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श्री राम न्यू सतलुज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 31वें वार्षिक पुरूस्कार वितरण समारोह

सिरसा, 4 जनवरी।

श्री राम न्यू सतलुज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 31वें वार्षिक पुरूस्कार वितरण समारोह


               उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि अभिभावक बच्चों को अपने हिसाब से करियर चुनने की आजादी दें, उन पर किसी भी प्रकार का दबाव न बनाएं। करियर का मार्ग दर्शन करना एक अलग विषय है लेकिन करियर को थोपना गलत है।

श्री राम न्यू सतलुज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 31वें वार्षिक पुरूस्कार वितरण समारोह


               वे आज स्थानीय श्री राम न्यू सतलुज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 31वें वार्षिक पुरूस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उपायुक्त अशोक गर्ग की धर्मपत्नी श्रीमती रजनी गर्ग, संजय अरोड़ा ने बतौर विशिष्ठï अतिथि शिरकत की। उपायुक्त ने सत्र 2018-2019 में शैक्षणिक, सास्कृतिक, खेल-कूद स्तर पर अव्वल आने वाले छात्र-छात्राओं को पारितोषिक किया।

श्री राम न्यू सतलुज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 31वें वार्षिक पुरूस्कार वितरण समारोह


               उपायुक्त ने कहा कि आज का युग टैक्नोलॉजी का युग है, बच्चे हो या अभिभावक सब मोबाईल में व्यस्त होते है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि नई तकनीक के साथ सामजस्य अवश्य स्थापित करें। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को अधिक से अधिक समय दें ताकि उनका पालन पोषण सही ढंग से हो तथा उनकी इच्छाओं व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने कहा कि बच्चों को फ्री माइंड होकर पढऩे दें, उन पर किसी प्रकार का दबाव न बनाएं। उन्होंने कहा कि विद्यालय ही बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव रखते हैं। यह नींव जितनी मजबूत होगी, उनका भविष्य उतना ही स्वर्णीम होगा। इसके लिए कठोर मेहनत और अनुशासन के साथ आगे बढऩे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को निरंतर शिक्षक के समक्ष अपनी जिज्ञासा अभिव्यक्त करनी चाहिए और उनसे अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के समारोह से बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा सामने आती है। जिससे उनका चंहुमुखी विकास होता है। छात्रों में प्रतियोगिताओं में भाग लेने में रुचि बढ़ती है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में वे और कड़ी मेहनत करे एवं संस्था व प्रदेश का नाम रोशन करे।

श्री राम न्यू सतलुज सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 31वें वार्षिक पुरूस्कार वितरण समारोह


               विशिष्ठï अतिथि संजय अरोड़ा ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय का कार्य छात्रों को केवल पाठ्यक्रम पूरा करना ही नहीं होता अपितू चरित्र निर्माण भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि घर से ही बच्चों के संस्कार की शुरूआत होती है। अभिभावकों को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद दूसरी जिम्मेदारी स्कूल के शिक्षकों की होती है, जो बच्चों के अच्छे संस्कारों का बोध कराते हैं। संस्कारों का ज्ञान और उनकी सुन्दरता ही हमें उन्नति के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि टैक्नोलॉनी ने हमारे जीवन में बहुत बड़े बदलाव किए हैं लेकिन इसने हमें सीमित बना दिया है। इसलिए हमें तकनीक का प्रयोग आवश्यकता से अधिक नहीं करना चाहिए।


           इस अवसर पर डीएफएससी अशोक बंसल, जिला विज्ञान विशेषज्ञ मुकेश, जिला मैथ विशेषज्ञ निरज आहुजा, भूपेष मेहता, अरूण मेहता, कुलदीप गदराना, प्रधान मुल्तान सभा रमेश मेहता, एडवोकेट रमेश मेहता, सरपंच नेजाडेला कलां किरणजीत, सरपंच फरवाई कलां जोगा सिंह, सरपंच बुर्ज कर्मगण कैलाश रानी, प्रधान लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट वीके गर्ग सहित स्कूली छात्र व उनके अभिभावक मौजूद थे। 

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