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उपायुक्त ने जिलावासियों से सिविल डिफेंस वालंटियर प्रशिक्षण लेने की करी अपील

श्रीमती मोनिका गुप्ता ने रजिस्ट्रेशन लिंक पर स्कैन कर प्रशिक्षण के लिए अपना पंजीकरण करवाने को कहा

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पंचकूला, 11 मई उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि पंचकूला जिला प्रशासन की ओर से 18 साल से उपर के युवा नागरिकों के लिए  सिविल डिफेंस वालंटियर के तौर पर ट्रेनिंग प्रोग्राम 12 मई 2025 से एक सप्ताह के लिए शुरू किया जा रहा है।

उन्होने बताया कि सोमवार 12 मई से सैक्टर- 3 के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में सुबह 9 से 12 बजे तक जिले के युवाओं को सिविल डिफेंस वालंटियर के तौर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे कि युवा किसी भी आपदा के आने पर अपनी व दूसरों की जान व माल की रक्षा कर सकें। उन्होने बताया कि वालंटियर की ट्रेनिंग के लिए 18 साल से 50 साल तक की उम्र होनी चाहिए और ट्रेनिंगकर्ता की योग्यता दसवीं पास होनी चाहिए। उपायुक्त ने बताया कि मास्टर ट्रेनिंग के लिए 8 से 10 साल का वालंटियर का अनुभव होना चाहिए और 3 से 5 वर्ष का वार्डन का अनुभव व शैक्षणिक योग्यता बीए होनी चाहिए। इसके अलावा उसकी फिटनेस भी जरूरी है।

उन्होने बताया कि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) एट बिटना पिंजौर में जिले के युवाओं व अन्य लोगों को सिविल डिफेंस वालंटियर का प्रशिक्षण 2 बजे से 5 बजे तक प्रदान किया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति से अनुरोध है कि वे रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्ट्रेशन लिंक पर स्कैन कर प्रशिक्षण के लिए अपना पंजीकरण करवाएं व प्रशिक्षण प्राप्त करें।  

उपायुक्त ने जिलावासियों से सिविल डिफेंस वालंटियर प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनने की अपील की।

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उपायुक्त ने जिलावासियों से तेज गर्मी में बाहर जाने से बचने की करी अपील

उपायुक्त ने गर्मी से बचने के लिए अनानास, खीरा, टमाटर, नारियल, नींबू पानी ज्यादा मात्रा में प्रयोग करने की दी सलाह

उपायुक्त ने बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखने की करी अपील

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पंचकूला 11 मई- उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने लगातार बढ़ रही गर्मी के दृष्टिगत आमजन से सावधानी बरतनी की अपील की है। उन्होंने गर्मी के दौरान बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की सलाह दी है।

उपायुक्त ने कहा कि जब भी संभव हो, पर्याप्त पानी पिएँ। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें। ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) का उपयोग करें, और घर के फलों के जूस में थोड़ा नमक डालकर पिएँ। मौसमी फल और सब्जियाँ खाएँ जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे अनानास, खीरा, सलाद पत्ता या स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य फल।

उपायुक्त ने कहा कि पतले, ढीले, सूती कपड़े पहनें। कोशिश करें कि कपड़े हल्के रंग के हों। अपना सिर ढकें। धूप से बचने के लिए छाता, टोपी, तौलिया और अन्य कपड़ों का इस्तेमाल करें। धूप में बाहर जाते समय जूते या चप्पल पहनें।

उन्होंने कहा कि स्थानीय मौसम के लिए समाचार पत्र पढ़ें। भारत मौसम विज्ञान विभाग (प्डक्) की वेबसाइट https://m पर जाएँ

सीधी धूप और गर्मी की लहरों से बचें-

अपने घर की खिड़कियों को धूप वाली तरफ बंद रखें।  रात में उन्हें ठंडा होने के लिए खोलें।  जितना संभव हो सके घर के अंदर/छाया में रहें। अच्छी तरह हवादार और ठंडी जगहों पर रहें। अगर बाहर जा रहे हैं, तो अपनी बाहरी गतिविधियों को गर्मी कम होने तक टालें।

उन्होंने बताया कि हालांकि किसी भी समय कोई भी व्यक्ति दूसरों की तुलना में गर्मी से पीड़ित हो सकता है।  उसे अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए। शिशु और छोटे बच्चों के साथ साथ बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। काम करने वाले लोग से ढक कर रखें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीट रहे। गर्भवती महिलाएं, शारीरिक रूप से बीमार लोग, खासकर हृदय रोग या उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोग विशेष ध्यान रखें।

उन्होंने कहा कि अकेले रहने वाले बुजुर्ग या बीमार लोगों की निगरानी की जानी चाहिए। अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें और दिन के दौरान निचली मंजिलों पर रहने की कोशिश करें। ठंडक पाने के लिए पंखा, स्प्रे बोतल, नम कपड़े, बर्फ के तौलिये का इस्तेमाल करें। टखने से ऊपर 20 डिग्री सेल्सियस के पानी में पैर डुबोने से तुरंत आराम मिलता है।

उपायुक्त ने कहा कि धूप में बाहर निकलने से बचें। अपरिहार्य स्थिति में दोपहर में बाहर निकलने पर जोरदार गतिविधियों से बचें। नंगे पैर बाहर न निकलें। गर्मियों के चरम घंटों में खाना पकाने से बचें। दरवाजे खोलें और शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय या ड्रिंक से बचें, क्योंकि इससे शरीर का ज्यादा तरल पदार्थ निकल जाता है या पेट में दर्द हो सकता है। उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचें और बासी खाना न खाएं। बच्चों या पालतू जानवरों को पार्क की गई गाड़ी में न छोड़ें।  नियोक्ता महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर ठंडा पीने का पानी उपलब्ध कराएँ और उन्हें बार-बार हाइड्रेटेड रहने के लिए याद दिलाएँ।

’ कर्मचारियों को सीधी धूप से बचने के लिए सावधान करें
कर्मचारियों के लिए छायादार कार्य क्षेत्र उपलब्ध कराएँ।  कठोर और बाहरी कामों को ठंडे समय में शेड्यूल करें। बाहर काम करने के लिए आराम के ब्रेक की आवृत्ति और लंबाई बढ़ाएँ। अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करें या काम की गति धीमी करें। कर्मचारियों को उन कारकों को पहचानने के लिए प्रशिक्षित करें जो गर्मी के तनाव के लक्षणों और संकेतों को बढ़ा सकते हैं। प्रशिक्षित प्राथमिक चिकित्सा प्रदाता उपलब्ध होने चाहिए और गर्मी से संबंधित बीमारी की स्थिति में उन्हें एक ई.एम. प्रदान करना चाहिए। गर्भवती कर्मचारी और चिकित्सा स्थिति वाले कर्मचारी गर्मी में काम करने के बारे में अपने चिकित्सकों से चर्चा करें। कर्मचारियों के लिए जागरूकता अभियान आयोजित करें। कार्यस्थल पर तापमान और पूर्वानुमान प्रदर्शन स्थापित करें।

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