सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

18 क्षेत्र हुए कंटेनमेंट व बफर जोन मुक्त, ऐहतियात के तौर पर मेडिकल टीम रहेगी तैनात

सिरसा, 19 अगस्त।


                       उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि जिला के विभिन्न 18 प्रभावित क्षेत्रों को निर्धारित अवधि के दौरान कोरोना फैलाव का कोई भी नया मामला न आने पर कंटेनमेंट जोन मुक्त कर दिया गया है। इनके साथ लगते क्षेत्र को भी बफर जोन मुक्त किया गया है। हालांकि अभी ऐहतियात के तौर पर क्षेत्र में मेडिकल टीम की तैनाती रखी गई है। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार अब प्रभावित क्षेत्र की में कोई भी नया कोरोना संक्रमण का केस न आने की स्थिति में कंटेनमेंट जोन की अवधि को 28 दिनों की बजाय 14 दिन कर दिया गया है।

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                       उपायुक्त बिढ़ान ने बताया कि पुलिस लाइन वार्ड नंबर 3 बरनाला रोड़, जीटीएम कॉलोनी वार्ड नंबर 4 हिसार रोड़, वार्ड नंबर 14 गली नंबर 2 नजदीक शर्मा होटल शिव मंदिर वाली गली व गली चिराग स्कूल डे्रस वाली, वार्ड नंबर 16 स्काउट चोक पुरानी सब्जी मंडी व गली चोपड़ा वाली, वार्ड नंबर 17 जनता भवन रोड़ घोट क्लीनिक के पीछे, वार्ड नंबर 28 सी-ब्लॉक, बी-ब्लॉक (सी जोन-2), खंड सिरसा के गांव कोटली गली आत्मा राम सेठी किरयाणा वाली, गांव कंगनपुर वार्ड नंबर 2 व 7, खंड ऐलनाबाद के गांव करीवाला के वार्ड नंबर 4, मंडी डबवाली के वार्ड नंबर 2 नजदीक पुराना पोस्ट ऑफिस गली पीपल वाली, मंडी डबवाली वार्ड नंबर 9 एकता नगरी, गली राम छोले वाली व वार्ड नंबर 17 गली पूनम इनवर्टर वाली, खंड रानियां के गांव बचेर, गांव सादेवाला गली सोसायटी वाली व रानियां के वार्ड नंबर 4 में कोरोना संक्रमण के केस सामने आने पर जिला प्रशासन द्वारा कंटेनमेंट जोन व बफर जोन बनाए गए थे। अब स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट अनुसार निर्धारित अवधि में कोई भी कोरोना के फैलाव प्रभाव संबंधी मामला सामने नहीं आया है। इसी आधार पर उक्त एरिया को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया गया है तथा साथ के क्षेत्र को भी बफर जोन मुक्त किया गया है। क्षेत्र से सभी प्रकार की सीलिंग हटा दी गई है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत अभी 14 दिनों तक एक मेडिकल टीम की तैनाती रहेगी। यह टीम इस दौरान होने वाली स्वास्थ्य गतिविधियों की रिपोर्ट देगी।

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                       उन्होंने बताया कि एरिया को भले ही कंटेनमेंट जोन मुक्त किया गया है, लेकिन अभी एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात रहेगी, जोकि क्षेत्र के लोगों को जरूरत अनुसार स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं देगी जिसमें मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट व एएनएम शामिल है। यह टीम इंफ्लयुंजा व बीमारी आदि मरीजों का इलाज करेगी। उन्होंने आमजन से अपील की है कि जिस प्रकार से आपने पुलिस व प्रशासन की टीम का सहयोग दिया है, उसी प्रकार आगे भी कोविड-19 से बचाव के लिए जारी प्रशासनिक हिदायतों की अनुपालना व सोशल डिस्टेसिंग बनाकर रखें। अनावश्यक रूप से घरों से न निकलें, मास्क जरुर लगाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

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विभिन्न योजनाओं के तहत लाभपात्रों को 11 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की वितरित : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान

सिरसा, 19 अगस्त।


                       उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग ने वर्ष 2019-20 में विभिन्न योजनाओं के तहत जिला के 5 हजार 852 लाभ पात्रों को 11 करोड़ 24 लाख 4 हजार रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। राशि सीधे लाभपात्रों के बैंक खाते में डाली गई।

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मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना, पंचायत प्रोत्साहन योजना, अंर्तजातिय विवाह योजना, डा. बीआर अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत पात्रों दिया गया लाभ


                       उपायुक्त बिढ़ाण ने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 2 हजार 190 लाभपात्रों को 7 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि वितरित की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति एवं टपरीवास जाति (बीपीएल) के परिवारों को उनकी लड़की की शादी में 51 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जिसमें 46 हजार रुपये की राशि शादी के समय और 5 हजार रुपये शादी रजिस्ट्रेशन होने उपरान्त दिए जाते हैं। इसके अलावा सभी जाति की विधवा औरत की लड़की की शादी के लिए 51 हजार रुपये की राशि अनुदान में दी जाती है, जिसमें से 46 हजार रुपये शादी के समय और 5 हजार रुपये शादी रजिस्ट्रेशन के उपरान्त दी जाती है। इसके अतिरिक्त महिला खिलाड़ी के विवाह पर 31 हजार रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछड़े वर्ग व सामान्य जाति के परिवार की लड़की शादी में 11 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, जिसमें से 10 हजार रुपये शादी के समय और एक हजार रुपये शादी रजिस्ट्रेशन होने के बाद दिया जाता है। इसके अलावा इस योजना के तहत किसी भी जाति के गरीब परिवार जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है, उस परिवार को भी लड़की की शादी में 11 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है।

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                       उपायुक्त ने बताया कि विभाग द्वारा अत्याचार निवारण अधिनियम योजना के तहत भी जिन व्यक्तियों पर अत्याचार हुए है, उन्हें विभाग द्वारा अनुदान राशि दी जाती है। जिला में वर्ष 2019-20 के दौरान ऐसे 46 लाभार्थियों को 59 लाख 35 हजार रुपये की राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जातीय आधार पर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों पर होने वाले अत्याचारों जैसे भूमि पर कब्जा करना, हत्या, डकैती, आगजनी, बलात्कार, नरसंहार आदि से पीडि़त हो उनको अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत 85 हजार रुपये से 8 लाख 25 हजार रुपये की राशि आर्थिक सहायता के रूप में दी जाती है।

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                       उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतर्राजातीय विवाह योजना के तहत वर्ष 2019-20 में जिला के 50 लाभार्थियों को 58 लाख 58 हजार रुपये की राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य के स्थाई निवासी अनुसूचित जाति के लड़का या लड़की के विवाह करने पर 2 लाख 50 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है। यह राशि वर-वधू के संयुक्त खाते में जमा होती है और आवेदन प्राप्त होते ही एक लाख 25 हजार रुपये संयुक्त बैंक खाते में तथा एक लाख 25 हजार रुपये संयुक्त 3 वर्षीय सावधी बैंक खाते में देने का प्रावधान किया गया है।

                       उपायुक्त ने बताया कि पंचायत प्रोत्साहन योजना के तहत अनुसूचित जाति के कल्याण हेतु सराहनीय कार्य तथा स्वच्छ भारत अभियान में भागीदारी करने वाली पंचायतों को प्रोत्साहन स्वरुप लाभ प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान एक पंचायत को 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। उन्होने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक सादे कागज पर पंचायत प्रस्ताव सहित आवेदन पत्र संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी की रिपोर्ट सहित जिला/तहसील कल्याण अधिकारी ककार्यालय में जमा करवाने होंगे।


                       उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना भी विभाग द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, विमुक्त, घुमंतु / अर्ध घुमंतु, टपरीवास व पिछड़े वर्ग के छात्रों में प्रतिस्पर्धा व उत्कृष्टता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों को कक्षावार प्रतिशत्ता के आधार पर 8 हजार रुपये से 12 हजार रुपये की राशि वार्षिक छात्रवृति के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। डॉ अंबेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत 3 हजार 565 छात्रों को 2 करोड़ 85 लाख 61 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरुप प्रदान की गई है।

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केंद्र के नए अध्यादेश किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में अहम कदम : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 19 अगस्त।

किसान वन नेशन वन मार्किट की तर्ज पर देश में कहीं पर भी और किसी को भी बेच सकेगा अपनी उपज


                    उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि हाल ही में केद्र सरकार कृषि संबंध में तीन अध्यादेश लाई है। ये अध्यादेश किसानों के लिए लाभप्रद साबित होंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी के लक्ष्य की प्राप्ति को बढावा मिलेगा। इन अध्यादेशों से किसानों को काफी फायदा होगा। अब वन नेशन वन मार्केट की तर्ज पर किसानों को अपनी उपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आजादी होगी। इससे कृषि उपज का बाधा मुक्त अंतर-राज्य व्यापार संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इन अध्यादेशों का अहम पहलू है कि किसानों को अपना उत्पाद मंडी तक ले जाने की बाध्यता नहीं होगी और इससे एक देश एक बाजार की संकल्पना को बढ़ावा मिलेगा।

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उपज का मिलेगा लाभकारी मूल्य, किसानों की आय में होगा इजाफा

                    उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इन अध्यादेशों से किसानों की आय में इजाफा होगा और वह अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया है। इस फैसले से उत्पादन, भंडारण, ढुलाई और वितरण करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा। सिर्फ अकाल, प्राकृतिक आपदा, युद्ध और कीमतों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी जैसी हालात में ही इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है।

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                    उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ केन्द्र सरकार ने मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 को भी स्वीकृति दे दी है। यह अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर सामानों की खरीद बिक्री की आजादी देगा। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के लिए एक देश एक बाजार की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। केन्द्र सरकार के तीन अध्यादेशों के जरिए लाए गए इन कानूनों से किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सकेगा।

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                    उपायुक्त ने कहा कि कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 किसानों को उनकी उपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की इजाजत देता है। अब यह सचमुच वन नेशन वन मार्केट होगा। किसान अपना प्रोडक्ट खेत में या व्यापारिक प्लेटफॉर्म पर देश में कहीं भी बेच सकते हैं इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य है कि किसानों की आय को दौगुना की जाए। इस लक्ष्य को लेकर सरकार नीतियों को लागू कर रही है। इन नीतियों को हरियाणा प्रदेश में राज्य सरकार के आदेशानुसार अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इन नीतियों से किसानों को सीधा फायदा होगा और किसान अपनी इच्छा से किसी भी राज्य के अच्छे बाजारों में जहां उनकी फसल के उंचे दाम मिलते हो, वहां पर अपनी फसलों को बेचने में सक्षम होंगे।

*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

शनिवार व रविवार को बाजार रहेंगे बंद, प्रात: 9 से सायं 6.30 बजे तक खुलेंगी दुकानें : निर्मल नागर

कालांवाली, 18 अगस्त।

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             एसडीएम निर्मल नागर ने बताया कि उप मंडल में कोरोना फैलाव को रोकने के मद्देनजर शनिवार व रविवार को बाजार पूरी तरह से बंद रहेगा। इसके अलावा दुकानों के खुलने व बंद करने के का समय प्रात: 9 से सायं 6.30 बजे तक रहेगा।

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उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र व रिहायशी कालोनियों में स्थित एकल दुकानों को ही शनिवार व रविवार को बंद से छूट दी जाएगी। यदि ग्रामीण क्षेत्र में एक साथ दस दुकानें हैं, उन्हें बाजार माना जाएगा और वहां पर भी शनिवार व रविवार को बंद का नियम लागू होगा। उन्होंने बताया कि मेडिकल हाल, पैट्रोल पंप, दुग्ध उत्पाद व डेयरी की दुकानें हर रोज प्रात: 8 से सायं 8 बजे तक खुली रहेंगी। इसके अलावा होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, कैफे आदि में प्रात: 9 से सायं 8 बजे तक ही सर्विस उपलब्ध करवाई जा सकेगी। रात 8 बजे के बाद बैठाकर भोजन करवाने पर पाबंदी रहेगी, लेकिन इसके बाद रात 10 बजे तक पैकिंग से होम डिलवरी कर सकते हैं। इसी प्रकार वैंडर्स/हॉकर पर भी प्रात: 9 से सायं 6.30 बजे तक का नियम लागू रहेगा। यदि कोई निर्देशों व नियमों की उल्लंघना करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। 

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Web Lecture on NEP at PU

Chandigarh August 18, 2020

The Interdisciplinary Center for Swami Vivekananda Studies,Panjab University organized a Web lecture on the Salient Features of NEP 2020  by Prof.Chaman Lal Gupta, Vice -Chairman, Governing Body Institute of  Advanced Study,Rashtrapati Nivas, Shimla.

Vice Chancellor Prof.Raj Kumar welcomed the speaker and highlighted the main features of NEP 2020. The NEP 2020 aims at that the learning should be holistic, integrated, enjoyable and encouraging. This policy envisions an education system rooted in Indian ethos that will contribute to transform our country into a global knowledge superpower. He categorically stated that while implementing the provisions care should be taken of the infrastructure in place.Thus the implementation cannot be same for all. The clear road map with identified priorities will help us to achieve our goals

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 Prof Chaman Lal Gupta in his presentation threw light on the main features of NEP 2020.In his view this policy will prove as a game changer and benefit us all in understanding our cultural traditions will help us to connect to our roots. The teaching in local languages will help us to bring forth rare manuscripts which are lying unattended.The young students will not suffer in schools because of less number of teachers available but the school clusters will take care of them.The teachers are at the centre of the fundamental reforms in the education system.

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The new education policy must help re-establish teachers, at all levels, as the most respected and essential members of our society, because they truly shape our next generation of citizens. It must do everything to empower teachers and help them to do their job as effectively as possible. The new education policy must help recruit the very best and brightest to enter the teaching profession at all levels.The new education policy proposes to  provide to all students, irrespective of their place of residence, a quality education system, with particular focus on historically marginalized, disadvantaged, and underrepresented group. SCZ  special zones will be created for them to meet their requirement. All curriculum and pedagogy, from the foundational stage onwards, will be redesigned to be strongly rooted in the Indian and local context and ethos in terms of culture, traditions, heritage, customs, language, philosophy, geography, ancient and contemporary knowledge, societal and scientific needs, indigenous and traditional ways of learning etc. – in order to ensure that education is maximally relatable, relevant, interesting, and effective for our students. Stories, arts, games, sports, examples, problems, etc. will be chosen as much as possible to be rooted in the Indian and local geographic context. It must prepare students for more meaningful and satisfying lives and work roles and enable economic independence.For the purpose of developing holistic individuals, it is essential that an identified set of skills and values will be incorporated at each stage of learning, from pre-school to higher education.

  Higher education must form the basis for knowledge creation and innovation thereby contributing to a growing national economy. The purpose of quality higher education is, therefore, more than the creation of greater opportunities for individual employment. The main thrust of this policy regarding higher education is to end the fragmentation of higher education by transforming higher education institutions into large multidisciplinary universities. Such a holistic education shall be, in the long term, the approach of all undergraduate programmes, including those in professional, technical, and vocational disciplines. This policy aims to overcome the social status hierarchy associated with vocational education and requires integration of vocational education programmes into mainstream education in all education institutions in a phased manner. Beginning with vocational exposure at early ages in middle and secondary school, quality vocational education will be integrated smoothly into higher education. It will ensure that every child learns at least one vocation and is exposed to several more. This would lead to emphasizing the dignity of labour and importance of various vocations involving /Indian arts and artisanship.

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The participants interacted with the speaker. The interactive was moderated by Dr.Vishal Sharma. Dr.Monika Aggarwal conducted the proceedings and Dr.Renu Thakur, Coordinator ICSVS proposed the vote of thanks.

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि मंगलवार को पंचकूला में 75 मामले पोजिटिव आए।

पंचकूला 18 अगस्त – उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि मंगलवार को पंचकूला में 75 मामले पोजिटिव आए। इनमें 13 बाहर के शामिल है। चण्डीगढ हिमाचल प्रदेश के 2-2, पंजाब के 7, नारनौल व कुरूक्षेत्र का एक-एक मामला आया है।

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उपायुक्त ने बताया कि पंचकूला के सैक्टर 8 में 4, सैक्टर 19, 20, 21, सैक्टर 9, 10 व पिंजौर एवं आईटीबीपी में तीन-तीन एवं सैक्टर 15 में भी 9 मामले आए है। इसी प्रकार सैक्टर 25, सैक्टर 2, एमडीसी सैक्टर 4 व 5, कुण्डी, सैक्टर 4, कालका, सैक्टर 27 व सैक्टर 17 में भी एक एक मामला पोजिटिव आया है।


उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक जिला के 26152 व्यक्तियों के नमूने लिए गए। इनमें 24143 व्यक्तियों के नमूने नेगेटिव पाए गए और 477 व्यक्तियों के नमूनों के परिणाम आने बाकी है। जिला में अब तक 1531 मामले पोजिटिव पाए गए हैं इनमें पंचकूला के 1267 व 244 बाहरी राज्यों व जिलों से सबंधित है।

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उपायुक्त ने बताया कि जिला में अब 861 पोजिटिव केस ठीक हो गए है तथा 398 मामले एक्टिव हैं तथा शेष रोगियों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा ईलाज किया जा रहा है।

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पंचकूला के शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में 14 सितम्बर तक फौगिंग करने का अभियान जारी किया – उपायुक्त

पंचकूला ्र 18 अगस्त- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेषकर गर्मी एवं बरसात के मौसम में मलेरिया, चिकनगुनिया डेंगू की रोकथाम के लिए पंचकूला के शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में 14 सितम्बर तक फौगिंग करने का अभियान जारी किया है। इस अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में बडी वाहन मशीन एवं ग्रामीण क्षेत्र में छोटी मशीनों के माध्यम से लगातार फोगिंग की जाएगी।

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उपायुक्त ने बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र का अलग अलग फौगिंग का शैडयूल बनाया गया है। इसमें वाहन मशीन से शहरी क्षेत्र एवं छोटी मशीनों से ग्रामीण क्षेत्रों में फौगिंग अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान लगातार सितम्बर माह तक चलेगा। उन्होंने बताया कि 19 अगस्त को नगर निगम क्षेत्र एमडीसी सैक्टर 6 तथा गांव माजरी तथा 20 अगस्त को एमडीसी सैक्टर एक व दो तथा गांव देवी नगर में वाहन में लगी हुई मशीनों एवं छोटी मशीनों से फौगिंग की जाएगी। इसी प्रकार 21 अगस्त को सैक्टर 4 तथा 22 अगस्त को सैक्टर 5 व 6 एवं देवीनगर एवं 23 अगस्त को सैक्टर 7 और हरिपुर में तथा 24 अगस्त को सैक्टर 8 व गांव हरिपुर में फौगिंग का कार्य किया जाएगा।

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उपायुक्त ने बताया कि 25 अगस्त को सैटर 9 व गांव हरिपुर में 26 अगस्त को सैक्टर 10 व रैला में 27 अगस्त को सैक्टर 11 व गांव रैली में, 28 अगस्त को सैक्टर 12 व रैली में 29 अगस्त को सैक्टर 12 ए व रैली में मलेरिया, चिकनगुनिया एवं डेंगू से बचाव के लिए फौगिंग की जाएगी। इसी प्रकार 30 अगस्त को सैक्टर 14 व बुढनपुर में, 31 अगस्त को सैक्टर 15 व गांव बुढनपुर में भी फौगिंग अभियान चलाया जाएगा।

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उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में वन क्षेत्र बढाने के लिए पायलट प्रोजैक्ट के आधार पर 51 गांवों में कोविड वाटिका स्थापित की जाएगी

पंचकूला 18 अगस्त- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में वन क्षेत्र बढाने के लिए पायलट प्रोजैक्ट के आधार पर 51 गांवों में कोविड वाटिका स्थापित की जाएगी जिसके माध्यम के तहत अधिकांश गांवों में पौधारोपण अभियान चलाया गया है। इस अभियान के दौरान जिला में लगभग 7 लाख पौधे लगाए जाएगें।

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उपायुक्त ने बताया कि जिला में तीन वर्षों में वन एवं वृक्षों के तहत क्षेत्र को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर जिला के इन गांवों में ‘कोविड वाटिका’ के माध्यम से गांवों के स्कूल, सार्वजनिक स्थल, पंचायती खाली भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के वन महोत्सव के दौरान जिला में 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यून के निर्देशानुसार जिला में नदी परियोजनाओं को लक्षित करते हुए प्रदेश में वनों के अधीन क्षेत्र को बढ़ाने का भी विजन शुरू किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से शहरी क्षेत्र में नगर वन स्थापित करना, स्कूल नर्सरी स्कीम, 20-सूत्रीय कार्यक्रम के तहत पौधारोपण, नदियों का वनों के माध्यम से संरक्षण, मृदा नमी संरक्षण के लिए लिडार टैक्नोलोजी का उपयोग तथा किसानों को लकड़ी बचाने के लिए राष्ट्रीय ट्रांजिट परमिट शामिल हैं।

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उपायुक्त ने बताया कि नदी संरक्षण के तहत घग्गर नदी के किनारों पर भी पौधे लगाए जाएंगे जिनमें विशेषकर मोरनी हिल्स, पंचकूला को कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूल नर्सरी कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को पौधारोपण कर उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करने की योजना के तहत ऐप लॉच किया गया है, जिस पर विद्यार्थी पौधे के साथ अपनी फोटो अपलोड कर सकता है। इसके हर 6 महीने के बाद उसको प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।


श्री आहूजा ने बताया कि पर्यावरण को बनाए रखने के लिए गिद्धों की जनसंख्या को बढ़ाने के लिए भारत का पहला ‘गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र’ पंचकूला के पिंजौर में स्थापित किया गया है। इसी प्रकार मोरनी स्थित ‘फिजैंट प्रजनन केन्द्र’ में लाल जंगली मुर्गा प्रजाति का सफलापूर्वक प्रजनन करवाया जा रहा है।

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जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसीएस राजीव अरोड़ा।

पंचकूला 18 अगस्त- स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोडा ने निर्देश दिए कि पंचकूला में बढते हुए कोरोना पोजिटिव रोगियों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग अधिक से अधिक कोविड सैम्पलिंग, कंन्टेªक्ट रेसिंग, होम आईसोलेशन आदि गतिविधियों को बढाने पर बल दें।

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अतिरिक्त मुख्य सचिव जिला सचिवालय के सभागार में कोरोना की रोकथाम हेतू आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। आयुक्त फूड एण्ड ड्रग कंट्रोलर अशोक कुमार मीणा व एमडी एनएचएम प्रभजोत सिंह,, उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, सीपी सौरभ सिंह, डीजी स्वास्थ्य सुरजभान कम्बोज, डीसीपी मोहित हांडा, नगर निगम आयुक्त महावीर सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना रोगियों के नजदीक ही केन्द्रों पर सैम्पलिंग की सुविधाएं बढाए। इसके लिए पीएचसी व सीएचसी को भी सैम्पल के लिए शामिल किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा रोगियों के नमूने लिए जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकांश रोगी जिला स्तर पर भय के कारण नहीं आते। इसलिए सैम्पल की व्यवस्था का विकेन्द्रीयकरण किया जाए। इसके अलावा एम्बुलेंस के माध्यम से भी सैम्पलिंग बढाऐं। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस के माध्यम से भी विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा से सैम्पलिंग करनी चाहिए।


श्री अरोड़ा ने कहा कि रोगी के कंट्रेक्ट में आने वाले व्यक्तियों के भी अधिक नमूने लिए जाएं। इसके साथ ही कांउसलर की भी संख्या बढाई जाए ताकि प्रत्येक रोगी को मानसिक रूप से तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि रोगी का पता चलते ही उसे तत्काल मेडिकल में लाया जाए। इस प्रकार आईईसी गतिविधियों को बढाया जाए। जितनी ज्यादा आईईसी गतिविधियां बढेंगी उतना ही कोविड रोकथाम के लिए लोग जागरूक होंगे।


अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अब दो-तीन सप्ताह का समय बहुत ही संवेदनशील है। इसलिए जिला के अधिकारी पूरी तत्परता के साथ कार्य करें। अब तक कोरोना की रोकथाम हेतू लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई गई है उन पर नियमित रूप से पूरी निगरानी बनाए रखें। इसके अलावा होम आईसोलेशन का भी 10 दिन दो बार निरीक्षण करें और इसके साथ ही उसे व्हाटसअप गु्रप के माध्यम से काउंसलिंग करके उसका हालचाल पूछते रहे।


उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग आर्थिक गतिविधियों को जारी रखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे। इसके अलावा मास्क का प्रयोग भी नहीं करते। इसलिए उनके चालान किए जाऐं। उन्होंने जिला स्तर पर कोविड को लेकर रेपिड रिसपोंस टीम का गठन करने को भी कहा। उन्होंने आरोग्य सेतू अपलोड करने ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रहे दूरभाष न0 1075 पर चिकित्सकों से आॅनलाइन सलाह लेने पर भी बल दिया जाए।
उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि जिला में आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से सैम्पल एकत्र करने के लिए सैंटर बढाने, कंट्रेक्ट रेसिंग बढाने, होम आईसोलेशन की दो बार मोनिटरिंग करने तथा रोगी से आॅनलाईन हाल चाल जानने, नियमित रूप से बैठक लेकर समीक्षा करने तथा चिकित्सकों की टीमों का गठन कर विशेष ध्यान रखा जाएगा ताकि कोविड पर पहले की भांति काबू पाया जा सके। उन्हांेने कहा कि जिला में लोगों को जागरूक एवं प्रेरित करने के लिए आईईसी गतिविधियों को भी बढाया जाएगा।


बैठक में एसडीएम पंचकूला रिचा राठी, एसडीएम कालका राकेश संधु, नगराधीश धीरज चहल, सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

MCC Panel meets over generation of revenue

Chandigarh, August 18:- A meeting of committee constituted by Smt. Raj Bala Malik, Mayor, Chandigarh to enhance revenue sources of the Municipal Corporation Chandigarh was held here today, which was attended by members of the committee namely Sh. Rajesh Kumar, Sh. Anil Kumar Dubey, Sh. Mahesh Inder Singh Siddhu, Sh. Satish Kumar Kainth, Sh. Ajay Dutta, Sh. Anil Kumar Garg, Additional Commissioner, Sh. Sanjay Arora, SE (B&R), and Sh. Krishan Pal Singh, SE, Horticulture, Municipal Corporation Chandigarh.

For Detailed News-

During the meeting the financial status and sources to enhance the income of Municipal Corporation was discussed in detail and the following resolutions were recommended:

·        The committee discussed and decided that the entry ticket to the gardens/green belts had already been rejected by the General House and this committee may not discuss about the resolution.

·        Door to door waste collection charges may be implemented in the villages recently merged into the Municipal Corporation.

·        Proposal be prepared about regularization of water connection to the residents outside lal dora and amendment in water bye-laws.

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·        Govt. institutions be included in addition to general public for the one time settlement of water bill defaulters with suggestions of relaxation @ 10% for one time payment, relaxation @ 7% for two installments and relaxation @ 5% for three installments. The committee also recommended to create awareness among masses about the schemes.

·        Proposals be prepared about displaying advertisements in toilet blocks located at Gardens/green belts.

·        Advertisement proposal for connecting passages to the different city markets.

·        Booking of rooms in Community centres on rent bases.

·        Option be explored to run Gyms in community centres through PPP mode.

·        Indoor and outdoor space at community centres be given on rent for organizing exhibitions.

·        Options be explored to rent out gym and exhibition hall in Mahila Bhawan, sector 38.

·        Possibilities be explored to curtail expenditure on celebration of Chrysanthemum show and Rose Festival.

·        Proposal be prepared to sale out pruned branches (fuel wood) through outsource bases.

·        20% cut in fuel to the office vehicles of all officers of Municipal Corporation Chandigarh.

The recommendations will be sent to the General House for further discussion and taking final decision on the agendas approved.