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10 मई को जिला न्यायालय परिसर, पंचकूला और कालका न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा

पंचकूला, 3 मई

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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पंचकूला सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने बताया कि वर्ष की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत 10 मई, 2025 (शनिवार) को जिला न्यायालय परिसर, पंचकूला के साथ-साथ कालका न्यायालयों में भी आयोजित की जाएगी।

राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य समझौता और आपसी सहमति के माध्यम से लंबित मामलों के सौहार्दपूर्ण और शीघ्र निपटान के लिए एक मंच प्रदान करना है। ये अदालतें न्यायालयों पर बोझ को कम करने और सभी के लिए न्याय को सुलभ और सस्ता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

लोक अदालत के प्रभावी और सुचारू संचालन के लिए पंचकूला और कालका में न्यायालय परिसर में आठ समर्पित बेंचों का गठन किया जाएगा। ये पीठें विभिन्न प्रकार के सिविल, क्रिमिनल कम्पाउंडेबल, बैंक रिकवरी, एमएसीटी (मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण), वैवाहिक, चेक बाउंस तथा अन्य प्री-लिटिगेशन और वैकल्पिक विवाद समाधान के माध्यम से निपटान के लिए उपयुक्त लंबित मामलों की सुनवाई करेंगी।

सक्रिय कदम उठाते हुए, डीआरओ को लोक अदालत के माध्यम से अधिकतम संभव म्यूटेशन और राजस्व संबंधी मामलों का निपटान करने का निर्देश दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर विवादों को सुलझाना और नागरिकों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शीघ्र राहत सुनिश्चित करना है।

वादियों और आम जनता की सहायता के लिए दो हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं- एक जिला न्यायालय परिसर, पंचकूला के प्रवेश द्वार पर और दूसरा डीसी कार्यालय भवन में। इन हेल्प डेस्कों पर पैरा लीगल वालंटियर्स (पीएलवी) तैनात किए जा रहे हैं, जिन्हें लोक अदालत में स्वीकार्य मामलों के प्रकारों के बारे में व्यक्तियों को मार्गदर्शन करने, कागजी कार्रवाई में सहायता करने और उन्हें उचित बेंचों तक निर्देशित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

सुश्री भारद्वाज ने बताया कि आगामी लोक अदालत में ट्रैफिक चालान का निपटारा किया जाएगा। नागरिकों को इस अवसर का लाभ उठाकर लंबित मामलों को कुशलतापूर्वक निपटाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस पहल का उद्देश्य त्वरित न्याय को बढ़ावा देना और सौहार्दपूर्ण समझौतों के माध्यम से लंबित मामलों को कम करना है। जनता का सहयोग अत्यधिक सराहनीय है।

लोक अदालत में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी साक्षरता शिविरों के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है, जहां पैनल अधिवक्ता और पीएलवी सक्रिय रूप से लोगों से जुड़कर उन्हें लोक अदालत के लाभों और प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा, आगामी लोक अदालत के बारे में विवरण और घोषणाएं पंचकूला में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर प्रमुखता से प्रदर्शित की गई हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।

सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने आम जनता से अपने विवादों को परेशानी मुक्त, लागत प्रभावी और समय की बचत के तरीके से निपटाने के लिए इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोक अदालत न केवल एक कानूनी तंत्र है, बल्कि आपसी समझ के माध्यम से मुद्दों को हल करके सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने का एक आंदोलन भी है।

डीएलएसए, पंचकूला नागरिकों को आगे आने और इस पहल का सीअधिकतम लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करता है, जो सभी के लिए सुलभ न्याय के प्रति न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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स्वतंत्र, निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव : डीसी

– उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर दी शुभकामनाएं

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में की गई थी अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा
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  • पंचकूला, 3 मई।
    डीसी मोनिका गुप्ता ने अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला के मीडिया संस्थानों, प्रतिनिधियों और पत्रकारों को शुभकामनाएं देते हुए समाज और राष्ट्र हित में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है। इसी स्तंभ की मजबूती, पत्रकारिता के सम्मान, स्वतंत्रता और सुरक्षा की सुनिश्चितता के लिए पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में प्रेस की स्वतंत्रता को मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है।
     उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि हर साल 3 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन देना और पत्रकारों का आने वाली चुनौतियों पर जागरूकता फैलाना है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में घोषित किया गया था ताकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित किया जा सके। तेजी से बदलते डिजिटल परिदृश्य में, यह दिन हमें सार्वजनिक विश्वास को बढ़ावा देने के लिए विश्वसनीय और स्वतंत्र पत्रकारिता के महत्व के बारे में जागरूक बनाता है।

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