हरियाणा के वन विभाग एवं वन्य प्राणी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक निगम ने कहा कि मनुष्य की लालची प्रवृति और अवैध शिकार के कारण वन्य प्राणियों की कई प्रजातियां नष्ट हो गई है।
पंचकूला, 2 अक्टूबर- हरियाणा के वन विभाग एवं वन्य प्राणी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक निगम ने कहा कि मनुष्य की लालची प्रवृति और अवैध शिकार के कारण वन्य प्राणियों की कई प्रजातियां नष्ट हो गई है। यदि यही सिलसिला चलता रहा तो बाकी बची प्रजातियों का भी समय निकट है। श्री निगम वन एवं वन्य प्राणी विभाग द्वारा वन परिसर पिंजौर में राज्य रतरीय वन्य प्राणी सप्ताह समारोह के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
श्री निगम ने कहा कि इस सन्दर्भ में समाज के प्रयेत्क समुदाय को यह महसूस कराना होगा कि वन्य प्राणियों के होने से ही जैव चक्र चलता रहता है और तभी मनुष्य जीवन भी समभव है। यदि इस जैव चक्रम में से कुछ प्रजातियां लुप्त हो जाती हैं तो मनुष्य जीवन का अंत भी तय है। हमें मानवता को बचाने के लिए इस जैव चक्र को सुरक्षित बनाए रखना है। उनका संरक्षण करना है। सभी वन्य प्राणी धरती की धरोहर है और जगत प्रकृति में एक कड़ी का काम करते है। उन्होने बच्चों से अनुरोध किया वे जैव विविधता के महत्व को समझते हुए वन्य प्राणियों की सुरक्षा का सकल्प लंे ताकि मानवता का भविश्य सुरक्षित रहे।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक डा0 अमरिन्द्र कौर ने कहा कि वन सम्पदा की रक्षा से ही वन्य प्राणियों की आश्रय स्थल बच सकता है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा0 अनिल हुडा ने कहा बौद्विक व सामाजिक व्यक्तियों को वन्य प्राणियों और प्रकृति के महत्व के ज्ञान को आगे वाली पीढियों को प्रसारित करना होगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी), वी0 एस0 तंवर ने बताया कि 02 से 08 अक्तुबर, 2019 हरियाणा के सभी जिलों में वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके तहत 2 अक्तुबर को पिंजौर, 03 अक्तुबर पिपली, 4 अक्तुबर को डीयर पार्क हिसार, 05 अक्तुबर को सुल्लतानपुर, 06 अक्तुबर को झाबुआ रेवाड़ी, 07 अक्तुबर को रोहतक व 08 अक्तुबर को पानीपत में विषेष समारोह आयोजित किये जा रहे है। उन्होंने बच्चों से वन्य प्राणियों से स्नेह करने की अपील की ।
इस अवसर पर श्री निगम ने पौधारोपण भी किया गया तथा वन विभाग द्वारा लगाई गई वन्य प्राणियों को सुरक्षा व गतिविधियों से सम्बन्धित प्रदर्षनी का अवलोकन किया। समारोह में स्कूली बच्चों तथा शुरूआत समति के बच्चों द्वारा नाटकों द्वारा वन्य प्राणियों के महत्व को समझाया गया।
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