सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

पराली न जलाने का संकल्प लेकर पराली प्रबंधन को बनाया आमदनी का जरिया

सिरसा, 22 अक्तूबर।


                  खुशहाल जीवन और नई मंजिले पाने का सपना तो हर कोई देखता है, लेकिन सपने उनके साकार होते हैं, जिनके हौसलों में उड़ान होती है। जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ-साथ दृढ इच्छा शक्ति व मजबूत इरादे होने चाहिए। अपने परिवार को समृद्ध व खुशहाल बनाने के लिए पनिहारी के किसान रणजीत सिंह पराली प्रबंधन के जरिये न केवल पर्यावरण सरंक्षण में सहयोग दे रहे हैं बल्कि अपनी आमदनी बढाकर दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।

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                  किसान रणजीत सिंह ने खेती के साथ-साथ अन्य संसाधन अपनाकर अपनी आमदनी बढाने का इरादा किया और इन्हीं इरादों को पूरा करने के लिए उन्होंने 2018 में पराली प्रबंधन का कार्य शुरू किया। प्रदेश सरकार की नीतियों व कृषि विभाग के सहयोग के चलते उन्होंने 2019 में एचपी किसान समूह के माध्यम से एक बेलर खरीदा और अनुदान का लाभ भी उठाया। रणजीत सिंह के अनुसार गत वर्ष उन्होंने एक बेलर के माध्यम से दस लाख रुपये की आमदनी की, जिससे उनका हौसला और बढा। इसी हौसले प्रोत्साहित होते हुए उन्होंने इस वर्ष दो बेलर और खरीदे और जिला के विभिन्न क्षेत्रों में पराली प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ-साथ वे किसानों को पराली न जलाने का संदेश देते हुए पराली प्रबंधन अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। रणजीत सिंह ने बताया कि खेती के साथ-साथ पराली प्रबंधन का कार्य अपनाकर हम अपनी आमदनी बढा सकते हैं। इसके अलावा साथ में अन्य व्यवसाय भी अपना सकते हैं। किसान रणजीत सिंह ने बताया कि जिला के किसान भी पराली प्रबंधन को लेकर गंभीर हैं और जिला प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान के माध्यम से पराली न जलाने का संकल्प भी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक वे 60 एकड़ से अधिक एरिया में पराली प्रबंधन कर चुके हैं। किसान रणजीत सिंह  का कहना है कि अगर जिला में कोई भी किसान पराली प्रबंधन करवाना चाहता है तो उनसे सम्पर्क कर सकता है।


बेलर से इस प्रकार होता है पराली प्रबंधन :

                  सहायक कृषि अभियंता डी.एस यादव ने बताया कि उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण के निर्देशानुसार विभाग द्वारा जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णतय अंकुश व पराली प्रबंधन को लेकर गंभीरता से कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग द्वारा गांव स्तर पर भी टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखने के साथ-साथ किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करती हैं और पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने बताया कि पराली का सही प्रबंधन करने से जहां पर्यावरण स्वच्छ रहता है, वहीं भूमि की ऊपजाऊ शक्ति भी बढती है। हैप्पी सीडर, बेलर, फेयर हैट सहित अन्य माध्यमों से कम समय में पराली प्रबंधन किया जा सकता है। बेलर से एक दिन में 30 एकड़ एरिया के धान की फसल के अवशेषों के गठठे तैयार किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बेलर से गठठे बनाने से पहले हैरेक से अवशेषों को लाइन में एकत्रित किया जाता है, ताकि बेलर से गठठे सही प्रकार से बनाए जा सकें। इसके बाद बेलर द्वारा एकत्रित फसल अवशेषों के गठठे बनाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन की यह तकनीक किसानों के लिए आमदनी का जरिया भी है।

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किसानों ने भी माना पराली प्रबंधन को पर्यावरण सरंक्षण व आमदनी बढाने में सहयोगी :


                  धान की फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों का जहां पर कई जागरूक किसान सही प्रबंधन करके इसे आमदनी का जरिया बनाने के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण मित्र बन रहे हैं। ये किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं। ऐसे ही किसान हैं सुरेंद्र कुमार, हरप्रीत सिंह, बलदेव प्रकाश, सतपाल सिंह व मांगे राम जो पराली को जलाने की बजाए उसका सही प्रबंधन करके अच्छी आमदनी ले रहे हैं। इनका मानना है कि जब से उन्होंने पराली का प्रबंधन करना शुरू किया है, तब से न केवल आमदनी बढी है, बल्कि भूमि की ऊपजाऊ शक्ति को भी बढावा मिला है। इनका कहना है कि हमें अपनी भावी पीढी को उपजाऊ भूमि व शुद्ध वातावरण देने के लिए आज ही सजग होना होगा, क्योंकि बढता प्रदूषण केवल मानव जाति के लिए नहीं बल्कि जीव-जंतुओं के लिए भी बेहद हानिकारक है। किसानों का मानना है कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर पराली न जलाने को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन सामूहिक सहयोग के बिना कोई भी अभियान सफल नहीं हो सकता, इसलिए हम सबको पराली न जलाने का व उसके सही प्रबंधन का संकल्प लेना होगा, ताकि हमारे जिला में पराली जलाने की एक भी घटना न हो।


पराली प्रबंधन करने वाले किसान को दिए जाएंगे एक हजार रुपये प्रति एकड़ या 50 रुपये प्रति क्विंटल : उपायुक्त बिढ़ाण


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करने के लिए कई कारगर योजनाएं क्रियांवित की गई है जिनके सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। पराली न जलाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। सरकार द्वारा फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों पर भारी अनुदान भी दिया जाता है और पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को भी प्रोत्साहन स्वरुप राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जिन किसानों ने बेलर द्वारा धान की पराली का प्रबंधन करवाया था उसकी प्रोत्साहन राशि बेलर मालिक को दी गई थी परंतु इस वर्ष जो किसान अपने धान की पराली का कृषि यंत्र द्वारा पराली प्रबंधन करवाएगा तो उस किसान को प्रति एकड़ अधिकतम एक हजार रुपये या 50 रुपये प्रति क्ंिवटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणासीआरएमडॉटकॉम पर अपना पूर्ण विवरण देकर पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने बताया कि किसान यदि औद्योगिक ईकाई में गांठों को बेचता है तो उसे संबंधित औद्योगिक ईकाई से बिल प्राप्त करना होगा। इसके अलावा यदि पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर गांठों को एकत्रित करता है तो ग्राम पंचायत एंव विभागीय कर्मचारियों द्वारा उसे सत्यापित प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा जिसे किसान द्वारा उक्त पोर्टल पर अपलोड करना होगा ताकि किसान को पराली प्रबंधन बारे प्रोत्साहन राशि दी जा सके।

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सैक्टर 1 स्थित जिला सचिवालय में एनडीआरएफ व जिला प्रशासन के सहयोग से भूकम्प को लेकर माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया।

पंचकूला 20 अक्तूबर- सैक्टर 1 स्थित जिला सचिवालय में एनडीआरएफ जिला प्रशासन के सहयोग से भूकम्प को लेकर माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस माॅक ड्रिल में उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा व एनडीआरएफ गाजियाबाद के डिप्टी कमाण्डेंट कुलेश आनन्द ने सभी विभागों के सहयोग से रेसक्यू आपरेशन किया गया।

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माॅक ड्रिल के दोरान आपातकाल सायरन बजते ही भवन को खाली कर दिया गया और सभी विभागाध्यक्षों ने इंसीडेंट कमाण्डर को अवगत करवाया। अचानक आए भूकम्प में 15 व्यक्ति मलबे में दब गए। उन्हें निकालने के लिए रैस्क्यू किया गया। एनडीआरएफ की टीम ने 8 व्यक्तियों को सकुशल निकाल लिया लेकिन दो व्यक्तियों की कैज्यूलटी हो गई। इसके अलावा सैक्टर 5 स्थित परेड ग्राउंण्ड मेें स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ राहत कैम्प बनाया गया।

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माॅक ड्रील के दौरान एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, जेसीबी आदि सभी आवश्यक उपकरण समय पर पहंुच गए। इसके अलावा एनडीआरएफ ने भी स्टोर, मेडिसन, सैटेलाईट, कम्युनिकेशन आदि के उपकरण लगाए गए। एनडीआरएफ टीम ने रैस्क्यू के दौरान सचिवालय की सबसे उपर की मंजिल से रोप वे के माध्यम से घायलों को बाहर निकाला। इस प्रकार माॅक ड्रिल सार्थक रही।

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USOL,PU celebrated World statistics Day

Chandigarh October 20, 2020

University School of Open Learning, Panjab University organised a webinar on the theme “Connecting the World with Data we can Trust” to celebrate the 3rd World statistics Day, today. Eminent speakers Prof. David D. Hanagal from University of Pune and Prof. B. K. Hooda from CCSHAU, Hisar delivered lectures.

Prof. Madhurima Verma, Chairperson, USOL delivered the welcome address. Over 140 participants  joined this webinar.

 Prof.David D. Hanagal highlighted three different software reliability growth models and found their estimates with the use of three real data sets.

Prof. B. K. Hooda enlightened on the contributions of Statisticians and presented statistical methods for research workers we can trust.

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Vote of thanks was delivered by Dr. Manoj Tiwari,Statistics Coordinator, USOL. The whole program was coordinated by Dr.Richa Sharma, USOL and Mr. Sucha Singh, USOL with their entire team. 

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First eBook on National Education Policy 2020 Released

Chandigarh October 20, 2020

Release of First eBook on National Education Policy 2020: Reflections of Stakeholders

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Since 29th July 2020, when the National Education Policy 2020 was approved by the Union Cabinet, the academic world has been surcharged with Webinars.

In this context, first of its kind an eBook on National Education Policy 2020 was formally released by the Governor of Chhatisgarh, Ms Anusuiya Uikey, today at the National Webinar on National Education Policy 2020: Reflections from Stakeholder organized by the Kushabhau Thakre Patrakarita Avam Jansanchar Vishwavidyalaya (LTPAJV), Raipur. At the event Prof Raj Kumar was the Guest of Honour.

The eBook, compilations of thoughts of stakeholders from the different segments of the strata has been co-edited by Dr Kalpana K Mahajan and Dr Ravi K Mahajan from the Panjab University, Dr Manoj Saxena from HP Central University and Dr Qazi Maher Ali from the Aligarh Muslim University. The book carries reflections from all the corners of the country.

While referring to the emerging collaboration with the universities in France, Prof Raj Kumar, in his address laid emphasis on the Resource Sharing as key to success in the implementation of the National Educating Policy 2020.Professor Raj Kumar shared in particular his experience of the Central Instrumentation laboratory (CIL) of Panjab University. And he envisioned the role of CIL in extending its experience and expertise in the tribal areas of Chhatisgrah. On the implementation of the NEP, Prof Raj Kumar expressed that the onus is on the universities and the faculty has to play a pro-active role.

Governor of Chhatisgarh Ms Anusuiya Uikey in her address referred about the role of educating children in the local language. And she referred about diminishing knowable about the key herbs which is being lost because of ignoring the component of local language.

 At the Webinar Dr Pankaj Mittal, the Secretary General Association of Indian Universities, delivered the Key Note Address. In her address, Dr Pankaj Mittal eulogized on the role of Academic Bank of Credit, which promises an ultimate flexibility to the students. 

The Webinar was also addressed by Prof Baldev Bhai Sharma, the Vice Chancellor of LTPAJV, Raipur and Prof Kuldeep Chand Agnihotri, the Vice Chancellor of the Central University of Himachal Pradesh University. 

More than 700 enthusiasts participated in the event.

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राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान , पंचकूला में   रक्तदान शिविर का आयोजन

Webinar at PU

Chandigarh October 20, 2020

Panjab University Alumni Association in collaboration with Institute of Educational Technology and Vocational Education organized a webinar “ Transforming Indian Education Through NEP 2020: A Roadmap” by Prof. Sanjay Deshmukh,Professor of Life Sciences at Mumbai University.

Prof. Deshmukh discussed the role of Universities in 1960’s which was Creation, Preservation and Dissemination of knowledge. He compared it to role of Universities as viewed today, i.e, Creation of research and innovation, Preservation of academic infrastructure, Dissemination of Knowledge: perception of students on teaching and learning. He said that Universities should not prepare for the future rather they should mould the future.

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He discussed different types of Intelligence and approaches to learning. Speaking about IQ he said that an individual’s intelligence cannot be a fixed quantity that cannot be increased, to which a lot of participants agreed. Then he discussed the seven steps that led to NEP 2020 and the challenges in contemporary times in education, assessment, transformation of agenda etc. Prof Deshmukh discussed the key elements and features of NEP 2020 in detail. He explained every aspect of the policy and said it is the policy for the next generation. He discussed the vision for schools, success indicator of the policy, multidisciplinary approach, ODL for all institutions etc.

Prof. Deshmukh discussed many other key features of the policy and concluded by explaining the last lines of the Gayatri Mantra and quoting from the Rigveda ‘ May all thoughts be inspired by that divine light and dispel the darkness’.

Earlier, Dr. Kanwalpreet Kaur, Chairperson, Institute of Educational Technology and Vocational Education Panjab University welcomed and introduced Prof. Deshmukh.She informed that 

Prof. Sanjay Deshmukh is an internationally acclaimed Life Scientist who holds vast experience of all shades of the academic and education administration paradigm. Prof. Deshmukh is PhD (Mumbai University), DSc (Honoris Causa, RML Avadh Univ., UP) – India; FNESA [LEAD Fellow (INDIA) – Cohort 11] Professor of Life Sciences; Formerly, Vice-Chancellor University of Mumbai. He was the youngest Vice Chancellor of University of Mumbai. He holds extensive field level research experience- spanning over 50 countries. He is also the r ecipient of DSc (honoris causa) from Ram Manohar Lohia Avadh University, Uttar Pradesh, in recognition of monumental research and academic contributions to Higher Education.

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Ms. Sonia Chandel from Panjab University Alumni Association proposed a vote of thanks.

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान , पंचकूला में   रक्तदान शिविर का आयोजन

अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक ने बताया कि खेतों में सौर पम्पों के माध्यम से सिंचाई भी बेहद कामयाब और फायदेमंद साबित हो रही है।

पंचकूला 20 सितम्बर – अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक ने बताया कि खेतों में सौर पम्पों के माध्यम से सिंचाई भी बेहद कामयाब और फायदेमंद साबित हो रही है। सरकार द्वारा किसानों को सौर पंप पर भी अच्छी खासी सब्सिडी दी जा रही है। यह पम्प लगाकर किसान ही नहीं बल्कि गौशालाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है जिससे उनके डीजल पर होने वाले भारी-भरकम खर्च से बच सकते हैं। योजना के तहत 3 एचपी, 5 एचपी, 7.5 एचपी और 10 एचपी तक सौर पंप उपलब्ध हैं । इन पम्पों पर किसान को केवल 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा बाकी की 75 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जाएगी। इस योजना के तहत अनुदान का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा, जो अपने खेत में स्प्रिंकलर सैट (फव्वारा सिस्टम), ड्रिप सिस्टम (टपका सिंचाई) या फिर भूमिगत पाइप लाइन का उपयोग करेंगे।

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अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। सौर ऊर्जा के उपकरणों पर दी जा रही सब्सिडी से अब प्रदेशवासियों का रुझान बढ़ रहा है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ छोटी ढाणियों में भी यह बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। इसके उपयोग से जहां बिजली के बिलों में बचत हो रही है वहीं पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है।

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उन्होंने बताया कि आवेदन करते समय आवेदक को आधार कार्ड, आधार नंबर से जुड़ा बैंक खाता, हरियाणा का निवासी होने का मूल निवासी प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी। इस योजना के तहत घर पर सोलर पैनल लगवाने हेतु आवेदन करने के लिए वेबसाइटं सरल हरियाणा डाॅट जीओवी डाॅट इन पर जाकर अपलोड करना होगा। अधिक जानकारी के लिए 0172-2582337 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान , पंचकूला में   रक्तदान शिविर का आयोजन

माता मनसा देवी मंदिर व काली माता मंदिर कालका में श्रद्वालुओं ने नवरात्र के चतुर्थ दिन माता के चरणों में 12 लाख 36 हजार 332 रुपए राषि नकद श्रद्धालुओं ने चढाई हैै।

पंचकूला 20 अक्तूबर- माता मनसा देवी मंदिर व काली माता मंदिर कालका में श्रद्वालुओं ने नवरात्र के चतुर्थ दिन माता के चरणों में 12 लाख 36 हजार 332 रुपए राषि नकद श्रद्धालुओं ने चढाई हैै। इसके अलावा 59 हजार 200 रुपए की राशि ड्राई प्रसाद वितरण में एकत्र हुई है।

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उपायुक्त एवं मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि श्रद्धालुओं ने माता मनसा देवी मंदिर में 43 सिलवर के नग तथा काली माता मंदिर में 29 सिलवर के नग चढाए है। इस प्रकार 72 नग चांदी का वजन 355 ग्राम है। उन्होंने बताया कि माता मनसा देवी पर कुल 9 लाख 46 हजार 439 रुपए तथा काली माता मंदिर कालका में 2 लाख 89 हजार 893 रुपए की राषि चढाई है। इसी प्रकार प्रसाद वितरण योजना में माता मनसा देवी मंदिर में 100 ग्राम वजन में 30 हजार 400 रुपए तथा 200 ग्राम प्रसाद वितरण में 24 हजार 700 रुपए ओर काली माता मंदिर में 100 ग्राम प्रसाद वितरण में 1500 रुपए व 200 ग्राम प्रसाद वितरण में 1300 रुपए की राषि सहित कुल 100 ग्राम प्रसाद वितरण में 31 हजार 900 रुपए तथा 200 ग्राम वितरण प्रसाद में 26 हजार रुपए की राषि एकत्र हुई है।

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उन्होंने बताया कि कालका में चतुर्थ नवरात्र में लगभग 2310 व माता मनसा देवी मंदिर में लगभग 10051 श्रद्वालुओं का आगमन हुआ है ओर अब तक 68 लाख 40 हजार 978 रुपए की राषि चढाई गई है माता मनसा देवी मंदिर में 54654 व काली माता मंदिर कालका में 12835 श्रद्धालुओं ने मत्था टेका है।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान , पंचकूला में   रक्तदान शिविर का आयोजन

पुलिस विभाग ने कई चोरियों की गुत्थी सुलझाई, साढे 18 लाख रुपये की चोरीशुदा सम्पत्ति बरामद

सिरसा, 20 अक्तूबर।


                    पुलिस विभाग की ओर से सितंबर माह में जिला में आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करते हुए विभिन्न धाराओं के तहत 459 विभिन्न अभियोग दर्ज किए गए हैं। विभिन्न चोरियों की गुत्थी सुलझाते हुए 18 लाख 53 हजार 700 रुपये की चोरीशुदा संपति भी बरामद करने में पुलिस विभाग ने सफलता हासिल की है।

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                    पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज 31 अभियोग दर्ज किए गए जिनमें 837 बोतल शराब ठेका देसी, 193 बोतल शराब नाजायज, 2 चलती भट्टïी, 1973 लीटर लाहण व 24 बोतल अंग्रेजी बरामद की है। जिला में मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम कसने के लिए पुलिस टीम ने विभिन्न स्थानों पर छापामारी की और नारकोटिक अधिनियम के तहत 42 अभियोग दर्ज किए गए जिसमें लगभग 226 किलो 850 ग्राम चूरापोस्त, 20 ग्राम स्मैक, 0.925 ग्राम अफीम, 90 ग्राम गाजा व 380 ग्राम हिरोईन बरामद की गई। उन्होंने बताया कि शस्त्र अधिनियम के तहत 3 अभियोग दर्ज किए गए जिसमें 4 पिस्तोल व 3 कारतूस बरामद किए गए। जुआ अधिनियम के तहत 8 अभियोग दर्ज किए गए जिसके तहत विभिन्न स्थानों पर सट्टे खाईवाली करते हुए व जुआ खेलते लोगों से 57 हजार 590 रुपये की राशि बरामद की गई है।

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जिला में अब तक मिली 23 पराली जलने की घटनाएं, जलाने वालों पर 45 हजार रुपये का लगा जुर्माना

सिरसा, 20 अक्तूबर।


जिला में धान की कटाई शुरू हो गई है। जहां जागरूक किसान फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों का सही प्रबंधन कर रहे हैं, वहींं कई किसान पराली का उचित निपटान करने की बजाए उन्हें जला रहे हैं। जिला में अब तक 23 पराली जलाने की घटनाएं मिल चुकी हैं। पराली जलाने को लेकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 45 हजार रुपये का जुर्माना किया जा चुका है।

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उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि प्रशासन प्रदेश सरकार के जीरो बर्निंग लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रहा है। पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए हरसैक के माध्यम से कड़ी निगरानी की जा रही है। अब तक जिला में हरसैक की रिपोर्ट के आधार पर 23 घटनाएं पराली जलाने की मिली हैं। पराली जलाने वालों पर अब तक 45 हजार रुपये का जुर्माना किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए गांव स्तर पर कमेटी गठित की हुई है। यह कमेटी हरसैक से मिली रिपोर्ट पर तुरंत मौके पर पहुंचकर आगामी कार्रवाई अमल में ला रही है।


उपायुक्त ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे पराली को न जलाएं। पराली जलाने से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रदूषित वातावरण जहां अनेकों बीमारियों को जन्म देता है, वहीं अस्थमा से ग्रस्त लोगों व बच्चों के लिए बड़ा ही घातक सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि किसान भाई पराली को जलाने की बजाए उसका प्रबंधन करके दो कार्य अपने व सर्वहित में कर सकते हैं। एक पराली का प्रबंधन करके किसान अपनी आय में बढोतरी कर सकते हैं, दूसरा पराली का उचित निपटान करके पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी बन सकते हैं।

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जीरो बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त करने वाली पंचायतें होंगी सम्मानित :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि प्रदेश सरकार कृषि विभाग के माध्यम से ऐसी पंचायतें जोकि सरकार के जीरो बर्निंग लक्ष्य की दिशा में बेहतर कार्य करेंगी, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इसलिए सरपंच गांव में लोगों को पराली न जलाने की लिए जागरूक करें। ग्रामीणों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के साथ-साथ उन्हें प्रशासन की ओर से पराली जलाने पर की जाने वाली कार्रवाई बारे भी अवगत करवाएं।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर 20 अक्तूबर को 11 बजे भूकम्प पर माॅक ड्रील का आयोजन किया जाएगा।

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पंचकूला 19 अक्तूबर- उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर 20 अक्तूबर को 11 बजे भूकम्प पर माॅक ड्रील का आयोजन किया जाएगा। जिला प्रशासन व एनडीआरएफ दिल्ली व पंचकूला की टीम के सहयोग से आयोजित इस माॅक ड्रिल में अचानक भूकम्प आने पर किस प्रकार से जान व माल की हानि को रोका जा सकता है और पीड़ितों को तुरंत स्वास्थ्य सेवाओं के साथ साथ खाद्य सामग्री आदि मुहैया करवाई जा सकती है। जिला प्रशासन के पास पर्याप्त उपकरण कम समय में घटना स्थल पर किस प्रकार पहंुच सकते हैं के बारे में तत्पर रहेगा। उन्होंने बताया कि माॅक ड्रिल के समय स्टेगिंग एरिया सैक्टर 5 स्थित परेड ग्राउण्ड बनाया गया है।

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