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केंद्र : पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद करने से भारतीय विमानन कंपनियों को हुआ 548 करोड़ का घाटा

पाकिस्तान द्वारा अपनी हवाई क्षेत्र को भारत के लिए बंद करने से भारतीय विमानन कंपनियों को 548 करोड़ का घाटा हुआ है।

पाकिस्तान ने हाल में ही अपने हवाई क्षेत्र को बंद रखने की समय सीमा 12 जुलाई तक बढ़ा दी है। बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र को बंद कर रखा है।

इस कारण खाड़ी देशों, पश्चिम-मध्य एशिया सहित कई देशों को जाने वाली भारतीय एयरलाइंस की फ्लाइट को अरब सागर का चक्कर लगाते हुए जाना पड़ रहा है। पाकिस्तान के वायुसीमा बंद करने से भारतीय एयरलाइंस को नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

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हाल में ही जी-20 में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पाक वायुसीमा से न होकर अरब सागर और ओमान होते हुए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक पहुंचे थे। हालांकि पाक ने उनके विमान को अपने देश के उपर से होकर जाने के लिए अनुमति दे दी थी।

नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि पाक हवाई क्षेत्र के बंद होने से 2 जुलाई तक भारतीय विमानन कंपनियों को हुआ 548 करोड़ का घाटा हुआ।

जिसमें  2 जुलाई एयर इंडिया को 491 करोड़, 31 मई तक इंडिगो को 25.1 करोड़ और 20 जून तक स्पाइस जेट को 30.73 करोड़ और गोएयर को 2.1 का घाटा हुआ।

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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करने वाली हैं।जानें ? खास बातें

नई दिल्ली:

मोदी सरकार (Modi Govt) के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पेश करने वाली हैं।

आज सुबह वो अपने आवास से सबसे पहले वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के लिए रवाना हुईं। जहां उन्होंने बजट से जुड़ी कॉपियां अपने ब्रीफकेस (Briefcase) में रखी। जिसे बजट ब्रीफकेस (Budget Briefcase) भी कहा जाता है।

लेकिन इस बार महिला वित्त मंत्री ने बजट ब्रीफकेस नहीं दिखाया। लेकिन उनके हाथ में एक नया मखमली लाल कपड़े में लिपटी बजट कॉपियां नजर आईं, इस लाल कपड़े के ऊपर अशोक स्तंभ का चिन्ह दिख रहा है। इसी के अंदर बजट की कॉपियां हैं। इस बार बजट की तस्वीर नई नजर आई हैं।

बजट ब्रीफकेस की शुरुआत ब्रिटिश काल से शुरू हुई थी। बजट वाली दिन पहले चमड़े की बैग या ब्रीफकेस के साथ वित्त मंत्री संसद भवन पहुंचते हैं।

आजादी के बाद पहले वित्त मंत्री आरके शानमुखम चेट्टी लेदर के थैले के साथ संसद भवन पहुंच थे। उसके बाद कई दशकों तक यहीं थैला लेकर वित्त मंत्री पहुंचते थे।

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इस बजट ब्रीफकेस में देश के वित्त वर्ष का आर्थिक स्थिति का लेखा-जोखा होता है। 

थैले से ब्रीफकेस में बदलने की परंपरा को पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने तोड़ा और सूट बूट के साथ नया चमड़े का ब्रीफकेस लेकर संसद पहुंचे और देश का बजट पेश किया। 

मनमोहन सिंह के बाद 2019 के अंतरिम बजट तक इसी चमड़े का ब्रीफकेस में बजट की कॉपियां आई लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहले बजट का ब्रीफकेस थोड़ा सा बदला हुआ नजर आ रहा है। 

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