उपायुक्त की अध्यक्षता में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और नगर निगम की जमीन पर गांधी काॅलोनी के अतिक्रमण को हटाने को लेकर हुई अहम बैठक

ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में भी इंटरनेट तथा मल्टीमीडिया का अहम योगदान : डीईओ संत कुमार

सिरसा, 18 दिसंबर।

For Detailed News-

सूचनाओं की सत्यता व तथ्यों की सही जानकारी देना कार्यशाला का उद्देश्य : डा. अमित सांगवान


                  मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और समाज को दिशा व दशा देने में मीडिया की अहम भूमिका है। इंटरनेट के आगमन से जहां एक ओर सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना आसान हो गया है वहीं सूचनाओं के सुपर हाई-वे पर यह पता लगाना अत्यंत कठिन कार्य हो गया है कि कोन सी सूचना वास्तविक है व कोन सी सूचना तथ्यों से परे है। ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में भी इंटरनेट तथा मल्टीमीडिया का अहम योगदान है। प्राध्यापकों को नवीनतम ज्ञान अर्जित करने के लिए तथ्यपरक पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचानी चाहिए।


                  जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार ने बताया कि फैक्टशाला व गुगल न्यूज इनिसिएटिव के समर्थन तथा डाटा लिड्स के सहयोग से इंटरन्यूज द्वारा शुरु किया गया एक समाचार और सूचना साक्षरता कार्यक्रम देशभर में चलाया जा रहा है और इसी कड़ी में सिरसा के अंदर भी मीडिया साक्षरता विषय पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन सिरसा ब्लॉक के राजकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के लिए किया गया। सूचनाओं की सत्यता व तथ्यों की सही जानकारी नागरिकों तक पहुंचाना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।

https://propertyliquid.com


                  इस कार्यक्रम में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक व फैक्टशाला ट्रेनर डा. अमित सांगवान ने प्रशिक्षण प्रदान करते हुए सूचना के विभिन्न प्रकारों तथा प्रबंधन से संबंधित विभिन्न सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए प्राध्यापकों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सूचना, प्रौद्योगिकी युग में सूचनाओं की भरमार है और सोशल मीडिया पर उपलब्ध लिखित सामग्री के साथ फोटो व वीडियो की सच्चाई केवल सॉफ्टवेयरों से पता नहीं लगाई जा सकती बल्कि अपने विवेक का भी इस्तेमाल करना होता है। उन्होंने प्राध्यापकों से अनुरोध किया कि वे विद्यार्थियों को भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध संदेशों की गहनता से जांच पड़ताल करने के उपरांत ही उसे आगे भेजें। सोशल मीडिया पर उपलब्ध सूचनाओं पर यदि हम इसी तरह आंख बंद करके विश्वास करते रहे तो आने वाले समय में समाज के अंदर अविश्वास का संकट उत्पन्न हो जाएगा और यही कारण है कि आमजन को इस संबंध में जागरुक किया जाना समय की मांग है। सूचना को तथ्यों की कसौटी पर जांचना और परखना आज एक बड़ी चुनौती बन गया है। सोशल मीडिया ने प्रत्येक स्मार्टफोन धारक को प्रकाशक बना दिया है। यदि इस मीडिया के सकारात्मक पहलुओं को देखा जाए तो इसके संतुलित प्रयोग से युवा पीढ़ी को नई दिशा व दशा प्रदान की जा सकती है।


                  इस कार्यशाला में खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश ने मुख्य वक्ता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के जागरुकता अभियानों से समाज को एक नई दिशा व दशा मिलती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की अलख जगा कर एक समृद्ध समाज स्थापित किया जा सकता है। इस प्रकार की कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करके डा. अमित सांगवान अपनी शिक्षक होने की जिम्मेदारी का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। इस ऑनलाइन कार्यशाला में सिरसा ब्लॉक के 50 से अधिक प्रधानाचार्यों व प्राध्यापकों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और वक्ता से मीडिया साक्षरता व फेक न्यूज से संबंधित विभिन्न प्रश्र पूछे।

उपायुक्त की अध्यक्षता में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और नगर निगम की जमीन पर गांधी काॅलोनी के अतिक्रमण को हटाने को लेकर हुई अहम बैठक

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत 1800 किसानों के खाते डाली साढे 4 करोड़ रुपये की सब्सिडी राशि : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 18 दिसंबर।


                      उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि जिला में बागवानी को बढ़ावा देने किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा कई कारगर योजनाएं व सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। खेती के साथ-साथ बागवानी अपनाने के लिए बागवानी विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को बेहतर अनुदान दिया जाता है और समय-समय पर जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से गांव स्तर पर बागवानी अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला में किसानों का बागवानी की ओर रुझान बढ़ रहा है और किसान इन योजनाओं का लाभ उठा कर बागवानी से बेहतर मुनाफा भी कमा रहे हैं।

For Detailed News-


                      उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक खेती व बागवानी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत चालू वित्त वर्ष में अबतक जिला के 2235 किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत अबतक जिला के 1800 किसानों के खाते में 4 करोड़ 50 लाख रुपये की सब्सिडी के रुप में भेजी जा चुकी है। इसी प्रकार सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत 200 किसानों को एक करोड़ 50 लाख रुपये की राशि अनुदान के रुप में दी जा चुकी है।


                      उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की बागवानी क्षेत्र में आय दोगुनी करने के लिए किसानों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसमें एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत किसानों को विभिन्न प्रकार की अनुदान सुविधाएं प्राप्त करवाना है जैसे संरक्षित खेती, हाईब्रीड सब्जियों की खेती, फूलों एवं फलों की खेती, कोल्ड स्टोरेज, मधुमक्खी पालन इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विभाग का मुख्य उद््ेश्य प्रति एकड़ उत्पाद बढ़ाने के साथ-साथ प्रति एकड़ आय बढ़ाना हैं।

https://propertyliquid.com


                      उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य बागवानी क्षेत्र में विविधिकरण, उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाना, किसानों की आय में बढ़ौतरी हो, प्रदर्शन के माध्यम से नई प्रौद्योगिकी को बढ़ाना, फल/ सब्जियों की तुढ़ाई उपरांत उचित रख-रखाव कर उनमें होने वाले नुकसान को कम करना, किसान समूहों और सामूहिक विपणन मार्किटिंग का बढ़ाना तथा रोजगार के नये अवसर पैदा करना है।


                      जिला बागवानी अधिकारी रघुबीर सिंह झोरड़ ने बताया कि विभाग द्वारा मॉडल नर्सरी स्थापना के लिए 4 हैक्टेयर तक 10 लाख रुपये तथा स्मॉल नर्सरी स्थापित करने के लिए 7.5 लाख रुपये तक प्रति इकाई अनुदान दिया जाता है। विभाग द्वारा 4 हैक्टेयर तक किन्नू, अमरुद, बेर का नया बाग स्थापित करने व रख रखाव के लिए भी प्रथम व द्वितीय वर्ष अनुदान दिया जाता है। 2 हैक्टेयर क्षेत्र में सकर सब्जी या पूराने बागों के जीर्णाेद्धार के लिए विभाग द्वारा 20 हजार से 40 हजार रुपये तक अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा बागवानी विभाग द्वारा जल स्त्रोत सामुदायिक टैंक (किसी चार किसान समूह), संरक्षित खेती, हाई वैल्यू सब्जी, नीम खाद / नीम तेल, मधुमक्खी पालन, बागवानी मशीनरी आदि के लिए अनुदान दिया जाता है।