्तन का असर भी बताया जा रहा है।

सर्दी के बाद गर्मी के मौसम में भी ऐसी ही हालत रह सकती है। आमतौर पर सर्दी का मौसम नवंबर से फरवरी तक माना जाता है, लेकिन इस बार सर्दी मार्च के तीसरे सप्ताह में भी प्रभावी है।

इस बार तो कई बार ऐसी स्थिति आई जब दिल्ली को शिमला से भी ठंडा बताया गया। सात फरवरी को बड़े स्तर पर हुई ओलावृष्टि ने तो सभी को हैरत में डाल दिया था।

एक मार्च को 118 वर्षों में सबसे अधिक ठंड पड़ने वाली तिथि के रूप में दर्ज किया गया। इस बार पश्चिमी विक्षोभ भी एक के बाद एक आते रहे तो बारिश ने भी पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए।

कोहरा भी इस बार नहीं के बराबर ही नजर आया।

भारतीय मौसम विभाग के विशेषज्ञ बताते हैं कि सामान्यतया फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ धीरे-धीरे ऊपरी अक्षांश की ओर जाना शुरू हो जाते हैं।

इससे भारतीय क्षेत्र प्रभावित नहीं होता। इस बार पश्चिमी विक्षोभ दक्षिण की तरफ ज्यादा रहे हैं यानी भारतीय क्षेत्र पर ही प्रभावी हो रहे हैं।

एक तथ्य यह भी सामने आ रहा है कि जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ की अधिकता के पीछे भी यही कारण था लेकिन वर्तमान में यह स्थिति न होने के बावजूद पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी साबित हो रहे हैं।

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किर्ति आज़ाद के लिए दरभंगा सीट बनी चुनौती

दरभंगाः 

महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तय होने की बात कही जा रही है. हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सीटों पर उम्मीदवारी की पेंच महागठबंधन से लेकर एनडीएतक फंसी है. महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस 11 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ेगी.

सूत्रों की माने तो 21+11+5+2+1 का फॉर्मूला अपनाया गया है. यानी की आरजेडी 21, कांग्रेस 11, आरएलएसपी 5, हम 2 और वीआईपी को 1 सीट मिलेगी. लेकिन उम्मीदवारी को लेकर कई सीटों पर गणित उलझ रही है. जिसमें अब दरभंगा और मधुबनी सीट को लेकर भी पेंच फंसती नजर आ रही है.

हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति आजाद के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. लेकिन दरभंगा सीट पर कांग्रेस की ओर से ताल ठोकने वाले कीर्ति आजाद से यह सीट छिन सकती है.

कीर्ति आजाद कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले ही दरभंगा सीट पर लड़ने का दावा कर रहे थे. वहीं, कांग्रेस में आने के बाद भी वह दरभंगा सीट से ही लड़ने का दावा कर रहे थे. लेकिन अब इस सीट पर पेंच फंसती दिख रही है.

वहीं, दरभंगा सीट के अलावा मधुबनी सीट से चुनाव लड़ने वाले अब्दुल बारी सिद्दीकि के लिए भी अच्छी खबर नहीं है.

माना जा रहा है कि दरभंगा सीट आरजेडी के पाले में जा सकती है और अब्दुल बारी सिद्दीकि मधुबनी के स्थान पर दरभंगा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में कीर्ति आजाद के खाते में कौन सी सीट होगी यह भी बड़ा सवाल उठ रहा है.

दरअसल, कांग्रेस विधायक भावना झा के एक बयान के बाद दरभंगा और मधुबनी सीट पर पेंच फंसने के कयास बिहार की राजनीति में शुरू हो गए.

दरभंगा के बेनीपट्टी से विधायक भावना झा ने मधुबनी सीट पर शकील अहमद के लिए मांगा है. उन्होंने कहा कि सिद्दीकि साहब दरभंगा सीट से चुनाव लड़ें तो बेहतर होगा.

वहीं, दरभंगा सीट पर कीर्ति आजाद की दावेदारी को लेकर कहा कि वह बड़े नेता हैं. वह बड़े चेहरे हैं पूरे बिहार में कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे तो वह जीत जाएंगे.

लेकिन दरभंगा सीट पर सिद्दीकि साहब को मिलेगा तो बेहतर होगा. क्योंकि मधुबनी सीट पर शकील अहमद की मजबूत पकड़ हैं.

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भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची आज जारी कर सकती है

आज भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।

इसे लेकर दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की आज अहम बैठक है।

इसके बाद उम्मीदवारों के नामों का एलान हो सकता है। कुल 180 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो सकती है। इसे लेकर दिल्ली में सियासी हलचल बढ़ गई है।

भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज शाम को पार्टी कार्यालय में होगी।

इस बैठक में 11 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान वाली सीटों के उम्मीदवारों पर अंतिम
फैसला लिया जा सकता है।

चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पहले चरण में बीस राज्यों की 90 सीटों पर मतदान होना है।

भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समिति की बैठक में सबसे पहले पश्चिमी उत्तरप्रदेश की सीटों पर फैसला लिया जा सकता है।

इनमें नोएडा, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बागपत, बिजनौर, कैराना, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ शामिल हैं। 


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आंध्र प्रदेश में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के पेदाबयालू में आज सुबह सुरक्षाबलों और हथियारों से लैस नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।

नक्सलियों के साथ राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की 198 बटालियन की मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर हो गए हैं।

इसमें एक सीआरपीएफ जवान भी घायल हो गया है जिसे कि अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुठभेड़ अब खत्म हो चुकी है। 

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शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा

लोकसभा क्षेत्र के इस बार भी हॉट सीट बनने की संभावना है।

“शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा काफी गर्म है”।

राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए है, इस कारण कांग्रेस के पास इस क्षेत्र में कद्दावर नेता का अकाल सा पड़ गया है।

गत चुनाव में कांग्रेस को तीसरे नंबर रहते हुए करारी हार का सामना करना पड़ा था।

इस कारण कांग्रेस की ओर से इस बार मोहम्मद मंसूर अली खान पटौदी की पत्नी एवं सिने तारिका शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा काफी गर्म है।

उनको चुनाव में मैदान उतारने के पीछे तर्क दिए जा रहे है कि वह मुस्लिम समुदाय के साथ हिंदुओं के भी वोट हासिल कर सकती है।

इसके अलावा उनके पंजाबी समाज के भी अच्छे खासे वोट लेने की संभावना है।

दरअसल उनके फिल्म स्टार बेटे सैफ अली खान की पत्नी एवं विख्यात फिल्म हीरोइन करीना कपूर खान पंजाबी समाज की है।

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मोबाइल ऐप की मदद से घर बैठे बनवा सकते है वोटर कार्ड

देश में लोकसभा चुनाव 2019 शुरू होने वाले है, इसको ध्यान में रखकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी देश वासियों में उतसाह बना हुआ हैं। 

लेकिन अगर आपके पास मतदाता पहचान पत्र वोटर कार्ड नहीं है, तो आप अगामी लोकसभा चुनाव 2019 में अपना कीमती वोट नहीं डाल सकेंगे।

भारत में जिन देश वासियों के पास वोटर कार्ड नहीं हैं, उनके लिए भारत सरकार ने एक खास ऐप लॉन्च किया है।

इस ऐप की मदद से वे लोग जिनके पास वोटर कार्ड नहीं हैं, वे अपना वोटर कार्ड घर बैठे ही बनवा सकते हैं।

चुनाव आयोग ने इस ऐप को देश वासियों के लिए लॉन्च किया है, Voter Helpline ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड कर सकते है।

डाउनलोड होने के बाद आप वोटर हेल्पलाइन ऐप की मदद से अपना वोटर कार्ड बना सकते है।

वोटर हेल्पलाइन ऐप के डाउनलोड होने के बाद आपको इसमें रजिस्ट्रेशन करना होगा। 

इस ऐप की मदद से आप अपना नाम वोटर लिस्ट में चैक कर सकते हैं।

  • सबसे पहले आपको ऐप में जाकर सर्च ऑप्शन में अपना नाम इलेक्ट्रॉल रोल में सर्च करना होगा।
  • इसके बाद आपको अपना वोटर आईडी कार्ड का नंबर भी एंटर करना होगा। इसके बाद यह ऐप आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं इसकी जानकारी दे देगा।

वोटर हेल्पलाइन की मदद से आप आसानी से नए वोटर कार्ड को बनवा सकते है। साथ ही अगर आपके वोटर कार्ड में गलत जानकारी मौजूद है, तो आप उसे भी इस ऐप की मदद से ठीक कर सकते हैं। इसके अलावा आप भी अपने नए वोटर कार्ड का स्टेटस जान सकते है। 

वोटर हेल्पलाइन ऐप अपने यूजर्स को चुनाव आयोग से संबंधित जानकारियां भी उपलब्ध करवाएगा।

इतना ही नहीं यह ऐप यूजर्स को चुनाव से जुड़े नियम की जानकारी भी देगा। साथ ही यूजर्स चुनाव को लेकर अपनी शिकायत भी दर्ज कर सकते है।


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पुनर्नवा पौधे के गुणों का अध्ययन कर भारतीय वैज्ञानिकों ने इससे ‘नीरी केएफटी’ दवा बनाई है, जिसके जरिए किडनी की बीमारी ठीक की जा सकती

आयुर्वेद में पुनर्नवा पौधे के गुणों का अध्ययन कर भारतीय वैज्ञानिकों ने इससे ‘नीरी केएफटी’ दवा बनाई गई है, जिसके जरिए गुर्दा (किडनी) की बीमारी ठीक की जा सकती है।

गुर्दे की क्षतिग्रस्त कोशिकाएं फिर से स्वस्थ्य हो सकती हैं। साथ ही संक्रमण की आशंका भी इस दवा से कई गुना कम हो जाती है।

हाल ही में पुस्तिका ‘इंडो-अमेरिकन जर्नल ऑफ फॉर्मास्युटिकल रिसर्च’ में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, पुनर्नवा में गोखुरू, वरुण, पत्थरपूरा, पाषाणभेद, कमल ककड़ी जैसी बूटियों को मिलाकर बनाई गई दवा ‘नीरी केएफटी’ गुर्दे में क्रिएटिनिन, यूरिया व प्रोटीन को नियंत्रित करती है।

क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को स्वस्थ्य करने के अलावा यह हीमोग्लोबिन भी बढ़ाती है।

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करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत ने पाकिस्तान से कहा,5000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा जाने की अनुमति दे

पुलवामा आतंकी हमले के एक महीने बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच वीरवार को अधिकारी स्तर की बैठक हुई।

दोनों देशों इस बात पर सहमत हुए कि श्रद्धालुओं की एंट्री के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा।

भारतीय अधिकारियों ने प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए भेजे जाने पर जोर दिया।

इस दौरान भारत ने पाकिस्तान से करतारपुर गुरुद्वारे के लिए हर रोज 5000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा जाने की अनुमति देने की मांग की।

यह बैठक पंजाब के गुरदासपुर जिले और सीमा के उस पार करतारपुर साहिब के बीच श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर को खोलने पर चर्चा के लिए हुई। 

इसके अलावा यह प्रस्ताव भी दिया कि गुरु पर्वों और अन्य ऐतिहासिक दिवसों पर अलग से दस हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति और इस कॉरिडोर को पूरा साल खुला रखा जाए। 

बैठक में यह भी बात हुई कि भारत सरकार करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को देगी।

पाकिस्तान सरकार एक-दो दिन में उस पर अपनी अनुमति दे देगी। कोशिश रहेगी कि करतारपुर साहिब की यात्रा केवल पासपोर्ट से हो जाए।

वीजा और अन्य दस्तावेजों आदि की जरूरत न पड़े। इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। 

अब 19 मार्च को दोनों देशों के तकनीक विशेषज्ञ डेरा बाबा नानक इंटरनेशनल बॉर्डर की जीरो रेखा पर करतारपुर साहिब के लिए बनाए जा रहे टर्मिनलों और अन्य निर्माण कार्यों की जांच करेंगे।

दोनों कॉरिडोर एक-दूसरे कैसे मिलेंगे, इस पर भी चर्चा होगी। दो अप्रैल को एक बार फिर दोनों देशों के अधिकारी पाकिस्तान वाघा बॉर्डर पर एक बैठक करेंगे।

इस बैठक में केवल पासपोर्ट के साथ यात्रा की अनुमति देने पर बातचीत होगी।

इस दौरान पाकिस्तानी शिष्टमंडल के मुखिया डॉ. मोहम्मद फैजल ने विश्वास दिलाया कि आतंकवादियों को श्री करतारपुर साहिब की पावन धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा।

भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि यह बैठक करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर थी। इस बैठक को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत न समझा जाए।

यह बैठक दिल्ली में नहीं, दोनों देशों को बांटने वली सीमा अटारी में हुई है। दोनों पक्षों के बीच पांच घंटे तक लगातार बातचीत हुई।

करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है।

रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किमी है।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में भारतीय शिष्टमंडल के मुखिया गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तानी अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा भारत सरकार की प्राथमिकता है।

भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और आतंकी सरगना हाफिज सईद के साथी गोपाल चावला की बैठक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गुरुद्वारे साहिब के दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं की पवित्रता के साथ कोई भी समझौता नहीं होगा।

जिस श्रद्धा के साथ श्रद्धालु करतारपुर जाएंगे, उनकी आस्था को कोई भी चोट न पहुंचे। 

सुबह पाकिस्तान से 20 सदस्यीय शिष्टमंडल अटारी सीमा के रास्ते पहुंचा। इस शिष्टमंडल में तीन महिला अधिकारी भी शामिल थीं।

कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तानी अधिकारियों को अटारी सीमा से आईसीपी स्थित कांफ्रेंस हाल में ले जाया गया।