स्वयं सेवकों में आत्मविश्वास, राष्ट्रीय एवं भाईचारे की भावना, सामूहिक सेवा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, कौशल विकास को बढ़ावा देना उद्देश्य
पंचकूला 4 मार्च – राष्ट्रीय स्वयं सेवा योजना का एक अभिन्न अंग है। इस शिविर का उद्देश्य युवाओं को सामुदायिक सेवा का अनुभव देना होता है। इससे उनमें व्यक्तित्व का विकास होता है।
श्रीमती अरुणा आसफ अली राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा सात दिवसीय शिविर 09 मार्च 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। रविदास धर्मशाला, पिंजोर में आयोजित इस शिविर का उद्देश्य स्वयंसेवकों में आत्मविश्वास, राष्ट्रीय भावना, भाईचारे की भावना, सामूहिक सेवा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, कौशल विकास इत्यादि को प्रोत्साहित करना है।
यह शिविर महाविद्यालय के कार्य प्रभारी डॉ. सरिता एवं प्रोफेसर सोनू के नेतृत्व मे आयोजित किया गया है जिसमे कुल 100 स्वयंसेवकों मे भाग लिया है।
सात दिवसीय शिविर का उद्घाटन डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने किया। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. गुलशन कुमार ने मुख्य अतिथि को गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। द्वीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके पश्चात् सभी स्वयंसेवकों ने राष्ट्रीय सेवा योजना का गीत गया।
श्री प्रदीप कुमार ने स्वयंसेवकों को मुख्या वक्ता डॉ. कुलदीप चंद सभी का परिचय करवाया और उनके जीवन की कुछ विशिष्ट घटनाओ से अवगत करवाया। इसके पश्चात् राष्ट्रीय भावना पर केंद्रित एक नृत्य स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किया गया।
मुख्य वक्ता डॉ.कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने स्वयंसेवकों के साथ अपने कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण विषयो पर चर्चा की। उन्होंने स्वयंसेवकों को ‘सेवा ‘ का सही अर्थ और निस्वार्थ सेवा की भावना से सबको अवगत करवाया। उन्होंने राष्ट्र की भावना पर भी अपने विचार साँझा किये।
उन्होंने बताया की राष्ट्र के प्रति प्रेम और भावना कभी ख़त्म नहीं होती है। राष्ट्र के प्रति हमारा प्रेम और सेवा निस्वार्थ है। उनके शब्दों से सभी स्वयंसेवकों मे उनमेंआत्म विश्वाश एवं उत्साह प्रवाहित हुआ। उनके इन अनमोल शब्दों के लिए सभी स्वयंसेवक उनके दिल से आभारी है।
दोपहर के भोजन के पश्चात् असिस्टेंट प्रोफेसर सविता के नेतृत्व में दो मुख्य गतिविधियां हुई। यह गतिविधियां स्वयंसेवकों के एक दूसरे से परिचय पर केंद्रित रही। सभी ने इन गतिविधियों का भरपूर आनंद लिया। इस गतिविधि मे मुख्य रूप से सभी के नाम को पहचानना एवं सभी से मैत्रीपूर्ण व्यवहार के विषय मे बताया गया। इस गतिविधि के पश्चात् सभी स्वयंसेवकों मे आपसी सहयोग और मेल जोल और भी ज्यादा बढ़ गया।
डॉ सरिता ने स्वयंसेवकों को समूह मे विभाजित कर अगले दिन के कार्यों से बारे अवगत करवाया। सभी स्वयंसेवकों को उनके कार्य सोंपे गए। शाम को एक सांस्कृतिक गतिविधि के साथ शिविर के प्रथम दिन की गतिविधियों का समापन हुआ।