स्वस्थ जच्चा बच्चा से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि पोषण माह का उद्ïेश्य गर्भवती महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पौष्टिïक बारे जागरूक करना है। एक गर्भवती महिला व बच्चे के लिए जरूरी है कि उसके भोजन में पौष्टिïक आहार को शामिल किया जाए। पौष्टिïक आहार व हरी सब्जियां गर्भवती महिलाओं व शीशुओं में आयरन की कमी को दूर करती है, साथ कुपोषण से बचाव करती है। पोषण अभियान 7 सितंबर से शुरू किया गया था, जिसका आज समापन किया गया है।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण बुधवार को स्थानीय पंचायत भवन में पोषण माह के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने रिबन काट कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बनाई गई रंगोली, पोस्टर मेकिंग, पोषण थाली, सैल्फी प्वाइंट का अवलोकन किया। इस दौरान उपायुक्त ने विभिन्न गांवों से आई गर्भवती महिलाओं को गोदभराई रस्म से अपना आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त बिढ़ाण ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागी महिलाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर सीएमजीजीए सुकन्या जनार्दनन, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह सहित जिला की सभी सीडीपीओ, आंगनवाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर तथा महिलाएं मौजूद थी।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए दो चीजें बहुत जरुरी है, पहला शुद्ध व पोषक भोजन तथा दूसरा भोजन को पचाना, इसलिए महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए नियमित योग को भी अपनाएं। गर्भवती महिलाएं अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें, फल व हरी सब्जियों का सेवन करें, फास्ट फूड खाने से परहेज करें, क्योंकि अच्छे भोजन का सीधा-सीधा असर आने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है। अगर बच्चा स्वस्थ होगा तो स्वस्थ समाज व सशक्त राष्टï्र का निर्माण संभव है। उन्होंने कहा कि जन्म के 6 माह तक बच्चे का जीवन मां व प्रकृति पर निर्भर रहता है। 6 माह उपरांत मां का दायित्व है कि स्वयं व बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिïक आहार का विशेष ध्यान रखें, ताकि बच्चे का मानसिक, शारीरिक तथा बौद्घिक विकास हो सके।
उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि मानव जीवन को संपूर्ण स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति ने पूरे प्रबंध किए हैं, लेकिन हम स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से अनेक बीमारियों व कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। अच्छे व शुद्ध भोजन के लिए हमें अपने घर में ही सारी चीजें आसानी से मिल जाती है। नियमित रुप से दाल व हरी सब्जियों के सेवन से आयरन की कमी दूर होगी, जिससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए गोली खाने से बचने के लिए हरी सब्जियों का सेवन करें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए बच्चों की उम्र, पैदाइश के समय वजन, वर्तमान में वजन, स्वास्थ्य, प्रदान किये जा रहे पोषाहार, टीकाकरण आदि के संबंध में जानकारी रखना बहुत जरुरी है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बीमारी और मृत्युदर का एक प्रमुख कारण कुपोषण होता है, पोषण अभियान का लक्ष्य कुपोषण से होने वाले खतरे को कम करना है। उन्होंने कहा कि फल एवं हरी सब्जियां पोषण तत्वों के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए इन्हें अपने आहार में नियमित रुप से शामिल करना चाहिए।
भ्रूण हत्या न करने, न करवाने देने का लें प्रण : उपायुक्त बिढ़ाण
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति व वेदों में भी महिलाओं का पूजनीय स्थान रखा गया है। जब से सृष्टिï बनी है, कोई भी धार्मिक अनुष्ठïान बिना महिला के संपूर्ण नहीं माना जाता। उन्होंने उपस्थित महिलाओं का आह्ïवान करते हुए शपथ दिलवाई कि वे न तो कन्या भू्रण हत्या करेंगी व न किसी को करने देंगी। उन्होंने कहा कि संतुलित लिंगानुपात से ही सुदृढ समाज का निर्माण संभव है। लिंगानुपात में सुधार के लिए महिलाओं को आगे आना होगा क्योंकि अगर महिला यह संकल्प ले कि वे भ्रूण हत्या नहीं होने देगी तो निसंदेह समाज से इस कलंक को मिटाया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक महिला कम से कम पांच-पांच महिलाओं को भ्रूण हत्या न करने और न होने देने का संकल्प दिलवाएं।
परिवार व समाज को नशे से बचाने के लिए अहम भूमिका निभाएं महिलाएं : उपायुक्त बिढ़ाण
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि जिला में नशे का बढ़ता चलन आज बेहद चिंता का विषय है, विशेषकर युवाओं का नशे की ओर रुझान बढऩा भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है, क्योंकि नशा किसी एक विशेष को बर्बाद नहीं करता बल्कि यह परिवार व समाज पर भी प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि नशे से ग्रस्त परिवार में सबसे अधिक पीड़ा एक मां, बहन, पत्नी को ही झेलनी पड़ती है। अपने बच्चों को नशे की बीमारी से बचाने के लिए प्यार से संवाद करते हुए उन्हें जागरुक करें। नशे के बढ़ते प्रचलन पर अगर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में इसके भयंकर परिणाम भुगतने होंगे। प्रशासन द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गांवों में जागरुकता के लिए महिलाओं की कमेटियां गठित की गई है। गांव-गांव में इस मुहिम को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक महिलाएं इन कमेटियों से जुड़कर घर-घर जाकर नशे के दुष्परिणाम बताएं और जन-जन को जागरुक करें।
बहाने मत बनाओ-मास्क लगाओ : उपायुक्त बिढ़ाण
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि जिला में कोविड-19 का फैलाव तेजी से बढऩा चिंता का विषय है। कोरोना संक्रमण के फैलने का मुख्य कारण हमारे द्वारा बरती जा रही लापरवाही है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण हर व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग तरीके से प्रभाव डालता है। अगर समय पर और प्राथमिक स्तर पर ही इसका इलाज करवाया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। नागरिक प्रारंभिक लक्ष्णों में ही अपनी कोरोना जांच करवाएं क्योंकि बीमारी को छुपाने से उसका फैलाव और अधिक बढ़ता है तथा संक्रमित व्यक्ति अपने साथ-साथ दूसरों का जीवन भी संकट में डालता है। उन्होंने कहा कि हम अगर मास्क लगाने को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बना लें तो 99 प्रतिशत इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मास्क न लगाने को युवा फैशन न समझें बल्कि जीवन बचाने के लिए मास्क जरुर लगाएं और दूसरों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें।
पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों से किया महिलाओं को अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरुक :
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि जिला में 7 से 30 सितंबर से पोषण माह मनाया गया है। पोषण माह के तहत विभाग के आंगनवाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर के माध्यम से प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर महिलाओं व किशोरियों को अच्छे पोषण युक्त भोजन लेने के बारे में जागरुक किया गया। पोषण माह को एक जन आंदोलन बनाने के लिए भरसक प्रयास किए गया है। आंगनवाड़ी स्तर से लेकर हर एक स्तर पर जन-जागृति लाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत प्लंाटेंशन ड्राइव, कम्यूनिटी बेस्ड इवेंट के दौरान गौद भराई, बच्चों की ग्रॉथ मोनेटरिंग, महिला गोष्ठïी, ग्राम पंचायत का आयोजन, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं व किशोरियों की गोद भराई, अन्नप्राशन, कुआं पूजन आदि गतिविधियां आयोजित कर अच्छे पोषण के प्रति जागरुक किया जा रहा है। साथ ही महिलाओं को छोटे बच्चों को ब्रेस्ट फिडिंग तथा उपरी आहार की शुरुआत करने की भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं व बच्चों का हैल्थ चेकअप किया गया। उन्होंने बताया कि पोषण माह का मकसद कमजोर बच्चों की देखभाल व गर्भवती महिलाओं की समुचित देखरेख करना है ताकि आने वाले बच्चे को कुपोषण से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि 0 से 6 साल के बच्चे, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं व किशोरियों का ब्लड टेस्ट करवा कर हीमोग्लोबिन चैक किया जा रहा है।