लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर पंचकूला में होगा "रन फॉर यूनिटी" का आयोजन

निजी स्कूल संचालक विद्यार्थियों के परिवार पहचान पत्र का करवाएं अपडेशन : एडीसी

सिरसा, 3 नवंबर।


अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। भविष्य में सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही दिया जाएगा, जिसमें विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाएं भी शामिल हैं। निजी स्कूल संचालक एक सप्ताह के अंदर विद्यार्थियों के परिवार पहचान पत्र का अपडेशन करवाएं। यदि किसी ने अपना परिवार पहचान पत्र नहीं बनवाया है, उसका रजिस्ट्रेशन करवाएं।

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अतिरिक्त उपायुक्त मंगलवार को विवेकानंद सीनियर सैकेंडरी स्कूल में परिवार पहचान पत्र के अपडेशन कार्य को लेकर निजी स्कूल संचालकों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उपस्थित स्कूल संचालकों को परिवार पहचान पत्र के अपडेशन, नये रजिस्ट्रेशन आदि बारे विस्तार से जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश आदि उपस्थित थे।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि परिवार पहचान पत्र को अपडेशन करवाया जाना जरूरी है। जहां पहले जिला में योजना के तहत परिवारों को रजिस्टर्ड किया गया था। अब रजिस्टर्ड परिवारों के डाटा को अपडेट किया जा रहा है। विभिन्न विभागों को अपडेशन कार्य की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसी कड़ी में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों को भी अपडेशन कार्य में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी निजी स्कूल संचालक एवं प्राध्यापक अपने स्कूल के विद्यार्थियों के परिवार पहचान पत्र का अपडेशन करवाएं, ताकि योजना के तहत रजिस्टर्ड डाटा को फाइनल कर परिवार पहचान पत्र जारी किए जा सकें।

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उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र इस योजना का उद्ेश्य परिवार का सत्यापित, प्रमाणिक व नीय डेटाबेस तैयार करना है। भविष्य में प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही दिया जायेगा। इसलिए स्कूल संचालक व प्राध्यापक योजना के अपडेशन कार्य को रूचि लेकर करें और इसमें किसी प्रकार की कोई दिक्कत आती है, तो डीआईओ से संपर्क कर सकते हैं। 

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सीएम विंडो की लंबित शिकायतों के निपटान में व्यक्तिगत रूची लें अधिकारी : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 3 नवंबर।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि सीएम विंडों की लंबित शिकायतों के निपटान कार्य में अधिकारी व्यक्तिगत रूची लें, ताकि जल्द से जल्द शिकायतों का निपटान हो सके। सभी विभागाध्यक्ष 6 नवंबर तक अपने विभाग से संबंधित सीएम विंडों की लंबित शिकायतों को निपटाना सुनिश्चित कर रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को भिजवाएं।

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उपायुक्त प्रदीप कुमार मंगलवार को लघुसचिवालय के कमना नम्बर-63 में सीएम विंडो की लंबित शिकायतों के निपटान कार्य की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, सिटीएम संदीप, सीएम विंडो इंचार्ज आजाद सिंह सहित सभी विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।  


उन्होंने कहा कि सीएम विंडो से संबंधित कोई भी शिकायत लंबित न रहे। पोर्टल पर जो भी शिकायत लंबित हैं, उनका प्राथमिकता के साथ समाधान करते हुए निपटारा करें। प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सीएम विंडो की सुविधा उन्हें अधिकार के रूप में उपलब्ध करवाई गई है। इसलिए सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करना हर विभाग की नैतिक कर्तव्य के साथ-साथ जिम्मेवारी भी है। उन्होंने कहा कि विभागाध्यक्ष स्वयं रूचि लेकर लंबित शिकायतों का निपटान करवाएं।

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उपायुक्त ने कहा कि सीएम विंडो पर आई शिकायतों को अधिकारी गंभीरता से लेते हुए तुरंत निपटान करवाया जाए और जिस भी विभाग से संबंधित सीएम विंडो की पैंडेंसी है, उन्हें जल्द से जल्द पूरा करें। अधिकारी अपना दायित्व गंभीरता से निभाएं ताकि शिकायतकर्ता को संतुष्टï किया जा सके। उन्होंने कहा कि सीएम विंडो की मोनिट्रिंग स्वयं मुख्यमंत्री हरियाणा करते हैं, इसलिए अधिकारी विंडो पर आई शिकायतों को गंभीरता से लें और इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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किसानों से संवाद कर पराली प्रबंधन के लिए करें प्रेरित : उपायुक्त

सिरसा, 3 नवंबर।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ किए गए कार्य में हमेशा सफलता मिलती है। इसी सोच के साथ हमें जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करना होगा। किसानों के साथ संवाद कर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान व इसके प्रबंधन से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करें।

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उपायुक्त मंगलवार को स्थानीय पंचायत भवन में पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी के लिए लगाए गए नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीडीए बाबू लाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक में प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह ने पराली प्रबंधन को लेकर अपने अनुभव सभी के साथ सांझा किए और दूसरे किसानों को भी पराली प्रबंधन के लिए अपना संदेश दिया। बैठक उपरांत उपायुक्त ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की  जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन गांव-गांव जाकर लोगों को पराली न जलाने बारे जागरूक करेंगी और किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेगी।


उपायुक्त ने कहा कि सिरसा के लोग सहयोगी प्रवृति के हैं। प्रदेश या केंद्र सरकार का सामाजिक सरोकार से जुड़ा कोई भी अभियान रहा हो, वो अभियान सबसे पहले सिरसा जिला में ही सफल हुआ। जागरूकता के मामले में व प्रशासन का सहयोग करने में सिरसा के लोग हमेशा अग्रणी रहे हैं। इसलिए यदि किसानों के साथ संवादकर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान व इसके प्रबंधन के फायदों के बारे में बताया जाए तो वो स्वयं इसमें अपना सहयोग देंगे। उन्होंने उपस्थित नोडल अधिकारियों व अन्य संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे फिल्ड में जाकर किसानों के साथ संवाद करें। इस कार्य में संबंधित सरपंच का सहयोग लें। जो जिम्मेवारी उन्हें दी गई है, उसे पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ पूरा करें। जिला में पराली जलाने की कोई घटना न हो इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी इस दिशा में कामयाबी मिलेगी। हमारे लिए यह चुनौती है, इसे स्वीकार कर सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हुए आगे बढें।

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उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर माननीय उच्च न्यायालय पूरी तरह से सख्त है। इसके अलावा एनजीटी ने भी इस संबंध में कड़ा रूख अपनाया हुआ है। इसलिए जिस भी अधिकारी या कर्मचारी को जो जिम्मेवारी दी गई है, उसका गंभीरता के साथ निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि रेड जोन क्षेत्र में विशेष फोक्स रखा जाए। यदि हम यहीं से प्रभावी शुरूआत करेंगे, तो इसका दूसरे जोन में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं इस समय गंभीर विषय है। पराली जलाने से किसान का भी नुकसान होता है। पराली जलाने से जहां जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म होती है, वहीं उसके कीट मित्र नष्ट हो जाते हैं। इसलिए किसानों को समय रहते जागरूक होना होगा और पराली प्रबंधन कर पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी की भूमिका निभानी होगी।


पनिहारी के किसान रणजीत ने पराली प्रबंधन के अनुभव किए सांझा :


जिला के गांव पनिहारी के प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह ने बैठक में पराली प्रबंधन बारे अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने बताया कि वे अब तक सौ एकड़ के करीब एरिया में पराली का प्रबंधन कर चुके हैं। पराली प्रबंधन में उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई। जिस एरिया में पराली प्रबंधन किया, उसमें बिजाई में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई, बल्कि बिजाई आसानी से हुई है। उन्होंने कहा कि वे स्ट्रा बेलर, सुपर सीडर आदि उपकरणों से पराली प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं।