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भारत की वीरांगनाओं का शौर्य मंचन: पंचकूला में ऐतिहासिक प्रस्तुतियों से जागा नारी सशक्तिकरण का उत्साह

पंचकूला, 4 मई 

 राजकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय सेक्टर-14 

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में पुण्यश्लोक माता अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी के अवसर पर भारत की वीरांगनाओं की शौर्य धारा कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में ट्राई-सिटी की महिलाओं द्वारा ऐतिहासिक वीरांगनाओं के जीवन चरित्रों का जीवंत मंचन किया , जिससे जनमानस में कुछ कर दिखाने का उत्साह भर गया।

इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कार भारती, पंचकूला, राष्ट्र सेविका समिति, पंचकूला, संवर्धिनी न्यास, पंचकूला एवं राजकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, पंचकूला द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

कार्यक्रम में महिलाओं ने वैदिक काल की विदूषी नारियों – अपाला, घोषा, सुलभा, मैत्रेयी, लोपामुद्रा से लेकर 1857 की वीरांगनाओं – रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, पन्ना धाय, रानी हाड़ी, कुमारी मैना तक, तथा स्वतंत्रता संग्राम की विभूतियों – दुर्गा भाभी, प्रितिलता वाडेदार, हंसा मेहता, नीरा आर्य सहित लगभग पचास ऐतिहासिक नारियों की भूमिकाएं निभाकर उनका गौरवशाली योगदान प्रस्तुत किया।

यह पहली बार था जब शहर की महिलाएं ऐसे ऐतिहासिक पात्रों में मंच पर उतरीं। कलाकारों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी संस्कार भारती, पंचकूला की महिला कलाकारों – मोनिका ढल, अर्पणा गुप्ता और मीनू अलावदी – ने कुशलता से निभाई।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता विजया भारती, सदस्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग थीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अहिल्याबाई जी का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाना चाहिए।  वे कुशल शासक थीं। उनके द्वारा अनेक मन्दिरों का पुनर्निर्माण किया गया। उनके लिए समाज का कल्याण ही मुख्य उद्देश्य था। सुशासन, महिला उत्थान, समाज में समरसता कुशल शस्त्र संचालन और परिवार से समाज का अधिक महत्व उनके मुख्य गुण थे।   उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि इतिहास हमें सिखाता है कि हर चुनौती का समाधान सामूहिक प्रयासों से संभव है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य है। मानवाधिकारों की रक्षा करना उनका मुख्य कार्य था। 

विशिष्ट अतिथि विजय गर्ग व सुषमा गर्ग, समाजसेवी ने भी कार्यक्रम की प्रशंसा की और प्रतिभागियों के आत्मबल की सराहना की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कार भारती पंचकूला के मुख्य संरक्षक ज्ञानचंद गुप्ता ने की। उन्होंने आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज पंचकूला की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया कि वे भी राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  कालका की विधायक शक्ति रानी शर्मा थीं। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा की अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए।  उन्होंने प्रजा का सन्तान के समक्ष पालन किया। महिलाओं की सैन्य टुकड़ी बनाना उनकी एक बहुत बड़ी उपलब्धी थी। वीरांगनाओं को याद करना आज के समय की बहुत आवश्यकता भी है और उनसे प्रेरणा लेकर देश को आगे बढ़ाने में उनका योगदान हो, ऐसी अपेक्षा भी है। 

संस्कार भारती के त्रिक्षेत्रीय संगठन मंत्री विजय जी की गरिमामयी उपस्थिति भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाली रही। उन्होंने कहा कि इस मंच का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके भीतर छिपी प्रेरणाओं को उजागर करना है।

कार्यक्रम में शहर के कई गणमान्य नागरिक, युवा, महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

सभी आयोजकों, प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन हुआ।

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