’श्री माता मनसा देवी पर चोला अर्पित करने की ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया शुरू’

उपायुक्त ने गावों को दौरा कर मौके पर की विशेष गिरदावरी की पड़ताल

सिरसा, 23 अक्तूबर।


               उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने शुक्रवार को जिला के विभिन्न गावों को दौरा किया और कपास फसल खराबे-2020 की विशेष गिरदावरी की पड़ताल की। उन्होंने गांव बकरियांवाली, गुढियां खेड़ा, माधोसिंघाना, मलेकां, उमेदपुरा, मैहना खेड़ा, ढुढिया वाली व सादेवाला का दौरा किया।

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                 उपायुक्त ने कीट से खराब हुई कपास की फसल को लेकर की गई विशेष गिरदावरी की जांच कर खराबे की  प्रविश्टियों मौके पर मिलान किया। उन्होंने किसानों से बातचीत कर फसल खराबे की जानकारी ली। उपायुक्त ने किसानों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने कीट से खराब हुई कपास की फसल की विशेष गिरदावरी के निर्देश जारी किए गए थे। निर्देशों के तहत खराब हुई कपास फसल की गिरदावरी की गई। इसी कड़ी में विशेष गिरदावरी की जांच-पड़ताल की गई हैं।


                   उन्होंने किसानों से विभिन्न फसलों को लेकर बातचीत की और उनकी समस्याओं को भी जाना। उपायुक्त ने भरोसा दिलाया विशेष गिरदावरी अनुसार खराब हुई फसल का उचित मुआवजा दिया जाएगा। इस दौरान उपायुक्त के साथ सदर कानूनगो चांदी राम, एनएसके रेशम सिंह, नंबरदार रणजीत सिंह, सरपंच पवन बेनीवाल आदि मौजूद थे।

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किसान पराली को न जलाएं, प्रबंधन कर आमदनी बढाएं :


                   उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने विशेष गिरदावरी की पड़ताल के दौरान किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि वे पराली को न जलाएं। पराली जलाने से जहां उनकी भूमि की उर्वरा शक्ति खत्म होती है, वहीं पर्यावरण प्रदूषित होता है। स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसान पराली प्रबंधन कृषि उपकरणों का इस्तेमाल करें। पराली का प्रबंधन करके किसान अपनी आमदनी बढा सकते हैं।  

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गठबंधन सरकार की पहली वर्षगांठ पर हिसार को सौगात, एयरपोर्ट की योजना भरेगी उड़ान

चंडीगढ़-23 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार की पहली वर्षगांठ पर हिसार में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डा की योजना को पंख लग जाएंगे। 27 अक्टूबर को हिसार एयरपोर्ट के लिए भूमि-पूजन का कार्यक्रम तय किया गया है।

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              अब तक कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद हिसार वासियों का इंटरनेशनल एयरपोर्ट बननेसपने को सरकार जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है। हवाई अड्डा निर्माण के लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय विभाग से हवाई अड्डे के निर्माण कार्य शुरू करने संबंधी हरी झंडी मिल गई है और अब एयरपोर्ट के आधारभूत ढांचे का निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा।  


              डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने हिसार में इंटरनेशनल लेवल के एयरपोर्ट बनाने की योजना को धरातल पर उतारने में खासी रूचि दिखाई और उन्होंने लॉकडाउन के दौरान भी उड्डयन व विमानन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों व अधिकारियों के साथ मेराथन बैठकें की। इतना ही नहीं केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से हवाई अड्डे के क्लियरेंस लेने के लिए समय सीमा तय करके अधिकारियों की विशेष तौर पर डयूटी लगाई। डिप्टी सीएम की गंभीरता का ही नजीता है कि तय समय सीमा में हिसार हवाई अड्डे से केंद्रय पर्यावरण विभाग से एनओसी मिली तथा गठबंधन सरकार की पहली वर्षगांठ पर 27 अक्टूबर को हवाई अड्डा बनाने की योजना को अमली-जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।


              डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा को आगामी समय में एविएशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें हिसार का हवाई अड्डे का निर्माण मील का पत्थर रहेगा वहीं भिवानी में एविशन क्लब, महेंद्रगढ़ में एडवेंचर स्पोर्टस सेंटर सहित करनाल व पंचकुला में  हवाई पट्टियों का विस्तारीकरण करने पर सरकार का फोकस रहेगा।

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              डिप्टी सीएम ने बताया कि हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का सबसे महत्वपूर्ण अंग हवाई पट्टी की लंबाई बढ़ाना है। वर्तमान हवाई पट्टी के अलावा तीन हजार मीटर नई हवाई पट्टी बनाने का काम शुरू हो जाएगा। हवाई पट्टी के साथ साथ ही टैक्सी वे, टैक्सी स्टैंड, जहाज के लिए पार्किंग स्पेस, टर्मिनल, एयर टै्रफिक कंट्रोल सिस्टम स्थापित करने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम शुरू होगा। हिसार हवाई अड्डे की चारदीवारी निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी वहीं आतरिक सुरक्षा हेतु फैंसिंग लगाने की प्रक्रिया जारी है।


              डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हिसार के हवाई अड्डे को अत्याधुनिक बनाया जाएगा जिससे कि यहां रात को भी बड़े हवाई जहाज लैंड कर सकेंगे। कम विजिबिलिटी में जहाज को लैंड करने की समस्या से निपटने के लिए भी पूरे इंतजाम किए जाएंगे और इसके लिए इस प्रकार की अत्याधुनिक तकनीक युक्त लाइट स्थापित करने का प्रस्ताव है। जिससे कि 24 घंटे हवाई जहाज के आवागमन की सुविधा रहेगी। 

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कोरोना को हराने वालों का लोगों को संदेश, घबराएं नहीं मास्क लगाएं

सिरसा, 23 अक्तूबर।


आज देश ही नहीं पूरा विश्व कोरोना महामारी से ग्रस्त है। समय के साथ भले ही कोरोना संक्रमण का फैलाव कम हुआ है, लेकिन अभी तक यह खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को संदेश में कहा है कि जब तक दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं। प्रधानमंत्री की ढिलाई न करने की बात कोरोना बचाव उपायों की अनुपालना को लेकर है, क्योंकि जब तक दवाई नहीं आती है, तब तक मॉस्क, हाथों को बार-बार धोने की आदत व एक दूसरे से उचित दूरी ही इससे बचने के उपाय हैं। जिन लोगों ने इस बीमारी को मात दी है, उन लोगों ने भी अपने अनुभव सांझा करते हुए लोगों को यही संदेश दिया कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतते हुए मॉस्क व सोशल डिस्टेसिंग का पालन करके इस बीमारी से बचा जा सकता है।

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डॉक्टर आदित्य अग्रवाल ने कोरोना बीमारी के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि वे पेशे से डॉक्टर हैं। वे स्वयं भी एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्होंने प्रोटोकोल के तहत मेडिसन ली और धीरे-धीरे रिकवर होने लगा। कुछ ही दिनों में पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर ज्यादा पेनिक होने की जरूरत नहीं है। यदि किसी को कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वे तुरंत अपनी जांच करवाएं। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतें और मॉस्क, बार-बार हाथ धोने व सोशल डिस्टेसिंग को अपनाएं। खाना खाने से पहले व बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोने की आदत डालें।


इंद्रजीत सिंह को भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। वे भी मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि कोरोना संक्रमण के फैलाव में भले ही कमी आई लेकिन अभी यह पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए लोग बचाव उपायों में जरा सी भी ढिलाई न बरतें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन प्रोटोकोल के तहत दवाई लेकर अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। उनका मानना है कि कोरोना से डरें ना, बल्कि मॉस्क व एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखें, यही कोरोना से बचाव का कारगर तरीका है।


डॉ. नीतिन सोमानी ने बताया कि वे स्वयं इस स्थिति से गुजरे हैं। जो लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं, वो उनकी गलत सोच है। उन्होंने बताया कि वे पेशे से डॉक्टर हैं। मरीजों के सैंपल लेने होते हैं। इसी दौरान मैं भी कोरोना संक्रमित हो गया था। मैंने प्रोटोकोल के तहत दवाईयां ली और अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं। यह ठीक है कि कोरोना बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसे मामूली समझकर इससे बचाव के उपायों में ढिलाई बरतना भी गलत है। मॉस्क लगाकर रखना, हाथों को बार-बार हाथ धोने की आदत इस बीमारी से बचाव का अचूक उपाय है।

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एडवोकेट संजीव जैन ने भी अपने कोरोना संक्रमित होने के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि उन्हें कोरोना की जांच करवाई थी। डॉक्टर की ओर से मैसेज मिला कि वे कोरोना पोजिटीव पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि डॉक्टर की सलाह पर वे होम आईसोलेशन में रहकर डॉक्टर की निगरानी में प्रोटोकोल के तहत दवाई ली। डॉक्टर की ओर से उन्हें पूरा सहयोग मिला। हमारे सिविल अस्पताल में डॉक्टर की टीम पूरी ईमानदारी व लग्न से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा लोगों को यही संदेश है कि वे कोरोना से घबराएं न बल्कि सावधानी व बचाव उपायों की अनुपालना करते हुए इसका सामना करें।


एक अन्य नागरिक सुरेश गर्ग ने बताया कि वे भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। डॉक्टर की सलाह से उचित इलाज करवाया। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने लोगों से संदेश दिया कि वे लक्षण दिखाई देते ही अपनी जांच अवश्य करवाएं। मॉस्क व सामाजिक दूरी से ही कोरोना से बचाव हो सकता है। आमजन कोरोना से बचाव के लिए सरकार व प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना करके इस बीमारी पर काबू पाने में सहयोग करें।

हरजिंद्र सिंह ने कोरोना बीमारी की स्थिति से गुजरने के अनुभव सांझा करते हुए बताया कि लोग कोरोना को हल्के में कतई न लें। उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस बीमारी को झेल चुके हैं। मेरा इम्यूनिटी सिस्टम व खान-पानी सही होने के साथ-साथ प्रोटोकोल के अनुसार डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से वे इस बीमारी से अब पूरी तरह से ऊबर चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को मेरा यही संदेश है कि कोरोना से बचाव के लिए जारी हिदायतो ंको अनुपालना पूरी ईमानदारी से करें। अपने खान-पान का ध्यान रखें, क्योंकि इस बीमारी से लडऩे में हमारी इम्यूनिटी पावर बहुत ही बड़ा रोल अदा करती है। मॉस्क लगाएं और सामाजिक दूरी का पालन करें।

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हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के मद्देनजर परीक्षा केंद्रों के समीप धारा 144 लागू

सिरसा, 23 अक्तूबर।


                जिलाधीश रमेश चंद्र बिढ़ाण के निर्देशानुसार 26 अक्तूबर से 23 नवंबर 2020 तक आयोजित होने वाली हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की सीनियर सैकेंडरी / सैकेंडरी (नियमित / ओपन), रिअपियर/कंपार्टमेंट/अतिरिक्त विषय, इंप्रूवमेंट, डीआईएंडडी (नियमित / रिअपियर) व अन्य परीक्षाओं को शंातिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाने के लिए परीक्षा केंदों के समीप धारा 144 लागू करने के आदेश पारित किए हंै।

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                जिलाधीश रमेश चंद्र बिढ़ाण ने आपराधिक प्रक्रिया 1973 की प्रदत्त: शक्तियों का प्रयोग करते हुए परीक्षा केंद्रों की 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू की है। इन आदेशों के तहत परीक्षा केंद्रों की 200 मीटर की परिधि में पांच या इससे अधिक व्यक्ति इक्_ा नहीं हो सकते और न ही कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से प्रवेश कर सकता है। केवल ड्यूटी करने वाले कर्मचारी व अधिकारी ही प्रवेश कर सकते हैं। परीक्षाओं के नकल रहित संचालन के लिए परीक्षा केंद्रों के पास सुरक्षा बल तैनात किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों के नजदीक फोटोस्टेट की दुकानें भी बंद रहेगी। इन आदेशों की अवेहलना करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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इन स्कूलों में आयोजित की जाएगी परीक्षाएं :

                हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं आर्य कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय नजदीक संधु नर्सिंग होम, आर्य वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय नजदीक भादरा तालाब(बी-1), राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय नजदीक मेला ग्राउंड शाह सतनाम चौक (बी-1 व बी-2), राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सैकेंडरी स्कूल नजदीक अनाज मंडी (बी-1 व बी-2), आरकेपी वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय नेहरू पार्क के पास, आरएसडी वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय नजदीक सांगवान चौक, मिनर्वा हाई स्कूल नजदीक सुरतगढिया चौक, जय भारत सीनियर सैकेंडरी स्कूल नजदीक टाउन पार्क रेलवे स्टेशन, सेंट्रल सीनियर सेकैंडरी स्कूल डीसी कॉलानी (बी-1 व बी-2), राजकीय हाई स्कूल महावीरदल रानियां गेट, डीवी विद्या निकेतन हाई स्कूल नजदीक शिव चौक, राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल खैरपुर नजदीक पुलिस चौकी हिसार रोड़, राजकीय हाई स्कूल कीॢत नगर, राजकीय हाई स्कूल शाहपुर बेगू व जयश्री हाई स्कूल कीर्ति नगर में आयोजित की जाएगी।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

विभागीय भजन पार्टियां गांव-गांव कर रही लोगों को नशा के प्रति जागरूक

सिरसा, 22 अक्तूबर।


नशा मुक्ति भारत अभियान के तहत सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की भजन मंडलियां ग्रामीणों को लोक गीतों के माध्यम से लोगों को नशे के दुष्परिणों के साथ-साथ उन्हें नशा न करने के लिए जागरूक कर रही हैं। भजन मंडली कलाकार गांव-गांव जाकर लोगों को नशा न करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। नशा पर आधारित गीतों व भजनों के माध्यम से लोगों को नशा के दुष्परिणामों के बारे में बताने के साथ ही उन्हें नशा छोडऩे के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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विभाग की लाला राम लीडर भजन पार्टी ने बुधवार को गांव पक्का शहीदां में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। लोगों को गांव को नशा मुक्त करने की दिशा में काम करने बारे प्रेरित किया। लोगों को बताया गया कि कैसे नशा व्यक्ति के साथ-साथ परिवार की बर्बादी का कारण बन जाता है। लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें नशा मुक्ति की दिशा में संकल्पित होने के लिए प्रेरित किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में भजन पार्टी सदस्य रामपाल ने भी सहयोग किया।


आमजन संकल्प के साथ जिला को नशा मुक्त बनाने में करें सहयोग : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि दृढ इच्छा शक्ति के बल पर नशे से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला को नशा मुक्त करने के लिए आमजन को संकल्प के साथ इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एकजुट होकर प्रयास करना होगा। कोई भी कार्य की सफलता के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत होती है। नशा किसी व्यक्ति विशेष की नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए घातक है। इसलिए इसके खिलाफ सभी को एकजुट होकर लडऩा होगा।

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उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा जिला में नशा मुक्ति केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर इलाज द्वारा नशा छुड़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि गांव में कोई भी व्यक्ति नशे की दलदल में फंस गया है, तो उसे नशा छुड़वाने के लिए प्रेरित करें तथा उसे इलाज के लिए जागरूक करें। यदि कोई गांव नशा मुक्त होता है, तो उस गांव को विकास कार्यों के लिए अलग से धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। इसलिए ग्रामीण अपने गांव को नशा मुक्त करके विकास की ओर अग्रसर होने में भूमिका निभाएं।

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युवा अपनी ऊर्जा सकारात्मक व रचनात्मक कार्यों में लगाएं : बीडीपीओ अनिल कुमार

सिरसा, 22 अक्तूबर।


                 उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण के दिशा निर्देशानुसार में जिला रैडक्रॉस सोसायटी द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत खंड स्तर पर नशामुक्ति सैमीनारों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोसायटी द्वारा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रानियां कार्यालय में नशामुक्ति सेमिनार का आयोजन किया गया। नशामुक्ति सैमीनार में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रानियां अनिल कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

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                  बीडीपीओ अनिल कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी अभियान की सफलता सामूहिक सहयोग पर निर्भर करती है। नशा मुक्त भारत अभियान की सफलता के लिए प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरुरी है। उन्होंने कहा कि जबतक समाज में एक-एक व्यक्ति सहयोग न करें, अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन न करें, तब तक नशा रुपि बुराई को समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपनी ऊर्जा को सकारात्मक व रचनात्मक कार्यों में लगाना चाहिए। समाज में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां युवा उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं। इसके लिए केवल दृढ़ इच्छा शक्ति, मेहनत व लग्न की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशा समाज के लिए अभिशाप है। नशा हमारे देश को खोखला करता जा रहा है। विशेषकर युवा पीढी को नशे की लत से दूर रहकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए खेलों की ओर बढऩा चाहिए। उन्होंने आमजन से अपील की कि नशा करने वालों को नजदीकी नशा मुक्ति केंद्रों में भेजें और उनका ईलाज करवाएं। इसके अलावा नशा बेचने वालों की सूचना जिला व पुलिस प्रशासन को दें ताकि नशा बिक्री पर अंकुश लगाया जा सके।


                  जिला रैडक्रॉस सोसायटी सिरसा के सचिव लाल बहादुर बैनीवाल ने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत सोसायटी द्वारा खंड स्तर पर नशामुक्ति सैमीनार का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस सैमीनार में उपस्थित लोगों को नशा न करने की शपथ भी दिलाई गई। रैडक्रॉस के कार्यक्रम अधिकारी अश्वनी शर्मा ने कहा कि आज का युवा खेलों में रुचि लेकर नशे से बच सकता है। नशीले पदार्थों का सेवन कुछ मिनटों के लिए आनंद देता है पर इसके दूरगामी परिणाम बहुत गंभीर होते हैं। नशा व्यक्ति को धीरे-धीरे निगल जाता है और जीवन को हर तरह से बर्बाद कर देता है।


                  कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामनगरिया के मुख्याध्यापक मदन वर्मा तथा सीएचसी रानियां के चिकित्सा अधिकारी डा. मिनल ने उपस्थितजनों को नशा क्या है, नशे के प्रकार, नशे की बीमारी से मुक्ति, नशे के बारे में पैदा हुई गलत धारणाओं व नशा प्रयोग करने वाले व्यक्ति के मुख्य लक्षणों आदि की जानकारी विस्तृत रूप में देकर नशा न करने बारे जागरूक किया गया।

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                  इस अवसर पर जिला रैडक्रॉस सोसायटी सिरसा की ओर से उपस्थित महिलाओं को तुलसी के पौधे, गमले सहित देकर पर्यावरण स्वच्छ रखने का संदेश दिया गया व नशामुक्ति से संबंधित सहायक सामग्री वितरित की गई। कार्यक्रम संयोजक व रैडक्रॉस के सहायक पवन कुमार ने कोरोना महामारी से बचाव की जानकारी देते हुए उपस्थितजनों को मास्क वितरित किए। कार्यक्रम में रानियां खंड के विभिन्न गांवों से शिक्षक व ग्रामीण युवा मौजूद थे।

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पराली न जलाने का संकल्प लेकर पराली प्रबंधन को बनाया आमदनी का जरिया

सिरसा, 22 अक्तूबर।


                  खुशहाल जीवन और नई मंजिले पाने का सपना तो हर कोई देखता है, लेकिन सपने उनके साकार होते हैं, जिनके हौसलों में उड़ान होती है। जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ-साथ दृढ इच्छा शक्ति व मजबूत इरादे होने चाहिए। अपने परिवार को समृद्ध व खुशहाल बनाने के लिए पनिहारी के किसान रणजीत सिंह पराली प्रबंधन के जरिये न केवल पर्यावरण सरंक्षण में सहयोग दे रहे हैं बल्कि अपनी आमदनी बढाकर दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।

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                  किसान रणजीत सिंह ने खेती के साथ-साथ अन्य संसाधन अपनाकर अपनी आमदनी बढाने का इरादा किया और इन्हीं इरादों को पूरा करने के लिए उन्होंने 2018 में पराली प्रबंधन का कार्य शुरू किया। प्रदेश सरकार की नीतियों व कृषि विभाग के सहयोग के चलते उन्होंने 2019 में एचपी किसान समूह के माध्यम से एक बेलर खरीदा और अनुदान का लाभ भी उठाया। रणजीत सिंह के अनुसार गत वर्ष उन्होंने एक बेलर के माध्यम से दस लाख रुपये की आमदनी की, जिससे उनका हौसला और बढा। इसी हौसले प्रोत्साहित होते हुए उन्होंने इस वर्ष दो बेलर और खरीदे और जिला के विभिन्न क्षेत्रों में पराली प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ-साथ वे किसानों को पराली न जलाने का संदेश देते हुए पराली प्रबंधन अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। रणजीत सिंह ने बताया कि खेती के साथ-साथ पराली प्रबंधन का कार्य अपनाकर हम अपनी आमदनी बढा सकते हैं। इसके अलावा साथ में अन्य व्यवसाय भी अपना सकते हैं। किसान रणजीत सिंह ने बताया कि जिला के किसान भी पराली प्रबंधन को लेकर गंभीर हैं और जिला प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान के माध्यम से पराली न जलाने का संकल्प भी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक वे 60 एकड़ से अधिक एरिया में पराली प्रबंधन कर चुके हैं। किसान रणजीत सिंह  का कहना है कि अगर जिला में कोई भी किसान पराली प्रबंधन करवाना चाहता है तो उनसे सम्पर्क कर सकता है।


बेलर से इस प्रकार होता है पराली प्रबंधन :

                  सहायक कृषि अभियंता डी.एस यादव ने बताया कि उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण के निर्देशानुसार विभाग द्वारा जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णतय अंकुश व पराली प्रबंधन को लेकर गंभीरता से कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग द्वारा गांव स्तर पर भी टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखने के साथ-साथ किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करती हैं और पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने बताया कि पराली का सही प्रबंधन करने से जहां पर्यावरण स्वच्छ रहता है, वहीं भूमि की ऊपजाऊ शक्ति भी बढती है। हैप्पी सीडर, बेलर, फेयर हैट सहित अन्य माध्यमों से कम समय में पराली प्रबंधन किया जा सकता है। बेलर से एक दिन में 30 एकड़ एरिया के धान की फसल के अवशेषों के गठठे तैयार किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बेलर से गठठे बनाने से पहले हैरेक से अवशेषों को लाइन में एकत्रित किया जाता है, ताकि बेलर से गठठे सही प्रकार से बनाए जा सकें। इसके बाद बेलर द्वारा एकत्रित फसल अवशेषों के गठठे बनाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन की यह तकनीक किसानों के लिए आमदनी का जरिया भी है।

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किसानों ने भी माना पराली प्रबंधन को पर्यावरण सरंक्षण व आमदनी बढाने में सहयोगी :


                  धान की फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों का जहां पर कई जागरूक किसान सही प्रबंधन करके इसे आमदनी का जरिया बनाने के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण मित्र बन रहे हैं। ये किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं। ऐसे ही किसान हैं सुरेंद्र कुमार, हरप्रीत सिंह, बलदेव प्रकाश, सतपाल सिंह व मांगे राम जो पराली को जलाने की बजाए उसका सही प्रबंधन करके अच्छी आमदनी ले रहे हैं। इनका मानना है कि जब से उन्होंने पराली का प्रबंधन करना शुरू किया है, तब से न केवल आमदनी बढी है, बल्कि भूमि की ऊपजाऊ शक्ति को भी बढावा मिला है। इनका कहना है कि हमें अपनी भावी पीढी को उपजाऊ भूमि व शुद्ध वातावरण देने के लिए आज ही सजग होना होगा, क्योंकि बढता प्रदूषण केवल मानव जाति के लिए नहीं बल्कि जीव-जंतुओं के लिए भी बेहद हानिकारक है। किसानों का मानना है कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर पराली न जलाने को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन सामूहिक सहयोग के बिना कोई भी अभियान सफल नहीं हो सकता, इसलिए हम सबको पराली न जलाने का व उसके सही प्रबंधन का संकल्प लेना होगा, ताकि हमारे जिला में पराली जलाने की एक भी घटना न हो।


पराली प्रबंधन करने वाले किसान को दिए जाएंगे एक हजार रुपये प्रति एकड़ या 50 रुपये प्रति क्विंटल : उपायुक्त बिढ़ाण


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करने के लिए कई कारगर योजनाएं क्रियांवित की गई है जिनके सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। पराली न जलाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। सरकार द्वारा फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों पर भारी अनुदान भी दिया जाता है और पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को भी प्रोत्साहन स्वरुप राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जिन किसानों ने बेलर द्वारा धान की पराली का प्रबंधन करवाया था उसकी प्रोत्साहन राशि बेलर मालिक को दी गई थी परंतु इस वर्ष जो किसान अपने धान की पराली का कृषि यंत्र द्वारा पराली प्रबंधन करवाएगा तो उस किसान को प्रति एकड़ अधिकतम एक हजार रुपये या 50 रुपये प्रति क्ंिवटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणासीआरएमडॉटकॉम पर अपना पूर्ण विवरण देकर पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने बताया कि किसान यदि औद्योगिक ईकाई में गांठों को बेचता है तो उसे संबंधित औद्योगिक ईकाई से बिल प्राप्त करना होगा। इसके अलावा यदि पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर गांठों को एकत्रित करता है तो ग्राम पंचायत एंव विभागीय कर्मचारियों द्वारा उसे सत्यापित प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा जिसे किसान द्वारा उक्त पोर्टल पर अपलोड करना होगा ताकि किसान को पराली प्रबंधन बारे प्रोत्साहन राशि दी जा सके।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

सैक्टर 1 स्थित जिला सचिवालय में एनडीआरएफ व जिला प्रशासन के सहयोग से भूकम्प को लेकर माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया।

पंचकूला 20 अक्तूबर- सैक्टर 1 स्थित जिला सचिवालय में एनडीआरएफ जिला प्रशासन के सहयोग से भूकम्प को लेकर माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस माॅक ड्रिल में उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा व एनडीआरएफ गाजियाबाद के डिप्टी कमाण्डेंट कुलेश आनन्द ने सभी विभागों के सहयोग से रेसक्यू आपरेशन किया गया।

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माॅक ड्रिल के दोरान आपातकाल सायरन बजते ही भवन को खाली कर दिया गया और सभी विभागाध्यक्षों ने इंसीडेंट कमाण्डर को अवगत करवाया। अचानक आए भूकम्प में 15 व्यक्ति मलबे में दब गए। उन्हें निकालने के लिए रैस्क्यू किया गया। एनडीआरएफ की टीम ने 8 व्यक्तियों को सकुशल निकाल लिया लेकिन दो व्यक्तियों की कैज्यूलटी हो गई। इसके अलावा सैक्टर 5 स्थित परेड ग्राउंण्ड मेें स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ राहत कैम्प बनाया गया।

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माॅक ड्रील के दौरान एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, जेसीबी आदि सभी आवश्यक उपकरण समय पर पहंुच गए। इसके अलावा एनडीआरएफ ने भी स्टोर, मेडिसन, सैटेलाईट, कम्युनिकेशन आदि के उपकरण लगाए गए। एनडीआरएफ टीम ने रैस्क्यू के दौरान सचिवालय की सबसे उपर की मंजिल से रोप वे के माध्यम से घायलों को बाहर निकाला। इस प्रकार माॅक ड्रिल सार्थक रही।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

USOL,PU celebrated World statistics Day

Chandigarh October 20, 2020

University School of Open Learning, Panjab University organised a webinar on the theme “Connecting the World with Data we can Trust” to celebrate the 3rd World statistics Day, today. Eminent speakers Prof. David D. Hanagal from University of Pune and Prof. B. K. Hooda from CCSHAU, Hisar delivered lectures.

Prof. Madhurima Verma, Chairperson, USOL delivered the welcome address. Over 140 participants  joined this webinar.

 Prof.David D. Hanagal highlighted three different software reliability growth models and found their estimates with the use of three real data sets.

Prof. B. K. Hooda enlightened on the contributions of Statisticians and presented statistical methods for research workers we can trust.

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Vote of thanks was delivered by Dr. Manoj Tiwari,Statistics Coordinator, USOL. The whole program was coordinated by Dr.Richa Sharma, USOL and Mr. Sucha Singh, USOL with their entire team. 

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

First eBook on National Education Policy 2020 Released

Chandigarh October 20, 2020

Release of First eBook on National Education Policy 2020: Reflections of Stakeholders

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Since 29th July 2020, when the National Education Policy 2020 was approved by the Union Cabinet, the academic world has been surcharged with Webinars.

In this context, first of its kind an eBook on National Education Policy 2020 was formally released by the Governor of Chhatisgarh, Ms Anusuiya Uikey, today at the National Webinar on National Education Policy 2020: Reflections from Stakeholder organized by the Kushabhau Thakre Patrakarita Avam Jansanchar Vishwavidyalaya (LTPAJV), Raipur. At the event Prof Raj Kumar was the Guest of Honour.

The eBook, compilations of thoughts of stakeholders from the different segments of the strata has been co-edited by Dr Kalpana K Mahajan and Dr Ravi K Mahajan from the Panjab University, Dr Manoj Saxena from HP Central University and Dr Qazi Maher Ali from the Aligarh Muslim University. The book carries reflections from all the corners of the country.

While referring to the emerging collaboration with the universities in France, Prof Raj Kumar, in his address laid emphasis on the Resource Sharing as key to success in the implementation of the National Educating Policy 2020.Professor Raj Kumar shared in particular his experience of the Central Instrumentation laboratory (CIL) of Panjab University. And he envisioned the role of CIL in extending its experience and expertise in the tribal areas of Chhatisgrah. On the implementation of the NEP, Prof Raj Kumar expressed that the onus is on the universities and the faculty has to play a pro-active role.

Governor of Chhatisgarh Ms Anusuiya Uikey in her address referred about the role of educating children in the local language. And she referred about diminishing knowable about the key herbs which is being lost because of ignoring the component of local language.

 At the Webinar Dr Pankaj Mittal, the Secretary General Association of Indian Universities, delivered the Key Note Address. In her address, Dr Pankaj Mittal eulogized on the role of Academic Bank of Credit, which promises an ultimate flexibility to the students. 

The Webinar was also addressed by Prof Baldev Bhai Sharma, the Vice Chancellor of LTPAJV, Raipur and Prof Kuldeep Chand Agnihotri, the Vice Chancellor of the Central University of Himachal Pradesh University. 

More than 700 enthusiasts participated in the event.

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