पंचकूला, 5 सितंबर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पंचकूला की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एचएएलएसए) से प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार, तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत 13 सितंबर, 2025 को जिला न्यायालय परिसर, पंचकूला के साथ-साथ कालका स्थित उप-मंडल न्यायालयों में आयोजित की जाएगी।
लोक अदालत का उद्देश्य विवादों का त्वरित, सौहार्दपूर्ण और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करना है, जिससे मुकदमेबाजी का बोझ कम हो और समाज में मध्यस्थता और सुलह की संस्कृति को बढ़ावा मिले। सुश्री भारद्वाज ने आगे बताया कि सूचना तक आसान पहुंच की सुविधा के लिए, जिला न्यायालय परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार पर और डीसी कार्यालय, लघु सचिवालय, पंचकूला में भी हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। इन डेस्कों पर डीएलएसए पंचकूला के पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) तैनात हैं, जो वादियों और आम जनता को लोक अदालत में उठाए जा सकने वाले मामलों की प्रकृति और सौहार्दपूर्ण समझौतों के लाभों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
पंचकूला के विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की स्वीकृति से, लोक अदालत के दिन मामलों की सुनवाई के लिए पंचकूला और कालका में न्यायिक अधिकारियों की अलग-अलग पीठें गठित की गई हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकतम विवादों का निपटारा समझौते के माध्यम से हो, जिससे वादियों के समय और खर्च की बचत होगी और साथ ही न्याय वितरण प्रणाली में जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।
प्रभावी पहुँच के लिए, राष्ट्रीय लोक अदालत और मध्यस्थता अभियान के बारे में जागरूकता संदेश प्रसारित करने हेतु पंचकूला के प्रमुख स्थानों पर नगर निगम कार्यालय की एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। यह डिजिटल पहल जनता के व्यापक वर्ग तक पहुँचने और अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
लोक अदालत की तैयारी के लिए, बैंक प्रबंधकों, बीमा कंपनियों और अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठकें आयोजित की गईं ताकि ऋण, वसूली और बीमा दावों से संबंधित मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा किया जा सके। इसी प्रकार, दाखिल-खारिज के मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और आगामी लोक अदालत के माध्यम से ऐसे मामलों का अधिकतम निपटारा सुनिश्चित करने के लिए जिला पंचकूला के तहसीलदार के साथ एक बैठक आयोजित की गई।
इसके अतिरिक्त, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएँ) के अध्यक्ष के साथ भी एक बैठक आयोजित की गई ताकि इस लोक अदालत के दौरान जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित बड़ी संख्या में मामलों को संदर्भित और निपटाया जा सके।
सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने वादियों, अधिवक्ताओं और आम जनता से अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि राष्ट्रीय लोक अदालत केवल एक कानूनी पहल ही नहीं है, बल्कि संवाद, समझ और समझौते को बढ़ावा देकर एक सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में एक कदम भी है।
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