सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

42 हजार से अधिक बच्चों के लिए घर-घर पहुंचाया पोषाहार : उपायुक्त बिढ़ान

सिरसा, 7 जुलाई।


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि कोविड-19 के फैलाव के मद्देनजर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गत 19 मार्च के बाद माह में दो बार सूखा राशन (पूरक पोषाहार) घर-घर पहुंचाया जा रहा है। विभाग द्वारा जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के छह मास से लेकर 6 वर्ष तक की आयु के 42 हजार 43 बच्चों को पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया गया। इसके अतिरिक्त 12 हजार 143 गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताओं को भी पूरक पोषाहार प्रदान किया गया।

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                उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियांवित की गई है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास के साथ-साथ एवं सामाजिक विकास करना, शिशु मृत्यु दर कम करना तथा बच्चों में कुपोषण की रोकथाम आदि करना है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जहां बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं दूध पिलाने वाली माताओं को पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जाता है वहीं उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने के साथ-साथ टीकाकरण भी करवाया जाता है। ये सभी सेवाएं नि:शुल्क प्रदान करवाई जाती है।


उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत तीन वर्ष से 6 वर्ष तक की आयु के 12 हजार 779 बच्चों को पूरक पोषाहार के साथ-साथ औपचारिक शिक्षा भी उपलब्ध करवाई जाती है। कोविड-19 के फैलाव को देखते हुए आंगनवाड़ी वर्कर घर-घर जाकर गर्भवति महिलाओं को पोषाहार के बारे में विस्तृत जानकारी दे रही हैं, इसके साथ-साथ माता व शिशु के स्वास्थ्य के बारे में भी जागरुक कर रही हैं।


बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए कारगर सिद्ध होगी आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना : उपायुक्त बिढ़ान


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लड़कियों एवं महिलाओं के उज्जवल भविष्य के लिए आपकी बेटी हमारी-बेटी योजना कारगर सिद्ध होगी। इसके अलावा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2015 से मार्च 2020 तक 11 हजार 825 बेटियों को लाभांवित किया जा चुका है। गत वर्ष 2019-20 में एक हजार 690 बेटियों को योजना का लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य भ्रूणहत्या पर अंकुश, लिंग अनुपात को बढ़ाना व बालिकाओं को शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान करना है। योजना के तहत अनुसूचित जाति व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों में 22 जनवरी 2015 से योजना शुरू होने या इसके पश्चात पैदा हुई पहली बेटी को इस योजना के अंतर्गत लाभविंत  किया गया है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के परिवारों में पैदा होने वाली दूसरी व तीसरी बेटी को भी इस योजना से लाभांवित किया जा रहा है।


                उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत लाभपात्र को 21 हजार रुपये प्रति के हिसाब से एलआईसी में निवेश किए किए जाते हैं और यह राशि लड़की के 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात लाभार्थी को उक्त राशि ब्याज सहित प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत जिले में चालू वित्त वर्ष में अब तक एक हजार 303 लड़कियों को लाभ दिया जा चुका है। योजना का लाभ लेने के लिए बेटी के माता-पिता हरियाणा के स्थाई निवासी हो।  इसके अलावा गर्भवती महिला को अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केन्द्र या स्वास्थ्य विभाग के केन्द्र में पंजीकरण करवाना आवश्यक है। इस योजना के अंतर्गत लड़कियों का जन्म पंजीकरण करवाना भी अनिवार्य है। पंजीकरण करवाने के लिए बेटी का आधार नम्बर मान्य होगा साथ ही माता का भी आधार नम्बर आवश्यक है। पंजीकरण के लिए आवेदन फार्म आंगनवाड़ी केन्द्र व स्वास्थ्य केन्द्र पर निशुल्क उपलब्ध करवाए जाते हैं।

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कोविड-19 में आंगनवाड़ी वर्कर घर-घर पहुंचा रही है सूखा राशन : पीओ डा. दर्शना सिंह


                जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह ने बताया कि कोविड-19 के फैलाव के मद्देनजर महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना व मास्क लगा कर गत 19 मार्च 2020 से सूखा राशन सीधे लाभपात्रों के घरों में पर ही पहुंचाया जा रहा है। विभाग द्वारा माह में दो बार राशन वितरित किया जाता है। इसमें चावल, गेहूं, सोयाबीन, तेल, चीनी, मुरमुरे आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विभाग लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अबतक 60 हजार मास्क जरुरतमंदों को वितरित किए जा चुके हैं, ये मास्क आंगनवाड़ी वर्करों व हैल्परों द्वारा तैयार किए गए थे। इसके अलावा 22 हजार 120 लोगों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप भी डाउनलोड करवाई गई है। कोरोना काल के चलते विभाग की डब्ल्यूसीडीपीओ व सुपरवाइजर द्वारा स्क्रीनिंग, सैंपलिंग संबंधी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके अलावा उनके द्वारा सर्वे व जागरुकता का कार्य भी किया जा रहा है। विभाग द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए लगाए गए राहत कैंपों में भी उनकी काउंसलिंग की गई है और इन केंपों में महिलाओं सैनेटरी पैड भी वितरित किए गए हैं।

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