नैशनल महिला महाविद्यालय सिरसा एन एस एस कैम्प
स्वस्थ शरीर जीवन का आधार है।इसके बिना हमारा शरीर बेजान सा लगता है।यह बात पंतजलि योगपीठ हरिद्वार के योगाचार्य डा.मदन गोपाल आर्य ने आज नैशनल महिला महाविद्यालय सिरसा के प्रागंण में चल रहे सात दिवसीय एन.एस.एस.कैम्प के पांचवे दिन योगाभ्यास व ध्यान करवाते हुए।उन्होने कहा कि
“जो लोग सोचते हैं कि उनके पास योग या व्यायाम करने का कोई समय नहीं है उन्हें जल्द ही या बाद में किसी बीमारी के लिए समय निकालना होगा।स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है।हम सभी जानते हैं और हमारे दिन की स्वस्थ शुरुआत करना कितना महत्वपूर्ण है।लेकिन हम में से कितने एक स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई का पालन करते हैं। “स्वास्थ्य पैसे की तरह है।हमें जब तक इसके मूल्य का एहसास नहीं होता जब तक हम इसे खो नहीं देते हैं।
आखिरकार स्वस्थ शरीर ही है जिसमें स्वस्थ दिमाग रहता है।अगर हम स्वस्थ हैं तो हम बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे, बेहतर सोच सकेंगे,बेहतर रह सकेंगे और जीवन नामक इस उपहार का आनंद उठा सकेंगे।उन्होने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब हम हर दिन कम से कम एक शारीरिक गतिविधि करें,स्वस्थ खाना खाएं,कोशिश करें पर्याप्त सोने की,अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं,जल्दी उठें और योग करें।उन्होने कहा कि योग व व्यायाम के साथ साथ अगर हम सात्विक खानपान का विशेष ध्यान रखेंगे तो अपने आपको पूर्णरुप से स्वस्थ रख पाएंगे।उन्होने छात्राओं से आह्वान किया कि यथासंभव जंक फूड व फास्ट फूड से दूर रहें।कई दिनों में एक बार तला हुआ भोजन करना ठीक है लेकिन हर सप्ताहांत ऐसा भोजन करना आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचाता है।जितना संभव हो उतना जंक फूड से बचें।यदि आप एक स्वस्थ शरीर और एक मजबूत दिमाग चाहते हैं तो आपको हरी सब्ज़ी खानी चाहिए, संतुलित आहार लेना चाहिए, दूध पीना चाहिए, जूस और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।हमें कम से कम खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से भी फिट रखना चाहिए।जहाँ व्यायाम और अच्छे खाने की आदतें शरीर के लिए अच्छी हैं वहीँ ध्यान हमारे मन,विचारों और मस्तिष्क के लिए अद्भुत है।यह हमें एक शानदार यादाश्त बनाए रखने में मदद करता है और हमें पूरे दिन शांतिपूर्ण और धैर्यशील बनाए रखता है।एक तरफ योग हमें शारीरिक योग्यता प्रदान करता है वहीँ दूसरी तरफ ध्यान हमें मनोवैज्ञानिक और संज्ञानात्मक योग्यता देता है।इसके साथ साथ उन्होने कच्ची हल्दी, शलजम, चुकुन्दर, गाजर, मूली, शकरकंद, मेथी, बथुआ, पालक, दालचीनी, चूने, बाजरे, मूंगफली, तिल, हारश्रंगार, गिलोय, तुलसी, गुड़, अर्जुन, धृतकुमारी, आंवले के उपयोग व गुणों के बारे में विस्तार से बताया। योग प्रशिक्षक सुरेश तायल ने कुछ घरेलु नुस्खों के बारे में बताया।अंत में सभी ने सामाजिक बुराईयों को दूर करने व स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया।प्राचार्य डा.तेजाराम बिश्नोई ने छात्राओं से योग व घ्यान को जीवन शैली में अपनाने का आह्वान किया।इसके साथ साथ उन्होने कहा कि एन.एस.एस.हमें अनुशासन प्रिय बनाती है।यह व्यक्ति को समाज में सेवा का अवसर प्रदान करती है।इस अवसर पर एन.एस.एस.प्रभारी शिखारानी,योगाचार्य सुरेश तायल,प्रो.विक्रमजीत,प्रो.सतपाल बैनिवाल सहित अनेक स्टाफ सदस्य व छात्राएं उपस्थित थी।
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