*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

सरकारी विभागों के 10 हजार कर्मचारियों को नही मिल रहा 10 महीनो से वेतन

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चंडीगढ़। सरकारी विभागों के करीब 10 हजार कर्मचारियों को पिछले 5 से लेकर 10 महीने तक वेतन नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण इनके परिवार भूखमरी का कारगार पर पहुंच गए हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को इस बारे लिखें गए पत्र पर भी सरकार ने कोई संज्ञान नही लिया है। जिसके चलते इन कर्मचारियों की बैचेनी ओर बढ़ गई है। कर्मचारियों का सबसे बड़ा संगठन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा इस मामले में फरवरी महीने में सभी विधायकों को ज्ञापन सौंप कर बजट सत्र में उक्त मामले को उठाने की मांग भी कर चुका है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जन स्वास्थ्य विभाग के पंचायती पंप आपरेटरों को 10 महीने से वेतन नहीं मिला है। सकसं हरियाणा से संबंधित पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन ने लंबे संधर्ष के बाद इनके वेतन को बढ़ाकर 12 हजार रुपए करवाने में सफलता हासिल की थी। लेकिन अप्रैल,2020 से वेतन नहीं मिला है।

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उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आईसीडीएस में कार्यरत हजारों सुपरवाइजरों, सीडीपीओ, जिला प्रोग्राम अधिकारी व आंकड़ा साहयकों को पांच महीने से वेतन नहीं दिया गया है। इसी तरह टूरि’म निगम के करीब एक हजार कर्मचारियों व अधिकारियों को 4 से लेकर 6 महीने तक वेतन नहीं मिला है। यह दीगर बात है कि निगम के चंडीगढ़ मुख्यालय में तैनात कर्मचारी व अधिकारी अपना वेतन हर महीने लेने से सफल हो रहे हैं। जबकि मुख्यालय में राशि फिल्ड से ही जमा करवाई जाती है। टूरि’म निगम के होटलों में कोविड 19 के चलते मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ रुका हुआ है और इनके खर्चे के बिलों का सरकार द्वारा भुगतान न होना भी वेतन लटकने का एक कारण  है। उन्होंने बताया कि मेवात माडल स्कूलों के टीचिंग व नान टीचिंग स्टाफ को भी पांच महीने में वेतन नहीं मिला है। पिछले पांच महीने से केवल आश्वासन ही मिल रहें हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम कैथल में नाइट शिफ्ट में काम करने वाले 65 सफाई कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार कई अन्य विभागों में हजारों कर्मचारियों को वेतन नहीं नही मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सरकार द्वारा हजारों की तादाद में कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है।