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जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग ने दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाऊन पैट्रोल एक्ट, 1918 के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए घग्घर नदी में बढ़ते पानी के मद्देनजर साथ लगते गांवों में ठीकरी पहरा लगाने के आदेश दिये हैं।

सिरसा, 22 जुलाई। 


                 जिलाधीश अशोक कुमार गर्ग ने दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाऊन पैट्रोल एक्ट, 1918 के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए घग्घर नदी में बढ़ते पानी के मद्देनजर साथ लगते गांवों में ठीकरी पहरा लगाने के आदेश दिये हैं।

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                 जिलाधीश ने दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाऊन पैट्रोल एक्ट, 1918 की धारा 3(1) के अंतर्गत प्रदत्त: शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला के सभी सरपंचों को निर्देश दिये है कि वे अपने-अपने गांवों में 5 स्वस्थ नौजवानों की ड्यूटियां लगाए। ये नौजवान घग्घर नदी में बढ रहे जलस्तर व बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए रात्रि के समय ठीकरी पहरा देंगे। इस कार्य को करवाने की जिम्मेवारी संबंधित तहसीलदार, थानाध्यक्ष तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी / ग्राम पंचायत की होगी। 


                 इन आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के विरुद्घ दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाऊन पैट्रोल एक्ट, 1918 की धारा 3(1) के अंतर्गत तथा सरपंच के खिलाफ हरियाणा पंचायती राज एक्ट 19(4) में दी गई कर्तव्य पालना में बरती गई कोताही के तहत दोषी समझकर कार्यवाही की जायेगी।

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चिल्ला साहिब में गुरू नानक ने किया था चलिया

सिरसा 22 जुलाई।

गुरू नानक जी ने लगभग 510 वर्ष पूर्व अपने चरण स्पर्शों से सिरसा को किया था पवित्र


            भारत की धरती ने अनेकों ऐसे महापुरूषों को जन्म दिया है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सुधार के कार्यों में लगा दिया। इन्हीं में से एक थे गुरू नानक देव जी महाराज, जिन्होंने समस्त समाज को न केवल मानवता का संदेश दिया बल्कि स्वयं इस रास्ते पर चले और दूसरों को प्रेरित भी किया। पूरी दुनिया में जहां-जहां गुरू नानक देव जी गए वहां पर अपने संदेश व ज्ञान से लोगों को अपना मुरीद बनाया। ऐसा ही सौभाग्य सिरसा के लोगों को भी आज से लगभग 510 वर्ष पूर्व मिला था, जब गुरू नानक देवी जी के चरण कमल धर्म की नगरी सिरसा में पड़े थे। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार गुरू नानक देव जी सिरसा की धरती पर 4 महीने 13 दिन रहकर लोगों को मानव कल्याण का संदेश दिया था। 


            कहा जाता है के गुरू नानक देव जी अपनी दूसरी उदासी में सिरसा आए थे। बताया जाता है कि गुरू नानक जी जब सिरसा आए थे तो यहां मुसलमान-फकीरों का बड़ा भारी मेला चल रहा था। इस मेले में दूर-दूर से फकीर व लोग आए हुए थे। गुरू नानक देव जी मरदाना के साथ उस मेले में पहुंचे। गुरू नानक देव जी के परिधान ने मेले में उपस्थित लोगों को आकर्षित किया, क्योंकि जो परिधान उन्होंने पहना हुआ था, उससे न वो हिंदू लग रहे थे और ना ही मुस्लमान। ऐसे व्यक्ति को अपने बीच पाकर लोगों की भीड़ उनके पास एकत्रित हो गई। भीड़ को देखकर गुरू जी ने मरदाने से कहा मरदाने छेड़ राग, मरदाने ने रबाब बजाई। गुरू जी के मुख से जैसे ही वाहिगुरू दी रहमत का शब्द निकला लोग फकीरों के जलसे को छोड़ कर गुरू जी के तरफ दौड़े चले आए। 


            बताया जाता है कि जिस समय गुरू जी ने यहां अपने एक ओंकार मिशन का प्रचार किया था, उस दौरान यहां ऐसे फकीरों का बड़ा बोलबाला था, जोकि लोगों को धागे तवीज से मंत्र उचारण देकर उनकी बीमारी को दूर करने का दावा करते थे। बीमार लोग अपनी बीमारी को खत्म करने उनके पास आते थे वे जादू टोनो से उनकी बीमारी का हल करते थे। सिरसा में फैले इस पाखंडता के बोलबाले के बीच गुरू नानक देव जी ने अपने संदेशों से लोगों के बीच मानवता की एक लौ जगाने का काम किया।


कहते है कि गुरू नानक देव जी व मरदाना एकेश्वर की खोज के लिए निकल थे। एक बार गुरू नानक देवी जी ने नदी में डुबकी लगाई और नीचे जाकर ध्यानर्त हो गए। बताया जाता है कि गुरू नानक देव जी तीन दिन नदी के अंदर ही रहे और तीन दिन बाद निकले तो दुनिया को संदेश दिया कि कोई हिंदु-मुस्लमान नहीं है। उनकी यह घोषणा आदमी के भाईचारा और परमेश्वर के पितृत्व की घोषणा थी। इसी ज्ञान को लेकर गुरू जी ने भारत में कई हिन्दू और मुरिुलम धर्म की जगहों का भ्रमण किया। गुरू नानक के इस भ्रमण को पंजाबी में उदासियों के नाम से जाना गया। गुरू नानक ने 1521 ई. तक चार यात्रा चक्र पूरे किए। इस दौरान उन्होंने भारत,अफगानस्तिान, फारस और अरब के मु य स्थानों पर जाकर समाज सुधार की दिशा में लोगों में जागरूकता लाने का काम किया।  


           इसी भ्रमण के दौरान श्री गुरू नानक देव जी ने दूसरी उदासी में सिरसा की धरती पर पैर रख सिरसा को पवित्र किया था, गुरू नानक देव जी  बठिंडा से भटनेर, बाहिका आदि स्थानों से होते हुए 1510 ई सिरसा पहुंचे। सिरसा में चिल्ला साहिब गुरूद्वारा वह स्थान है जहां गुरू जी ने चलिया अर्थात 40 दिन तक बिना कुछ खाए पीए ध्यान किया। गुरू नानक देव जी ने ननकाना के बाद सिरसा एक ऐसा स्थान है जहंा गुरू जी ने अपने जीवन का सबसे अधिक समय एक जगह पर बिताया था। 

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सिरसा में गुरू नानक देव जी ने  चार महीने 13 दिन बिताए तथा यहां के लोगों को मानवता की सेवा के लिए प्रेरित किया। गुरू जी ने आपसी प्रेम, भाईचारा, मानवता की सेवा, जाति प्रथा का विरोध, नारी अधिकार व समाज में फैली ऐसी कुरीतियां जो मानवता की बाधक थी, को खत्म करने को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और इसके लिए चार यात्रा चक्र पूरे किए तथा मानवता का संदेश फैलाया।


            गुरू नानक द्वारा दिए गए संदेश मानवता व समाज सुधार की दिशा में आज भी प्रासंगिक हैं। गुरू नानक देव जी देश व दुनिया में जहां भी गये, वहां पर अपने संदेशों के माध्यम से लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। गुरू नानक देव जी को अपने बीच पाकर लोग अपने आपको सौभाग्यशाली व धन्य समझते थे। ऐसा ही सौभाग्य सिरसा के लोगों को भी मिला आज से लगभग 510 वर्ष पूर्व, जब श्री गुरू नानक देव जी ने सिरसा की पवित्र भूमि पर अपने चरण रखे थे। गुरू नानक देवी जी द्वारा यहां पर बिताए गए दिनों व लोगों का उनके प्रति आदर व सत्कार के क्षणों के गवाह का केन्द्र बिन्दु ऐतिहासिक गुरद्वारा चिल्ला साहिब बना हुआ है। गुरू नानक देवी जी के चरण स्पर्श से पवित्र हुई सिरसा की धरती एक बार फिर गुरू जी के ज्ञान व उपदेशों की गवाह बनेगी, जब 4 अगस्त को पुलिस लाईन मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।

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प्रकाशोत्सव राज्य स्तरीय समारोह बनेगा भाईचारा व समरसता का प्रतीक : चोपड़ा

सिरसा, 22 जुलाई। 


              गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर सिरसा की पुलिस लाइन में होने वाला राज्य स्तरीय समारोह बड़ा ही भव्य व ऐतिहासिक होगा। समारोह में किसी विशेष समुदाय या वर्ग नहीं अपितु समस्त समाज की भागीदारी होगी। इसलिए यह समारोह भाईचारा व समरसता का प्रतीक बनेगा। 

समारोह की तैयारियों को लेकर चेयरमैन ने ली भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की बैठक


                यह बात हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन जगदीश चोपड़ा ने स्थानीय युवक साहित्य सदन में भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महापुरूषों की जयंतियों को सरकारी तौर पर मनाने का जो निर्णय लिया है, उसका उद्ेश्य लोगों तक इन महापुरूषों के उपदेशों व विचारों को पहुंचाना है। इसी कड़ी में 4 अगस्त को सिरसा में राज्य स्तरीय समारोह मनाने जा रही है ताकि गुरू नानक देव जी की बाणियां एवं शिक्षाएँ जन-जन तक पहुंचे, जिससे समाज को एक नई दिशा मिले। 

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चेयरमैन ने कहा कि पुलिस लाईन में आयोजित इस समारोह में प्रदेशभर से साध संगत पहुंचेगी। इसलिए तैयारियां अभी से जोरों पर की जा रही हैं, ताकि समय रहते सभी व्यवस्थाएं पूरी हो सकें। इस समारोह के सफल आयोजन में हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है। यह सौभाग्य है जिला के लिए कि गुरू नानक के जन्मोत्सव पर इतना बड़ा कार्यक्रम सिरसा में हो रहा है। इसलिए हर व्यक्ति की समारोह की तैयारियां में पूरी तन्मयता के साथ जुट जाएं। उन्होंने बताया कि गुरू नानक देव जी के जीवन पर लाईट एंड सॉऊंड कार्यक्रम का तीन अगस्त की सायं को स्थानीय चौ देवी लाल विश्वविद्यालय के ओडीटोरियम में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों से समारोह में ज्यादा से ज्यादा सहभागिता करने का आह्वान किया। 


                इस अवसर पर हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पाेरेशन के चेयरमैन श्रीनिवास गोयल, मार्केट कमेटी ऐलनाबाद के चेयरमैन अमीर चंद मेहता, मार्केट कमेटी डबवाली के चयरमैन बलदेव सिंह मांगेआना, चेयरमैन आदित्य देवीलाल, हरियाणा राÓय सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड के चेयरमैन वेद बैनिवाल सहित भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।

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बच्चों में कुपोषण से बचाव के लिए एलबेंडाजोल की खुराक देना जरूरी : उपायुक्त

सिरसा, 22 जुलाई। 


               पेट में कीड़े होना बच्चे के शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न करता है। पेट के कीड़ों का शिकार बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को एलबेंडाजोल दवा की खुराक दी जानी जरूरी है। लोगों में पेट के कीड़े की दवा के प्रति जागरूकता जरूरी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को एलबेंडाजोल की खुराक दी जा सके। 

उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कृमि मुक्ति दिवस को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक


यह बात उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने आज कृमि मुक्ति दिवस के तहत कैंप कार्यालय में आयोजित अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर एसडीएम सिरसा श्रीमती शालिनी चेतल, सीएमओ डॉ. गोबिंद गुप्ता, पीओआईसीडीएस डॉ. दर्शना सिंह सहित कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। 


                 उपायुक्त ने कहा कि कृमि मुक्ति दिवस मनाए जाने का मु य उद्ेश्य बच्चों में पेट के कीड़ों की बीमारी से मुक्त करना है। यह बीमारी बच्चों में शारीरिक कमजोरी उत्पन्न करती है, जिससे बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। स्वास्थ्य से जुड़ा होने के कारण यह सभी के लिए जरूरी है कि कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर बच्चों को एलबेंडाजोल(पेट के कीड़े मारने की दवा) की खुराक दिए जाने बारे चलाए जाने वाले अ िायान को सफल बनाने के लिए सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान में शिक्षा व आंगनवाड़ी की मु य भूमिका रहेगी। आंगनवाड़ी विभाग जहां अपने वक्र्स के माध्यम से बच्चों को कृमि मुक्ति बारे दी जाने वाली खुराक दिलवाने में पूरे तालमेल के साथ सहयोग करें। इसी प्रकार स्कूल में अध्यापक स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बच्चों को एलबेंडाजोल की खुराक दिलवाने में सहयोग करें। 

कहा एलबेंडाजोल(पेट के कीड़े मारने की दवा) दवा के फायदे के प्रति लोगों करें जागरूक


                 उन्होंने कहा कि जिला का कोई भी बच्चा एलबेंडाजोल की खुराक से छूटे ना। राजकीय स्कूलों, निजी स्कूलों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ-साथ आई.टी.आई. तथा अन्य राजकीय कॉलेज जिसमें 19 वर्ष तक की आयु के छात्र-छात्राएं शिक्षा ले रहे हो उनको भी यह दवाई नि:शुल्क वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला में ईंट भट्टों, भवन निर्माण ऐरिया व स्लम एरिया में जहां श्रमिक कार्य कर रहे हो, उनके एक से उन्नीस वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क दवा उक्त कृमि मुक्त दिवस के अवसर पर खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पेट में कीड़ों की समस्या से बहुत से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं, इससे निजात पाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जा रहा है। 

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सिविल सर्जन डा. गोबिंद गुप्ता ने बताया कि बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवाई देने का मु य उद्ेश्य उन्हें कुपोषण का शिकार होने से बचाना है। उन्होंने कहा कि एलबेंडाजोल टैबलेट खाने से वैसे तो कोई नुकसान नहीं है पर फिर भी अगर किसी बच्चे में डर है या उसे खाने से कोई दिक्कत लगती है तो वे हैल्पलाईन न बर पर स पर्क कर सकते हैं। उन्होंने सभी अभिभावकों से आह्वïान किया कि कृमि मुक्त दवाई लेने में बच्चों को तैयार करें, किसी प्रकार का भय या डर उनके मन में न पनपने दें। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के डा. बुधराम ने कीड़े मारने की दवाई के बारे में विस्तार से बताया तथा जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं उनके लक्षणों के बारे में भी जानकारी दी। 

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समाजसेवी नीरू खुराना (Neeru Khurana) को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं।

सिरसा: 22-07-2019

नीरू खुराना (Neeru Khurana) को न्यूज़ 7 वर्ल्ड (News7world) टीम की तरफ से आपको जन्मदिन की शुभकामनाएँ !

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