सडक़ दुर्घटना में घायल की जान बचाने वाले गुड समारिटन को मिलेगा ईनाम : पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन
– पुलिस अधीक्षक ने दी गुड समारिटन स्कीम की जानकारी, सड़क दुर्घटना पीडि़तों की मदद करने के लिए प्रेरित करना योजना का उद्देश्य
– योजना के तहत पीडि़तों की मदद करने वालों को जिला स्तर पर पांच हजार और राष्ट्रीय स्तर पर एक लाख रुपए ईनाम का प्रावधान
भारत सरकार के सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने ऐसे परोपकारी व्यक्तियों (गुड समारिटन) को पुरस्कृत करने की योजना के दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसने किसी मोटर वाहन से हुई जानलेवा दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को तत्काल सहायता प्रदान करके और दुर्घटना के बाद बहुमूल्य समय के भीतर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए अस्पताल या ट्रॉमा केयर सेंटर में पहुंचाकर उसका जीवन बचाया हो।
एक वर्ष में पांच बार मिल सकता सम्मान :
पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य आम जनता को आपातकालीन स्थिति में सडक़ दुर्घटना पीडि़तों की मदद करने के लिए प्रेरित करना और सडक़ पर संकटग्रस्त जीवन बचाने हेतु दूसरों का मार्गदर्शन करना तथा उनको प्रोत्साहित करना है। कोई भी शख्स जिसने किसी मोटर वाहन से हुई जानलेवा दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को तत्काल सहायता प्रदान करके और दुर्घटना के बाद बहुमूल्य समय के भीतर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई हो, वह पुरस्कार प्राप्त करने का पात्र होगा। मुसीबत में मदद करने वाले व्यक्ति को एक वर्ष में अधिकतम 5 बार सम्मानित किया जा सकता है।
जिला स्तरीय कमेटी करेगी पुरस्कार के लिए अनुमोदन:
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ऐसे नेक इंसानों के लिए पुरस्कार की राशि पांच हजार रुपये प्रति घटना होगी। पुलिस स्टेशन/अस्पताल से सूचना मिलने पर, जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति मासिक आधार पर प्रस्तावों की समीक्षा और अनुमोदन करेगी। जिला स्तर पर मूल्यांकन समिति, जिसमें संबंधित क्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट, एसपी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आरटीओ (परिवहन विभाग) शामिल हैं, वे मुसीबत में मदद करने वाले व्यक्ति को भुगतान करने के लिए मामलों को मंजूरी देंगे और प्रदेश के परिवहन विभाग को अनुशंसा भेजेंगे।
राज्य स्तरीय कमेटी करेगी राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित :
एसपी ने बताया कि इस योजना के तहत जिला स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय पुरस्कार का भी विकल्प है। प्रमुख सचिव (गृह) की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय निगरानी समिति, जिसमें आयुक्त (स्वास्थ्य) और एडीजीपी (यातायात एवं सडक़ सुरक्षा) सदस्य तथा परिवहन आयुक्त सदस्य सचिव होंगे। हर वर्ष प्रदेश की राज्य स्तरीय निगरानी समिति राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के लिए तीन सबसे योग्य प्रस्तावों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को आगे विचार के लिए नामित करेगी। सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की मूल्यांकन समिति राज्य के प्रस्तावों की समीक्षा करेगी और वर्ष के 10 सर्वश्रेष्ठ गुड समारिटन को दिल्ली में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह (एनआरएसएम) के दौरान एक लाख रुपए, प्रमाण पत्र व ट्रॉफी से सम्मानित किया जाएगा।
फाइल फोटो : पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन