हरियाणा सरकार बाल श्रम उन्मूलन के प्रति संवेदनशील

हरियाणा सरकार बाल श्रम उन्मूलन के प्रति संवेदनशील

हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने पंचकूला जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता की

पंचकूला को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए टास्क फोर्स के सभी सदस्य एक टीम के रूप में करें कार्य

पंचकूला में चाइल्ड बेगिंग समाप्त करने और अस्पताल व महिला थानों में ‘चाइल्ड फ्रेंडली रूम’ की व्यवस्था प्रदेश के लिए बनेगी रोल मॉडल : आयोग सदस्य

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पंचकूला, 23 अक्तूबर – हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री श्याम शुक्ला और श्री अनिल कुमार ने आज लघु सचिवालय के सभागार में बाल श्रम की रोकथाम के लिए गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने पंचकूला को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए टास्क फोर्स के सभी सदस्यों से एकजुट होकर टीम भावना के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

आयोग के सदस्यों ने कहा कि हरियाणा सरकार बाल श्रम के प्रति संवेदनशील है और बाल श्रम की रोकथाम के साथ-साथ प्रभावित बच्चों के पुनर्वास के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि पंचकूला को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए नई पहलों पर कार्य किया जा रहा है, जिनमें चाइल्ड बेगिंग (बाल भिक्षावृत्ति) को समाप्त करना तथा सिविल अस्पताल और महिला थानों में ‘चाइल्ड फ्रेंडली रूम’ की व्यवस्था शामिल है।

उन्होंने कहा कि इन पहलों की सफलता के पश्चात इन्हें प्रदेश के अन्य जिलों में भी चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सरकार के इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा प्रत्येक जिले में जाकर जिला टास्क फोर्स की गतिविधियों की व्यापक समीक्षा की जा रही है, ताकि प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाकर पूरे देश में एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इस सामाजिक कुरीति को जड़ से समाप्त करने के लिए उन व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई आवश्यक है, जो बच्चों को बाल श्रम के लिए मजबूर करते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने जिला टास्क फोर्स को ऐसे लोगों की पहचान करने के निर्देश दिए।

उन्होंने यह भी बताया कि बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी व्यवसाय या कार्य में नियोजित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है।

आयोग के सदस्यों ने बाल मजदूरी को रोकने के लिए व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि बाल श्रम में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्माना भी लगाया जाए।

सदस्यों ने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के लिए मार्केटों, ढाबों, फैक्ट्रियों, होटलों और ट्रैफिक लाइटों आदि स्थानों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को संवेदनशील बनाया जाए। इसके साथ ही, जिला टास्क फोर्स संभावित बाल श्रम स्थलों की पहचान कर नियमित छापेमारी करे तथा इस अवैध कार्य में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।

उन्होंने यह भी कहा कि बाल श्रम से संबंधित मामलों में छापेमारी के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के दो अधिवक्ताओं को टास्क फोर्स में शामिल किया जाए, ताकि एफआईआर में सभी तथ्यों को सटीक और प्रभावी रूप से दर्ज किया जा सके। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों द्वारा रेस्क्यू किए गए बच्चों का चिकित्सीय परीक्षण करवाने के बाद ही उन्हें बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

उन्होंने कहा कि जिला टास्क फोर्स बाल श्रम उन्मूलन के लिए प्रभावी ढंग से कार्य करे, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में जारी मानक कार्यप्रणाली (SOP की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारी आगामी माह आयोजित होने वाली आयोग की बैठक में SOP का गहन अध्ययन कर तैयार होकर आएं। यदि इस संबंध में किसी प्रकार की शंका या अस्पष्टता हो, तो उसका समाधान आयोग के सदस्य मौके पर ही करेंगे।

इस अवसर पर एसडीएम पंचकूला श्री चंद्रकांत कटारिया, एसीपी श्री राकेश कुमार, जिला बाल कल्याण अधिकारी श्रीमती शिवानी सूद, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती रेखा, लेबर इंस्पेक्टर श्री तेजबीर सिंह एवं श्री सुभाष वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अरविंद सहगल, तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण से अधीक्षक श्री राहुल देशवाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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