संविधान दिवस प्राधिकरण द्वारा जागरूकता कार्यक्रम
निहित न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों पर डाला प्रकाश
पंचकूला 26 नवम्बर – संविधान दिवस के अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजय कुमार घनघस ने बताया कि राजकीय कन्या महाविद्यालय, सेक्टर-14, पंचकूला में विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री एस.पी. सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
श्री अजय कुमार घनघस ने सीजेएम एवं संयुक्त सदस्य सचिव, एचएएलएसए सुश्री मालविका के साथ शिविर में भाग लिया। कार्यक्रम में सहयोग देने के लिए कॉलेज की प्राचार्या डॉ. रिचा सेतिया एवं कॉलेज की विधिक साक्षरता संयोजक सुश्री अलका शर्मा सहित अन्य संकाय सदस्य भी मौजूद थे।
सभा को संबोधित करते हुए, श्री अजय कुमार घनघस ने संविधान दिवस के महत्व पर जोर दिया, जो 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। उन्होंने संविधान में निहित न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूलभूत मूल्यों पर प्रकाश डाला और छात्रों से अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में इन सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया। इससे पहले, डीएलएसए, पंचकूला की कानूनी सहायता परामर्शदाता, सुश्री आकांक्षा यादव ने भी छात्रों को संबोधित किया और उन्हें विभिन्न संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताया।
उन्होंने युवाओं को संवैधानिक आदर्शों पर आधारित समाज के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके सत्र में छात्रों को उनके कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में ज्ञान के साथ सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया, ताकि एक सूचित और न्यायपूर्ण समाज बनाने में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रिचा सेतिया ने गणमान्य व्यक्तियों को उनकी भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया और युवा दिमागों को शिक्षित और सशक्त बनाने में इस तरह की पहल के महत्व पर अंतर्दृष्टि साझा की। कानूनी साक्षरता संयोजक सुश्री अलका शर्मा ने छात्रों के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता दोहराई।
कार्यक्रम का समापन एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने संवैधानिक प्रावधानों से संबंधित प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर श्री अजय कुमार घनघस ने दिया। यह कार्यक्रम कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने और युवा पीढ़ी को कानून के शासन को बनाए रखने में योगदान देने के लिए प्रेरित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच के रूप में कार्य करता है। सुश्री मालविका ने कहा कि डीएलएसए पंचकूला, एचएएलएसए और एनएएलएसए द्वारा की गई ऐसी पहल कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देने और समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
कार्यक्रम के दौरान कानूनी सहायता परामर्शदाता अधिवक्ता जी.पी. भनोट, सुश्री सरला चहल, सुखविंदर कुमार, सुश्री मोनिका कपिल, सुश्री सुमिता वालिया, सुश्री सुनीता वर्मा, संदीप राय शर्मा, सुश्री आकांक्षा यादव, रोनित और सुश्री निशा उपस्थित थे।