’श्री माता मनसा देवी पर चोला अर्पित करने की ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया शुरू’

सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने बताया कि हरियाा सरकार हैफेड व सहकारी मिलों को बढावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है ताकि किसानों को उनके गन्ने का उचित भाव दिलाने के साथ साथ सहकारी मिलों में भी चीनी उत्पादन को बढाया जा सके।

पंचकूला 25 सितम्बर- सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने बताया कि हरियाा सरकार हैफेड व सहकारी मिलों को बढावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है ताकि किसानों को उनके गन्ने का उचित भाव दिलाने के साथ साथ सहकारी मिलों में भी चीनी उत्पादन को बढाया जा सके।

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सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार हैफेड के उत्पादनों की पहंुच आम आदमी तक सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। सरकार ने सोनीपत जिले के बरोदा में हैफेड की आरे से अति आधुनिक चावल मिल स्थापित की जाएगी। इस मिल में बासमती चावल सहित चावल की विभिन्न किस्मों की मिलिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि बरोदा में लगने वाली चावल मिल पर लगभग 12 करोड की लागत आएगी। इस मिल की मिलिंग क्षमता 4 घण्टे प्रति मिट्रिक टन होगी।

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उन्होंने कहा कि चावल मिल की स्थापना होने से क्षेत्र के किसानों ही नहीं बल्कि आसपास के किसानों को भरपूर लाभ मिलेगा ओर किसानों को उनकी उपज के लाभकारी मूल्य मिलेंगे। इसके अलावा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सुलभ होंगे।

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दैनिक ई लोक अदालत का शुभारम्भ करते हुए प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं न्यायाधीश राजीव शर्मा।

पंचकूला 25 सितम्बर- हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजीव शर्मा ने प्रदेशभर में दैनिक ई-लोक अदालतों का उद्घाटन किया। अब इनमें विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान केे लिए तथा वादकारियों की मदद करने के लिए दैनिक ई-लोक अदालत की कार्रवाई शुरू हो गई है।

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राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि दैनिक ई-लोक अदालत आयोजित करने की अवधारणा को हालसा ने वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के उपयोग से उनकी शिकायतों का निपटान करने के लिए एक समाधान प्रदान करने की पहल के रूप में शुरू किया है।


न्यायाधीश राजीव शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि ई-लोक अदालतों की सफलता के कारण और वादकारियों के नियमित लाभ के लिए दैनिक ई-लोक अदालतें शुरू की जाएंगी, जिनमें न्यायालयों द्वारा इलैक्ट्रोनिक प्लेटफाॅर्म के आधार पर मामलें उठाए जाऐंगे। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने पहले ही 18-09-2020 को सफलतापूर्वक ई-लोक अदालत का आयोजन किया जिसमें कुल 8538 मामलों का निपटारा किया गया था। दैनिक ई-लोक अदालत की शुरूआत पहले से ही निर्धारित नींव पर निर्माण करने के लिए एक कदम ओर आगे है। उन्होंने वादकारियों को हो रही कठिनाईयों पर भी प्रकाश डाला।

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उन्होंने हालसा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से सीधे या जिला प्रशासन के माध्यम से लाॅकडाउन की अवधि में कैदियों को रिहा करना, भोजन प्रदान करना, मास्क वितरण, हैण्ड सैनिटाईजर व प्रवासियों की मदद आदि प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आवश्यक राहत प्रदान करने और न्यायालयों में विवादों के सौहार्दपूर्ण निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए प्रोद्योगिकी के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता की परिकल्पना की और यह भी कामना की कि यह पहल एक जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर न्याय प्रदान करने वाला मील का पत्थर साबित होगा।


प्राधिकरण, सदस्य सचिव प्रमोद गोयल ने कहा कि दैनिक ई-लोक अदालत कोविड-19 महामारी के कारण न्यायालयों के काम करने पर प्रतिबंध लगने के दौरान वादकारियों को बहुत आवश्यक राहत प्रदान करेगी। कार्यक्रम में हरियाणा राज्य के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्षों, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट्स/सचिवों, दैनिक ई-लोक अदालतों की बैंचों के पीठासीन अधिकारीगण, अन्य न्यायिक अधिकारीगण, स्थाई लोक अदालत, लोक उपयोगी संेवाओं के अध्यक्षों तथा अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

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अतिक्रमण हटाने के लिए हररोज चलेगा अभियान

पंचकूला, 25 सितंबर  

हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ने एचएसवीपी अफसरों के साथ की बैठक, विकास कार्यों को लेकर कड़े निर्देश

शहर में लंबित विकास कार्यों को पूरा करने के लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के अफसरों को कड़े निर्देश दिए हैं। विकास कार्यों की समीक्षा के लिए विधान सभा सचिवालय में आयोजित बैठक में शहर में जारी प्रोजेक्टों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान अतिक्रमण हटाने, एचएसवीपी संपत्ति की नीलामी, धर्मार्थ संस्थानों के लिए निर्धारित साइटों की स्थिति पर भी चर्चा हुई।

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विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि सेक्टर 23 में बनने वाले मैरिज पैलेस और उसके साथ लगते पार्क का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सेक्टर 24 और 26 के पास निर्माणाधीन घग्गर के पुल का विस्तार से ब्योरा लिया। गुप्ता ने कहा कि शहरवासी इस पुल के बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यहां पुल न होने से लोगों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। इसी प्रकार सेक्टर 28 में प्राइमरी स्कूल और सेक्टर 31 में सामुदायिक केंद्र के निर्माण में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।

ज्ञान चंद गुप्ता ने शहर में हो रहे अतिक्रमण पर काफी सख्ती दिखाई दी। उन्होंने कहा कि एचएसवीपी की प्रत्येक संपत्ति से अवैध कब्जे हटा कर उनका ठीक से बंदोबस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण सहन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही शहर की मार्केटों में दैनिक स्तर पर होने अतिक्रमण को रोकने की हिदायत भी जारी की गई हैं। गुप्ता के मुताबिक कई स्थानों पर कोविड 19 प्रोटोकॉल की अनदेखी करते हुए बड़ी संख्या में विक्रेता और ग्राहक जुटते हैं, ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है। उन्होंने एचएसवीपी अफसरों को निर्देश दिए कि जहां सामान बेचने की अनुमति नहीं है, ऐसे स्थानों पर रेहड़ी फड़ी लगाने की अनुमति न दी जाए। इस पर एचएसवीपी अफसरों ने आश्वासन दिया कि अतिक्रमण हटाने के लिए रोजाना अभियान चलाया जाएगा। बैठक में एचएसवीपी के प्रधान सचिव अपूर्व कुमार सिंह, एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक पंकज यादव, प्रशासक  महावीर कौशिक, इस्टेट ऑफिसर अनिल दून, अधीक्षक अभियन्ता संजीव चौपड़ा मौजूद रहे।

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एचएसवीपी संपत्ति की कीमतें होंगी व्यावहारिक

बैठक के दौरान विधान सभा अध्यक्ष ने एचएसवीपी अफसरों को बताया कि शहर में अनेक स्थानों पर प्राधिकरण की ऐसी संपत्ति पड़ी जिससे सरकार का राजस्व बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार की दरों की ज्यादा दाम होने के कारण इन संपत्तियों की नीलामी नहीं हो पा रही है। इसके लिए उन्होंने एचएसवीपी अधिकारियों से कहा कि इन संपत्तियों के दाम बाजार की मौजूदा दरों के अनुसार संशोधित किए जाए, ताकि इन्हें बेच कर एचएसवीपी का राजस्व बढ़ावा जा सके। इस राजस्व से शहर में विकास कार्यों को गति मिल सकेगी।

तय होगी ठेकों की जगह, ठेकेदार बदलने पर भी नहीं बदलेगी साइट

विधान सभा अध्यक्ष ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए कि शहर में शराब के ठेके के लिए स्थान चिह्नित करें। इन निर्धारित साइटों पर एचएसवीपी अपने खर्चे पर पक्के निर्माण करवाएं। ऐसा होने से अन्य किसी भी स्थान पर ठेकों का निर्माण व शराब की बिक्री नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि ठेकेदार के बदलने पर दूसरे ठेकेदार को यह स्थान अलॉट कर दिया जाएगा। 

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सांकेतिक भाषा मूक-बधिर के लिए सामान्य जन से जुडऩे का सशक्त माध्यम : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण

सिरसा, 25 सितंबर।


मूक-बधिर व्यक्ति सांकेतिक भाषा के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में सामान्य जन से सहज रूप से वार्तालाप कर सकता है। सांकेतिक भाषा मूक-बधिर व्यक्ति के लिए सामान्य जन से जुडऩे का सशक्त माध्यम है।
यह बात आरकेजे श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र के अध्यक्ष एवं उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने सांकेतिक भाषा जागरूकता सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर कही। इस दौरान केंद्र के सहायक निदेशक राजेश कुमार ने उपायुक्त को सांकेतिक भाषा संबंधी पोस्टर भी भेंट कर जागरूकता सप्ताह की शुरूआत की।

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उपायुक्त ने कहा कि केंद्र द्वारा चलाए जा रहे भारतीय सांकेतिक भाषा जागरूकता सप्ताह से मूक-बधिर व्यक्तियों को इससे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर तक चलने वाले इस जागरूकता सप्ताह के दौरान लोगों को भारतीय सांकेतिक भाषा के बारे में जानकारी दी जाएगी। केेंद्र के सभी कर्मचारी अलग-अलग विभागों में जाकर लोगों को सांकेतिक भाषा के बारे मेंं जागरूक कर रहे हैं।

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केंद्र के सहायक निदेशक राजेश कुमार ने बताया कि सप्ताह अभियान के तहत शुक्रवार को पुलिस स्टेशन सदर, सिविल लाइंस स्टेशन, सिविल अस्पताल के सीएमओ, एमडीके इंटरनेशल स्कूल के प्रिंसिपल तथा सेंट जेवियर पब्लिक स्कूल के स्टाफ के सदस्यों के साथ मिलकर भारतीय सांकेतिक भाषा की जानकारी दी गई। लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया कि मूकबधिर व्यक्ति भी समाज की मुख्यधारा मेंं अपनी भारतीय सांकेतिक भाषा के माध्यम से सामान्य जन की तरह वार्तालाप कर सकते हैं। जहां भी केंद्र के कर्मचारी लोगों से मिले तो उन्होंने भारतीय सांकेतिक भाषा को सीखने मेंं दिलचस्पी दिखाई। केंद्र के सभी कर्मचारियों ने जिसमें श्रीमती रेनू ग्रोवर, श्रीमती सुमन वाला, श्रीमती सुनीता सक्सेना, कुमारी भावना व रजनीश कुमार तिवारी ने अलग-अलग जगह पर जाकर भारतीय सांकेतिक भाषा के बारे में लोगों को जागरूक किया।

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Benefits of Learning Coding at Young Age discussed at a Webinar by PU Computer Science

Chandigarh September 25, 2020

A webinar on ‘National Education Policy 2020: Introducing coding at young age’ was organized by the Department of Computer Science and Applications, Panjab University and Vidya Bharti  today.

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 The webinar started with the welcome address by Dr. Rohini Sharma, Chairperson where she discussed that Coding is a basic literacy in this digital age and this idea of introducing coding at young age can be achieved by joint efforts of all the stakeholders. 

PU Vice-Chancellor Prof. Raj Kumar, in his address  stressed upon the collaborative efforts of various stakeholders to implement the ideas proposed in NEP. He added that the reforms will open many doors of opportunities not only for students but also for the country as a whole to become a global knowledge superpower. It will change the perception of the Indian education system from the school level onwards by allowing every student to pursue their interests and excel in the field they desire.

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PU VC opined that  Introducing coding and increasing exposure to technology at a young age will go a long way in helping future generations lead the way to a new world of innovation and creativity, thus, giving children the opportunity to set their own goals and reach new heights debarred of old teaching systems to pull them down. The secret of success for a student lies in making the best use of his capability and capacity to think. Previously the student used to think through  the mind of the teacher and follow their thought process. Coding helps to blossom every single unit of the child’s brain whether being logical thinking or through art integration, mechanics, or analytical thinking. It enables children to enter the world of new-age technology by giving them an arena to develop apps and games or work in the field of robotics and artificial intelligence.

 Sh. Vijay Nadda, Organizing Secretary North Zone, Vidya Bharti was the chief guest who talked on the role of a good teacher in shaping the future of students,  as it is the teacher whose hand the student holds in his journey to success. . He shared his thoughts on the new ‘Shiksha Neeti’ and how it marks an important step by the government to help brighten the future of the nation. 

The keynote speaker Prof. Sanjeev Sofat from PEC, Chandigarh talked on the benefits of learning coding at a young age like development of analytical and computational thinking and problem solving skills. It will lead to algorithmic and structural thinking in kids, that is, they will get the ability to define clear steps to solve a problem and learn how problems can be divided into smaller modules for efficient solutions. Coding concepts inculcate the habit of curiosity and will push the students to ask questions.

 Dr. Parminder Duggal, Principal Ankur School also expressed her views on the topic and Prof. Anu Gupta concluded the webinar by proposing a vote of thanks. The webinar concluded on a positive note that introducing coding in schools will bring positive change in the way kids think about problems.

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चौधरी देवीलाल की 107वीं जयंती के सम्मान दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन, 107 यूनिट रक्त किया गया एकत्रित

सिरसा, 25 सितंबर।


प्रदेश के पुरातत्व संग्रहालय एवं श्रम-रोजगार राज्यमंत्री अनुप धानक ने कहा कि स्वर्गीय चौधरी देवीलाल ने जीवन पर्यन्त गरीब, किसान व कमेरे वर्ग के लिए कार्य किया। उनकी नीतियों में हमेशा गरीब, किसान व मेहनतकश लोगों के हित सर्वोपरि होते थे। कोरोना महामारी के चलते उनकी जयंती पर कोई समारोह का आयोजन न करके रक्तदान शिविर लगाकर उन्हें जो श्रद्धांजलि दी गई है, उसके लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं।

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राज्यमंत्री शुक्रवार को स्थानीय जाट धर्मशाला में चौधरी देवीलाल की 107वीं जयंती के सम्मान दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने रक्तदान कर रहे युवाओं का हौसला बढाते हुए रक्तदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया। राज्य मंत्री ने धर्मशाला के परिसर में स्थित स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर पूर्व विधायक कृष्ण कंबोज, जजपा के जिला प्रधान सरबजीत मसीता, राजेंद्र गनेरीवाला, सुरेंद्र बेनीवाल, नंदलाल बेनीवाल, सुखविंद्र सिहाग, अजय ओला, छिंदरपाल, रणजीत गिल, रणजीत बाना, सुधीर, दीपक शर्मा, लक्की चौधरी, डॉ. अश्वनी शर्मा सहित पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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राज्यमंत्री अनुप धानक ने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। रक्त का दूसरा कोई विकल्प नहीं है। किसी का रक्तदान ही दूसरे का जीवन बचाता है। जिन्होंने आज रक्तदान किया है, वो और भी अधिक भाग्यशाली हैं कि उन्हें चौधरी देवीलाल की जयंति पर रक्तदान करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल का पूरा जीवन गरीब व मेहनतकश लोगों के हितों की नीतियां बनाने में गुजरा। वे हमेशा गरीब व किसान की भलाई के बारे में सोचते थे। उन्होंने कहा कि आज उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की नीतियों का अनुसरण करते हुए जनसेवा कर रहे हैं। दुष्यंत चौटाला ने किसान हित के साथ-साथ 36 बिरादरी के कल्याण के लिए निरंतर गंभीरता से कार्य करते हुए अनेक निर्णय लिए हैं। जिनके भविष्य में सराहनीय परिणाम मिलेंगे।


उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल की जयंती पर उनके सम्मान में सर्व धर्म प्रार्थना सभा, रक्तदान शिविर व पौधारोपण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। रक्तदान की भांति पौधारोपण करना भी एक समाज सेवा है। पर्यावरण सरंक्षण के लिए पौधारोपण आज समय की जरूरत है। उन्होंने उपस्थित सभी से अनुरोध करते हुए कहा कि वे अपने-अपने गांव में जाकर एक-एक त्रिवेणी जरूर लगाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

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युवा नशे की बजाय शिक्षा व खेल में दिखाएं रुचि, राष्ट्र के नवनिर्माण में निभाएं भूमिका : डीआईजी डा. अरुण सिंह

सिरसा, 25 सितंबर।


                  युवाओं को नशे की लत से दूर रहना चाहिए और समाज को जागरुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। सरकार द्वारा नशा के प्रति जागरूकता व इसे खत्म करने के लिए नशा मुक्ति भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत देश के नशा प्रभावित 272 जिलों को चिन्हित किया गया है, जिसमें प्रदेश के सिरसा जिला को भी शामिल किया गया है। सिरसा पुलिस नशे को रोकने के लिए प्रहरी की तरह कार्य कर रही है और इस संबंध में एक टोल फ्री नंबर भी विभाग द्वारा जारी किया गया है।

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                  ये विचार डीआईजी एवं पूर्व पुलिस अधीक्षक सिरसा डा. अरुण सिंह ने चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा गैर शिक्षक कर्मियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आए युवाओं का नशा छुड़वाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास करें ताकि एक अच्छे राष्ट्र के नवनिर्माण में निर्णायक भूमिका निभा सकें। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन विश्व की सर्वाधिक बड़ी चुनौतियों में से एक है, इसलिए मादक पदार्थों की रोकथाम व उनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य नशे के दुष्प्रभावों के प्रति युवा पीढ़ी को जागरूक करते हुए, नशे की लत के शिकार लोगों को नशा मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि युवा नशे से दूर रह कर शिक्षा व खेल की गतिविधियों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि यदि आपके आस पड़ोस में कोई भी व्यक्ति नशे की बिक्री करता है तो उसकी सूचना पुलिस प्रशासन के हैल्पलाइन नंबर 88140-11620, 88140-11626 व 88140-11675 अथवा जिला प्रशासन के नंबर 01666-248890 पर दें, सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।

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                  विश्वविद्यालय के शिक्षकों, गैर शिक्षक संघ तथा छात्र संघ ने डा. अरुण सिंह को शॉल देकर सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इनके कार्यकाल के दौरान सिरसा के अंदर नशे पर अंकुश लगाने के लिए अनेक सराहनीय कदम उठाए गए जिसके लिए ये बधाई के पात्र हैं और विद्यार्थियों ने डीआईजी को आश्वस्त किया कि वे उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर राष्टï्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. अभय गोदारा, डा. ईश्वर मलिक, सुरेंद्र नुईयां, गैर शिक्षक संघ के प्रधान महेंद्र बेनीवाल, रणबीर, छात्र नेता सुमित, पूजा, कर्ण कस्वां, संजय बिश्रोई, समिष्ठïा, किरण सिहाग आदि उपस्थित थे।

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बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में अभिभावक करें जागरूक : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 25 सितंबर।


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि नशे पर अंकुश के लिए प्रशासनिक प्रयास के साथ-साथ अच्छे संस्कारों और लोगों की जागरूकता जरुरी है, क्योंकि सामाजिक एकजुटता से ही किसी भी चुनौती को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों पर निगरानी रखकर और उचित परामर्श के माध्यम से उन्हे सही दिशा की ओर अग्रसर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई नशा करता है, तो उसका नुकसान व तकलीफ सबसे अधिक महिला को ही उठानी पड़ती है। इसलिए महिलाएं भी नशा मुक्त जिला बनाने की मुहिम में साथ आएं और नशा करने व बेचने वालों के खिलाफ आवाज उठाते हुए इनकी सूचना बिना डर व झिझक के प्रशासन व पुलिस को दें। उन्होंने कहा कि अगर एकजुट होकर नशे के विरुद्ध आवाज उठाई जाए तो नशे को जड़मूल से उखाड़ा जा सकता है।


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                  उन्होंने कहा कि जिला में अनेक नशा मुक्ति केंद्र कार्य कर रहे हैं, जिनके माध्यम से नशे की लत से पीडि़त व्यक्तियों की इस बुराई से लडऩे में उनकी मदद की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन व्यसनों से ग्रस्त व्यक्ति को नशे के कुचक्र से निकालने के लिए परिवार व समाज के सहयोग व सहानुभूति की आवश्यकता होती है। साथ ही माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को इस बुराई से दूर रखने के लिए उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं, उनकी समस्याएं सुने तथा उनसे मैत्रीपूर्ण व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि नशे के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र / नशा मुक्ति केंद्र / पुनर्वास केंद्र में जाकर इलाज करवाएं। उन्होंने कहा कि एक अच्छे स्वस्थ व स्वच्छ समाज के लिए हम सभी को जागरूक होना होगा तथा इस जागरूकता को जन अभियान बनाकर जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान देना बेहद जरूरी है।


लोक संपर्क विभाग की भजन मंडलियों व सिनेमा यूनिट लोक गीतों व लघु वीडियो फिल्में के माध्यम से लोगों को नशा न करने के लिए कर रही है प्रेरित


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण के दिशा निर्देशानुसार जिला सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की भजन मंडलियों व सिनेमा यूनिट द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिला में जोरशोर से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। विशेष प्रचार अभियान के माध्यम से एक ओर जहां भजन मंडलियां लोक गीतों व भजनों से लोगों को नशा के दुष्प्रभावों के बारे में अवगत करवा रही है वहीं सिनेमा यूनिट लघु वीडियो फिल्म दिखा कर लोगों को नशा के परिवार व समाज पर पडऩे वाले गंभीर परिणामों के बारे में जागरुक किया जा रहा है।

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                  विभागीय भजन पार्टियों व सिनेमा यूनिट द्वारा विशेष प्रचार अभियान के माध्यम से दर्जनों गांवों को कवर किया जा चुका है। प्रचार के दौरान लोगों से नशे में लिप्त युवाओं को नागरिक अस्पताल सिरसा व कालांवाली में स्थापित नशा मुक्ति केंद्रों में उपचार के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा अपील की जा रही है कि नशे से ग्रस्त लोगों को इन नशा मुक्ति केंद्रों में इलाज के लिए भेजें तथा लोगों को नशा न करने के लिए प्रेरित करें।

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International Online Conference on Sustainable Research Technology and Development by UICET, PU

Chandigarh September 24, 2020

Dr. SSBUICET, Panjab University, Chandigarh, in collaboration with DUIET, Assam is organizing a Two days International Online Conference on Sustainable Research Technology and Development (IOCSRT-2020) on September 24- 25,2020 under the aegis of TEQIP-III, a World Bank project offered by MHRD, GOI. 

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The inaugural session   today included briefing about the Conference, TEQIP-III project, Dr. SSBUICET and DUIET. 

The Conference was formally inaugurated by the  Vice Chancellor Prof. Raj Kumar, He opined that Science plays a crucial role for sustainable development and is key to answering many of the questions facing countries across the world today –food security and water management, ocean sustainability, eradicating poverty, ensuring health, and forging new paths to inclusive, sustainable development.

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Building a sustainable world requires overcoming disciplinary boundaries. Interdisciplinary cooperation, on the basis of disciplinary excellence, can contribute to developing an integrated scientific approach aimed at supporting sustainable development. It should be based on a broad understanding of science, covering the whole range of disciplines from natural sciences to engineering to social sciences and the humanities, and address the social, economic and environmental dimensions of sustainable development. Panjab University recognizes that research, especially cross-disciplinary research, is the key success factor to the achievement of a sustainable future for society and communities. Research can help to make ongoing improvements in sustainability measures, products and policies. It can also help to encourage and induce societal efforts and opportunities in bringing about sustainability changes to our natural and human systems. Such research inevitably crosses the traditional divide between the sciences and engineering, humanities and law, and education, to produce new and refreshing possibilities in research and its outcomes. The divisions into traditional disciplines as well as the distinct separation of science from society have to be overcome. Also, global scientific cooperation – on a level playing field – needs to be increased.

That is why  PU has created various verticals for interdisciplinary and multi-disciplinary approach to societal problems. All seminars and workshops are designed by involving multiple Departments and Centres, he added.

The Vice Chancellor, BHU Varanasi Prof. Rakesh Bhatnagar in his address congratulated on the theme of the conference. In the message sent from BHU, he emphasized on the need of sustainable technologies in the present scenario.

 The keynote address was delivered by Prof. G.D. Yadav, Emeritus Professor of Eminence and Excellence, Former Vice Chancellor, ICT Mumbai. He clearly mentioned the energy intensive issues raised by the present Industry. Citing a large number of applications, he talked about the alternatives which are actually sustainable and offer a cyclical phenomenon of life and death.

Over a span of two days, the conference will include a number of  plenary lectures, invited talks and oral/poster presentations in various parallel sessions. The thrust areas of the event include Nanomaterials and Nanotechnology, Green and Sustainable energy, Waste Management, Biochemical Engineering, Process Modeling, Simulation & Optimization and Advanced Separation Technologies, Catalysis & Reaction Engineering, Process Intensification, Food & Nutrition, Polymers & Composites, Petroleum Refining & Petrochemicals, Process Engineering Control & Automation.  The plenary speakers include Prof. Vijay K. Thakur, SRUC, UK, Prof. Meyya Meyyapan, Chief Editor, Mat Res Exp, NASA Ames lab and Prof. Anantha Ramakrishna, Director, CSIO, Chandigarh and Prof. Sarit K. Das, Director IIT Ropar.. The main topics of talks include Sustainable Materials Research From Past To Future: The Way Forward, Design ,synthesis and application of Faceted Titania, Nanostructured Metal Oxides based Hybrid Supercapacitors, Plasmonics and Nanotechnology and many more. About 100 participants are part of the event.

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Examination for 166 Subjects being Conducted Today by PU

Chandigarh September 24, 2020

Around 10,000 students appeared today for a record number of Examination of 166 subjects being conducted by Panjab University Chandigarh.

Today, apart from exams being conducted in three slots, one exam in the slot 730pm-930pm is rescheduled due to UGC NET.

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Prof Parvinder Singh, Controller of Examination informed that despite all odds due to Covid-19 pandemic, the team of examination branches are making  strenuous efforts by working 24×7 for their  whole hearted support in the larger interest of students .

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