हरियाणा सरकार बाल श्रम उन्मूलन के प्रति संवेदनशील

पोषण अभियान के तहत दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

सिरसा, 25 फरवरी।

पोषण अभियान के तहत दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित


             महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण अभियान के तहत स्थानीय जिला कार्यालय में जिला रिसोर्स ग्रुप की इंक्रीमेंटल लर्निंग एप्रोच पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने की। इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य गांव स्तर पर आंगनवाड़ी वर्कर, आशावर्कर व हैल्पर द्वारा लोगों को जागरूक करना है।


                 डा. दर्शना सिंह ने बताया कि कार्यशाला में मॉडयूल नम्बर 8, 20 व 21 के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, माताओं, बच्चों के पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करना है। इसके अतिरिक्त मातृृ मृृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। उन्होंने डीआरजी ट्रेनिंग में प्रसव पूर्व तैयारी में सही अस्पताल का चयन, वाहन फोन नम्बर के साथ, मां और बच्चे के लिए कपड़ा, साथ में जाने के लिए लोग इत्यादि के बारे में जानकारी दी।


                 महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी सिरसा (शहरी) द्वारा बच्चों की शारीरिक वृद्वि की निगरानी बारे जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि 3 वर्ष तक के शिशु का हर मास वजन लेना चाहिए व 3 साल के बाद हर तीन महीने में वजन लिया जाना चाहिए। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी डबवाली बताया कि गर्भनाल काटने से पहले शिशु को अच्छी तरह पोंछ कर मां के सीने से सीधे सम्पर्क में लायें। बच्चे के जन्म के तुरन्त बाद मां के शरीर की जरूरी गरमाहट मिलना अत्यंत आवश्यक है। शिशु को गरमाहट नहीं मिलने पर बच्चा ठंडा व बीमार हो सकता है। बच्चे को एक घंटे के अंदर स्तनपान करवाना अति आवश्यक है। इसके अतिरिक्त इनके द्वारा परिवार नियोजन बारे भी जानकारी दी गई।


                 इस ट्रेनिंग में सभी खण्डों की महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी व सुपरवाईजर, स्वास्थ्य विभाग से डा. ब्लेश, आंगनवाड़ी ट्रेनिंग सेंटर की प्रशिक्षिका शांति देवी, जिला कॉर्डिनेटर पोषण अभियान व जिला प्रोजक्ट सहायक व खंड कॉर्डिनेटर व खंडों के सहायक भी उपस्थित थे।

हरियाणा सरकार बाल श्रम उन्मूलन के प्रति संवेदनशील

एनजीटी ने अवैध रूप से खनन कार्य करने वाले मामलों में जुर्माने राशि की नई दरें की जारी

सिरसा, 25 फरवरी।

वाहन की कीमत की 50 प्रतिशत राशि पहले मामले में नहीं ली जाएगी


             राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा अवैध रूप से खनन कार्य करने वाले मामलों में 19 फरवरी से जुर्माने राशि की नई दरें लागू की गई है। नई दरों के मुताबिक अब मशीनरी या वाहन की कीमत की 50 प्रतिशत राशि पहले मामले में नहीं ली जाएगी।


                 खनन अधिकारी सिरसा राजेश सांगवान ने बताया कि पहले के अनुसार एनजीटी अवैध खनन के मामलों में मशीनरी या वाहन की आधी कीमत को जुर्माने के तौर पर वसूल किया जाता था। एनजीटी के आदेश अनुसार अवैध रूप से खनन कार्य करने अथवा खनन सामग्री को अवैध रूप से ले जाते हुए पकड़े गए वाहन के मामलों में मशीनरी या वाहन की आधी कीमत को जुर्माने के तौर पर वसूल किया जाता था। वह राशि काफी भारी भरकम होने के कारण एनजीटी ने जुर्माने की नई दरें इस माह 19 फरवरी से लागू कर दी है। नई दरों के अनुसार कोई भी गाड़ी अवैध रूप से खनन सामग्री ले जाते हुए पकड़ी जाती है या कहीं अवैध तौर पर खनन कार्य किया जा रहा हो तो ऐसे मामलों में मशीनरी और गाड़ी की शोरूम कीमत एवं उसकी पुरानी होने के आधार पर जुर्माने की राशि निर्धारित की जाएगी।



कुछ यू रहेगा नई जुर्माने का प्रावधान

                 एनजीटी के नियमों के मुताबिक गाडिय़ां मशीनरी की शोरूम प्राइस 25 लाख से अधिक है और वह 5 साल रुपये से कम पुरानी है तो 4 लाख रुपये की जुर्माना राशि वसूल की जाएगी। इसी प्रकार मशीनरी या गाड़ी की कीमत 25 लाख रुपये से अधिक है और यह 5 से 10 वर्ष के बीच पुरानी हो चुकी है तो 3 लाख रुपये की राशि जुर्माने के रूप में ली जाएगी।

दूसरी बार पकड़े गए तो लगेगा 50 फीसदी जुर्माना
                 इसके अलावा हरियाणा खनन नियम 2012 के तहत गाड़ी मालिक को खनिज की रॉयल्टी कीमत व जुर्माना राशि अलग से खान एवं भूविज्ञान विभाग में जमा करवानी होगी। एनजीटी ने यह स्पष्ट किया है कि कोई गाड़ी या डंपर दूसरी बार अवैध रूप से पत्थर या रेतीले जाते पाया जाता है तो शोरूम कीमत की 50 प्रतिशत राशि का जुर्माना लगाया जाएगा। गाड़ी को जप्त किए जाने के एक माह बाद तक नहीं छुड़वाया जाता तो उसे नीलाम कर दिया जाएगा।

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