19 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सैक्टर-3 ताऊ देवीलाल स्टेडियम में योग मैराथन का होगा आयोजन

आयुष्मान भारत योजना : 8615 नये लाभार्थियों ने बनवाए आयुष्मान कार्ड, अब 30 अप्रैल तक चलेगा कार्ड बनाने का अभियान

सिरसा, 25 मार्च।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से आयुष्मान भारत योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण स्कीम है, जिसका हर लाभार्थी को लाभ उठाना चाहिए। सरकार द्वारा लाभार्थियों की सुविधा को देखते हुए अब आयुष्मान भारत पखवाड़े को 30 अप्रैल तक कर दिया है, ताकि हर पात्र व्यक्ति अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सके।


उपायुक्त ने बताया कि आयुष्मान भारत अभियान के तहत सभी सीएससी सैंटरों पर नि:शुल्क आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। कोई भी पात्र व्यक्ति या परिवार योजना के लाभ से वंचित न रहे और सूची में शामिल सभी परिवार अपना कार्ड बनवा सकें, इसके लिए आयुष्मान योजना अभियान की तिथि 30 अप्रैल तक बढा दी गई है। सामाजिक एवं आर्थिक आधार पर पिछड़ी जातियों के 2011 जनगणना के आधार पर सूची में शामिल पात्र परिवार अपने नजदीकी सीएससी सैंटर पर जाकर नि:शुल्क आयुष्मान कार्ड बनवाएं।


उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कमजोर व गरीबो लोगों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाता है। इसलिए यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए स्वास्थ्य दृष्टि से बहुत ही लाभकारी है। पात्र परिवार का सदस्य किसी भी गंभीर बीमारी के लिए पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकता है। उन्होंने बताया कि सभी सीएससी सैंटरों पर नि:शुल्क आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिल में 30 अप्रैल तक चलने वाले आयुष्मान योजना अभियान के दौरान लाभार्थी अपने नजदीकी सीएससी सैंटर पर जाकर आयुष्मान कार्ड जरूर बनवाते हुए योजना का लाभ उठाएं।
उपायुक्त ने पार्षदों व पंचायत प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनवाने में सहयोग करें और योजना के बारे लोगों को जागरूक करें। सूची में शामिल परिवारों के लोगों को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करें, ताकि 30 अप्रैल तक सभी पात्र परिवारों के कार्ड बनवाए जा सकें और निर्धारित लक्ष्य पूरा हो सके।

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जिला में बनें 8615 नये आयुष्मान कार्ड :


नोडल अधिकारी (आयुष्मान भारत ) डॉ. प्रमोद ने बताया कि आयुष्मान भारत पखवाड़े में जिला में 8615 नये लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। उन्होंने सूची में शामिल लाभार्थियों की सुविधा को देखते हुए अब 30 अप्रैल तक कॉमन सर्विस सैंटर पर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। लाभार्थी इस अभियान का लाभ उठाते हुए अपना आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाएं। उन्होंने बताया कि अब तक जिला में एक लाख 31 हजार लाभार्थियों ने आयुष्मान कार्ड बनवाएं हैं। जिला में 82 हजार 652 परिवारों के 4 लाख 2 हजार 301 लाभार्थी हैं, जिनके आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं।


सरकारी व सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भी बनवा सकते हैं कार्ड :


नोडल अधिकारी (आयुष्मान भारत ) डॉ. प्रमोद ने बताया जिला में गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों को चिह्निïत किया गया है। लाभार्थी इन अस्पतालों में भी आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला नागरिक अस्पताल, सिरसा, उपमंडल नागरिक अस्पताल, डबवाली, ऐलनाबाद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माधोसिंघाना, रानियां, नाथूसरी चौपटा, बड़ागुढा, औढां, कालांवाली व चौटाला में आवेदक अपना कार्ड बनवा सकते हैं। इसी प्रकार निजी अस्पतालों संजीवनी अस्पताल सिरसा, पूनिया आईक्यु विजन प्रा.लि., श्री अस्पताल, तलवाड़ अस्पताल आइवीएफ सैंटर, सिरसा ईएनटी अस्पताल एवं लेजर सर्जरी सेंटर, एपेक्स अस्पताल एवं रिसर्च सैंटर, श्री बालाजी अस्पताल, शाह सतनाम जी सुपर स्पैशलिटी अस्पताल, बंसल अस्पताल, मोहर सिंह सर्जिकल एवं मैटरनिटी अस्पताल, आस्था अस्पताल, तिरूपति किडनी एवं लेजर अस्पताल, मैडिसिटी मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल, एसपीएस अस्पताल, विवेक आंखों का अस्पताल, डबवाली में विजन केयर आंखों का अस्पताल, डावला आंखों का अस्पताल व बॉम्बे अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं।

19 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सैक्टर-3 ताऊ देवीलाल स्टेडियम में योग मैराथन का होगा आयोजन

Online Principals Meet by HRDC, PU

Chandigarh March 25, 2021

An online Principals’ Meet on  “Human Resource Development in Higher Education: Collaboration of HRDCs and Institutional Heads” was organised by the UGC-Human Resource Development Centre, Panjab University Chandigarh today in which 20 Principals and institutional heads from affiliated colleges of PU participated.

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            Inaugurating the meet Prof. Raj Kumar, Vice-Chancellor said that human resource is the ultimate resource of a nation and all other resources can be utilised only if the human resources is up to the mark, educated and trained. It is both our duty and necessity to focus our attention and invest in the human resource of our institute.

            Prof. S.K. Tomar, Director, HRDC, Panjab University briefed the participants about the human resource development activities of the centre. He told that in addition to faculty. It also organises programmes for the hostel wardens, researchers, academic administrators, support staff and research scholars also. He said that individuals can achieve their full potential only through hand holding, capacity building and training.

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            Dr. Ajay Sharma, Dr. P.S. Gaorcha, Dr. Roshan Lal, Dr. R.S. Jhanji, Dr. Neena S. Pajni institutional heads from colleges in Ludhiana, Jalalabad, Hoshiarpur, Chandigarh spoke on the theme and provided valuable insights.

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जटिल व दोबारा विकसित होते हर्निया का सफल इलाज अब पारस अस्पताल में

हर्निया के उपचार में आए क्रांतिकारी बदलाव : डा. गौरव महेश्वरी
पुरूषों में 25 व महिलाओं में 2 प्रतिशत आम होता है इंगुइनल हर्निया : डा. गौरव महेश्वरी
पारस अस्पताल पंचकूला अप्रैल के आखिरी सप्ताह मनाएगा ‘हर्निया सप्ताह’
आधुनिक तकनीकों के साथ किए जाते आप्रेशन के बाद हर्निया के दोबारा विकसित होने की संभावना कम: डा. आर.के.बत्तरा

पंचकूला, 25 मार्च ( ): पारस अस्पताल पंचकूला के जीआई सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डा. गौरव महेश्वरी ने कहा कि हर्निया एक आम बीमार है, जिसका इलाज जनरल सर्जनों तथा जी.आई. सर्जनों द्वारा किया जाता है। यहां पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए डा. गौरव महेश्वरी ने कहा कि पर महत्वपूर्ण बात यह है कि 20-30 प्रतिशत केसों में हर्निया दोबारा हो जाता है: जिसको रोकने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अब समय की तबदीली के साथ हर्निया के इलाज में भी बदलाव आया है। स्टील वॉयर टेक्नोलॉजी से लेकर लैप्रोस्कोपी (दूरबीन) द्वारा इलाज तक काफी कुछ बदल गया है।

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डा. गौरव महेश्वरी तथा लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के कंस्लटेंट डा. राजिन्द्र कुमार बत्तरा ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि पारस अस्पताल पंचकूला द्वारा अप्रैल के आखिरी सप्ताह ‘हर्निया सप्ताह’ मनाया जा रहा है, जिसका मकसद आम लोगों को इस बीमारी के बारे जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीकों के साथ किए आप्रेशन के बाद हर्निया के दोबारा विकसित होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि 35 प्रतिशत पुरुषों तथा 2 प्रतिशत महिलाओं में इंगूऐनल हर्निया होता है, जो कि आम हर्निया के रूप में जाना जाता है।


काबिले-ए-गौर है कि पारस अस्पताल पंचकूला के पास हर्निया के आप्रेशन के लिए सभी तकनीकें हैं। उन्होंने बताया कि जटिल तथा दोबारा विकसित हुए हर्निया के इलाज के लिए अस्पताल के डाक्टरों की टीम द्वारा सफलत इलाज किया जाता है।

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इस अवसर पर डा. राजिन्द्र कुमार बत्तरा द्वारा रेट्रो रैक्टस एबडेसिनल वॉल रिकंस्ट्रक्शन (पी.आर.ए.डब्लयू.आर) के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामूली बीमारी की हालत में पेट के तंतुओं को ठीक किया जाता है।

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परिवार पहचान पत्र में पारिवारिक इनकम वैरिफिकेशन कार्य में नागरिक करें सहयोग, टीम को दें सही जानकारी : एडीसी उत्तम सिंह

सिरसा, 25 मार्च।

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              अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि जिला में परिवार पहचान पत्र में पारिवारिक इनकम वैरिफिकेशन कार्य के लिए 995 टीमें घर-घर जाकर इनकम वैरिफिकेशन का कार्य कर रही है। उन्होंने नागरिकों से आह्वïान किया है कि वे परिवार पहचान पत्र में इनकम वेरिफिकेशन कार्य में टीमों का सहयोग करें तथा सही जानकारी दें।

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              उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से जरूरतमंद पात्र लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से मिल पाएगा। पहले जहां अलग-अलग योजनाओं एवं सेवाओं के लिए नागरिकों को अलग-अलग स्थानों एवं कार्यालयों में जाकर कागजात जमा करवाने पड़ते थे। परिवार पहचान पत्र के लागू हो जाने के बाद एक ही स्थान पर सभी कार्य होंगे और बार-बार कागजात जमा करवाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की अधिकतर सेवाओं व योजनाओं को परिवार पहचान पत्र द्वारा दी गई फैमिली आईडी से जोड़ा गया है। उन्होंने इनकम वैरिफिकेशन कार्य में लगी टीमें भी परिवार पहचान पत्र में आय का सत्यापन करते समय पूरे विवेक से कार्य करें और वास्तविक जानकारी को ही दर्ज करें। उन्होंने कहा कि आय सत्यापन का कार्य सभी कर्मचारियों की सूझबूझ पर ही निर्भर करता है।

19 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सैक्टर-3 ताऊ देवीलाल स्टेडियम में योग मैराथन का होगा आयोजन

जागरूकता कार्यक्रम में विद्यार्थियों को बताया जल का महत्व व जल की शुद्धता जांच का दिया प्रशिक्षण

सिरसा, 25 मार्च।

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             जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग तथा जल, स्वच्छता सहायक संगठन द्वारा खंड सिरसा के गांव फरवाई कला के राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मोबलाइजर कर्मजीत कौर ने विद्यार्थियों को जल संरक्षण व फील्ड टेस्टिंग किट से जल की शुद्धता की जांच के तरीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।


              मोबलाइजर कर्मजीत कौर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जल एक अनमोल प्राकृतिक संपदा है और इसको बचाए रखना हम सबका दायित्व है। पृथ्वी के पूरे क्षेत्रफल का लगभग 71 प्रतिशत हिस्सा जलमग्र है लेकिन इसमें से केवल 2.6 प्रतिशत ही जल पीने योग्य है। उन्होंने कहा कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पर जीवन तभी संभव है जब जल पूरी तरह शुद्घ हो, अशुद्ध जल से कई घातक बीमारियां होने की संभावना रहती है। इसके साथ-साथ दूषित जल पशु-पक्षियों के जीवन व खेती को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि हमें जल के संरक्षण व संचयन केसाथ-साथ जल के शुद्घिकरण पर भी ध्यान देना चाहिए।

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              उन्होंने कहा कि औद्योगिकरण के कारण आज कारखानों की संख्या में बहुत वृद्घि हुई है। इनसे निकलने वाले अपशिष्टï पदार्थों को नदियों, नहरों, तालाबों के अलावा कई अन्य जगह में बहा दिया जाता है जिससे जल में रहने वाले जीव जंतु व पौधो पर तो बूरा प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही जल पीने योग्य नहीं रहता और इसके भयंकर परिणाम मनुष्य और जीव जंतु दोनों को भुगतने पड़ते है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गिरता भूजल एक बेहत चिंता का विषय है और हमें इस पर चिंतन करते हुए जल सरंक्षण, संचयन व शुद्घिकरण पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022 तक हर घर को नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। गांवों में कोई भी घर जल से वंचित न रहे इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को ग्रामीण जल एवं सीवरेज कमेटी के कार्यो के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।

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वर्तमान तकनीक का युग, विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ दें तकनीकी ज्ञान : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 25 मार्च।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि किसी भी समाज व देश के विकास में शिक्षा का अहम योगदान होता है। वर्तमान युग तकनीक का युग है, इसलिए विद्यार्थियों में शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ तार्किक एवं रचनात्मक सोच विकसित करने की दिशा में काम किया जाए।

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              उपायुक्त बुधवार को स्थानीय विवेकानंद (बाल मंदिर) सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर भारतीय शिक्षण मंडल, नीति आयोग और शिक्षा विभाग के सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में सीडीएलयू के कुल सचिव राकेश वधवा, जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, एमपी महाविद्यालय डबवाली की प्राचार्या पूनम वधवा प्राचार्या ने भी शिरकत की और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियांवयन पर चर्चा की।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का दौर है, इसलिए विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से भी सक्षम बनाना होगा। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती, इसलिए अध्यापक भी अपने आपको तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नई शिक्षा नीति अनुरूप तैयार करें। यदि विद्यार्थी तकनीकी तौर पर सक्षम होंगे तो वे केवल पुस्तकों पर ही निर्भर न होकर अपने अनुभवों, क्रियाओं, परिवेश और आसपास के वातावरण से भी सीख व समझकर आगे बढं़ेगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में शुरूआत से ही विद्यार्थियों के तकनीक व कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे रोजगारपरक शिक्षा को बढावा मिलेगा।  


              डा. राकेश वधवा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार अब छठी कक्षा से ही शिक्षार्थियों को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा दी जाएगी तथा स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी कराई जाएगी ताकि उनके कौशल विकास में और निखार आ सके। इसके साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार ने कहा कि यह शिक्षा नीति सभी विद्यार्थियों के लिए गुणवतापूर्वक शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाने में सहायक होगी।

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              डा. पूनम वधवा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 12वीं के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश में अब स्कूली पाठ्यक्रम 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा। इसका मतलब है कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा।


              कार्यशाला में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश मेहरा, जिला परियोजना समंवयक बूटा राम, समस्त खंड शिक्षा अधिकारी, जिला विज्ञान विशेषज्ञ डा. मुकेश कुमार, भौतिक विज्ञान प्रवक्ता डॉ धर्मेंद्र डूड्डी, प्रवक्ता जीव विज्ञान गौरव वधवा व द्रोंण प्रसाद कोईराला सहित सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के प्राचार्य भी उपस्थित थे।

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नागरिक अपने प्रॉपर्टी टैक्स के संबंध में 5 अप्रैल तक करवा सकते हैं आपत्ति दर्ज

सिरसा, 25 मार्च।

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              प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार नगर परिषद सिरसा द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे किया गया है और इसकी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की गई है। नागरिक अपने प्रॉपर्टी टैक्स के संबंध में 5 अप्रैल 2021 तक आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं।


              कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद संदीप सोलंकी ने बताया कि नगर परिषद सिरसा द्वार किए गए सर्वे का डाटा डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पीएमएसहरियाणा डॉट कॉम पोर्टल पर दर्ज किया गया है, आमजन अपना प्रॉपर्टी टैक्स विवरण इस पोर्टल पर देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति को अपने प्रॉपर्टी टैक्स के संबध में कोई आपत्ति है तो वह 5 अप्रैल 2021 तक ऑनलाइन पोर्टल पर या ऑफलाइन नगर परिषद सिरसा कार्यालय में पंजीकृत दस्तावेजों सहित दर्ज करवा सकता है।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कोविड-19 की हिदायतों की सख्ती से पालना के लिए उपमंडल स्तर पर किया कमेटियों का गठन

सिरसा, 25 मार्च।

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              उपायुक्त प्रदीप कुमार द्वारा जिला में कोविड-19 के फैलाव को रोकने के मद्देनजर उपमंडल स्तर पर संंबंधित एसडीएम के नेतृत्व में कमेटियों का गठन किया गया है। कमेटी में संबंधित उप पुलिस अधीक्षक, चिकित्सा अधिकारी व नगर परिषद / पालिका के अधिकारी को शामिल किया गया है। यह कमेटियां अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड-19 हिदायतों की पालना सुनिश्चित करेगी।


              उपायुक्त ने बताया कि उपमंडल सिरसा में गठित कमेटी में एसडीएम जयवीर यादव, उप पुलिस अधीक्षक संजय कुमार, चिकित्सा अधिकारी विपुल गुप्ता, अवतार सिंह, नितिन सोमानी, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद संदीप सौलंकी, उपमंडल डबवाली में एसडीएम अश्वनी कुमार, डीएसपी कुलदीप सिंह, चिकित्सा अधिकारी अनु राजा, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद सुमन लता, उपमंडल ऐलनाबाद में एसडीएम दिलबाग सिंह, डीएसपी जगत सिंह, चिकित्सा अधिकारी सौरभ गुप्ता व नगर पालिका रानियां के सचिव आशीष कुमार तथा उपमंडल कालांवाली में एसडीएम विजय सिंह, एएसपी नितिन अग्रवाल, चिकित्सा अधिकारी बोबी व नगर पालिका सचिव ऋषिकेश शामिल हैं।

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              उन्होंने बताया कि गठित कमेटी अपने-अपने क्षेत्रों में कोरोना से बचाव उपायों व एसओपी गाइडलाइन की अनुपालना करवाना सुनिश्चित करेंगे, इसके लिए नियमित रूप से शहर व गांवों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर लगातार निगरानी रखगी और जो भी नियमों की उल्लंघना करता है, तो उसके खिलाफ निर्धारित नियमों के तहत उचित कार्रवाई करेगी। उन्होंने मॉल, सिनेमा, फैक्ट्री, कारखानें, मैरिज प्लेस, सार्वजनिक स्थलों के संचालकों से अपील की है कि वो एसओपी की गाइडलाइन की अनुपालना अनुसार ही कार्य करें। उपायुक्त ने जिलावासियों से आह्वïान कि वे मॉस्क को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और भीड़-भाड़ से बचते हुए सोशल डिस्टेसिंग की अनुपालना करें।

19 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सैक्टर-3 ताऊ देवीलाल स्टेडियम में योग मैराथन का होगा आयोजन

हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन श्री कृष्ण कुमार पत्रकारा वार्ता को संबोधित करते हुए।

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पंचकूला, 25 मार्च- हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन श्री कृष्ण कुमार ने बताया कि सीवर की साफ-सफाई के दौरान होने वाली मृत्यु के मामलों पर अंकुश लगाने के लिये सेंसर आधारित दो पायलट प्रोजेक्ट रेवाड़ी व गुरुग्राम में शुरू किये गये है।  इन दो पायलट परियोजनाओं की सफलता को देखते हुए इन्हें प्रदेश के दूसरे जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा।
श्री कृष्ण कुमार आज यहां सेक्टर-4 स्थित अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां सीवर कर्मीयों की सुरक्षा के लिये इस प्रकार के आधुनिक निवारक उपाय लागू किये गये है।


उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा आगामी 4 अप्रैल को करनाल में सफाई मित्र उत्थान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल मुख्यातिथि होंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री रेवाड़ी व गुरुग्राम में पायलट आधार पर शुरू किये गये दो प्रोजेक्ट का विधिवत शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष इन दो प्रोजेक्ट का डेमो भी प्रस्तुत किया जायेगा और उपस्थित सफाई कर्मचारियों को इसकी जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि आज तकनीकी का समय है और इसका समुचित उपयोग कर न केवल सीवर की सफाई के दौरान होने वाली मृत्यु पर अंकुश लगाया जा सकता है बल्कि सीवर की बेहतर साफ सफाई भी सुनिश्चित की जा सकती है।


उन्होंने कहा कि सीवर में मिथेन जैसी जहरीली गैस होती है और सफाई के दौरान सीवर कर्मियों के शरीर में प्रवेश कर फेफडों को संक्रमित कर देती है। उन्होंने बताया कि पिछले 25 वर्षों में सफाई के दौरान 117 सीवर कर्मियों की मृत्यु हुई जबकि इस वर्ष पांच सीवरमैन ने सफाई के दौरान अपनी जान गवाई। उन्होंने कहा कि सीवर की साफ सफाई के दौरान मृत्यु होने पर ऐसे सीवरकर्मियों के परिवारों को 10 लाख रुपये की राशि मुआवजे के रूप में दी जाती है।

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श्री कृष्ण कुमार ने बताया कि इन परियोजनाओं के अंतर्गत रेवाड़ी में आठ व गुरुग्राम में चार सेंसर लगाये गये है। उन्होंने बताया कि इन सेंसर के माध्यम से सीवर की एक निर्धारित सीमा के बाद ओवरफ्लो होते ही संदेश संबंधित जेई व एसडीओ को व्हट्सअप, टैक्सट मैसेज और ई-मेल के द्वारा पंहुचेगा। इसके उपरांत उस क्षेत्र के सीवरमैन को इसकी जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी जो तुरंत मौके पर पंहुचकर सीवर की सफाई करेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली का फायदा यह होगा की सीवरमैन को सफाई के लिये सीवर के अंदर प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से सीवर के ओवरफ्लो की जानकारी कहीं पर भी बैठकर डेसबोर्ड के माध्यम से देखी जा सकती है।


उन्होंने बताया कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका मुख्य उद्देश्य सीवरमैन के जीवन की रक्षा करना, समयवद्ध तरीके से सीवर की सफाई व उसकी निगरानी सुनिश्चित करना तथा सीवर कर्मियों को उद्यमी बनाकर रोजगार मुहिया करवाना है। उन्होंने कहा कि आगामी 4 अप्रैल को करनाल में आयोजित होने वाले सफाई मित्रा उत्थान सम्मेलन के दौरान वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि रेवाड़ी व गुरुग्राम में इन दो पायलट प्रोजेक्ट की सफलता देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाये।


श्री कृष्ण कुमार ने बताया कि अगले चरण में आयोग द्वारा सफाई कर्मियों को पोर्टेबल जैटिंग व सक्शन मशीन उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि सीवरकर्मी इन मशीनों को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा पायेंगे, जिससे सीवर की साफ सफाई का कार्य सुविधाजनक, सुरक्षित व समयबद्ध तरीके से पूरा हो पायेगा।
इस अवसर पर हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव श्री अनिल नागर व आयोग के मेंबर नामतः श्री रामफल लोट व श्री आजाद सिंह भी उपस्थित थे।

19 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सैक्टर-3 ताऊ देवीलाल स्टेडियम में योग मैराथन का होगा आयोजन

Second Meeting of High Level Committee held at PU

Chandigarh March 24, 2021

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The second meeting of high level committee of experts headed by Prof. R.P.
Tiwari, Vice Chancellor, Central University of Punjab, Bathinda was held today at 
Panjab University in offline mode with all the members present except Prof. V.S.
Chauhan, Chairman, Executive Committee, National Assessment and Accreditation
Council (NAAC]- Nominee of Chairman, UGC Member, who joined through online mode and
Director, (IIM) Amritsar who could not attend the meeting. 


        The members took cognizance of the existing governing structure of PU, its
composition and manner of its Constitution. The members also deliberated on the
governance structure of other prominent institutes like GNDU, Kurukshetra
University, Punjabi University, Delhi University, IIT, IIM etc. The members also
discussed the recommendations made by committees in the past on issue of governance
reforms of PU.


        The committee further discussed that the online portal for receiving inputs
was launched on March 12, 2021 which was to be closed on 19th March, 2021 initially
but extended till 26 March, 2021. In portal, there is a limit of 250 words. It was
decided that in case, someone wants to submit more comprehensive suggestions
exceeding this limit, they can do so by emailing the same to the Registrar, Panjab
University, Chandigarh.

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        The committee decided to meet again to examine the suggestions of
stakeholders in the month of April 2021 for deciding future course of action.


        Those present included Prof. P.K. Raina, Director, lIT, Ropar, Prof. K.N.
Pathak, former Vice Chancellor, PU, Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor, PU, Dr.Jaspal
Singh Sandhu, Vice-Chancellor, Guru Nanak Dev University, Amritsar- Nominee of the
Chief Minister, Punjab, Shri S. Paramjit Singh, DPI (Colleges), Government of
Punjab, Shri Rubinderjit Singh Brar, Director (Higher Education) Chandigarh
Administration, Shri Satya Pal Jain, Additional Solicitor General of India- Nominee
of the Chancellor, Panjab University and Sh. Vikram Nayyar, Registrar, PU, Member
Secretary.