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पर्यावरण सरंक्षण के लिए पौधारोपण जरूरी : डॉ. आर.पी सिहाग

सिरसा, 3 नवंबर।


पर्यावरण सरंक्षण आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है। इस दिशा में सभी को मिलकर आगे बढकर पौधारोपण करना होगा। यदि हर व्यक्ति पौधा लगाए तो पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में कामयाबी अवश्य मिलेगी। स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ पर्यावरण का होना बहुत ही जरूरी है। इसलिए सभी लोग पौधारोपण कर पर्यावरण सरंक्षण में अपना योगदान दें।

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यह बात संयुक्त निदेशक(कपास) डॉ. आर.पी सिहाग ने मंगलवार को सहायक पौधा सरंक्षण अधिकारी के कार्यालय परिसर में त्रिवेणी लगाने उपरांत कही। इस अवसर पर विभाग के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी कार्यालय परिसर में अपने हाथों से पौधारोपण किया। कार्यालय परिसर में भिन्न-भिन्न किस्म के सैंकड़ों पौधे रोपित किए गए। इस अवसर पर  उप निदेशक कृषि एवं कल्याण विभाग डा. बाबू लाल, बीज विश्लेषक डा. जितेंद्र अहलावत, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव, कृषि विकास अधिकारी बलराज गौरा, एआई विरेंद्र सिंह, वरिष्ठ आशुलिपिक सुनील यादव  आदि उपस्थित थे।

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संयुक्त निदेशक डा. आर.पी सिहाग ने कहा कि पर्यावरण को सरंक्षित करना हम सबकी जिम्मेवारी है। यह एक सामाजिक सरोकार का कार्य है। पौधारोपण अभियान के साथ सभी को जुडऩा चाहिए और पौधा लगाकर इसमें अपना सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में आज सहायक पौधा सरंक्षण कार्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को कहा कि वे स्वयं तो पौधारोपण करें ही, दूसरों को पौधोरोपण करने के लिए प्रेरित करें।

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निजी स्कूल संचालक विद्यार्थियों के परिवार पहचान पत्र का करवाएं अपडेशन : एडीसी

सिरसा, 3 नवंबर।


अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। भविष्य में सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही दिया जाएगा, जिसमें विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाएं भी शामिल हैं। निजी स्कूल संचालक एक सप्ताह के अंदर विद्यार्थियों के परिवार पहचान पत्र का अपडेशन करवाएं। यदि किसी ने अपना परिवार पहचान पत्र नहीं बनवाया है, उसका रजिस्ट्रेशन करवाएं।

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अतिरिक्त उपायुक्त मंगलवार को विवेकानंद सीनियर सैकेंडरी स्कूल में परिवार पहचान पत्र के अपडेशन कार्य को लेकर निजी स्कूल संचालकों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उपस्थित स्कूल संचालकों को परिवार पहचान पत्र के अपडेशन, नये रजिस्ट्रेशन आदि बारे विस्तार से जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश आदि उपस्थित थे।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि परिवार पहचान पत्र को अपडेशन करवाया जाना जरूरी है। जहां पहले जिला में योजना के तहत परिवारों को रजिस्टर्ड किया गया था। अब रजिस्टर्ड परिवारों के डाटा को अपडेट किया जा रहा है। विभिन्न विभागों को अपडेशन कार्य की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसी कड़ी में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों को भी अपडेशन कार्य में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी निजी स्कूल संचालक एवं प्राध्यापक अपने स्कूल के विद्यार्थियों के परिवार पहचान पत्र का अपडेशन करवाएं, ताकि योजना के तहत रजिस्टर्ड डाटा को फाइनल कर परिवार पहचान पत्र जारी किए जा सकें।

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उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र इस योजना का उद्ेश्य परिवार का सत्यापित, प्रमाणिक व नीय डेटाबेस तैयार करना है। भविष्य में प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही दिया जायेगा। इसलिए स्कूल संचालक व प्राध्यापक योजना के अपडेशन कार्य को रूचि लेकर करें और इसमें किसी प्रकार की कोई दिक्कत आती है, तो डीआईओ से संपर्क कर सकते हैं। 

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सीएम विंडो की लंबित शिकायतों के निपटान में व्यक्तिगत रूची लें अधिकारी : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 3 नवंबर।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि सीएम विंडों की लंबित शिकायतों के निपटान कार्य में अधिकारी व्यक्तिगत रूची लें, ताकि जल्द से जल्द शिकायतों का निपटान हो सके। सभी विभागाध्यक्ष 6 नवंबर तक अपने विभाग से संबंधित सीएम विंडों की लंबित शिकायतों को निपटाना सुनिश्चित कर रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को भिजवाएं।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार मंगलवार को लघुसचिवालय के कमना नम्बर-63 में सीएम विंडो की लंबित शिकायतों के निपटान कार्य की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, सिटीएम संदीप, सीएम विंडो इंचार्ज आजाद सिंह सहित सभी विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।  


उन्होंने कहा कि सीएम विंडो से संबंधित कोई भी शिकायत लंबित न रहे। पोर्टल पर जो भी शिकायत लंबित हैं, उनका प्राथमिकता के साथ समाधान करते हुए निपटारा करें। प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सीएम विंडो की सुविधा उन्हें अधिकार के रूप में उपलब्ध करवाई गई है। इसलिए सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करना हर विभाग की नैतिक कर्तव्य के साथ-साथ जिम्मेवारी भी है। उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष स्वयं रूचि लेकर लंबित शिकायतों का निपटान करवाएं।

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उपायुक्त ने कहा कि सीएम विंडो पर आई शिकायतों को अधिकारी गंभीरता से लेते हुए तुरंत निपटान करवाया जाए और जिस भी विभाग से संबंधित सीएम विंडो की पैंडेंसी है, उन्हें जल्द से जल्द पूरा करें। अधिकारी अपना दायित्व गंभीरता से निभाएं ताकि शिकायतकर्ता को संतुष्टï किया जा सके। उन्होंने कहा कि सीएम विंडो की मोनिट्रिंग स्वयं मुख्यमंत्री हरियाणा करते हैं, इसलिए अधिकारी विंडो पर आई शिकायतों को गंभीरता से लें और इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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किसानों से संवाद कर पराली प्रबंधन के लिए करें प्रेरित : उपायुक्त

सिरसा, 3 नवंबर।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ किए गए कार्य में हमेशा सफलता मिलती है। इसी सोच के साथ हमें जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करना होगा। किसानों के साथ संवाद कर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान व इसके प्रबंधन से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करें।

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उपायुक्त मंगलवार को स्थानीय पंचायत भवन में पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी के लिए लगाए गए नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीडीए बाबू लाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक में प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह ने पराली प्रबंधन को लेकर अपने अनुभव सभी के साथ सांझा किए और दूसरे किसानों को भी पराली प्रबंधन के लिए अपना संदेश दिया। बैठक उपरांत उपायुक्त ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की  जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन गांव-गांव जाकर लोगों को पराली न जलाने बारे जागरूक करेंगी और किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेगी।


उपायुक्त ने कहा कि सिरसा के लोग सहयोगी प्रवृति के हैं। प्रदेश या केंद्र सरकार का सामाजिक सरोकार से जुड़ा कोई भी अभियान रहा हो, वो अभियान सबसे पहले सिरसा जिला में ही सफल हुआ। जागरूकता के मामले में व प्रशासन का सहयोग करने में सिरसा के लोग हमेशा अग्रणी रहे हैं। इसलिए यदि किसानों के साथ संवादकर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान व इसके प्रबंधन के फायदों के बारे में बताया जाए तो वो स्वयं इसमें अपना सहयोग देंगे। उन्होंने उपस्थित नोडल अधिकारियों व अन्य संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे फिल्ड में जाकर किसानों के साथ संवाद करें। इस कार्य में संबंधित सरपंच का सहयोग लें। जो जिम्मेवारी उन्हें दी गई है, उसे पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ पूरा करें। जिला में पराली जलाने की कोई घटना न हो इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी इस दिशा में कामयाबी मिलेगी। हमारे लिए यह चुनौती है, इसे स्वीकार कर सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हुए आगे बढें।

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उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर माननीय उच्च न्यायालय पूरी तरह से सख्त है। इसके अलावा एनजीटी ने भी इस संबंध में कड़ा रूख अपनाया हुआ है। इसलिए जिस भी अधिकारी या कर्मचारी को जो जिम्मेवारी दी गई है, उसका गंभीरता के साथ निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि रेड जोन क्षेत्र में विशेष फोक्स रखा जाए। यदि हम यहीं से प्रभावी शुरूआत करेंगे, तो इसका दूसरे जोन में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं इस समय गंभीर विषय है। पराली जलाने से किसान का भी नुकसान होता है। पराली जलाने से जहां जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म होती है, वहीं उसके कीट मित्र नष्ट हो जाते हैं। इसलिए किसानों को समय रहते जागरूक होना होगा और पराली प्रबंधन कर पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी की भूमिका निभानी होगी।


पनिहारी के किसान रणजीत ने पराली प्रबंधन के अनुभव किए सांझा :


जिला के गांव पनिहारी के प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह ने बैठक में पराली प्रबंधन बारे अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने बताया कि वे अब तक सौ एकड़ के करीब एरिया में पराली का प्रबंधन कर चुके हैं। पराली प्रबंधन में उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई। जिस एरिया में पराली प्रबंधन किया, उसमें बिजाई में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई, बल्कि बिजाई आसानी से हुई है। उन्होंने कहा कि वे स्ट्रा बेलर, सुपर सीडर आदि उपकरणों से पराली प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं।

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जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से कोविड -19 के चलते बच्चों के चहुुुंमुखी एवं संर्वागीण विकास के लिए बाल दिवस के अवसर पर 23 विभिन्न प्रकार की 71 विभिन्न वर्गो में आॅनलाईन प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जा रही है।

पंचकूला 2 नवम्बर- जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से कोविड -19 के चलते बच्चों के चहुुुंमुखी एवं संर्वागीण विकास के लिए बाल दिवस के अवसर पर 23 विभिन्न प्रकार की 71 विभिन्न वर्गो में आॅनलाईन प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जा रही है।

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उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला बाल कल्याण परिषद मुकेश कुमार आहूजा ने इस संबध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिभागियों को अपने घर बैठे ही चाईल्डवेलफेयरहरियाणाडाॅटकाॅम या बालमहोत्सव पर अपने वीडियो व फोटो अपलोड करने है। यह वैबसाईट 24 घण्टें खुली रहती है। इसलिए बच्चों को इन प्रतियोगिताओं का लाभ उठाना चाहिए।

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उपायुक्त ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में एकल गायन, नृत्य, निबंध, कहानी, गु्रप गायन, ग्रुप नृत्य, फैंन्सी पहनावा, क्ले माॅडलिंग, स्कैचिंग कार्ड, दिया बनाना, पोस्टर मेंकिंग, रंगोली, फेस पैंटिंग आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि प्रतिभागी एक से अधिक प्रतियोगिताओं में अपनी आयु अनुसार भाग ले सकता है। प्रतियोगिताआंे में 6 माह से 3 वर्ष आयु के बच्चों के लिए हैल्दी बेबी शो का भी आयोजन शामिल है।


उपायुक्त ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सभी स्कूलों के प्रंबधकों को अधिक से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि बाल कल्याण परिषद बच्चों को बेहतरीन प्लेटफार्म मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि विजेता प्रतिभागियों को बाल दिवस के अवसर पर 14 नवम्बर को पारितोषिक वितरण किए जाएगें।

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महिला एवं बाल विकास बेटी बचाओ बेटी पढाओं अभियान के तहत जिला के गांव खड़कुआ में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

पंचकूला 2 नवम्बर- महिला एवं बाल विकास बेटी बचाओ बेटी पढाओं अभियान के तहत जिला के गांव खड़कुआ में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कार्यक्रम अधिकारी आरू वशिष्ठ ने की। कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण पूजा रही जिसने बच्ची को गोद लिया है।

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जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि बेटियां प्रकृति का अनमोल उपहार है। यदि बेटी शिक्षित होगी तो दो परिवारों को रोशन करेगी तथा समाज के ;व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने में अग्रणीय भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि बेंटिया सारे जंहा को रोशन करती है। कभी मां, पत्नी व कभी बहन के रूप में अपने परिवार के प्रति समर्पित रहती है। उन्होंने बताया कि बेटियांे के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। अभिभावकों को इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने मौके पर गर्भवती महिला की गोद भराई की ओर उसकी मंगल कामना की।

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कार्यक्रम में महिलाओं ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर कविता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। छोटी बच्ची तन्वी का जन्म दिन मनाया ओर उसे उपहार दिए। सर्कल सुपरवाईजर संतोष नैन, दर्शना, सलामती, हीरा, नीलम चन्द्र, सुशीला, कांता, कमलेश, पुष्पा, दीपक सहित कई आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में आयातित पटाखों को रखने और उनकी बिक्री करने को अवैध एवं दंडनीय घोषित किया है।

पंचकूला 2 नवम्बर- हरियाणा सरकार ने प्रदेश में आयातित पटाखों को रखने और उनकी बिक्री करने को अवैध एवं दंडनीय घोषित किया है।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने इस संबध में जानकारी देते हुए बताया कि जिला में इस संबंध में सतर्क रहने और आयातित पटाखों की बिक्री एवं वितरण के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें सभी प्रतिष्ठानों के व्यापक निरीक्षण और निवारक कार्रवाई के माध्यम से यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि आयातित पटाखों का भण्डारण न हो।

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उपायुक्त ने बताया कि केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी एक प्रपत्र के अनुसार पटाखे भारतीय ट्रेड क्लासिफिकेशन (हार्मोनाइज्ड सिस्टम) के तहत आते हैं और उनका आयात प्रतिबंधित है। विदेश व्यापार महानिदेशालय से लाइसेंस या प्राधिकार प्राप्त किए बिना पटाखों का आयात नहीं किया जा सकता है और हाल ही के वर्षों के दौरान महानिदेशालय द्वारा पटाखों के आयात के लिए कोई लाइसेंस या प्राधिकार जारी नहीं किया गया है। पटाखों की बिक्री करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है जो पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन द्वारा जारी किया जाता है।

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उन्होंने बताया कि जिला में उपायुक्त, पुलिस आयुक्त एवं जिला पुलिस उपायुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि वे आयातित पटाखों की बिक्री को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं और लोगों को ऐसे पटाखों का उपयोग न करने बारे सचेत करें। इस तरह के पटाखों को रखने या बिक्री करने के मामलों बारे तुरन्त निकटतम पुलिस स्टेशन को सूचित किया जाए ताकि ऐसे करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।

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उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के उपभोक्ताआंे की शिकायतें दर्ज करने और पुरानी शिकायतों की सुनवाई के लिए उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के सदस्य नवम्बर माह में विभिन्न स्थानांे का दौरा करेंगे।

पंचकूला़ -2 नवम्बर – उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के उपभोक्ताआंे की शिकायतें दर्ज करने और पुरानी शिकायतों की सुनवाई के लिए उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के सदस्य नवम्बर माह में विभिन्न स्थानांे का दौरा करेंगे।

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यह जानकारी देते हुए निगम के प्रवक्ता ने कहा कि मंच के सदस्य, 03 नवम्बर को कैथल, 05 को पानीपत, 09 को यमुनानगर, 11 को करनाल, 13 को सोनीपत, 17 को कुरुक्षेत्र, 19 को झज्जर, 23 को रोहतक, 25 को अंबाला और 27 को पंचकूला, सी.जी.आर.एफ. दफतर के अधीक्षण अभियंाताओं के कार्यालय में शिकायतों की सुनवाई करेंगे और नई शिकायतें भी दर्ज करेंगे।

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इससे उपभोक्ताओं को अपने केस की सुनवाई की सुविधा निकटतम स्थान पर उपलब्ध होगी। मंच के सदस्य उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की समस्याओं की सुनवाई करेंगे, जिनमें मुख्यतः बिलिंग, वोल्टेज़, मीटरिंग से सम्बंधित शिकायतें, कनैक्शन काटने और जोड़ने, बिजली आपूर्ति में बाधाएं, कार्यकुशलता, सुरक्षा, विश्वसनीयता में कमी और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के आदेशों की अवहेलना आदि शामिल हैं। बहरहाल, मंच द्वारा बिजली अधिनियम की धारा 126 तथा धारा 135 से 139 के अन्तर्गत बिजली चोरी और बिजली के अनधिकृत उपयोग के मामलों में दंड तथा जुर्माना और धारा 161 के अन्तर्गत जांच एवं दुर्घटनाओं से सम्बंधित मामलों की सुनवाई नहीं की जाएगी।

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पीपीपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, अपडेशन कार्य में लाएं तेजी : एडीसी

सिरसा, 02 नवंबर।


              अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना का उद्ेश्य परिवार का सत्यापित, प्रमाणिक व विश्वसनीय डेटाबेस तैयार करना है। भविष्य में प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही दिया जायेगा। योजना के अपडेशन कार्य में तेजी लाई जाए और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।

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              अतिरिक्त उपायुक्त सोमवार को लघुसचिवालय स्थित सभागार में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) अपडेशन कार्य को लेकर अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम जयवीर यादव, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी सुकन्या जनार्दन, सीडीपीओ डा. दर्शना सिंह, डीआईओ एनआईसी रमेश कुमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।


              अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में कुल 3 लाख 12 हजार 671 परिवारों को योजना के तहत रजिस्टर्ड किया गया है। इन सभी रजिस्टर्ड डाटा को अपडेट करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसका उद्ेश्य परिवार की एक यूनिट आईडी तैयार कर पात्र व्यक्ति को विभिन्न सरकारी योजनाओं का पारदर्शी व त्वरित लाभ पहुंचाना है। इसलिए अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से अपडेशन कार्य में तेजी लाएं ताकि जल्द से जल्द परिवार पत्रहचान पत्र के डाटा बेस का अपडेशन कार्य पूरा हो  सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य को अधिकारी प्राथमिकता से लें और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को एक लक्ष्य के साथ इस कार्य को करने बारे दिशा-निर्देश दें।

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विभागों को दिया 10 नवंबर तक का टारगेट :


              अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने संबंधित विभागों को परिवार पहचान पत्र के अपडेशन कार्य में तेजी लाने के उद्ेश्य से 10 नवंबर तक का टारगेट दिया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि तक जो लक्ष्य अपडेशन कार्य का दिया है, उसे प्राथमिकता से करें। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों में मुख्याध्यापक के माध्यम से परिवार पहचान पत्र के अपडेशन का कार्य करवाएं। सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों में फैमिली आईडी के डाटा को अपडेट करवाने का कार्य करवाया जाए। इसके लिए स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य को किया जाए।


              उन्होंने पीओआईसीडीएस को निर्देश देते हुए कहा कि गांवों में आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा परिवार पहचान पत्र डाटा को अपडेट करवाया जाए। इसके लिए डीआईओएनआईसी से सहयोग लिया जा सकता है। प्रत्येक आंगनवाड़ी वर्कर को अपडेशन कार्य के लिए प्रशिक्षित किया जाए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न आएं। इसी प्रकार जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी ग्राम सचिव के माध्यम से गांव में सरपंच के सहयोग से अपडेशन कार्य करवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग, जिला उद्योग केंद्र, नगर परिषद आदि विभागों को भी परिवार पहचान के अपडेशन कार्य के लिए 10 नवंबर तक का लक्ष्य देते हुए इस कार्य में तेजी लाने के दिशा-निर्देश दिए।


              अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला के नागरिकों से भी अपील करते हुए कहा कि वे अपनी फैमिली आईडी को अपडेज जरूर करवा लें। यदि किसी ने अपना परिवार पहचान पत्र नहीं बनवाया है, वह अपने नजदीकी सीएससी सैंटर पर जाकर बनवा सकता है और अपनी फैमिली आईडी को अपडेट भी करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब किसी भी प्रदेश व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ परिवार पहचान के माध्यम से ही दिया जाएगा। इसलिए आमजन अपनी फैमिली आईडी अवश्य बनवा लें।

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पराली जलाने की घटनाओं पर रोक के लिए नोडल अधिकारी रखें कड़ी निगरानी : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 02 नवंबर।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए नोडल अधिकारी संबंधित क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखें। जहां कहीं भी फसल अवशेष जलाने की सूचना मिलती है, वहां पहुंचकर त्वरित कार्रवाई करें। किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताएं और उन्हें पराली को जलाने की बजाए इसके उचित निपटान बारे जागरूक किया जाए। अधिकारी रैड व ऑरेंज जोन में विशेष रूप से फोक्स रखें और वहां के किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित करें।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, सहायक कृषि अभियंता धर्मवीर यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में उपायुक्त जिला में पराली जलाने की घटनाओं की विस्तारपूर्वक समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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              उपायुक्त ने कहा कि संबंधित एसडीएम व नोडल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखें तथा फसल अवशेष जलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग आपस में तालमेल बनाते हुए लोगों को पराली न जलाने बारे जागरूक करेंगे। यदि कोई व्यक्ति अपने पराली जलाने का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ तुरंत जुर्माना लगाएं तथा नियमानुयार कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि रैड व ऑरेंज जोन में आने वाले गांवों पर कड़ी निगरानी रखें तथा जहां कहीं भी हरसेक या अन्य किसी माध्यम से पराली जलाने की सूचना मिलती है, अधिकारी तुरंत कार्रवाही करें। इसके अलावा ग्राम सभाओं के माध्यम से किसानों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। ग्रामीणों को बताएं कि जहां एक तरफ फाने जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं अनेक प्रकार की बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है तथा साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो जाती है। किसान पराली प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करें ताकि पशुओं के लिए चारे की कमी न हो और भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़े।


              उन्होंने कहा कि पराली जलाने से बढ़ता प्रदूषण बेहद चिंता का विषय है और प्रदूषित व जहरीली हवा मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक है। इस हालात से निपटने के लिए हम सब को सामूहिक प्रयास करने होगें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए पंचायती राज संस्थाओं समेत किसानों व अन्य ग्रामीणों का सहयोग अपेक्षित है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ पंचायत की जिम्मेदारी भी तय की गई है। उन्होंने कहा कि जो पंचायतें इस बार जीरो बर्निंग यानि फानों में आग नहीं लगाने की दिशा में अच्छा कार्य करेगी, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। प्रथम स्थान पर ग्राम पंचायत को 10 लाख, द्वितीय स्थान पर रहने वाली ग्राम पंचायत को 5 लाख तथा तीसरे स्थान वाली ग्राम पंचायत को 3 लाख रुपए की राशि दी जाएगी।

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पराली प्रबंधन करने वाले किसान को दी जाती है एक हजार रुपये प्रति एकड़ या 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि : उपायुक्त प्रदीप कुमार


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों पर भारी अनुदान भी दिया जाता है और पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को भी प्रोत्साहन स्वरुप राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि जो किसान अपने धान की पराली का कृषि यंत्र द्वारा पराली प्रबंधन करवा रहे हैं, उस किसान को प्रति एकड़ अधिकतम एक हजार रुपये या 50 रुपये प्रति क्ंिवटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणासीआरएमडॉटकॉम पर अपना पूर्ण विवरण देकर पंजीकरण जरूरी है। उन्होंने बताया कि किसान यदि औद्योगिक ईकाई में गांठों को बेचता है तो उसे संबंधित औद्योगिक ईकाई से बिल प्राप्त करना होगा। इसके अलावा यदि पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर गांठों को एकत्रित करता है तो ग्राम पंचायत एंव विभागीय कर्मचारियों द्वारा उसे सत्यापित प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा जिसे किसान द्वारा उक्त पोर्टल पर अपलोड करना होगा ताकि किसान को पराली प्रबंधन बारे प्रोत्साहन राशि दी जा सके।