उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने निर्देश दिए कि कचरा एकत्रित करने वाले कर्मचारी डोर टू डोर जाकर मकान मालिक से गीला व सूखा अलग-अलग कूड़ा एकत्रित करें और मकान मालिक को अलग-अलग कूड़ा देने की ही अपील करें। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करने का कार्य शत प्रतिशत हो। इसके अलावा डंपिंग साइट पर प्लास्टिक, कांच, पॉलीथिन व अन्य कचरे के लिए अलग-अलग हिस्से बना कर रखे जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन डंपिंग साइटों पर चार दीवारी नहीं है, वहां पर चार दीवारी बनाई जाए और कूड़ा कर्कट पर दवा का छिड़काव भी करवाएं। इसके अलावा कूड़ा कर्कट को डंपिंग साइट पर ढक कर लेकर जाएं ताकि सड़कों पर गंदगी न फैले और वातावरण प्रदूषित न हो।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने शुक्रवार देर सांय उपायुक्त कैंप कार्यालय में जिला में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तहत विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, नगराधीश संदीप कुमार, कार्यकारी अभियंता जनस्वास्थ्य विभाग आरएस मलिक, कार्यकारी अभियंता पंचायती राज भरत सिंह, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद सुमित मलिक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
उपायुक्त बिढ़ाण ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) से संबंधित कार्यों को गंभीरता से लें और समयबद्ध अवधि में पूरा करें। एनजीटी से संबंधित अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी व जिम्मेवारी के साथ करें। एनजीटी से संबंधित कार्यों में ढिलाई कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला में नगर परिषद व नगर पालिका स्टोरेज प्वाइंट चिह्निïत करें और दिन में दो बार सफाई कार्य करवाया जाए। इसके अलावा डंपिंग प्वाइंटों से लगते 2 किलोमीटर के दायरे में पानी की सैंपलिंग की जाए और पाइपलाइन लीकेज हो तो उसे तुरंत दुरुस्थ किया जाए। इन कार्यों की सभी एसडीएम स्वयं निगरानी करें और किसी प्रकार की कोई कमी नजर आती है तो उसे तुरंत पूरा करवाया जाए। इसके अलावा उन्होंने सभी एसडीएम को ये भी निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रात: के समय दौरा करें और सफाई व्यवस्था का पूरा जायजा लें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तहत घग्घर एक्शन प्लान व कचरा प्रबंधन के संबंध में कार्य करने वाले सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि जिला में स्वच्छता के लिए संबंधित सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें, इससे काम में तेजी आएगी और कार्य समयबद्ध अवधि में पूर्ण होंगे।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित करे कि जिला के गांवों में चयनित किए गए तालाबों में साफ पानी हो और किसी प्रकार की गंदगी तालाब में न जाए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिïगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से सोलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बॉयो मैडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन आदि के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए है उनका सफल तरीके से क्रियांवयन करना सुनिश्चित करें।
पार्कों, स्कूलों व शिक्षण संस्थानों में कंपोस्ट पिट बनाए जाएं
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि जिला के पार्कों, स्कूलों व शिक्षण संस्थानों में कंपोस्ट पिट बनाए जाएं ताकि पार्कों व शिक्षण संस्थानों में स्वच्छ वातावरण बना रहे और गंदगी न फैले। कंपोस्ट पिट के माध्यम से तैयार खाद का स्वयं इस्तेमाल कर सकते हैं और जरुरतमंद को यह खाद बेची भी जा सकती हैं। इसके अलावा संस्थान जिसे भी खाद उपलब्ध करवाएं तथा उसका पूरा रिकॉर्ड रखें और नगर परिषद / नगर पालिका को भी जानकारी दें।
हर 50 से 100 मीटर के दायरे पर रखे जाएंगे डस्टबिन :
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि व्यवसायिक व सार्वजनिक स्थानों पर हर 50 से 100 मीटर के दायरे पर डस्टबिन रखे जाएं ताकि आमजन कूड़ा कर्कट को इधर उधर फैंकने की बजाय इन डस्टबिन का इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके साथ-साथ कूड़ा कर्कट डालने वाले तथा पॉलीथिन का प्रयोग करने वाले दूकानदारों के चालान किए जाएं।
