सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

अभिभावक युवाओं से लगातार संवाद कर नशे से रख सकते हैं दूर : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 01 दिसंबर।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि युवाओं से लगातार संवाद नशे से दूर रखने का बेहतरीन उपाय है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को नशे की बुराईयों से अवगत कवरा कर उन्हें इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ाएं ताकि उन्हें एक दिशा मिले और वे नशे रुपी दलदल से दूर रह कर अपना उज्जवल भविष्य बना सके।

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              उपायुक्त ने कहा कि आज के समय में नशा सबसे बड़ी चुनौती है, नशा न केवल शरीर का नाश करता है बल्कि यह सामाजिक बुराई व अपराध की जननी भी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नशा रुपी बीमारी को जड़मूल से खत्म करने के लिए नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा विभागीय स्तर पर तो प्रयास किए जा ही रहे हैं साथ ही सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं तथा युवा क्लबों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। लेकिन जबतक जन-जन की भागीदारी नहीं होगी तबतक अभियान की शतप्रतिशत सफलता संभव नहीं है।

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              उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस अभियान में अपना हर संभव योगदान दें ताकि जिला सिरसा पूर्णत: नशा मुक्त हो और जिला का युवा आगे बढ़ कर देश व समाज के उत्थान में अपना योगदान दे सके। उन्होंने कहा कि नशे को खत्म करने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए। नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे समुल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीडि़त व्यक्ति परिवार से साथ-साथ समाज पर बोझ बन जाता है।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय नागरिक अस्पताल सिरसा व कालांवाली में नशा मुक्ति केंद्र चलाए जा रहे हैं। इन नशा मुक्ति केंद्रों पर निशुल्क ईलाज व काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध है। यदि आपके आसपास कोई भी व्यक्ति नशा करता है तो उसे अपने नजदीकी नशा मुक्ति केंद्र में पहुंचाने में सहयोग करें। अबतक नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र कालांवाली में 5068 लोग लाभ उठा चुके हैं।


             उन्होंने कहा कि जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन इस समस्या को जड़मूल से खत्म करने के लिए सभी को प्रशासन का सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि नशा बिक्री को रोकने के लिए आमजन को सहयोग भी जरुरी है। किसी भी व्यक्ति के आसपास नशा से जुड़े लोगों की जानकारी मिलती है, उसकी सूचना तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की सूचना आमजन बेझिझक होकर दें। सूचना देने वालों के नाम उजागर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आमजन बगैर किसी डर के पुलिस प्रशासन के हैल्पलाइन नंबर 88140-11620, 88140-11626 व 88140-11675 अथवा जिला प्रशासन के नंबर 01666-248890 पर कॉल करके नशा बिक्री करने वाले लोगों के बारे में सूचित कर सकते है। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए उसे पुरस्कृत किया जाएगा और नशा बेचने वाले व्यक्ति को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

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खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच करवा स्वास्थ्य के प्रति हों जागरूक : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, एक दिसंबर।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, उपभोक्ता, दुकानदार या व्यापारी मात्र 20 रुपये में अपने खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच करवा सकता है। सैंपल की जांच की रिपोर्ट उसी समय कुछ ही मिनटों में उपलब्ध होगी। लोगों को स्वस्थ व सुरक्षित खाने के प्रति जागरूक करने के लिए 31 दिसंबर तक मोबाइल फूड टेस्टिंग लेबोरट्री वैन चलेगी। जिला के नागरिक आगे आकर इस मोबाइल लेबेरट्री वैन के माध्यम से अपने खाद्य एवं पेय पदाथों की जांच करवाकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का परिचय दें।

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उपायुक्त ने मंगलवार को कैंप कार्यालय में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग पंचकूला की ओर से जिला में चलाई जा रही मोबाइल फूड टैस्टिंग लेबोरट्री जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन दिसंबर माह में पूरे जिला को कवर करते हुए लोगों को स्वस्थ व सुरक्षित खाने को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ खाद्य एवं पेय पदार्थों की टैस्टिंग करेगी। उपायुक्त ने वैन के अंदर लेबोरेट्री का गहनता से निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। इस अवसर पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन सिरसा की ओर से महाबीर सिंह व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।


उपायुक्त ने कहा कि यह मोबाइल वैन एक माह तक जिला के विभिन्न स्थानों पर जाएगी। मोबाइल फूड लैबोरट्री वैन पर जिला का कोई भी नागरिक 20 रुपये देकर खाद्य और पेय पदार्थों की जांच करवा सकता है। लैबोरेट्री में जांच की रिपोर्ट उसी समय कुछ ही मिनटों में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आम नागरिक बेझिझक होकर अपने खाद्य एवं पेय पदार्थों की टेस्टिंग करवाएं। यदि कोई मिलावट मिलती है, तो कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। इसलिए नागरिक बिना किसी डर के अपने खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच करवाएं।  

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उन्होंने बताया कि मोबाइल फूड टेस्टिंग लेबोरट्री वैन 1 से 4 दिसंबर तक सिरसा शहर, 7, 8 व 9 दिसंबर को मंडी डबवाली व गांव चौटाला, 10, 11 व 14 दिसंबर को कालांवाली मंडी व गांव ओढा, 15 दिसंबर को रोड़ी, 16 व 17 दिसंबर को ऐलनाबादं, 18, 21 व 22 दिसंबर को रानियां, गांव ओटू व गांव माधोसिंघाना में जाएगी। इसी प्रकार 23 व 24 दिसंबर को जीवन नगर, गांव गोरीवाला, गांव गंगा व गांव बीजूवाला, 28 दिसंबर को नाथूसरी चौपटा व गांव बेगू, 29 दिसंबर को डींग मंडी व डींग मोड तथा 30 व 31 दिसंबर को सिरसा शहर में यह मोबाइल फूड टेस्टिंग लेबोरट्री वैन चलेगी।


खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच करवाकर मिलावट का कर सकते हैं पता :
फूड सेफ्टी जोनल इंचार्ज महाबीर सिंह ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग पंचकूला की ओर से चलाई गई मोबाइल फूड टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन का उद्ेश्य लोगों को स्वस्थ व सुरक्षित खाने के प्रति जागरूक करना है। कोई भी उपभोक्ता, दुकानदार या व्यापारी अपने खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच करवाकर मिलावट का पता कर सकता है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि जांच से हल्दी-मिर्च, मसालों व मिठाई में प्रतिबंधित रंग, दूध में फैट, यूरिया, स्टार्च व एंटिबॉयटिक मेडिसन का पता किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल वैन के माध्यम से खाद्य पदार्थों की सैंपल लेकर जांच करने का उद्ेश्य लोगों को जागरूक करना है। यदि किसी के खाद्य एवं पेय पदार्थ में कोई मिलावट मिलती भी है तो कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसलिए आमजन आगे आकर बेझिझकर होकर अपने खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच करवाएं।

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जिला रैडक्रॉस सोसायटी द्वारा विश्व एड्स दिवस पर ऑटो मार्केट में जागरुक कैंप का आयोजन

सिरसा, 01 दिसंबर।

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              उपायुक्त प्रदीप कुमार के दिशा निर्देशानुसार जिला रैडक्रॉस सोसायटी सिरसा द्वारा विश्व एड्स दिवस के अवसर पर स्थानीय ऑटो मार्केट में जागरुकता कैंप का आयोजन किया गया।

              जिला रैडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर बैनीवाल ने बताया कि प्रतिवर्ष एक दिसम्बर को लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए ‘विश्व एड्स दिवसÓ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ‘एचआईवी/एड्सÓ की बीमारी का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध है। एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान की संक्रमण से लडऩे की शरीर की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इतने वर्षों के बाद भी अब तक एड्स का कोई प्रभावी ईलाज नहीं है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध, रक्त चढ़ाने के दौरान एचआईवी इफेक्टिड ब्लड का उपयोग, चिकित्सक द्वारा एक ही सिरिंज बार-बार इस्तेमाल करने तथा नाई व टैटू की दुकानों पर इन्फेक्टिड चीजों के इस्तेमाल से एड्स होने की संभावना रहती है।

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              टीआई प्रोजेक्ट सिरसा की प्रोजेक्ट मैनेजर राज रानी ने बताया कि जो व्यक्ति नशे का प्रयोग करते हैं उनमें एचआईवी, हैप्पीटाईटस-बी व सी होने की संभावाना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन विश्व की सर्वाधिक बड़ी चुनौतियों में से एक है, इसलिए मादक पदार्थों की रोकथाम व उनके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस अवसर 80 ट्रक चालकों की एचआईवी टैस्टिंग की गई तथा उन्हें मौके पर ही मास्क, साबुन व कंडोम का वितरण रैडक्रॉस द्वारा किया गया।