राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे पर मुख्यमंत्री ने पंचकूला के किडनी ट्रांसप्लांटेशन सर्जन को सम्मानित किया

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया। साथ में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता।

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया। साथ में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता।

पंचकूला 7 अगस्त- केन्द्रीय जल शक्ति व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रतन लाल कटारिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक हर तीन माह में अवश्य आयोजित की जानी चाहिए ताकि जिला में चल रहे विकास कार्यो के साथ जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की जा सके।

For Detailed News-


केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री जिला सचिवालय के सभागार में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिला विकास समन्वय और निगरानी कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सांसद के लिए इस समिति की बैठक बेहतर प्लेटफार्म होता है जिसके माध्यम से अधिकारियों से रूबरू होने के साथ साथ उनके लोकसभा क्षेत्र में चल रहे कार्यो की जानकारी भी हासिल होती है। इसके साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ किन किन व्यक्तियांे को मिला है, यह भी प्राप्त होता है। इसलिए यह बैठक अहम होती है।


श्री कटारिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है। इस नीति के तहत प्रत्येक व्यक्ति को कौशल विकास के साथ साथ नवीनतम तकनीक से जोड़ना है ताकि वे निपुण होकर देश के बेहतर नागरिक बन सके। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति पर डिजिटलाईजेशन पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक सेे ग्रामीण विकास एवं कृषि सहित नवीनतम योजनाओं के बारे में अवगत करवाया जा रहा है।

https://propertyliquid.com/


केन्द्रीय मंत्री ने मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन प्लस, मुख्यमंत्री ग्रामीण अर्बन मिशन व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को इन योजनाओं में ओर तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि जिला के लोगों को इन योजनाओं का लाभ सही समय पर मिल सके।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण विश्व स्तर पर आर्थिक व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को कृषि क्षेत्र ने बचा लिया। यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष कृषि क्षेत्र का उत्पादन 3.37 प्रतिशत था जो बढकर 4 प्रतिशत हो गया। यह देश के लिए किसानों की बड़ी सौगात है।


बैठक में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक, एसडीएम रिचा राठी, कालका के एसडीएम राकेश संधु, जिला परिषद की चेयरमैन रितु सिंगला, जिला परिषद की कार्यकारी निशु सिंगल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

सरकार विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए दे रही ऋण 

विधान सभा में अनुभव और अध्ययन का संगम

पॉलिसी निर्माण में बढ़ेगी विधायकों की भागीदारी, विशेषज्ञों से सीखे गुर

चंडीगढ़, 7 अगस्त

नीति निर्माण में हरियाणा के विधायकों की भूमिका बढ़ने वाली है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है। इस सिलसिले में वीरवार को विधान सभा सचिवालय में विधायकों के लिए प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के तत्वावधान में हुई इस प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस में 10 विधायकों ने हिस्सा लिया। कोविड-19 के कारण सामाजिक दूरी संबंधित नियमों के पालन के लिए सभी विधायकों को एक साथ नहीं बुलाया जा सका।

For Detailed News-

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस का संचालन सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के सीईओ के. यतीश राजावत ने किया। कॉन्फ्रेंस में इस तथ्य पर गहन विमर्श हुआ कि गुरुग्राम ने विकास की बुलंदियों को कैसे छुआ, जबकि बड़े औद्योगिक ढांचे वाले फरीदाबाद में विकास की गति अपेक्षाकृत कम कैसे रही। गुरुग्राम की तर्ज पर हरियाणा के दूसरे शहरों के लिए भी विकास की योजनाएं तलाशी गईं।

इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि दुनिया जिस रफ्तार से आगे बढ़ रही है, उसी रफ्तार से नीतियां भी बनानी पड़ रही हैं। जाहिर है इन सभी नीतियों का समग्रता से अध्ययन करना हर जनप्रतिनिधि के लिए संभव नहीं है। इनके निहित उद्देश्यों को समझना और फिर उनके प्रभावी क्रियान्वयन की रूपरेखा तय करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जितनी बड़ी जिम्मेदारी होती है, उतने ही व्यापक प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता रहती है। विधायकों का अधिकतर समय जन सामान्य के बीच गुजरता है। अनेक तरह की समस्याओं का अंबार उनके सामने होता है। उन्हें हल करने की जिम्मेदारी उनकी होती है।

https://propertyliquid.com/

गुप्ता ने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के साथ-साथ विधानपालिका का मुख्य कार्य नीति निर्माण करना है। यह विडंबना है कि कालांतर में नीति निर्माण में विधायकों की भूमिका कम होती गई और इस कार्य के लिए भी तंत्र अफसरशाही पर निर्भर हो गया। उन्होंने कहा कि जनता जिन लोगों को अपना प्रतिनिधि चुनती है, उन्हें ही उसके लिए नीतियां बनानी चाहिए। नीतियों के निर्माण और उनके क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों की भूमिका बढ़ाने के लिए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि जिनके लिए नीतियां बनाई जाती हैं, उनमें संबंधित पक्षों की राय लेनी आवश्यक है। इसके साथ ही नीतियों की समयावधि तय होनी चाहिए और यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि इनका पुनर्मूल्याकंन कब होगा। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि विधायकों में अध्ययन की प्रवृत्ति कम होने के कारण विधायिकी तंत्र कमजोर हुआ है। कॉन्फ्रेंस के दौरान विशेषज्ञों ने इस पर सुझाव दिया कि विधायकों को अपने पहले 3 वर्ष विधि निर्माण व्यवस्था के लिए ही समर्पित होने चाहिए। बाद के 2 वर्ष वे अपने क्षेत्र के लिए लगाएं।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के सीईओ के. यतीश राजावत ने कहा कि इस प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस में जनता के बीच कार्य करने का अनुभव रखने वाले विधायक और नीति निर्माण की बारीकियों का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों का संगम हुआ है। उन्होंने विधायकों से आह्वान किया कि हर जिले में विकास की संभावनाएं अलग अलग प्रकार की हैं। शोधकर्ताओं के सहयोग से जनप्रतिनिधि इन संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रत्येक बिल को पास करने से 5 दिन पूर्व विधायकों को उपलब्ध करवाने की अनिवार्यता लागू की है, जो सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि इससे विधायक बिल का गहराई से अध्ययन कर सकेंगे तथा उस पर कारगर सुझाव मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस नियम से विधायकों में अध्ययन की प्रवृत्ति भी विकसित होगी।

प्रशिक्षण के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसंधान निदेशक एवं इंडियन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के डीन सुभाशीष गंगोपाध्याय ने कहा कि नीतियां भले ही देखने में एक वर्ग विशेष के लिए हो, लेकिन वास्तव में वे समग्र समाज के लिए होती हैं। उन्होंने शिक्षा नीति का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके लाभार्थी सिर्फ विद्यार्थी नहीं हैं, बल्कि वे सभी लोग हैं, जो शिक्षातंत्र में डॉक्टर बने युवाओं की सेवाएं लेते हैं।

माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क के सीईओ हर्ष श्रीवास्तव ने गुरुग्राम और फरीदाबाद महानगरों के विकास का तुलनात्मक ब्योरा दिया। उन्होंने हरियाणा के दूसरे शहरों के लिए भी औद्योगिक विकल्प सुझाए। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की विंग लेजिस्लेटिव एंड सिविक एंगेजमेंट के मुखिया चक्षु रॉय ने नीति निर्माण और उनके क्रियान्वयन में खामियों को चिह्नित करते हुए उन्हें दुरुस्त करने के उपाय बताए। कॉन्फ्रेंस का अंतिम सत्र परस्पर विचार विमर्श एवं शंका समाधान का रहा। इसमें विधायकों ने अपने अपने विधान सभा क्षेत्रों में निहित विकास की संभावनाओं पर जानकारी हासिल की।

राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे पर मुख्यमंत्री ने पंचकूला के किडनी ट्रांसप्लांटेशन सर्जन को सम्मानित किया

पर्यावरण सरंक्षण के लिए पेड़-पौधे जरूरी, पौधारोपण हर व्यक्ति का सामाजिक दायित्व : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान

सिरसा, 7 अगस्त।


            उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ व शुद्घ बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण आवश्यक है। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान देना चाहिए। पौधारोपण करना हर व्यक्ति का सामाजिक दायित्व है।

For Detailed News-


                यह बात उपायुक्त एवं चेयरमैन आरकेजे श्रवण एवं वाणी दिव्यांग केंद्र रमेश चंद्र बिढ़ान ने आज स्थानीय आरकेजे श्रवण एवं वाणी दिव्यांग कल्याण केंद्र में पौधारोपण के दौरान कही। उपायुक्त ने केंद्र परिसर में त्रिवेणी लगाई और स्कूल व पार्क का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए पौधारोपण अभियान में हर व्यक्ति का सहयोग जरुरी है। पौधारोपण का कार्य सबका सामाजिक दायित्व है, जिसे हमें सामाजिक सरोकार की भावना के साथ निभाना चाहिए। पौधारोपण से हरियाली के साथ-साथ वातावरण तो स्वच्छ होता ही है, इसके अलावा स्कूल परिसर में सौंदर्यकरण को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि केवल मात्र पौधारोपण करके पर्यावरण सरंक्षण की औपचारिकता न की जाए अपितु जब तक पौधा पेड़ का स्वरूप न ले तब तक उसके संरक्षण व संवर्धन में भी निरंतर सहयोग प्रदान किया जाना आवश्यक है।

https://propertyliquid.com/


                उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए पौधरोपण जरूरी है। जिस तरह का वातावरण बनता जा रहा है, वह संकेत दे रहा है कि हमें पर्यावरण सरंक्षण के लिए अभी से सजग होना होगा। यदि अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढी को भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंंगे। उन्होंने आह्वान किया कि नागरिक पौधरोपण करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। इसके अलावा आमजन पौधारोपण के साथ-साथ पौधों की देखभाल का भी संकल्प लें। जिलावासी प्रशासन की पौधारोपण मुहिम में सहयोगी बनें और अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण सरंक्षण के भागीदार बनें।
इस अवसर पर केंद्र के सहायक निदेशक राजेश कुमार, रेणू ग्रोवर, सुनीता सक्सेना, रीटा, किरण, गीता, संदीप कुमार, हरदीप सिंह, कपिल सक्सेना, मुकेश रानी, बबलू आदि मौजूद थे।


उपायुक्त नें केंद्र की खाली पड़ी जमीन पर नर्सरी बनाने की दी मंजूरी


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने आरकेजे श्रवण एवं वाणी दिव्यांग कल्याण केन्द्र में निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने कहा कि होस्टल भवन निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने स्कूल प्रशासन को आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन की तरफ से केंद्र का हर संभव सहयोग किया जाएगा। उपायुक्त ने स्कूल की तरफ से होस्टल बिल्डिंग के पीछे खाली पड़ी जमीन पर नर्सरी बनाने की मांग को मंजूरी प्रदान करते हुए कहा कि नर्सरी के लिए जिला बागवानी विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा। केंद्र के सहायक निदेशक राजेश कुमार ने उपायुक्त को स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में अवगत करवाया। 

राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे पर मुख्यमंत्री ने पंचकूला के किडनी ट्रांसप्लांटेशन सर्जन को सम्मानित किया

सड़कों पर फिर फर्राटा भरती दिखी जिंदगी—-फुल सीटिंग के साथ दौडऩे लगी बसें

सिरसा, 07 अगस्त।

विभिन्न रूटों पर चलाई जा रही 60 से अधिक बसें, अभी सिरसा से दिल्ली-चंडीगढ बस सेवा रहेगी बंद

For Detailed News-


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों की सुविधा व आर्थिक गतिविधियों को बढावा देने के उद्ेश्य से बसों को फुल सीटिंग के साथ चलाने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में राज्य परिवहन विभाग के निदेशक ने हरियाणा रोडवेज की बसों को उनकी पूर्ण क्षमता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही परिवहन निदेशक ने बसों के संचालन के दौरान कोविड-19 से बचाव संबंधी प्रबंध करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि निर्धारित मानकों के तहत बसों तथा बसों की सीटों को नियमित रूप से सैनेटाईज किया जाएगा। इसके साथ ही सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि बस में यात्रियों को फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से जरूरी है। उन्होंने बताया कि बसों के संचालन के दौरान कोरोना वायरस से बचाव संबंधी निर्देशों की अनुपालना कड़ाई से की जाएगी।

https://propertyliquid.com/


  रोडवेज महाप्रबंधक रणसिंह पूनिया ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर प्रदेश सरकार की ओर से बसों में फुल सीटिंग के साथ चलाने की अनुमति दी गई है। इस संबंध में हरियाणा परिवहन निदेशालय आदेश प्राप्त हुए हैं। आदेशों के तहत सिरसा डिपो से विभिन्न रूटों पर 60 से अधिक बस चलाई गई हैं। हालांकि अभी सिरसा से दिल्ली के लिए बस सेवा को बंद रखा गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते शुरूआत में बस में 30 सवारी के साथ बस चलाने की हिदायत दी गई थी। अब आमजन की परेशानियों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पूरी क्षमता के साथ बसें चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि अब बस में पूरी क्षमता यानि की सभी 52 सीटों पर सवारी बैठाकर चलाई जा रही हैं, लेकिन बस में किसी को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं है।

बस को सेनेटाइज व मॉस्क पहनना होगा अनिवार्य :


रोडवेज महाप्रबंधक रणसिंह पूनिया ने बताया कि विभिन्न रूटों पर फुल क्षमता के साथ बसें चल रही हैं। बस में कोरोना बचाव संबंधी उपायों का अनुपालना की जा रही है। सवारियों को बैठाने व उतारने के बाद बस को सेनेटाइज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को मॉस्क पहनना अनिवार्य है। बिना मॉस्क के यात्रा करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि यात्रियों को बैठने से पूर्व व उतरने के बाद बस को रोडवेज वर्कशॉप में ले जाकर सेनेटाइज किया जा रहा है। सेनेटाइज के लिए वर्कशॉप में पुख्ता व्यवस्था की गई है।

लोकल रूटों के साथ इन लंबे रूटों पर चल रही है बसें :


महाप्रबंधक रणसिंह पूनिया ने बताया कि सिरसा डिपो से विभिन्न लोकल रूटों के साथ लंबे रूटों पर भी बस सेवा शुरू की गई है। जिन लंबे रूटों पर बसें चलाई जा रही है, उनमें सिरसा-जयपुर, सिरसा पोखरन, सिरसा-गंगानगर, सिरसा-भादरा-नोहर, सिरसा-संगरिया, सिरसा-हिसार-रोहतक, सिरसा-गुरूग्राम-पंचकूला शामिल हैं। विभिन्न रूटों पर 60 से अधिक बसें चलाई गई हैं।