हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा ‘किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां डिजिटल प्रौद्योगिकी और उसका प्रभाव’ विषय पर सेमिनार किया गया आयोजित
डर और आत्म-संदेह, सबसे बड़ी कमजोरी
पंचकूला, 10 सितंबर: हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद, चंडीगढ़ द्वारा आज मनसा देवी कांप्लेक्स सेक्टर-5 स्थित शिशु निकेतन पब्लिक स्कूल में ‘किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां डिजिटल प्रौद्योगिकी और उसका प्रभाव’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया।
मुख्यवक्ता मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने उपस्थित किशोरों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल युग ने उन्नत शिक्षा, वैश्विक संपर्क, नये करियर के अवसरों के माध्यम से समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, लेकिन इसके साथ ही बातचीत में कमी, हानिकारक नकारात्मक सामग्री के संपर्क में आना और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट भी आ रही है ।
उन्होंने कहा कि डर और आत्म-संदेह, सबसे बड़ी कमजोरी है जो पूरी क्षमता को कुचल सकती है। इसलिए अपना आत्मविश्वास बढ़ाएं, डर को बढ़ने न दें, बल्कि उसको समझें और उससे लड़ें। हर दिन 1 प्रतिशत बेहतर करने का प्रयास करें, विचारों पर निरंतर काम करते हुए सकारात्मकता की ओर बढ़ें, हमेशा ध्यान रहे कि डर के आगे जीत है। इसलिए पहले एक्शन लें, फिर प्रयास जारी रखें। इच्छाशक्ति, आत्मबल व सकारात्मक सोच इंसान की प्राकृतिक क्षमता है, इनको विकसित करते रहें। परामर्शदाता नीरज कुमार ने कहा कि जिज्ञासावश उत्तपन्न हुए सवाल हमेशा अपने अभिभावकों व अध्यापकों से पूछते रहें। बढ़ती उम्र के साथ समय-समय पर अपने दोस्तों व सामाजिक परिवेश को भी समझें।
जिला बाल कल्याण अधिकारी शिवानी सूद व प्राचार्या अनुपम भारद्वाज ने सेमिनार की संयुक्त अध्यक्षता करते हुए कहा कि निरंतर मनोवैज्ञानिक प्रेरणादायी सेमिनार के माध्यम से किशोरावस्था के उन पहलुओं को छुआ जा सकता है, जिन्हें सीधे तौर से चर्चा करने में कठिनाई महसूस होती है। आज का सेमिनार उत्साहवर्धक रहा, उम्मीद है कि लाभकारी भी सिद्ध होगा।
कार्यक्रम में राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य विमल राय व नीरज कुमार के अलावा अपराजिता कटोच, ज्योति परमार, विनीत कुमार, निधि कंवर आदि शिक्षक विशेष रूप से उपस्थित रहे।