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कच्चे आम का अचार बनाने की विधि

Kacche Aam ka Achar Recipe : 

आपने अक्सर घर के बड़ों को अचार से पानी को दूर रखने वाली हिदायत को जरूर सुना होगा।

क्योंकि अक्सर अचार में पानी पड़ने से खराब हो जाता है।

आमतौर पर अचार को पानी से दूर रखा जाता है। क्योंकि अक्सर अचार में पानी पड़ने से खराब हो जाता है। ऐसे में अगर हम आपको पानी वाले कच्चे आम के अचार के बारे में बताएं, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा।

कच्चे आम का अचार रेसिपी सामग्री

कच्चे आम – 350 ग्राम

पीली सरसों – 50 ग्राम (दरदरी कुटी हुई)

नमक – स्वादानुसार

सरसों का तेल – ¼ कप

सौंफ पाउडर – 2 टेबल स्पून

लाल मिर्च पाउडर – 1 टेबल स्पून

सफेद सिरका – 2 टेबल स्पून

हल्दी पाउडर – 2 चम्मच

मेथी दाना – 1 चम्मच

राई के दाने – 1 चम्मच

सौंफ – 1 चम्मच

हींग – ¼ चम्मच

कच्चे आम का अचार रेसिपी सामग्री

  • कच्चे आम का पानी वाला अचार रेसिपी बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे आम को अच्छी तरह से साफ पानी से धोकर, साफ कपड़े से पोंछ लें।
  • इसके बाद आम को चाकू की मदद से काट लें और गुठली को अलग कर दें।
  • अब एक बड़े बर्तन में दरदरी कुटी पीली सरसों, दरदरी कूटी हुई सौंफ, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक और पानी डालकर सभी चीजों को अच्छे से मिक्स कर लें।
  • इसके बाद मसाले में आम के टुकड़ों को डालकर मिक्स कर लें।
  • अब एक पैन में तेल डालकर गर्म करें, फिर उसमें मेथी, राई के दाने, हींग डालकर भूनें और सिरके के साथ आम के अचार के मिश्रण में डालकर मिक्स कर लें।
  • अब कच्चे आम के पानी वाले अचार को एक कांच की बर्नी या कंटेनर में भरकर 3-4 दिनों के लिए धूप में रखें। रोजाना अचार को हिलाते रहें। जिससे मसाले अचार में अच्छे से मिक्स हो सकें।
  • अब तैयार यानि कच्चे आम के पानी वाले अचार के नरम होने पर अपने मनपसंद खाने के साथ खाएं।
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Fani Cyclone : ओडिशा के तट से टकराएगा, सबसे भीषण तूफान, जानिए आगे ?

ओडिशा :

Fani Cyclone : तटीय ओडिशा में चक्रवात फैनी की वजह से बारिश और तेज हवाएं चलने के बीच करीब 12 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

साथ ही लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है। यह तूफान पुरी के पास सुबह साढ़े नौ बजे दस्तक देगा। अत्यंत प्रचंड च्रकवात ओडिशा के तट की ओर बढ़ रहा है और यह अनुमानित समय दोपहर बाद तीन बजे से बहुत पहले ही सुबह में तटीय क्षेत्र से टकराएगा।

इस बीच, मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय तटरक्ष बल और नौसेना ने भी राहत इंतजाम में अपने पोत और कर्मियों को तैनात किया है।

तट रक्षक बल ने ट्वीट कर कहा कि चक्रवाती तूफान फैनी को देखते हुए 34 राहत दलों और चार तटरक्षक पोतों को राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है।

बता दें कि फैनी तूफान के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। तटीय इलाके के लोगों को दूसरी जगह पर भेज दिया गया है। ओडिशा के भुवनेश्वर हवाई अड्डे (बीबीआई) से गो-एयर की सभी उड़ानें तीन मई 2019 तक रद कर दी है।

राज्य के मुख्य सचिव ए पी पधी ने कहा कि चक्रवात के धार्मिक नगरी पुरी के बेहद करीब शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचने की आशंका है और इसके यहां टकराने की पूरी प्रक्रिया चार-पांच घंटे की होगी।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान घरों के अंदर ही रहें और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

ओडिशा सरकार द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य पहले से ही किया जा रहा है। सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा रहे लोगों के रहने के लिए लगभग 900 तूफान आश्रय स्थल पहले ही तैयार कर लिए गए हैं। 

भारतीय मौसम विभाग ने आगाह करते हुए कहा कि लगभग 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहर उत्पन्न होने की प्रबल आशंका है, जिससे तटीय क्षेत्र से तूफान के टकराने के समय ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है।

कैबिनेट सचिव ने राज्यों एवं केन्द्र की विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि असुरक्षित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों एवं तूफान संबंधी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया जाए और आवश्यक खाद्य पदार्थों, पेयजल एवं दवाओं का इंतजाम किया जाए।

भारतीय तट रक्षक बल और भारतीय नौसेना ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए पोतों तथा हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है जबकि भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को तीन राज्यों में तैयार रहने को कहा गया है।

कैबिनेट सचिव ने आम जनता के लिए एक केन्द्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने केन्द्रीय मंत्रालयों से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा है, ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में समुचित समन्वय स्थापित किया जा सके।

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आज अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2019 है, जिसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है

दुनियाभर में 1 मई का दिन अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 

World Labor Day 2019

जो हर बाधा को करता है दूर, उसका ङटकर मुकाबला करता है, उसका नाम है मज़दूर !

मज़दूर दिवस की शुभकामनाएं!

मई दिवस और मजदूरों की कुर्बानियों के इतिहास के बीच यह भी गौरतलब है कि लड़ कर हासिल तमाम मजदूर अधिकारों का आज छीनने का दौर चल रहा है।

आज अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2019 है, जिसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है ,

मजदूर दिवस।

आज ही के दिन 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने पूंजीवादी शोषण के खिलाफ और काम के घंटे निर्धारित किये जाने, यूनियन बनाने के अधिकार समेत तमाम मजदूर अधिकारों के लिए ऐतिहासिक हड़ताल की थी।

इस हड़ताल पर बर्बर दमन ढाया गया। कई दिनों तक चले संघर्ष में कई मजदूर हताहत हुए और 8 मजदूर नेताओं को तो एक साल बाद नवम्बर 1887 में फांसी पर चढ़ा दिया गया।

8 घंटे का कार्यदिवस जो पूरी दुनिया मे लागू हुआ, उस अधिकार के लिए मजदूरों की कुर्बानियों के इतिहास का प्रतीक दिन है-मई दिवस। भारत में भी मजदूर अधिकारों के संघर्षों की लंबी परम्परा है।

उसके बाद निरन्तर कपड़ा मिलों, जूट मिलों समेत तमाम कारखानों में मजदूर अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहे और हड़ताल को संघर्ष के सब से प्रभावी हथियार के तौर पर उपयोग में लाते रहे।

1908 में देश के मजदूरों ने पहली राजनीतिक हड़ताल की। लोकमान्य तिलक को जून 1908 में अंग्रेजों ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के खिलाफ हजारों मजदूर सड़कों पर उतर आए। जुलाई के महीने में जब मुकदमें की कार्यवाही शुरू हुई तो मजदूरों का संघर्ष और तीखा हो गया।

रूस के क्रांतिकारी नेता कामरेड लेनिन ने इस हड़ताल का स्वागत किया और कहा कि तिलक की गिरफ्तारी के खिलाफ उभरा मजदूरों का यह संघर्ष और उससे पैदा हुए वर्ग चेतना अंग्रेजी साम्राज्य को नेस्तनाबूद कर देगी।

मई दिवस और मजदूरों की कुर्बानियों के इतिहास के बीच यह भी गौरतलब है कि लड़ कर हासिल तमाम मजदूर अधिकारों का आज छीनने का दौर चल रहा है। 8 घण्टे काम का अधिकार हो या यूनियन बनाने का अधिकार, सब धीरे-धीरे खत्म किये जा रहे हैं।

वाइट कॉलर नौकरीपेशा लोगों की एक बड़ी जमात है, जो स्वयं को मजदूर कहलाना पसंद नही करती, लेकिन पूंजी के शोषण की भरपूर मार झेलती है।

मजदूर अधिकारों और श्रम कानूनों पर हमले के इस दौर में अथाह कुर्बानियों से हासिल इन अधिकारों को बचाने के लिए मजदूरों के एकताबद्ध संघर्ष ही एकमात्र रास्ता हैं।

दुनिया में मजदूर अधिकारों का संघर्ष और भारत मे मजदूर अधिकारों के संघर्ष का इतिहास बताता है कि दुनिया भर में मजदूरों ने एक ही तरह से लड़ कर अपने अधिकार हासिल किए हैं।

इसलिये आज जो मई दिवस को बाहरी बता रहे हैं, वे मजदूरों की कुर्बानियों के समूचे इतिहास को ही मिटा देना चाहते हैं। वे मजदूरो के पक्षधर लोग नही हैं। वे मजदूरों के जायज हकों पर डाका डालने वाले, सत्ता में बैठे बाउंसर हैं।

इसलिए मजदूरों के कुर्बानियों के इतिहास में दरार पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ मजदूरों की एकता के जरिये मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।

दुनियाभर के मेहनतकशों की एकजुटता का आह्वान करने वाले कार्ल मार्क्स के नारे को बुलन्द करें- दुनिया के मजदूरो, एक हो।

जो हर बाधा को करता है दूर, उसका ङटकर मुकाबला करता है, उसका नाम है मज़दूर !

“मज़दूर दिवस की शुभकामनाएं”!

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पवनपुत्र श्री हनुमान जयंती 19 अप्रैल 2019

हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा को श्री हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार 19 अप्रैल को हुनमान जयंती है।

आपको बता दें कि भक्‍त अपनी-अपनी मान्‍यताओं के अनुसार साल में अलग-अलग दिन हनुमान जयंती मनाते हैं।हालांकि उत्तर भारत में चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली हनुमान जयंती अधिक लोकप्रिय है।

पवनपुत्र हनुमान को भगवान शिव का 11वां अवतार माना जाता है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव 19 अप्रैल यानी आज मनाया जा रहा है।

भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।

मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है।

घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है। शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है।श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है।

मंदिर में बजरंगबली के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही।

इस बात का रखें कि हनुमान के सामने घी का या फिर चमेली के तेल का ही दीपक जलाएं।

स्नान करने के बाद ही प्रसाद तैयार करें। पूजा में हनुमान जी को लाल रंग का ही फूल चढ़ाएं।

जयंती पर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।

हनुमान : ॐ श्री हनुमते नमः।

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राम नवमी हिन्दू धर्म में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है

रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता है।

धर्मशास्त्रों के अनुसार राम नवमी के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म रावण के अंत के लिए हुआ था।

हिन्दू धर्म में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में रामनवमी का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन उपवास और ब्राह्मणों को भोजन कराना भी बहुत फलदायक है। कहते हैं ऐसा करने से घर में धन-समृद्धि आती है।

नवरात्रि के व्रत के बाद नवमी के दिन उत्तर भारत के कई राज्यों में कन्या पूजन किया जाता है। इस बार नवरात्रि में के नवें दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है।

13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह दिन में 08:16 बजे तक अष्टमी तिथि होगी

अष्टमी के दिन उत्तर भारत के कई राज्यों में कन्या पूजन किया जाता है।

14 अप्रैल की सुबह 6 बजे से नवमी तिथि लग जाएगी

नवरात्रि के व्रत के बाद नवमी के दिन उत्तर भारत के कई राज्यों में कन्या पूजन किया जाता है।

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Happy Navaratri 2019 – 6 अप्रैल 2019 को पूरे देश में नवरात्र 2019 के पावन दिन शुरू हो जाएंगे

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग अलग 9 रूपों की आराधना की जाती है।

6 अप्रैल 2019 को पूरे देश में नवरात्र 2019 के पावन दिन शुरू हो जाएंगे, साथ ही हिंदूओं का नया साल यानि हिंदू नव वर्ष 2019 शुरू हो जाएगा।

नवरात्रों के पावन दिनों लोग मां दुर्गा की पूजा पाठ करते है और उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। हिंदू ग्रंथों के मुताबिक, अगर कोई भी मां दुर्गा के पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, तो उनकी इच्छा पूरी हो जाती है।

चैत्र नवरात्र 2019 का पावन पर्व यानि 9 दिनों तक तन और मन से केवल आदि शक्ति की ही आराधना की जाएगी।

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग अलग 9 रूपों की आराधना की जाती है।

हर जत्न किया जाता है मां को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का।

नवरात्र पर्व की हिंदू धर्म में खास मान्यता है। ये नौ दिन पूरी तरह से देवी दुर्गा को ही समर्पित होते हैं।

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भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दी गई एक दिन पहले फांसी – 23 March – शहीद दिवस

भारत की आजादी के लिए आज ही के दिन हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले महान स्वंतत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 

भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है

23 मार्च 1931 को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी।

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है

असेंबली में बम फेंकने के बाद भगत सिंह  वंहा से भागे नहीं लेकिन ब्रिटिश सरकार की चालबाजी का शिकार हो गये और गलत आरोप लगाकर उन्हें फांसी की सजा सुना दी गयी ।

भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दिन पहले 23 मार्च को दी उन्हें फांसी दे दी गई थी क्योंकि तीनों वीर सपूतों को फांसी देने का एलान पहले ही किया जा चुका था।

23 मार्च की आधी रात को अंग्रेज हुकूमत ने भारत के तीन सपूतों- भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फंसी पर लटका दिया था। देश की आजादी के लिए खुद को देश पर कुर्बान करने वाले इन महान क्रांतिकारियों को याद करने के लिए ही शहीद दिवस मनाया जाता है।

यह खबर आग की तरह पूरे देश भर में फैल गई थी। लोग ब्रिटिश सरकार पर भड़के हुए थे और वे तीनों वीर सपूतों को देखना चाहते थे।

तीनों को फांसी को लेकर जिस तरह से लोग प्रदर्शन और विरोध कर रहे थे उससे अंग्रेज सरकार डर गई थी। माहौल को बिगड़ता देखकर ही फांसी का दिन और समय बदला दिया गया और एक दिन पहले ही फांसी दे दी।

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शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा

लोकसभा क्षेत्र के इस बार भी हॉट सीट बनने की संभावना है।

“शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा काफी गर्म है”।

राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए है, इस कारण कांग्रेस के पास इस क्षेत्र में कद्दावर नेता का अकाल सा पड़ गया है।

गत चुनाव में कांग्रेस को तीसरे नंबर रहते हुए करारी हार का सामना करना पड़ा था।

इस कारण कांग्रेस की ओर से इस बार मोहम्मद मंसूर अली खान पटौदी की पत्नी एवं सिने तारिका शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा काफी गर्म है।

उनको चुनाव में मैदान उतारने के पीछे तर्क दिए जा रहे है कि वह मुस्लिम समुदाय के साथ हिंदुओं के भी वोट हासिल कर सकती है।

इसके अलावा उनके पंजाबी समाज के भी अच्छे खासे वोट लेने की संभावना है।

दरअसल उनके फिल्म स्टार बेटे सैफ अली खान की पत्नी एवं विख्यात फिल्म हीरोइन करीना कपूर खान पंजाबी समाज की है।

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हनुमान चालीसा पाठ से होने वाले लाभ

सम्पूर्ण हनुमान चालीसा के पाठ में हनुमान जी की शक्तियों का वर्णन किया गया है |

इस पाठ के माध्यम से ही हम हनुमान जी की आराधना करने के साथ-साथ उन्हें उनकी शक्तियों का भी स्मरण कराते है जिससे वे शीघ्र प्रसन्न होकर हमें फलीभूत करते है |

कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं

हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए |

इसलिए जितना शीघ्र हो सके आप इसे याद कर ले |

सुबह का एक समय निश्चित कर प्रतिदिन उसी समय पर हनुमान चालीसा का पाठ करे |

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहन लें.

– अपना मुंह पूर्व दिशा में या दक्षिण दिशा में रखकर लाल आसन पर बैठें.

– हनुमान जी की फोटो को पूर्व या दक्षिण दिशा में लाल वस्त्र बिछाकर रखें.

– गाय के घी या तिल के तेल का दिया जलाएं और एक लोटे में जल भरकर रखें और हनुमान जी के सामने 3 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें.

– गुड़ या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.

– ऐसा लगातार 11 मंगलवार करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है.

हनुमान जी के ऐसे मंदिर जहाँ हनुमान जी को चौला चढ़ाया जाता हो, उस मंदिर में जाकर हनुमान जी के चरणों से थोड़ा सा सिन्दूर एक डिब्बी में घर ले आये अब डिब्बी में और सिन्दूर व थोडा चमेली का तेल मिलाकर रखे ले

रोजाना पूजा पर बैठते समय सबसे पहले हनुमान जी का ध्यान करते हुए इस सिन्दूर से स्वयं को तिलक करे |

लाल या पीले वस्त्र धारण कर लाल ऊनी आसन बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठ जाये साथ में एक लौटे में जल और प्रसाद रूप में कुछ मीठा रखे |

अब चमेली के तेल का दीपक प्रज्वल्लित करे |

पानी के लौटे को हनुमान जी की प्रतिमा के सम्मुख रखकर आदरपूर्वक उन्हें ग्रहण करने को कहे |

अब थोड़े मीठे को भोग स्वरुप उनकी प्रतिमा के आगे रखे

किसी भी घोर संकट से निकलने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना फलदायी माना गया है | इसके अतिरिक्त मनोकामना पूर्ति हेतु व भविष्य को सुरक्षित बनाने हेतु भी हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है |

हनुमान चालीसा

दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। 

चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। 

रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। 

महाबीर बिक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।। 

कंचन बरन बिराज सुबेसा।कानन कुंडल कुंचित केसा।। 

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।कांधे मूंज जनेऊ साजै। 

संकर सुवन केसरीनंदन।तेज प्रताप महा जग बन्दन।। 

विद्यावान गुनी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।। 

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।राम लखन सीता मन बसिया।। 

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।बिकट रूप धरि लंक जरावा।। 

भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्र के काज संवारे।।

 लाय सजीवन लखन जियाये।श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। 

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। 

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। 

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।नारद सारद सहित अहीसा।। 

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। 

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।राम मिलाय राज पद दीन्हा।। 

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।लंकेस्वर भए सब जग जाना।। 

जुग सहस्र जोजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। 

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते।सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। 

राम दुआरे तुम रखवारे।होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।तुम रक्षक काहू को डर ना।। 

आपन तेज सम्हारो आपै।तीनों लोक हांक तें कांपै।। 

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।महाबीर जब नाम सुनावै।। 

नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

 संकट तें हनुमान छुड़ावै।मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

 सब पर राम तपस्वी राजा।तिन के काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै।सोइ अमित जीवन फल पावै।। 

चारों जुग परताप तुम्हारा।है परसिद्ध जगत उजियारा।।

 साधु-संत के तुम रखवारे।असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।अस बर दीन जानकी माता।। 

राम रसायन तुम्हरे पासा।सदा रहो रघुपति के दासा।। 

तुम्हरे भजन राम को पावै।जनम-जनम के दुख बिसरावै।। 

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।। 

और देवता चित्त न धरई।हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।। 

संकट कटै मिटै सब पीरा।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।। 

जै जै जै हनुमान गोसाईं।कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। 

जो सत बार पाठ कर कोई।छूटहि बंदि महा सुख होई।। 

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।होय सिद्धि साखी गौरीसा।। 

तुलसीदास सदा हरि चेरा।कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।  

दोहा :पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।


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शनिवार का कारक शनि है, विशेष रूप से इस दिन ऐसे कामों से बचना चाहिए

ज्योतिष में शनि को न्यायाधीश माना गया है।

ये ग्रह हमारे कर्मों का फल प्रदान करता है।

शनि की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर होंगे।

जिन लोगों के कर्म गलत होते हैं, उनके लिए शनि अशुभ हो जाता है।

शनि के अशुभ होने से किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है, साथ ही घर-परिवार में परेशानियां बढ़ सकती हैं।

शनिवार का कारक शनि है और विशेष रूप से इस दिन ऐसे कामों से बचना चाहिए, जिनसे कुंडली में शनि अशुभ हो सकता है।

हनुमान के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

अगर आप पर शनि की अशुभ दशा चल रही है तो मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

शनिदेव गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस कारण जो लोग गरीबों का अपमान करते हैं, गरीबों को परेशान करते हैं, शनि उनके जीवन में परेशानियां बढ़ा देता है।

शनिवार को घर में लोहा या लोहे से बनी चीज लेकर नहीं आना चाहिए। इस दिन लोहे की चीजों का दान करना चाहिए।

शनिदेव के लिए काले तिल का दान करें।

शनिवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए।

पूजा के बाद सात परिक्रमा करें।

शनिवार को जूते-चप्पल का दान किसी गरीब को करेंगे तो शनि के दोष दूर हो सकते हैं।